लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • पन्द्रह साल बाद

    रात के 11 बज रहे थे और गर्मी अपने चरम पर थी ओ भी उमस वाली गर्मी जो सबको उबलता हु...

  • मिलन

    आइये न प्लीज , अंदर आ जाइये आख़िर बाहर क्यों खड़े हैं, उसकी आँखें खुली और ओठ सिले...

  • दिमाग बनाम दिल

    मंहगू, छोटे भाई सहतू को जैसे ही हमेशा की तरह थाने से छुड़वा कर लाया ,घर वाले पिल...

संस्कृत वांग्मय में जीवन दर्शन - 2 By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

संस्कारसंस्कार मानव के नव निर्माण की आध्यात्मिक योजना है । चरक ऋषि ने कहां है संस्कारों हि गुणाअंतर आधान, उच्यते अर्थात संस्कार पहले से विद्यमान दुर्गुणों को हटाकर उनके स्थान पर सद...

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जीवन ऊट पटाँगा - 5 - सांप...सांप.. By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “सांप...सांप..” मलय चिल्लाता हुआ उठ कर बैठ गया और कांपने लगा । “कहाँ है?” प्रीति घबरा कर उठ बैठी । बिजली चली गई थी । छोटी बत्ती नहीं जल रही...

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आभासी दुनिया By Darshita Babubhai Shah

२१०० साल! एक आभासी दुनिया होगी। भविष्य की दुनिया में वैज्ञानिक, सामाजिक, राजनीतिक, व्यक्तिगत और हर दूसरे क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए हैं। एक काल्पनिक दुनिया होगी। लोग स्वप्निल हो...

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मैं माँ हूँ By S Sinha

कहानी :- मैं माँ हूँ शोभा अपने गाँव में पति और एकलौते बेटे के साथ खुशहाल ज़िन्दगी जी रही थी . अभी उसका बेटा चंदू दस साल का था . उसका पति शंकर उसे बहुत प्यार करता था .चंद...

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To Sisters By Sharanjeet Kaur

This is story of two sister there mother are to ill and there daughters cannot money to admit to there mother to hospital.both sisters are continuous thinking about what to do than...

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मेरे पिता मेरे पुण्य By Vikash Dhyani

मेरे पिता मेरे पुण्य। सुबह सुबह ये डाकिया भला न जाने किस का खत हमारे घर पे दे गया। कितना रुकने को बोला सुना ही नहीं, हद है। लक्ष्मी(जो की श्रीकांत जी पत्नी थी। सालों पहले गुजर गई उ...

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भूटान कैसे बना खुशहाल? By Anand M Mishra

भूटान! एक छोटा-सा देश! खुशहाली से भरपूर! कैसे बना आनंदित राष्ट्र? हमारे एक सहकर्मी ने अनौपचारिक बातचीत में बताया। भूटान में ‘आनंद मंत्रालय’ है। यह मंत्रालय वहां की जनता के सुखमय जी...

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तेरे बिना भी क्या जीना By Ravi maharshi

आज रश्मि को थोड़ी-थोड़ी खांसी आने लग गई थी पिछले 2 दिनों से उसे तेज बुखार भी था जब वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी तभी उसके पापा जी यानी ससुर ने कहा रश्मि बेटा मुझे लगता है तुम में...

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बाबू वाला डिजिटल लव By रामानुज दरिया

थोड़ा सा नीचे, और थोड़ा सा,अरे नहीं थोड़ा बाएं और हल्का सा ,हां सेन्टर पर करो, हां अब ठीक है,अब फ़ोन को एकदम स्लो मोशन पर चलाओ।देव प्लीज यर मुझसे नहीं हो रहा, मुझे बहुत अजीब फीलिंग्स आ...

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गरीब कौन By Saroj Prajapati

घर का जरूरी सामान लेने के लिए मार्केट गई तो याद आया कि बच्चों ने टी शर्ट व जुराबों के लिए कहा था। उन्हें लेने के लिए जब मैं एक शॉप पर गई तो देखा दुकानदार कुछ परेशान सा था और दुकान...

