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अब आगे मैं यहां पर किसी का वेट कर रहा हूं तुम्हें पता है ना रूही नहीं मुझे तुमसे...
एक शादीशुदा लड़की नमिता के जीवन में उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे एक दिन किसी...
अब आगे,और अब अर्जुन अपनी ब्लैक बुलेट प्रूफ लग्जरी कार में बैठ गया और उसके बाद उस...
जरूरी था तेरा गिरना भी,गिरके उठना भी,जिंदगी के मुकाम को ,हासिल करना भी।जब तुम टू...
मेरे सर पर रखना…बाबा तू अपना हाथ…!सुख हो या चाहे दुख हो…तू हर पल रहना बस मेरे सा...
38=== यह सब लिखते-लिखते आशी फूट-फूटकर रोने लगी थी | हर दिन इस समय वह...
4.मेहुल सर का मस्तीभरा लेक्चरजिसका हमे और खास करके नए स्टूडेंट्स को इंतजार था -...
रेसिपी केले के मफ...
अब तक : वाणी जी " हर किसी की जिंदगी में कोई एक इंसान ऐसा आता है जो उसे बदलने की...
मुंबई के एक समृद्ध और प्रसिद्ध राजपूत खानदान की बेटी ऐश्वर्या के बारे में कहानिय...
डॉ. अनामिका एक बेहद काबिल और मशहूर डॉक्टर थीं। उनकी सुंदरता और व्यक्तित्व ने उन्हें हर किसी की नजरों का केंद्र बना दिया था। उनका सुडौल शरीर और आकर्षक चेहरा किसी को भी उनकी ओर खींच...
यह कहानी है एक छोटे से गाँव की, जहाँ सर्दियों की शामें जल्दी उतर आती थीं और घने कोहरे में गाँव खो सा जाता था। इस गाँव में अजीबो-गरीब घटनाएँ होती रहती थीं, जिनका कोई भी कारण नहीं जा...
दोपहर के तीन बज रहे थे। सूर्य का तेज मध्यम हो चला था। पर सड़कों पर अभी लोगों का आना जाना न के बराबर है। कोई कोई व्यक्ति किसी मजबूरी के चलते ही बाहर निकलने की हिम्मत दिखा पा रहा था।...
जम्मू और कश्मीर ... धरती पर स्वर्ग से कम नहीं इसकी सुन्दरता . प्रकृति की भव्यता,संस्कृतिक समृद्धि और आध्यात्मिक सार का एक आदर्श मिश्रण है .....जहां से बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे...
महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी जरी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस...
रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...
‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’ मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...
शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही...
पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...
चन्दनगढ़ पहाड़ की हसीन वादियों के बीच बसा एक छोटा सा राज्य था । जिसके राजा जयदेव सिंह थे जो अपने प्रजा को अपने पुत्र की तरह चाहते थे । राजा जयदेव सिंह के राज्य में प्रजा अपने अच्छे स...
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