लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Categories
Featured Books
  • हिम्मत-ए-मर्दा

    "शादी को सात दिन हो गए हैं। लेकिन कायदे से हमारी सुहागरात अभी तक नहीं हुई।"आज शा...

  • नाम.

    नाम " लगता है, पागल हो गए हो " " क्या हुआ, मैंने बावलों जैसा कौन सा काम किया है...

  • यारी - 3

    मैं जैसे ही बैग्स की तरफ बढ़ने वाला था कि तभी किसी ने पीछे से मेरा गला पकड़ लिया...

हिम्मत-ए-मर्दा By सतविन्द्र कुमार राणा बाल

"शादी को सात दिन हो गए हैं। लेकिन कायदे से हमारी सुहागरात अभी तक नहीं हुई।"आज शायद उसका पति कुछ ठान कर ही आया था।पर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं।उसने पहली रातों की तरह ही सोने का बहान...

Read Free

ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 3 By Harish Kumar Amit

ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' रिश्तों का दर्द शाम के समय वह दफ़्तर से घर पहुँचा, तो उसे बहुत तेज़ भूख लगी हुई थी. उसने सोचा था कि घर पहुँचकर चाय पीने की बजाय वह पहले खान...

Read Free

नाम. By SURENDRA ARORA

नाम " लगता है, पागल हो गए हो " " क्या हुआ, मैंने बावलों जैसा कौन सा काम किया है ? " " रोज - रोज फोन और वो भी ठीक इसी वक्त, क्या यह पागलपन नहीं है ?" " प्यार में दीवानगी न ही तो वो...

Read Free

ज़हरीले दाने By Ramnarayan Sungariya

कहानी ज़हरीले दाने आर.एन. सुनगरिया राज बार-बार दरवाजे तक जाते ही एक दृष्टि दूर रोड पर फैलाता, जिसे घोर अंधेरा निग...

Read Free

बोतल By Abhishek

"मोनू, सुन क्यों नहीं रहा तू?"माँ ने पिछले एक मिनट में तीसरी बार मुझे आवाज़ लगायी थी | मैं हॉल के सोफे पे एक टांग नीचे लटका के अपना फ़ोन चलाने में बिजी था | महीनों बाद सिर्फ हफ्ते भर...

Read Free

बीड़ी By Anurag mandlik_मृत्युंजय

खेत पर गेंहू में पानी चल रहा था और मैं किनारे पर बैठकर जहां कल पाइप का मुंह रखा हुआ था वहां की भुरभुरी मिट्टी से खेल रहा था।उस समय मेरी उम्र लगभग आठ या नौ वर्ष की रही होगी। उस उम्...

Read Free

यारी - 3 By Prem Rathod

मैं जैसे ही बैग्स की तरफ बढ़ने वाला था कि तभी किसी ने पीछे से मेरा गला पकड़ लिया। मैं कुछ कर पाता उससे पहले ही उसने मेरे चेहरे पर कपड़ा ढक दिया और मुझे मारना शुरू कर दिया।

Read Free

मां बेटी By Udita Mishra

मां बेटी सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की...

Read Free

अब जाग जाओ - भाग 2 By सिद्धार्थ शुक्ला

"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही उस दिव्य पुरुष ने अपना दाह...

Read Free

माता पिता By Ganesh

माता पिता, नाम लेते हैं हमारा जीवन सफल हो जाता है। हमारे भगवान हमारे माता पिता को प्रणाम।ये वही भगवान है जो धरती पर रहते है। और यही भगवान हमें छोटे से बड़ा भी करते है। बचपन में जब...

Read Free

एक वीरांगना By Udita Mishra

एक वीरांगना अगर झलकारी बाई पहचानी ना जाती तो आज इतिहास और कुछ होता । झलकारी बाई अपने मां बाप की इकलौती बेटी थी । झलकारी बाई जब मात्र 4 साल की थी तभी उनकी मां का देहांत हो गया । उन...

Read Free

Mobile Pin By Krutika

“Mobile Pin” में उस वक़्त दिल्ली जा रही राजधानी ट्रैन मे था. ट्रैन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी के खूबसूरत लड़की ने मुझसे पूछा "ह...