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पन्द्रह साल बाद By रामानुज दरिया

रात के 11 बज रहे थे और गर्मी अपने चरम पर थी ओ भी उमस वाली गर्मी जो सबको उबलता हुआ देखना चाहती थी। वैसे तो थी हल्की चांदनी रात मगर अंधेरा चांद को अपनी आगोश में ले लेना चाहता था,और त...

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नज़र अंदाज़ (लघुकथाएं) By Kishanlal Sharma

नजर अंदाज सरोज बाजा से लौटी तो घर जा दरवाजा बंद था।उसने दरवाजे पर दस्तक दी।माया ने दरवाजा खोला था केकिन काफी देर बाद।सरोज बेटी पर बड़बड़ाती हुई अंदर गई।अंदर दीपक मौजूद था।बेटी और दी...

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नागिन का इंतकाम By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हे मोहिनी उस मंदिर मे पडी होती हे तब शिवजी उसे कोछ ही समय कि जिंदगी देते हे तब मोहिनी उठती हे और बोलती हे हा मुझे मेरे पती ने मार दिया लेकिन वो दोसरा कोन था ये जान...

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हकीकत By Abha Dave

हकीकत -----------ओल्ड एज होम में संगीता अपना सामान अलमारी में रख रही थी और अपने पति से कह रही थी की "तकदीर हमें कहाँ ले कर आ गई है । कितने खुश होकर हम लोग अपना घर बार बेचकर अमेरिक...

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मेरी प्यारी नाराज ममा By बिट्टू श्री दार्शनिक

में ममा की बात मान नहीं रहा था। उसका दिल बार बार दुखाए जा रहा था। कई बार लगा जैसे ममा तकलीफ में है। एक बार उन्हे मैने पूछ ही लिया, ममा क्या हुआ है आपको ? क्यों आप गुमसुम सी रहती है...

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मिलन By रामानुज दरिया

आइये न प्लीज , अंदर आ जाइये आख़िर बाहर क्यों खड़े हैं, उसकी आँखें खुली और ओठ सिले हुए थे और नज़र सिर्फ़ उन अधरों पर थे जो बार - बार एक दूसरे से मिलते और बिछड़ जाते, उन अधरों को देख कर म...

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वर्जिनिटी का भूत उतर गया By S Sinha

कहानी - वर्जिनिटी का भूत उतर गया “ सुमन भाभी , शादी मुबारक हो . “ “ कौन ? सॉरी मैं तुम्हें पहचान न सकी . “ “ मैं गीता बोल रही हूँ ,...

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दिमाग बनाम दिल By राजेश ओझा

मंहगू, छोटे भाई सहतू को जैसे ही हमेशा की तरह थाने से छुड़वा कर लाया ,घर वाले पिल पड़े..पत्नी बोली.."तुम्हारे तो बीबी बच्चे हैं नही..बस जो कमाओ सब इन्हीं के ऊपर उड़ा दो"महंगू कोई जव...

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तारू - 2 By Sruti

तारू का अभी अभी ब्रेकअप हुआ था। वो बोहत ही दुखी थी। उसके बॉय फ्रेंड ने उसे चिट किया था। कॉलेज में उनकी लव स्टोरी बोहत ही मशहूर थी। हाला की तारू ने भी उसके bf को सीरियस नही लिया था...

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मोहपाश By Anand M Mishra

आज का समय कलियुग कहा जाता है। वेद-पुराणों में युग चार युगों की अवधारणा है। उस कड़ी में यह चौथा और अंतिम युग है। इससे पहले तीन युग आकर चले गए, जो सत, त्रेता, द्वापर रहे थे। वैसे कलि...

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रसोईघर By Bhawna Shastri

नए घर में शादी के बाद आज रचना का चौथा दिन था।अब तक तो सब ठीक ही था।रचना को मायके की ही तरह प्यार और दुलार यहाँ भी मिल रहा था आज रचना का रसोई पूजन थाजिससे रचना कुछ डरी हुई थी। हाथों...

