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अब तक : शिविका सोच ही रही थी कि इतने में एक जोर दार धमाके की गूंज उसे सुनाई दी ।...
65 “ओह, यह कथा है गुल से पंडित गुल बनने की?”...
गर्भ संस्कार–1 (गर्भवती माँ द्वारा बच्चे से बातचीत)(शिशु को जीवन लक्ष्य के प्रति...
अठारह संकल्प मंगलवार, सोलह मई 2006आज धूप बहुत तेज़ थी।...
अब तकजब रागिनी की मां अपनी गाड़ी में बैठकर रागिनी को बचाने के लिए रवाना हो गई थी...
71 लोमड़ी सोनाली ने राजवीर की बात सुनकर हँसते हुए कहा, ”तुम्हारा दिमाग ठीक है।...
इसी तरह हम शहेर से वापस गाँव रहने आ गये अब आगे मेरी स्कूल की पढाई शरू हो गई । जि...
अब आगे,अर्जुन की बात सुन कर, अब आराध्या ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए अर्जुन से क...
प्रकरण - ४८अमिता बोली, "नमस्कार दर्शकों! एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है। मेरे...
गजेंद्र सिंह गायत्री जी के पिता दिलराज सिंह को अपनी बातों में फंसा कर उनका पूरा...
आधी रात का समय .... सुनसान स्टेशन,खाली प्लेटफार्म, अमावस्या की रात,चारों ओर केवल अँधेरा ही अँधेरा, आ रही तो बस केवल आवारा कुत्तों के भौंकने की आवाज,प्लेटफार्म पर कहीं कहीं लैम्पपोस...
1.तड़पतेरे इश्क ने ये हालत कैसी कर दी मेरी ये जालिम।दरबदर भटकते रहेते हम तुम्हें भूलने को रात दिन।हम तो मयखाने में भी जाते है तुम्हे भुलाने के लिए।कमबख्त शराब की हर एक बूंद में भी...
उदास इंद्रधनुष ************ रात के दस बजने वाले थे। कोमल सोने की तैयारी में लगी थी । सिरहाने पानी की बोतल रख, कमरे की बत्...
भरी दोपहर में क्रीशा ने अपनी गाड़ी मैन रोड पर दौड़ाई, सीधा रुकी एक बड़े से बंगले में, वॉचमैन ने क्रीशा को देखकर तुरंत दरवाजा खोला, क्रीशा ने अपनी गाड़ी पार्किंग एरिया की और घुमा दी...
*"मैं* तुम जैसे लड़को को बहुत अच्छे से जानती हूं, जो जानबूझकर लड़कीयों की मोपेट को टक्कर मारते है।" चंचला दहाड़ रही थी। सड़क पर भीड़ जमा होने लगी। "देखीये मैडम! अनजान...
हमारी ज़िंदगी में हम ये हंमेशा चाहते है कि कोई एक ऐसा हो जो हमारी फिक्र करें, हमारी कदर करें, हमारी रक्षा करें, हमें सही राह दिखाए, गलती करने से बचाए। किसी के पास अगर ऐसा कोई दोस्त,...
साजिश 1 नितिन पसीना पसीना होते हुए नींद से जाग गया। बहुत डरावना सपना था, लग रहा था कि कोई उसका गला पकड़ना चाहता था। सर्दियों का मौसम था। रात्रि का सन्...
बात कुछ 5 साल पहले कि है जब गौरव ने कॉलेज खत्म करके नोकरी के लिए बाहर जाने का सोचा,गौरव ने पास है के एक ई मित्र से नोकरी के लिए फॉर्म भरावायाकुछ ही दिनों बाद गौरव को गांव से दूर श...
पांच माले कि सुंदर सी इमारत के दूसरी मंजिल पर डॉक्टर ऋतुराज ने अपनी नई क्लिनिक शुरू की थी । उन्हें यहा का इलाका बड़ा पसंद आया था और यहां उनकी क्लिनिक भी जोरो शोरो से चल रही थी । उन...
नन्दपुर गाँव___ ओ..बेला की माँ !जरा सम्भालों तो अपने लाल को देखो तो बस,रोए ही जा रहा है, दयाशंकर ने अपनी पत्नी मंगला से कहा।। आती हूँ जी! तुम्हारा ही तो काम कर रही थीं, तुम्हा...
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