Read Free

सुनो मीता ! By Dr Jaya Anand

सुनो मीता !मैंने कितने ख़्वाब बुने थे तुम्हारे साथ ,हर ख्वाब का एक एक धागा प्यार के रंग में रंगा था ,उनका रंग कितना चटकीला था ऐसे ही चटक रंग तो हम दोनों को पसंद है। याद है उस दिन सी...

Read Free

उपकार By Harsh Bhatt

वर्षा ऋतु अपना आधा वक्त काट चुकी थी , जंगल मे नदिया उफान पर थी, तब उसमें एक लोमड़ी का बच्चा कूदने की जिद करने लगता है, उसके मां-बाप उसको समझाते है पर वो मानने को तैयार नही हो...

Read Free

हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) By S Sinha

कहानी - हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) --------------------------------------------------------------------------------...

Read Free

खुशियों की दहलीज़... By सिमरन जयेश्वरी

अरुणा खिडकी से सट कर खड़ी थी। वो अपनी शादी से पहले का दिन याद कर रही थी , जब माँ ने उसे अपने कमरे में बुलाया था। कमरे मे जब वह पहुँची तो उसे एक उदासी महसूस हो रही थी। माँ के पास जाक...

Read Free

अनाथ लड़की By VANDANA VANI SINGH

कितनी मासूम कितनी कोमल हृदय की वह है जो भी देखता है वह दया भाव से भर जाता है, किसे मालूम होता है की जन्म के बाद उसने बाहर क्या-क्या दिन देखे होंगे। ये मना जाता है अनाथ लड़को का गुजा...

Read Free

चंदा By Udita Mishra

चंदा स्वीटी मीठी और मोनू तीन भाई बहन थे स्वीटी सबसे बड़ी बहन मीठी उस से छोटी और मोनू सबसे छोटा भाई था। सबसे छोटा होने के कारण मोनू सबका लाडला था। इन तीनों के पापा रोज सुबह जल्दी उठ...

Read Free

फोटो एलबम By तेज साहू

- फोटो एलबमबच्चे कब बड़े होते चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता। बचपन में सबके अपने सपने और जिद होते हैं, समय के साथ सब बदलते भी तो रहते हैं। औरों का क्या कहूँ मेरी ही एक सहेली थी, जो...

Read Free

एक रात ठिठुरन भरी By Abha Yadav

शाम ढ़ली भी न थी कि कोहरा उतरने लगा था. कुछ ही समय गुजरेगा ,यह जमीन को अपने आगोश में ले लेगा. फिर चलते-फिरते लोग काले धब्बे मात्र रह जायेंगे.उनकी आकृति भी साफ नजर नहीं आयेगी....

Read Free

कहाँ से छेड़ूं फ़साना By Ankita Bhargava

सुकून-ए-दिल के लिए कुछ तो एहतमाम करूं ज़रा नज़र जो मिले तो फिर उन्हें सलाम करूंमुझे तो होश नहीं आप मशविरा दीजैकहां से छेड़ूं फसाना कहां तमाम करूं अखबार के प्रतिनिधी से सौम्या की सफलत...

Read Free

बड़े धोखे है इस राह में….. By Narendra Rajput

“ बड़े धोखे है इस राह में….. “ यह कहानी एक मोहन नाम के लड़के की है। मोहन जिस ऑफ़िस में काम करता था वहां एक लड़की भी काम करती थी। लड़की को इस ऑफ़िस में आए हुए १५-२० दिन हुए थे। ऑफ़िस म...

Read Free

फोन की घंटी - दो रोटी By Saroj Prajapati

सोनम सुबह जैसे ही काम मिलता कर बैठी , उसकी बेस्ट फ्रेंड नीतू का फोन आ गया। हाल चाल पूछने के बाद उसकी सहेली ने कहा " आज मैंने तुझे एक खुशखबरी सुनाने और इनवाइट करने के लिए फोन किया ह...