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छोटा बड़प्पन By Archana Anupriya

छोटा बड़प्पनत्योहार के दिन थे और अमेजॉन से सबके लिए कपड़े,गिफ्ट्स वगैरह मँगवाये जा रहे थे।कोरोना की वजह से हर साल की तरह सबको बाजार ले जाकर उनके पसंद की चीजें खरीद पाना संभव नहीं था,...

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मेरी नजर से देखो - भाग 3 - सरकारी दफ्तर की महंगी चाय By Rajat Singhal

...कि मेरी पत्नी के भाई यानी मेरे साले मजबूरदास की काॅल आ गई। अपनी जीजी से मिलने को आ रहा था। मैने अपनी पत्नी को कहा तेरा भाई आ रहा है, कुछ पकवान बना लो। वैसे तो हमारे साले साहब की...

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थप्पड़ By Kishanlal Sharma

" हाय दीदी।"उमेश शाम को ऑफिस से लौटा तो प्रिया को देखकर बोला,"न कोई फोन,न चिट्टी अचानक कैसे आना हुआ?""तू इस फोटो को देख,"उमेश की बात का जवाब न देकर उसके हाथ मे एक फोटो को पकड़ाते हु...

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अभागिन... By निशा शर्मा

अलीगढ़ से करीब बीस से पच्चीस किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव, बीरपुर ! उसके एक बड़े से मकान के बाहर चबूतरे पर चारपाई पर बैठी एक वृद्ध महिला जिसे देखकर ये साफ-साफ पता चलता है कि बुढ़ापा उ...

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बड़े होकर तुम क्या बनोगे By DIPAK CHITNIS. DMC

बड़े होकर तुम क्या बनोगे DIPAKCHITNIS(dchitnis3@gmail.com) एक दफा में एक स्कूल में गया था l पहली कतार में बैठा हुआ पहले लड़के से मैंने पूछा, “ तू कौन है ?” उसने कहा, “ब्राह्...

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नया सवेरा By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

भास्कर और चांदनी के बीच रोज - रोज की बहसबाजी से दोनों की एकमात्र संतान किरण जो की अभी चौथी क्लास में थी , परेशान होती रहती। उसके समझ में नहीं आता था कि कौन ग़लत है और कौन सही। हाला...

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सरप्राइज By S Sinha

कहानी - सरप्राइज मैं ग्रेजुएशन कर चुकी थी . मेरे माता पिता मेरी शादी के लिए अच्छे वर की तलाश में थे . मेरे पिता के पास...

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नागिन का इंतकाम By Datta Shinde

हम काहाणी शुरु करते हे नंदिनी और ‌‌राज शिवमंदिर मे होते हे तब कोछ शेतान उन्हे मार देते है तब वाहा पे नागेश्वरी आती है तब वो मोहिनी को उठा लेती हे तब वो बोलती हे शिवजी इसे मे संभाल...

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आत्महत्या By Kishanlal Sharma

"मेरा हाथ क्यों पकड़ा?"वह एक लड़की से प्यार करता था।लड़की भी उसे चाहती थी और उससे शादी का वादा कर चुकी थी।एक दिन एक अमीर उसकी जिंदगी में आ गया और उसने उस अमीर से शादी कर ली।प्रेमिका क...

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एक नई राह By राज कुमार कांदु

अमित भट्टाचार्य जी की पत्नी बीमार थीं। परिवार में और कोई नहीं था इसीलिए उन्होंने आज दफ्तर से अवकाश लिया हुआ था। खुद कभी किचन में झाँकने का मौका कभी मिला ही नहीं था। उनकी पत्नी रश्म...

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चाचीजी का प्रेम By Anand M Mishra

सदा की तरह वार्षिक अवकाश में अपने गृहनगर पहुंचा। अपने चाचाजी के यहाँ मिलने के लिए गया तो दादी की तस्वीर पर ‘हार’ चढ़ा देखा। मन में दादी के साथ बिताए पल याद आने लगे। कैसे दादी कम संस...

