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मायावी सम्राट सूर्यसिंग By Vishnu Dabhi

आज का दिन जस्न का दिन था | क्योंकी सुल्ताना —ए—सूर्यगढ़ मित्रा ने एक सुंदर और आकर्षक पुत्र को जन्म दिया था| सुल्ताना मित्रा के पति धर्मदेव जी थे…
जैसा उनका नाम था वैसे ही...

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Prem Ratan Dhan Payo By Anjali Jha

जय श्री राम ...! अयोध्या .....! " क्या लिखू और क्या न लिखूं ? शब्द कम पड़ जाएंगे , लिखते लिखते उंगलियां थक जाएगी लेकिन इस स्थान का संपूर्ण विवरण नही कर पाऊगी । उत्तर प्रदेश के...

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लाजवंती कहनी कोठे वाली की । By Mr Rishi

यह कहानी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव बहुआपुर की रहने वाली लाजवंती की है ,लाजवंती 18 साल की थी।

लाजवंती कुर्ती और अपने बदन पर हमेशा एक दुपट्टा लिए रहती थी ।

उसकी मां कुछ ह...

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शकराल की कहानी By Ibne Safi

लाल और सफेद गुलाबों का जंगल ढोल और तुरहियों की आवाजों से गुज रहा था।

गुलतरंग के मेले की अन्तिम रात थी। तीर्थस्थान के एक विशिष्ठ चबूतरे को फूलों में बसे हुये जल से धोया गया था और...

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तू जाने ना... By Priyanca N

एक वैल एजुकेटेड रिप्यूटेड सिंघानिया परिवार, जिसके सभी सदस्य किसी हायर पोस्ट पर हैं। सोसाइटी में अच्छी रेपुटेशन के साथ हस्ता खेलता सुखी परिवार जिसका छोटा बेटा कार्निश जो एक राइटर बन...

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श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार (श्रीभाईजी) By Shrishti Kelkar

दिव्य जीवन की एक झलक
हमारा सौभाग्य है कि हमारी वसुन्धरा कभी संतों से विरहित नहीं रही। संतों की चेष्टायें साधन काल में भी एवं सिद्धावस्था में भी विभिन्न प्रकार की होती हैं पर होती...

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बदनसीब By Suresh Chaudhary

चाय का कप हाथ में लेकर धीरे धीरे कांपकपाते पैरों से आराम कुर्सी तक का सफ़र मेरे लिए ऐसा लगा, जैसे एक किलोमीटर का सफ़र। आराम कुर्सी के बराबर में पुराने स्टूल पर चाय का कप रख कर अपने...

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जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है By Ratna Pandey

सेठ हीरा लाल अपनी पत्नी गायत्री के साथ रोज़ की ही तरह आज भी प्रातः काल सैर पर निकले थे। बारिश के दिन थे, बहुत ही खूबसूरत मौसम, ठंडी पवन, शरीर और मन को लुभा रही थी। प्रातः के लगभग पा...

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डोली अरमानों की By Abhishek Joshi

एक  गाव  था  जिसका  नाम  था  ।  कैलास पुर  ।  उस  गाव  मे  एक  जंगल  पड़ता  था  ।  शाम  के  ७  बजे  के  बाद  वहा  कोई  भी  आदमी  नहीं  जाता  था  ।    कहते  है  शाम  के  बाद  जो  वहा...

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मेरे शब्द मेरी पहचान By Shruti Sharma

----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें...

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