Read Free

एक दुल्हन की मौत... By निशा शर्मा

नैना को एक अंधेरी कोठरी में पलंग के ऊपर बिठाकर घर की सारी औरतें बाहर निकल गयीं। मई माह की गर्मी और उसपर बनारसी साड़ी, गहने, सबकुछ नैना को बहुत ही असुविधाजनक लग रहा था मगर न तो उसके...

Read Free

२०२० By Ganesh

२०२० एक ऐसा साल हमारे कैलेंडर का और ये भी केह सकते है कि हमारे ज़िंदगी का सबसे उतार चढ़ाव वाला साल। मतलब २०२० भाई तूने किसका मुंह देखा था पहले को ऐसा कर रहा है।आफत ही आफत है! पहले...

Read Free

वो भूली दास्तां... By Dr.Ranjana Jaiswal

प्रेम.... ढाई अक्षर का छोटा सा शब्द पर... अपने आप में न जाने कितने सपने, कितने अरमानों को समेटे हुए रहता है.... मोहित और मुग्धा का कॉलेज में आखिरी साल था। मुग्धा अपने नाम के अ...

Read Free

पूजा (लघुकथा) : हिन्दी जुड़वाँ - पूजा By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

पूजा (लघुकथा) मेरा साठवां जन्मदिन था । बड़ा उत्साह का माहौल था। चारों तरफ खड़े मेरे बेटे बहू, मेरे लिए बड़े गर्व की बात थी कि सब ने बहुत बड़ा इंतजाम किया। मुझे शुभकामनाएं देन...

Read Free

दादा जी की धोती By Amarsen Yadav

खिड़की के पास कमरे में बैठा हूं। बाहर की ओर अब हल्की-हल्की बारिश अभी भी जारी है। कल रात से ही बारिश हो रही । एक बार तो बारिश होके बंद हो गई थी लेकिन रात को 3 बजे फिर से बारिश शुरू...

Read Free

डॉगी By Dipak Raval

डोगी दीपक रावल मनसुख की साँस अटक रही थी.... आँखें फटी हुई थी... डोगी सीने पर चढ़ बैठा था... उसके मुँह से बदबू आ रही थी... गले में उसके पैरों के नाखून काट रहे थे... वह चीखना चाहता थ...

Read Free

इसांन या रिश्तों की अहमियत ? By JYOTI MEENA

हम रोज़ की तरह एक दिन शाम को अपनी डायरी लिख रहे थे कि हमें एक मेसैज आया। वह किसी अनजान लड़के का था उसे देख हम सोचने लगे कि " क्या हमें इसका जबाव देना चाहिए? सही होगा ?क्या वो लड़का...

Read Free

जामुन वाली अम्मा By Udita Mishra

जामुन वाली अम्मा बहुत समय से मैं अपने पापा के साथ रविवार को छोड़कर रोज सुबह की सैर पर जाती थी हमारे सैर पर जाने के लिए हमने दो रास्ते तय किए थे जिसमें एक रास्ता जामुन वाली अम्मा...

Read Free

सुरीली By Udita Mishra

सुरीली सुरीली का नाम यूं ही सुरीली नहीं था बल्कि बचपन से ही उसकी आवाज बहुत मीठी थी वो शहर के पाश इलाके में बनी अन्ना नगर झुग्गी बस्ती में अपने भाई और अपने माता पिता के साथ रहती...

Read Free

पुरानी तोप By Deepak sharma

पुरानी तोप चतुर्थ श्रेणी के रेलवे क्वार्टर नंबर छियालीस पर पहुँचते ही मैंने अपनी स्कूटी पर ब्रेक लगा ली। ‘निरंजन यहीं रहता है क्या?’ उसके सामने खड़े ठेले पर सब्जी खरीद रही स्त्री से...

Read Free

ऐसा किसीके साथ ना हो By Narendra Rajput

" ऐसा किसीके साथ ना हो " एक लड़का जो बहोत ही गरीब परिवार में रहता था। बहोत ही कम उम्र में उसे नौकरी करनी पड़ रही थी, जिससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सके। जब उसने १०वी कक्षा पास की त...