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अस्तित्व By Jayu Nagar

नमस्ते। आशा करती हु इस covid महामारी मे आप सब सुरक्षित और कुशल होगे। ये मेरी पहली लघुकथा है जो में मातृृृभारती में प्रकाशित करने जा रही हूँ। आशा करती हूँ ये लघुकथा आपको पसंद आए...

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तुम साथ हो जब मेरे... By Ravi maharshi

यह कहानी है एक ऐसे परिवार की जो लॉक डाउन होने के बाद मुसीबतों का सामना कर रहा था और एक दिन उसे आशा की किरण दिखती हैसंदीप एक पढ़ा-लिखा नौजवान है लेकिन वह कुछ परेशान...

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....... By zeba Praveen

पहली बार वह मुझे तब दिखी थी जब वो पौधों में पानी डालने आयी थी, उसके होंटो पर हँसी जैसे चिपक सी गयी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो पेड़ पौधों से बातें कर रही हो, अपने दुपट्टे को पौधों पर ल...

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आधुनिक गिरगिट By Anand M Mishra

राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय का समाज में बहुत नाम है। यहाँ से पढ़कर निकलनेवाले छात्र उच्च पदों पर सुशोभित हैं। इस विद्यालय को सजाने-संवारने में यहाँ के अध्यापकों, शिक्षकेतर कर्मचारि...

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खुशनसीब By भूपेन्द्र चौहान“राज़”

“प्रिय रवि, सुना है,अभी तुम्हारा वहाँ मन नहीं लग रहा है। वापस घर आने का मन बना रहे हो, ऐसा कुविचार तुम्हारे मन में क्यूँ आया? बताओ ऐसी भी क्या वजह हो गयी, रजनी बता रही थी, भैया स...

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मास्टरनीजी By S Sinha

कहानी - मास्टरनीजी सरला ने बी ए पास करने के बाद कुछ समय तक नौकरी पाने का प्रयास किया था ....

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टिकैत बाबा और मनचाहे गीत By Bhupendra Singh chauhan

तब रामू की उम्र 13-14 वर्ष रही होगी जब वह अपनी भैंस चराने दूर खेतों में ले जाता था।हर रोज दोपहर 3 बजे स्कूल से आने के बाद वह झटपट खाना खाता और अपनी प्यारी छड़ी(जिसे वह भैंस चराने के...

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हरखू By shubham mishra

अभी सुबह होने में कुछ देर बाकी थी | हरखू , बाबू जी जमीदार की घर की ओर भगा जा रहा था| भोथरे काका जिनका द्वार हरखू से सटा हुआ था बाहर ही पुरवाई का आनन्द लेने के लिए चारपाई डाले हुए थ...

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एक सच By अनुराधा अनुश्री

अजीब सी कहानी है एक अनकहा सा सच जिसे बताने कि कोशिश तो की गई लेकिन बताया जा ना सका ...लेकिन किसी की जिंदगी से जुड़ी है।पता नहीं इसे पढ़ कर आप सब क्या सोचो।ये कहानी 2011 मार्च से शु...

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रमेश का घर और उड़न तश्तरी By Shakti Singh Negi

रमेश ने एक बहुत पुराना घर खरीदा। परंतु यह घर बहुत मजबूत था। यह उसे नाममात्र की कीमत पर सामान सहित मिल गया। घर पुस्तकों व पुराने सामान से अटा पड़ा था। रमेश ने फालतू पुस्तकों व फा...

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मेरी अधूरी प्रेम कहानी By AJMAL SHAKIL

वो दिन अभी भी याद आता है जब पापा से बहुत जिद करने के बाद 5 रूपए मांगे थे क्यूंकि क्लास में तुमने कहा था तुम्हे गोलगप्पे बहुत पसंद हैं…और मुझे तुम अच्छी लगती थीं…तुम्हारा और मेरा घर...

