सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • Broken with you... - 6

    बस, बस, बस  तू  बस  उतना बता कैसे  मारा तूने प्रिया को ...

  • देवदूत

    कहानी देवदूतशांत. . . . . . एकदम शांत था सारा शहर। पिछले छह दिन से सड़कें सुनसा...

  • उसने आत्महत्या क्यो की (अंतिम भाग)

    लेकिन रमेश ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया।ज्यों ज्यो बेटिका बड़ी हो रही थी।उनके खर...

Broken with you... - 6 By Alone Soul

बस, बस, बस  तू  बस  उतना बता कैसे  मारा तूने प्रिया को    अबे साले वकील की   बच्चे  मतलब मेरे  बाप जायदाद  के मालिक साले तू&n...

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देवदूत By BALDEV RAJ BHARTIYA

कहानी देवदूतशांत. . . . . . एकदम शांत था सारा शहर। पिछले छह दिन से सड़कें सुनसान थी और बाजार बंद। न मोटर गाड़ियों की पौं-पौं और न ही कारखानों में मशीनों की घर्र घर्र। ऐसा लगता था...

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उसने आत्महत्या क्यो की (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

लेकिन रमेश ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया।ज्यों ज्यो बेटिका बड़ी हो रही थी।उनके खर्चे भी बढ़ रहे थे।आये दिन वे कोई नई फरमाइस कर देती।रमा उन्हें पिता के पास भेज देती।रमेश या तो उन्हें...

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भुलावा By Deepak sharma

भुलावा "स्मृति हमारी आत्मा के उसी अंश में वास करती है जिसमें कल्पना|" (मेमोरी बिलोंग्स टू द सेम पार्ट ऑफ द सोल एज इमेजिनेशन|) - अरस्तु   हरिगुण को मैंने फिर देखा|  र...

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अतीत के चल चित्र—(1) By Asha Saraswat

अतीत के चलचित्र। (1) सुबह सवेरे गर्मियों में मन करता था कि थोड़ी देर और सो लिया जाए क्योंकि सुबह की ठंडी हवा मन को इतनी अच्छी लगती कि मन प्रफु...

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फिर आएगा वसंत By Sunita Bishnolia

आएगा वसंत चम्पा चमेली, गेंदा, गुलाब..... ना जाने कितनी तरह के पौधे लगे हैं, इस बगीचे मेंं। हर क्यारी फूलों से गुलजार है हर डाली पर फूल खिले हैं । इठलाते गुलाब और शान दिखाते...

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लहरें By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “पढ़ाई के तो हम शुरू से चोर हैं ।” कहते हुए कानपुर की बीजू ने जाड़े के कारण लाल पड़ गयी नाक को ओवरकोट की बाँह में छुपा लिया । उसके कटे हुए बालों में से...

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बिटर पिल By Deepak sharma

बिटर पिल वेन इट स्नोज इन योर नोज़ यू कैच कोल्ड इन योर ब्रेन (‘हिम जब आपके नाक में गिरती है तो ठंडक आपके दिमाग़ को जा जकड़ती है’) –ऐलन गिंज बर्ग “यह मोटर किसकी...

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लौट जाओ शैली... - 3 - अंतिम भाग By Dr Vinita Rahurikar

भाग-3 जिम की वार्षिक पार्टी में शैली ने फिर विनीत के साथ खूब एंजॉय किया। विनीत के बेटे की तबीयत खराब होने की वजह से उसकी पत्नी नहीं आ पाई। शैली और विनीत देर तक डांस करते रहे। उस रा...

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मज़हब और इंसानियत By Lajpat Rai Garg

22 अगस्त, 2017 पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम महिलाओं के लिये आजादी-दिवस भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पांच माननीय जजों ने बहुमत से पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम...

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यादों के झरोखों से—निश्छल प्रेम (10) - अन्तिम भाग By Asha Saraswat

बात उन दिनों की है जब स्कूटर,मोटरसाइकिल,कार महिलाएँ बहुत ही कम चलाया करती थी । इंटरमीडिएट करने के बाद जब हमारा दाख़िला डिग्री कॉलेज में हुआ था ,तब हम सहेलियों...

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मेकिंगचार्ज By Ila Singh

मेकिंगचार्ज **************"टमाटर किस भाव? "बड़े-बड़े लाल-लाल टमाटर एक तरफ करते हुए बुजुर्गवार ने प्रश्न किया ।"सात रूपए किलो , बाबू जी !"सब्जी वाली तराजू सँभालते हुए बोली ।"सात रू...

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दिल्ली वाले चाचा By राज बोहरे

किशोरावस्था की कहानीयाँ : दिल्ली वाले चाचा अजय और अभय...