Read Free

बचपन By Ganesh

बचपन एक ऐसी चीज होती है, जिसमें हम बड़ो का आशीर्वाद भी लेते है और उनकी डांट भी खाते है। बचपन हमेशा ऐसा ही होना चाहिए। बचपन की तो बात ही अलग होती थी। सब दोस्तो से मिल के खुश होना, ग...

Read Free

Dear Angel By HeemaShree “Radhe"

Dear Angel,Happy Birthday SHREEबेटा जन्म दिन मुबारक हो...आज बोहत खास दिन हैं हमारी जिंदगी का आप जो आए थी हमारी जिंदगी में... आज आपकी याद रोज के दिनों से कुछ ज़्यादा ही आ रही हैं, तो...

Read Free

ग़लतफ़हमी By S Sinha

कहानी --ग़लतफ़हमी लगभग पाँच साल बाद मुझे सुधा का पत्र मिला था . सुधा मेरी बचपन...

Read Free

एनिवर्सरी By Dipak Raval

‘एनीवर्सरी’ दीपक रावल पंचम और वर्षा को अलग हुए आज एक साल हुआ. आज एनीवर्सरी!! वर्षा को अजीब लग रहा था. अलग होने की भी कोई एनीवर्सरी मनाता है? पर राजु को कुछ ऐसा ही सूझता. उसे हर बात...

Read Free

एक रात चोर की By Amarsen Yadav

यह कहानी मेरे बच्चपन की है। सिर्फ मेरा ही नहीं कई लोगों के साथ इससे मिलती घटनाएं हो चुकी होंगी। आप लोगों से निवेदन है कि आप इस कहानी को अवश्य पढ़ें और कहीं भी त्रुटि होने पर मुझे क...

Read Free

कोमल की हौसले की उड़ान By Udita Mishra

कोमल की हौसले की उड़ान आज रामचंद्र बहुत खुश था क्योंकि आज उसे अपना वारिस मिल गया रामचंद्र की तीन बेटी थी बेटे की चाह में तीन बेटियां हुई थी क्योंकि रामचंद्र ऑटो चलाता था और हर समय...

Read Free

संतोष By Annada patni

संतोष अन्नदा पाटनी दरवाज़े की घंटी बजी, देखा एक नवयुवती खड़ी थी । माँग में सिंदूर, माथे पर बड़ी लाल बिंदी, होंठों पर लाली, कान में सोने के झुमके, सोने का नेकलेस, सिल्क की साड़ी और...

Read Free

बेस्ट फ्रेंड - 4 - अंतिम भाग By SURENDRA ARORA

बेस्ट फ्रेंड सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा (4) 25. आजादी पिता के ऑफिस में आजादी के अवसर पर एक पारिवारिक मिलन का आयोजन किया गया था । पत्नी स्कूल-टीचर होने के कारण अपने स्कूल में व्यस्त थी ।...

Read Free

अरदास By डिम्पल गौड़

गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठी नयनतारा जीवन के विगत पलोंको आँखों में भर बहती गंगा की धारा को शून्य सी होकर निहार रही थी । सीढ़ियों पर उतरते चढ़ते लोगों के मन में उमड़ते गंगा मैया के लिए...

Read Free

एक गलत कदम By VANDANA VANI SINGH

किसी को कभी इस बात का अंदाजा नही होता उसका कौन सा कदम उसकी दुनिया बदलने वाला है और वो जिन्दगी जिसमे दो कदम और दोनो गलत रास्ते पे निकल पड़े हो।ये बात तो सच है की प्रेम में अलग ताकत ह...

Read Free

भाभी काश तुम पुरुष हुई होतीं By shalini singh

माँ ने फ़ोन पर जब घबराई आवाज़ में बताया कि बेटा.. अपरा हम सबको छोड़ कर चली गई तो मेरे मुँह से बस इतना निकला कि माँ वो गई नही.. उसे मार डाला हम सबने मिलकर,हमारी खोखली मान्यताओं ने ..जी...