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डोर ज़िंदगी की By Missamittal

दो आंखें लगातार छोटे से शीशे के दूसरी तरफ बेड पर पड़ी औरत को देख रही थी और मैं उन आंखों को देख रहा था आंखों में डर फिक्र चिंता वह सब कुछ था जो 15 साल के बच्चे की आंखों में नहीं होन...

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संस्कृत वांग्मय में जीवन दर्शन - 2 By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

संस्कारसंस्कार मानव के नव निर्माण की आध्यात्मिक योजना है । चरक ऋषि ने कहां है संस्कारों हि गुणाअंतर आधान, उच्यते अर्थात संस्कार पहले से विद्यमान दुर्गुणों को हटाकर उनके स्थान पर सद...

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जीवन ऊट पटाँगा - 5 - सांप...सांप.. By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “सांप...सांप..” मलय चिल्लाता हुआ उठ कर बैठ गया और कांपने लगा । “कहाँ है?” प्रीति घबरा कर उठ बैठी । बिजली चली गई थी । छोटी बत्ती नहीं जल रही...

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आभासी दुनिया By Darshita Babubhai Shah

२१०० साल! एक आभासी दुनिया होगी। भविष्य की दुनिया में वैज्ञानिक, सामाजिक, राजनीतिक, व्यक्तिगत और हर दूसरे क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए हैं। एक काल्पनिक दुनिया होगी। लोग स्वप्निल हो...

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मैं माँ हूँ By S Sinha

कहानी :- मैं माँ हूँ शोभा अपने गाँव में पति और एकलौते बेटे के साथ खुशहाल ज़िन्दगी जी रही थी . अभी उसका बेटा चंदू दस साल का था . उसका पति शंकर उसे बहुत प्यार करता था .चंद...

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To Sisters By Sharanjeet Kaur

This is story of two sister there mother are to ill and there daughters cannot money to admit to there mother to hospital.both sisters are continuous thinking about what to do than...

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मेरे पिता मेरे पुण्य By Vikash Dhyani

मेरे पिता मेरे पुण्य। सुबह सुबह ये डाकिया भला न जाने किस का खत हमारे घर पे दे गया। कितना रुकने को बोला सुना ही नहीं, हद है। लक्ष्मी(जो की श्रीकांत जी पत्नी थी। सालों पहले गुजर गई उ...

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भूटान कैसे बना खुशहाल? By Anand M Mishra

भूटान! एक छोटा-सा देश! खुशहाली से भरपूर! कैसे बना आनंदित राष्ट्र? हमारे एक सहकर्मी ने अनौपचारिक बातचीत में बताया। भूटान में ‘आनंद मंत्रालय’ है। यह मंत्रालय वहां की जनता के सुखमय जी...

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तेरे बिना भी क्या जीना By Ravi maharshi

आज रश्मि को थोड़ी-थोड़ी खांसी आने लग गई थी पिछले 2 दिनों से उसे तेज बुखार भी था जब वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी तभी उसके पापा जी यानी ससुर ने कहा रश्मि बेटा मुझे लगता है तुम में...

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बाबू वाला डिजिटल लव By रामानुज दरिया

थोड़ा सा नीचे, और थोड़ा सा,अरे नहीं थोड़ा बाएं और हल्का सा ,हां सेन्टर पर करो, हां अब ठीक है,अब फ़ोन को एकदम स्लो मोशन पर चलाओ।देव प्लीज यर मुझसे नहीं हो रहा, मुझे बहुत अजीब फीलिंग्स आ...

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गरीब कौन By Saroj Prajapati

घर का जरूरी सामान लेने के लिए मार्केट गई तो याद आया कि बच्चों ने टी शर्ट व जुराबों के लिए कहा था। उन्हें लेने के लिए जब मैं एक शॉप पर गई तो देखा दुकानदार कुछ परेशान सा था और दुकान...

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पन्द्रह साल बाद By रामानुज दरिया

रात के 11 बज रहे थे और गर्मी अपने चरम पर थी ओ भी उमस वाली गर्मी जो सबको उबलता हुआ देखना चाहती थी। वैसे तो थी हल्की चांदनी रात मगर अंधेरा चांद को अपनी आगोश में ले लेना चाहता था,और त...

