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Featured Books

रक्षक By Kayal King

किताब एक रास्ता रेवन जो अनाथले में रहता था, उसके माता पिता बचपन से ही मर गए थे , उसकी उम्र 19 साल थी उस को किसी ने एक किताब भेजी थी जो रेवान पड़ रहा था वह किताब अनोखी उस किया...

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सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। By निशा शर्मा

ओफ्फो! चीकू बेटा हर जगह तुमने ये अपना सामान बिखेरकर रखा हुआ है। अरे बेटा कम से कम अपनी किताब निकालते समय तो थोड़ा ध्यान दिया करो। पता है, सुबह से तीसरी बार मैं ये तुम्हारी बुक शैल्फ...

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दूरी न रहे कोई By Kishanlal Sharma

"क्या लेंगे आप?"तुम कौन हो?" दरमियाने कद की युवती को अपने साामने खड़ा देखकर राजन बोला था।"मैं इस बार मे नौकरी करती हूँ"वह औरत बोली,"वेटर हूँ।"औरत होकर...

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भूत बंगला By Shakti Singh Negi

मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं निपुण...

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चंद्रिका एक नन्हीं जादूगरनी By Pooja Singh

ये कहानी शुरू होती हैं कंचनापुर से चंद्रिका को उसके भाई नीलेश ने एक गुप्त स्थान पर छुपा रखा है ताकि भावी जादूगरनी को कोई नुक़सान न पहुॅंचा सके।
चंद्रिका नादान सी इन सब बातो से अनज...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिका...

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मैं फिर आऊंगी By Sarvesh Saxena

"अरे बेटा...दही चीनी तो खा ले, फिर जा क्लिनिक पर" माँ ने सुभाष को रोकते हुए कहा |
सुभाष - "क्या माँ..तुम भी ना, दही चीनी से किसी का दिन शुभ नहीं होता, मुझे देर हो रही...

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कबूल करना मुश्किल था By MANISH SINGH

Exams के बाद की छुट्टियां शुरु हो चुकी थी बी टेक का थर्ड ईयर भी ना कमाल का गुजरा। अब हम बहुत दिनों से सोच ही रहे थे कि ट्रिप पर जाना है, प्लेन भी हम चार दोस्तों ने बहुत पहले से ही...

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रेज़्यूमे वाली शादी By Daanu

यह कहानी है, दो लोगों की जो शुरू वहाँ से होती है, जहाँ पर बड़ी-बड़ी प्रेम कहानियां खत्म हो जाती है, उस दिन उस बड़े से घरेलू रेस्टोरेंट में एक चकोर मेज़ के आमने सामने वाली कुर्सियां...

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ये आवाज कैसी By Datta Shinde

ये काहाणी एक राजमेहल से शुरु होती‌ हे जाहा पे एक राणी थी उसका नाम राजनंदिनी था लेकिन उसे कोई तो मार देता हे कोछ दिनो बाद उसकी आत्मा भटकने लगती हे वो सबको डराती थी तब एक पंडित आते...

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रक्षक By Kayal King

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सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। By निशा शर्मा

ओफ्फो! चीकू बेटा हर जगह तुमने ये अपना सामान बिखेरकर रखा हुआ है। अरे बेटा कम से कम अपनी किताब निकालते समय तो थोड़ा ध्यान दिया करो। पता है, सुबह से तीसरी बार मैं ये तुम्हारी बुक शैल्फ...

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दूरी न रहे कोई By Kishanlal Sharma

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भूत बंगला By Shakti Singh Negi

मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं निपुण...

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चंद्रिका एक नन्हीं जादूगरनी By Pooja Singh

ये कहानी शुरू होती हैं कंचनापुर से चंद्रिका को उसके भाई नीलेश ने एक गुप्त स्थान पर छुपा रखा है ताकि भावी जादूगरनी को कोई नुक़सान न पहुॅंचा सके।
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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिका...

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मैं फिर आऊंगी By Sarvesh Saxena

"अरे बेटा...दही चीनी तो खा ले, फिर जा क्लिनिक पर" माँ ने सुभाष को रोकते हुए कहा |
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कबूल करना मुश्किल था By MANISH SINGH

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