Read Free

भावुकता के नुकसान By Pt Satya Sharma

नवीन एक बहुत ही भावुक व्यक्ति था,जो सेना से पेंशन आ जाने के बाद अपने गाव से दूर शहर मे रहता था और एक छोटी सी राशन की दुकान चलाता था। एक दिन उसके पास एक सीधा साधा दिखने वाला लड़का आ...

Read Free

हिम्मत-ए-मर्दा By सतविन्द्र कुमार राणा बाल

"शादी को सात दिन हो गए हैं। लेकिन कायदे से हमारी सुहागरात अभी तक नहीं हुई।"आज शायद उसका पति कुछ ठान कर ही आया था।पर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं।उसने पहली रातों की तरह ही सोने का बहान...

Read Free

ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 3 By Harish Kumar Amit

ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' रिश्तों का दर्द शाम के समय वह दफ़्तर से घर पहुँचा, तो उसे बहुत तेज़ भूख लगी हुई थी. उसने सोचा था कि घर पहुँचकर चाय पीने की बजाय वह पहले खान...

Read Free

नाम. By SURENDRA ARORA

नाम " लगता है, पागल हो गए हो " " क्या हुआ, मैंने बावलों जैसा कौन सा काम किया है ? " " रोज - रोज फोन और वो भी ठीक इसी वक्त, क्या यह पागलपन नहीं है ?" " प्यार में दीवानगी न ही तो वो...

Read Free

ज़हरीले दाने By Ramnarayan Sungariya

कहानी ज़हरीले दाने आर.एन. सुनगरिया राज बार-बार दरवाजे तक जाते ही एक दृष्टि दूर रोड पर फैलाता, जिसे घोर अंधेरा निग...

Read Free

बोतल By Abhishek

"मोनू, सुन क्यों नहीं रहा तू?"माँ ने पिछले एक मिनट में तीसरी बार मुझे आवाज़ लगायी थी | मैं हॉल के सोफे पे एक टांग नीचे लटका के अपना फ़ोन चलाने में बिजी था | महीनों बाद सिर्फ हफ्ते भर...

Read Free

बीड़ी By Anurag mandlik_मृत्युंजय

खेत पर गेंहू में पानी चल रहा था और मैं किनारे पर बैठकर जहां कल पाइप का मुंह रखा हुआ था वहां की भुरभुरी मिट्टी से खेल रहा था।उस समय मेरी उम्र लगभग आठ या नौ वर्ष की रही होगी। उस उम्...

Read Free

यारी - 3 By Prem Rathod

मैं जैसे ही बैग्स की तरफ बढ़ने वाला था कि तभी किसी ने पीछे से मेरा गला पकड़ लिया। मैं कुछ कर पाता उससे पहले ही उसने मेरे चेहरे पर कपड़ा ढक दिया और मुझे मारना शुरू कर दिया।

Read Free

मां बेटी By Udita Mishra

मां बेटी सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की...

Read Free

अब जाग जाओ - भाग 2 By सिद्धार्थ शुक्ला

"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही उस दिव्य पुरुष ने अपना दाह...

Read Free

माता पिता By Ganesh

माता पिता, नाम लेते हैं हमारा जीवन सफल हो जाता है। हमारे भगवान हमारे माता पिता को प्रणाम।ये वही भगवान है जो धरती पर रहते है। और यही भगवान हमें छोटे से बड़ा भी करते है। बचपन में जब...

Read Free

एक वीरांगना By Udita Mishra

एक वीरांगना अगर झलकारी बाई पहचानी ना जाती तो आज इतिहास और कुछ होता । झलकारी बाई अपने मां बाप की इकलौती बेटी थी । झलकारी बाई जब मात्र 4 साल की थी तभी उनकी मां का देहांत हो गया । उन...

Read Free

Mobile Pin By Krutika

“Mobile Pin” में उस वक़्त दिल्ली जा रही राजधानी ट्रैन मे था. ट्रैन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी के खूबसूरत लड़की ने मुझसे पूछा "ह...