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नज़र अंदाज़ (लघुकथाएं) By Kishanlal Sharma

नजर अंदाज सरोज बाजा से लौटी तो घर जा दरवाजा बंद था।उसने दरवाजे पर दस्तक दी।माया ने दरवाजा खोला था केकिन काफी देर बाद।सरोज बेटी पर बड़बड़ाती हुई अंदर गई।अंदर दीपक मौजूद था।बेटी और दी...

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नागिन का इंतकाम By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हे मोहिनी उस मंदिर मे पडी होती हे तब शिवजी उसे कोछ ही समय कि जिंदगी देते हे तब मोहिनी उठती हे और बोलती हे हा मुझे मेरे पती ने मार दिया लेकिन वो दोसरा कोन था ये जान...

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हकीकत By Abha Dave

हकीकत -----------ओल्ड एज होम में संगीता अपना सामान अलमारी में रख रही थी और अपने पति से कह रही थी की "तकदीर हमें कहाँ ले कर आ गई है । कितने खुश होकर हम लोग अपना घर बार बेचकर अमेरिक...

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मेरी प्यारी नाराज ममा By बिट्टू श्री दार्शनिक

में ममा की बात मान नहीं रहा था। उसका दिल बार बार दुखाए जा रहा था। कई बार लगा जैसे ममा तकलीफ में है। एक बार उन्हे मैने पूछ ही लिया, ममा क्या हुआ है आपको ? क्यों आप गुमसुम सी रहती है...

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मिलन By रामानुज दरिया

आइये न प्लीज , अंदर आ जाइये आख़िर बाहर क्यों खड़े हैं, उसकी आँखें खुली और ओठ सिले हुए थे और नज़र सिर्फ़ उन अधरों पर थे जो बार - बार एक दूसरे से मिलते और बिछड़ जाते, उन अधरों को देख कर म...

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वर्जिनिटी का भूत उतर गया By S Sinha

कहानी - वर्जिनिटी का भूत उतर गया “ सुमन भाभी , शादी मुबारक हो . “ “ कौन ? सॉरी मैं तुम्हें पहचान न सकी . “ “ मैं गीता बोल रही हूँ ,...

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दिमाग बनाम दिल By राजेश ओझा

मंहगू, छोटे भाई सहतू को जैसे ही हमेशा की तरह थाने से छुड़वा कर लाया ,घर वाले पिल पड़े..पत्नी बोली.."तुम्हारे तो बीबी बच्चे हैं नही..बस जो कमाओ सब इन्हीं के ऊपर उड़ा दो"महंगू कोई जव...

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तारू - 2 By Sruti

तारू का अभी अभी ब्रेकअप हुआ था। वो बोहत ही दुखी थी। उसके बॉय फ्रेंड ने उसे चिट किया था। कॉलेज में उनकी लव स्टोरी बोहत ही मशहूर थी। हाला की तारू ने भी उसके bf को सीरियस नही लिया था...

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मोहपाश By Anand M Mishra

आज का समय कलियुग कहा जाता है। वेद-पुराणों में युग चार युगों की अवधारणा है। उस कड़ी में यह चौथा और अंतिम युग है। इससे पहले तीन युग आकर चले गए, जो सत, त्रेता, द्वापर रहे थे। वैसे कलि...

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रसोईघर By Bhawna Shastri

नए घर में शादी के बाद आज रचना का चौथा दिन था।अब तक तो सब ठीक ही था।रचना को मायके की ही तरह प्यार और दुलार यहाँ भी मिल रहा था आज रचना का रसोई पूजन थाजिससे रचना कुछ डरी हुई थी। हाथों...

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छोटा बड़प्पन By Archana Anupriya

छोटा बड़प्पनत्योहार के दिन थे और अमेजॉन से सबके लिए कपड़े,गिफ्ट्स वगैरह मँगवाये जा रहे थे।कोरोना की वजह से हर साल की तरह सबको बाजार ले जाकर उनके पसंद की चीजें खरीद पाना संभव नहीं था,...