Read Free

सुनो मीता ! By Dr Jaya Anand

सुनो मीता !मैंने कितने ख़्वाब बुने थे तुम्हारे साथ ,हर ख्वाब का एक एक धागा प्यार के रंग में रंगा था ,उनका रंग कितना चटकीला था ऐसे ही चटक रंग तो हम दोनों को पसंद है। याद है उस दिन सी...

Read Free

उपकार By Harsh Bhatt

वर्षा ऋतु अपना आधा वक्त काट चुकी थी , जंगल मे नदिया उफान पर थी, तब उसमें एक लोमड़ी का बच्चा कूदने की जिद करने लगता है, उसके मां-बाप उसको समझाते है पर वो मानने को तैयार नही हो...

Read Free

हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) By S Sinha

कहानी - हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) --------------------------------------------------------------------------------...

Read Free

खुशियों की दहलीज़... By सिमरन जयेश्वरी

अरुणा खिडकी से सट कर खड़ी थी। वो अपनी शादी से पहले का दिन याद कर रही थी , जब माँ ने उसे अपने कमरे में बुलाया था। कमरे मे जब वह पहुँची तो उसे एक उदासी महसूस हो रही थी। माँ के पास जाक...

Read Free

अनाथ लड़की By VANDANA VANI SINGH

कितनी मासूम कितनी कोमल हृदय की वह है जो भी देखता है वह दया भाव से भर जाता है, किसे मालूम होता है की जन्म के बाद उसने बाहर क्या-क्या दिन देखे होंगे। ये मना जाता है अनाथ लड़को का गुजा...

Read Free

चंदा By Udita Mishra

चंदा स्वीटी मीठी और मोनू तीन भाई बहन थे स्वीटी सबसे बड़ी बहन मीठी उस से छोटी और मोनू सबसे छोटा भाई था। सबसे छोटा होने के कारण मोनू सबका लाडला था। इन तीनों के पापा रोज सुबह जल्दी उठ...

Read Free

फोटो एलबम By तेज साहू

- फोटो एलबमबच्चे कब बड़े होते चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता। बचपन में सबके अपने सपने और जिद होते हैं, समय के साथ सब बदलते भी तो रहते हैं। औरों का क्या कहूँ मेरी ही एक सहेली थी, जो...

Read Free

एक रात ठिठुरन भरी By Abha Yadav

शाम ढ़ली भी न थी कि कोहरा उतरने लगा था. कुछ ही समय गुजरेगा ,यह जमीन को अपने आगोश में ले लेगा. फिर चलते-फिरते लोग काले धब्बे मात्र रह जायेंगे.उनकी आकृति भी साफ नजर नहीं आयेगी....

Read Free

कहाँ से छेड़ूं फ़साना By Ankita Bhargava

सुकून-ए-दिल के लिए कुछ तो एहतमाम करूं ज़रा नज़र जो मिले तो फिर उन्हें सलाम करूंमुझे तो होश नहीं आप मशविरा दीजैकहां से छेड़ूं फसाना कहां तमाम करूं अखबार के प्रतिनिधी से सौम्या की सफलत...

Read Free

बड़े धोखे है इस राह में….. By Narendra Rajput

“ बड़े धोखे है इस राह में….. “ यह कहानी एक मोहन नाम के लड़के की है। मोहन जिस ऑफ़िस में काम करता था वहां एक लड़की भी काम करती थी। लड़की को इस ऑफ़िस में आए हुए १५-२० दिन हुए थे। ऑफ़िस म...

Read Free

फोन की घंटी - दो रोटी By Saroj Prajapati

सोनम सुबह जैसे ही काम मिलता कर बैठी , उसकी बेस्ट फ्रेंड नीतू का फोन आ गया। हाल चाल पूछने के बाद उसकी सहेली ने कहा " आज मैंने तुझे एक खुशखबरी सुनाने और इनवाइट करने के लिए फोन किया ह...

Read Free

एक दुल्हन की मौत... By निशा शर्मा

नैना को एक अंधेरी कोठरी में पलंग के ऊपर बिठाकर घर की सारी औरतें बाहर निकल गयीं। मई माह की गर्मी और उसपर बनारसी साड़ी, गहने, सबकुछ नैना को बहुत ही असुविधाजनक लग रहा था मगर न तो उसके...

Read Free

२०२० By Ganesh

२०२० एक ऐसा साल हमारे कैलेंडर का और ये भी केह सकते है कि हमारे ज़िंदगी का सबसे उतार चढ़ाव वाला साल। मतलब २०२० भाई तूने किसका मुंह देखा था पहले को ऐसा कर रहा है।आफत ही आफत है! पहले...

Read Free

वो भूली दास्तां... By Dr.Ranjana Jaiswal

प्रेम.... ढाई अक्षर का छोटा सा शब्द पर... अपने आप में न जाने कितने सपने, कितने अरमानों को समेटे हुए रहता है.... मोहित और मुग्धा का कॉलेज में आखिरी साल था। मुग्धा अपने नाम के अ...

Read Free

पूजा (लघुकथा) : हिन्दी जुड़वाँ - पूजा By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

पूजा (लघुकथा) मेरा साठवां जन्मदिन था । बड़ा उत्साह का माहौल था। चारों तरफ खड़े मेरे बेटे बहू, मेरे लिए बड़े गर्व की बात थी कि सब ने बहुत बड़ा इंतजाम किया। मुझे शुभकामनाएं देन...

Read Free

दादा जी की धोती By Amarsen Yadav

खिड़की के पास कमरे में बैठा हूं। बाहर की ओर अब हल्की-हल्की बारिश अभी भी जारी है। कल रात से ही बारिश हो रही । एक बार तो बारिश होके बंद हो गई थी लेकिन रात को 3 बजे फिर से बारिश शुरू...

Read Free

डॉगी By Dipak Raval

डोगी दीपक रावल मनसुख की साँस अटक रही थी.... आँखें फटी हुई थी... डोगी सीने पर चढ़ बैठा था... उसके मुँह से बदबू आ रही थी... गले में उसके पैरों के नाखून काट रहे थे... वह चीखना चाहता थ...

Read Free

इसांन या रिश्तों की अहमियत ? By JYOTI MEENA

हम रोज़ की तरह एक दिन शाम को अपनी डायरी लिख रहे थे कि हमें एक मेसैज आया। वह किसी अनजान लड़के का था उसे देख हम सोचने लगे कि " क्या हमें इसका जबाव देना चाहिए? सही होगा ?क्या वो लड़का...

Read Free

जामुन वाली अम्मा By Udita Mishra

जामुन वाली अम्मा बहुत समय से मैं अपने पापा के साथ रविवार को छोड़कर रोज सुबह की सैर पर जाती थी हमारे सैर पर जाने के लिए हमने दो रास्ते तय किए थे जिसमें एक रास्ता जामुन वाली अम्मा...

Read Free

सुरीली By Udita Mishra

सुरीली सुरीली का नाम यूं ही सुरीली नहीं था बल्कि बचपन से ही उसकी आवाज बहुत मीठी थी वो शहर के पाश इलाके में बनी अन्ना नगर झुग्गी बस्ती में अपने भाई और अपने माता पिता के साथ रहती...

Read Free

पुरानी तोप By Deepak sharma

पुरानी तोप चतुर्थ श्रेणी के रेलवे क्वार्टर नंबर छियालीस पर पहुँचते ही मैंने अपनी स्कूटी पर ब्रेक लगा ली। ‘निरंजन यहीं रहता है क्या?’ उसके सामने खड़े ठेले पर सब्जी खरीद रही स्त्री से...

Read Free

ऐसा किसीके साथ ना हो By Narendra Rajput

" ऐसा किसीके साथ ना हो " एक लड़का जो बहोत ही गरीब परिवार में रहता था। बहोत ही कम उम्र में उसे नौकरी करनी पड़ रही थी, जिससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सके। जब उसने १०वी कक्षा पास की त...

Read Free

बचपन By Ganesh

बचपन एक ऐसी चीज होती है, जिसमें हम बड़ो का आशीर्वाद भी लेते है और उनकी डांट भी खाते है। बचपन हमेशा ऐसा ही होना चाहिए। बचपन की तो बात ही अलग होती थी। सब दोस्तो से मिल के खुश होना, ग...