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मेरी नजर से देखो - भाग 3 - सरकारी दफ्तर की महंगी चाय By Rajat Singhal

...कि मेरी पत्नी के भाई यानी मेरे साले मजबूरदास की काॅल आ गई। अपनी जीजी से मिलने को आ रहा था। मैने अपनी पत्नी को कहा तेरा भाई आ रहा है, कुछ पकवान बना लो। वैसे तो हमारे साले साहब की...

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थप्पड़ By Kishanlal Sharma

" हाय दीदी।"उमेश शाम को ऑफिस से लौटा तो प्रिया को देखकर बोला,"न कोई फोन,न चिट्टी अचानक कैसे आना हुआ?""तू इस फोटो को देख,"उमेश की बात का जवाब न देकर उसके हाथ मे एक फोटो को पकड़ाते हु...

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अभागिन... By निशा शर्मा

अलीगढ़ से करीब बीस से पच्चीस किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव, बीरपुर ! उसके एक बड़े से मकान के बाहर चबूतरे पर चारपाई पर बैठी एक वृद्ध महिला जिसे देखकर ये साफ-साफ पता चलता है कि बुढ़ापा उ...

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बड़े होकर तुम क्या बनोगे By DIPAK CHITNIS. DMC

बड़े होकर तुम क्या बनोगे DIPAKCHITNIS(dchitnis3@gmail.com) एक दफा में एक स्कूल में गया था l पहली कतार में बैठा हुआ पहले लड़के से मैंने पूछा, “ तू कौन है ?” उसने कहा, “ब्राह्...

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नया सवेरा By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

भास्कर और चांदनी के बीच रोज - रोज की बहसबाजी से दोनों की एकमात्र संतान किरण जो की अभी चौथी क्लास में थी , परेशान होती रहती। उसके समझ में नहीं आता था कि कौन ग़लत है और कौन सही। हाला...

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सरप्राइज By S Sinha

कहानी - सरप्राइज मैं ग्रेजुएशन कर चुकी थी . मेरे माता पिता मेरी शादी के लिए अच्छे वर की तलाश में थे . मेरे पिता के पास...

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नागिन का इंतकाम By Datta Shinde

हम काहाणी शुरु करते हे नंदिनी और ‌‌राज शिवमंदिर मे होते हे तब कोछ शेतान उन्हे मार देते है तब वाहा पे नागेश्वरी आती है तब वो मोहिनी को उठा लेती हे तब वो बोलती हे शिवजी इसे मे संभाल...

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आत्महत्या By Kishanlal Sharma

"मेरा हाथ क्यों पकड़ा?"वह एक लड़की से प्यार करता था।लड़की भी उसे चाहती थी और उससे शादी का वादा कर चुकी थी।एक दिन एक अमीर उसकी जिंदगी में आ गया और उसने उस अमीर से शादी कर ली।प्रेमिका क...

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एक नई राह By राज कुमार कांदु

अमित भट्टाचार्य जी की पत्नी बीमार थीं। परिवार में और कोई नहीं था इसीलिए उन्होंने आज दफ्तर से अवकाश लिया हुआ था। खुद कभी किचन में झाँकने का मौका कभी मिला ही नहीं था। उनकी पत्नी रश्म...

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चाचीजी का प्रेम By Anand M Mishra

सदा की तरह वार्षिक अवकाश में अपने गृहनगर पहुंचा। अपने चाचाजी के यहाँ मिलने के लिए गया तो दादी की तस्वीर पर ‘हार’ चढ़ा देखा। मन में दादी के साथ बिताए पल याद आने लगे। कैसे दादी कम संस...

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अस्तित्व By Jayu Nagar

नमस्ते। आशा करती हु इस covid महामारी मे आप सब सुरक्षित और कुशल होगे। ये मेरी पहली लघुकथा है जो में मातृृृभारती में प्रकाशित करने जा रही हूँ। आशा करती हूँ ये लघुकथा आपको पसंद आए...