Read Free

Dear Angel By HeemaShree “Radhe"

Dear Angel,Happy Birthday SHREEबेटा जन्म दिन मुबारक हो...आज बोहत खास दिन हैं हमारी जिंदगी का आप जो आए थी हमारी जिंदगी में... आज आपकी याद रोज के दिनों से कुछ ज़्यादा ही आ रही हैं, तो...

Read Free

ग़लतफ़हमी By S Sinha

कहानी --ग़लतफ़हमी लगभग पाँच साल बाद मुझे सुधा का पत्र मिला था . सुधा मेरी बचपन...

Read Free

एनिवर्सरी By Dipak Raval

‘एनीवर्सरी’ दीपक रावल पंचम और वर्षा को अलग हुए आज एक साल हुआ. आज एनीवर्सरी!! वर्षा को अजीब लग रहा था. अलग होने की भी कोई एनीवर्सरी मनाता है? पर राजु को कुछ ऐसा ही सूझता. उसे हर बात...

Read Free

एक रात चोर की By Amarsen Yadav

यह कहानी मेरे बच्चपन की है। सिर्फ मेरा ही नहीं कई लोगों के साथ इससे मिलती घटनाएं हो चुकी होंगी। आप लोगों से निवेदन है कि आप इस कहानी को अवश्य पढ़ें और कहीं भी त्रुटि होने पर मुझे क...

Read Free

कोमल की हौसले की उड़ान By Udita Mishra

कोमल की हौसले की उड़ान आज रामचंद्र बहुत खुश था क्योंकि आज उसे अपना वारिस मिल गया रामचंद्र की तीन बेटी थी बेटे की चाह में तीन बेटियां हुई थी क्योंकि रामचंद्र ऑटो चलाता था और हर समय...

Read Free

संतोष By Annada patni

संतोष अन्नदा पाटनी दरवाज़े की घंटी बजी, देखा एक नवयुवती खड़ी थी । माँग में सिंदूर, माथे पर बड़ी लाल बिंदी, होंठों पर लाली, कान में सोने के झुमके, सोने का नेकलेस, सिल्क की साड़ी और...

Read Free

बेस्ट फ्रेंड - 4 - अंतिम भाग By SURENDRA ARORA

बेस्ट फ्रेंड सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा (4) 25. आजादी पिता के ऑफिस में आजादी के अवसर पर एक पारिवारिक मिलन का आयोजन किया गया था । पत्नी स्कूल-टीचर होने के कारण अपने स्कूल में व्यस्त थी ।...

Read Free

अरदास By डिम्पल गौड़

गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठी नयनतारा जीवन के विगत पलोंको आँखों में भर बहती गंगा की धारा को शून्य सी होकर निहार रही थी । सीढ़ियों पर उतरते चढ़ते लोगों के मन में उमड़ते गंगा मैया के लिए...

Read Free

एक गलत कदम By VANDANA VANI SINGH

किसी को कभी इस बात का अंदाजा नही होता उसका कौन सा कदम उसकी दुनिया बदलने वाला है और वो जिन्दगी जिसमे दो कदम और दोनो गलत रास्ते पे निकल पड़े हो।ये बात तो सच है की प्रेम में अलग ताकत ह...

Read Free

भाभी काश तुम पुरुष हुई होतीं By shalini singh

माँ ने फ़ोन पर जब घबराई आवाज़ में बताया कि बेटा.. अपरा हम सबको छोड़ कर चली गई तो मेरे मुँह से बस इतना निकला कि माँ वो गई नही.. उसे मार डाला हम सबने मिलकर,हमारी खोखली मान्यताओं ने ..जी...

Read Free

भावुकता के नुकसान By Pt Satya Sharma

नवीन एक बहुत ही भावुक व्यक्ति था,जो सेना से पेंशन आ जाने के बाद अपने गाव से दूर शहर मे रहता था और एक छोटी सी राशन की दुकान चलाता था। एक दिन उसके पास एक सीधा साधा दिखने वाला लड़का आ...

Read Free