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तुम साथ हो जब मेरे... By Ravi maharshi

यह कहानी है एक ऐसे परिवार की जो लॉक डाउन होने के बाद मुसीबतों का सामना कर रहा था और एक दिन उसे आशा की किरण दिखती हैसंदीप एक पढ़ा-लिखा नौजवान है लेकिन वह कुछ परेशान...

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....... By zeba Praveen

पहली बार वह मुझे तब दिखी थी जब वो पौधों में पानी डालने आयी थी, उसके होंटो पर हँसी जैसे चिपक सी गयी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो पेड़ पौधों से बातें कर रही हो, अपने दुपट्टे को पौधों पर ल...

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आधुनिक गिरगिट By Anand M Mishra

राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय का समाज में बहुत नाम है। यहाँ से पढ़कर निकलनेवाले छात्र उच्च पदों पर सुशोभित हैं। इस विद्यालय को सजाने-संवारने में यहाँ के अध्यापकों, शिक्षकेतर कर्मचारि...

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खुशनसीब By भूपेन्द्र चौहान“राज़”

“प्रिय रवि, सुना है,अभी तुम्हारा वहाँ मन नहीं लग रहा है। वापस घर आने का मन बना रहे हो, ऐसा कुविचार तुम्हारे मन में क्यूँ आया? बताओ ऐसी भी क्या वजह हो गयी, रजनी बता रही थी, भैया स...

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मास्टरनीजी By S Sinha

कहानी - मास्टरनीजी सरला ने बी ए पास करने के बाद कुछ समय तक नौकरी पाने का प्रयास किया था ....

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टिकैत बाबा और मनचाहे गीत By Bhupendra Singh chauhan

तब रामू की उम्र 13-14 वर्ष रही होगी जब वह अपनी भैंस चराने दूर खेतों में ले जाता था।हर रोज दोपहर 3 बजे स्कूल से आने के बाद वह झटपट खाना खाता और अपनी प्यारी छड़ी(जिसे वह भैंस चराने के...

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हरखू By shubham mishra

अभी सुबह होने में कुछ देर बाकी थी | हरखू , बाबू जी जमीदार की घर की ओर भगा जा रहा था| भोथरे काका जिनका द्वार हरखू से सटा हुआ था बाहर ही पुरवाई का आनन्द लेने के लिए चारपाई डाले हुए थ...

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एक सच By अनुराधा अनुश्री

अजीब सी कहानी है एक अनकहा सा सच जिसे बताने कि कोशिश तो की गई लेकिन बताया जा ना सका ...लेकिन किसी की जिंदगी से जुड़ी है।पता नहीं इसे पढ़ कर आप सब क्या सोचो।ये कहानी 2011 मार्च से शु...

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रमेश का घर और उड़न तश्तरी By Shakti Singh Negi

रमेश ने एक बहुत पुराना घर खरीदा। परंतु यह घर बहुत मजबूत था। यह उसे नाममात्र की कीमत पर सामान सहित मिल गया। घर पुस्तकों व पुराने सामान से अटा पड़ा था। रमेश ने फालतू पुस्तकों व फा...

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मेरी अधूरी प्रेम कहानी By AJMAL SHAKIL

वो दिन अभी भी याद आता है जब पापा से बहुत जिद करने के बाद 5 रूपए मांगे थे क्यूंकि क्लास में तुमने कहा था तुम्हे गोलगप्पे बहुत पसंद हैं…और मुझे तुम अच्छी लगती थीं…तुम्हारा और मेरा घर...

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डोर ज़िंदगी की By Missamittal

दो आंखें लगातार छोटे से शीशे के दूसरी तरफ बेड पर पड़ी औरत को देख रही थी और मैं उन आंखों को देख रहा था आंखों में डर फिक्र चिंता वह सब कुछ था जो 15 साल के बच्चे की आंखों में नहीं होन...

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