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फिल्मों में भद्दी गालियों का महत्त्व By Suvidha Gupta

आजकल की नई पीढ़ी फ़िल्मों से बहुत प्रेरित रहती है और कहने वाले ये भी कहते हैं कि फिल्में किसी समाज का दर्पण होती हैं। समाज में क्या चल रहा है, ज़्यादातर वही फिल्मों म...

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खेल नसीब का By Rama Sharma Manavi

एक घर में एक माता पिता की संतानें कितने अलग-अलग भाग्य लेकर पैदा होती हैं।किसी का भाग्य उसकी झोली खुशियों से भर देती है, तो कोई ताउम्र संघर्ष ही करता रह जाता है। सबसे बड़ी विनीता...

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BOYS school WASHROOM - 15 By Akash Saxena "Ansh"

"तुम लोगों को कहीं देखा है पहले…"प्रज्ञा सोचते हुए बोली "हाँ..हाँ ऑन्टी वो हम आपके घर के पास ही मे रहते हैँ, मिस्टर एंड मिसेस कांजी" हर्षित ने तुरंत ही जवाब दिया। विशाल "अच्छा तो ह...

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उम्र के दिसम्बर में By Gopal Mathur

गोपाल माथुर मैं इन खण्डहरों में बस यूँ ही आ गया हूँ. मुझे यहाँ एक अजीब सी सान्त्वना मिलती है, जैसे मैं बहुत दिनों बाद अपने किसी पुराने दोस्त से मिल रहा हूँ. सर्दियों की छितरी हुई ध...

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Suicide, Why? - Suicide Story 1: ज्योतिका By Anil Patel_Bunny

नवलकथा के बारे में: दोस्तों, हमारे आसपास, जान-पहचान वाले या अनजाने लोग, पता नहीं कितने लोग इस देश में आत्महत्या कर रहे है। रोज हम अखबार में, टीवी में ऐसी कई घटनाओं के बारे में सुन...

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जहाँ ईश्वर नहीं था - 4 - अंतिम भाग By Gopal Mathur

4 मैंने कहा, ”भले ही मुझे थाने ले चलो, पर उस बेचारी को कुछ खाने को तो दे दो. लगता है उसने सदियों से कुछ खाया नहीं है. बेचारी मर जाएगी.“ पुलिस वाला गुर्राया, ”वह ज...

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भद्र-लोक By Deepak sharma

भद्र-लोक सुजाता मुखर्जी हमेशा की तरह कॉलेज से पैदल अपने घर की ओर बढ़ रही थी कि एक गाड़ी उसके पास आकर रुकी| “मिसिज मुखर्जी, आइए मैं आपको ले चलती हूँ,” मिसिज भसीन ने कार की...

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आखिरी इच्छा By Sunita Bishnolia

आखिरी इच्छा 'छोरी रुक-रुक तैने मैं बताऊँ, भाग कै कठे जावैगी ।' कहती हुई दस साल की साँवली-सलोनी संजू आठ वर्षीय छोटी बहन मंजू के पीछे दौड़ पड़ी। आगे-आगे संजू पीछे-पीछे मंजू भ...

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होगी जय, होगी जय... हे पुरुषोत्तम नवीन! By Suryabala

सूर्यबाला बात फैल गई चारों ओर! जंगल की बात, जंगल की आग की तरह! अरुण वर्मा ने आज फिर एक ट्रक पकड़ा है, पकड़ा है तो खैर ऐसी कोई खास बात नहीं! सभी फॉरेस्‍टवाले पकड़ते रहते हैं। ऐस...

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महक By SURENDRA ARORA

मोबाईल की घंटी बजी तो हमेशा की तरह नंबर पर नजर गयी। कोई अनजाना सा नंबर था। चित्त सुबह से अनमना था। कोई काम तो क्या किसी से बात करने या किसी की बात सुनने की भी इच्छा नहीं हो रही थी।...

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एक दुनिया अजनबी - 45 - अंतिम भाग By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 45 - बड़ी अजीब सी बात थी लेकिन सच यही था कि प्रखर की माँ विभा मृदुला के साथ मंदा और जॉन से मिल चुकी थीं | जॉन ने जब यह बताया, मंदा के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई | "आ...

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अप्रत्याशित By Kishanlal Sharma

"आप राजेश बोल रहे है?"मोबाइल कान पर लगाते ही फिर वो ही आवाज सुनाई पड़ी थी।इस आवाज को वह पिछले कई दिनों से सुनता आ रहा था।"हां"राजेश बोला,"आप प्रगति बोल रही है?""तो आपने मुझे पहचान ल...

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अनमोल सौगात - 10 - अंतिम भाग By Ratna Raidani

भाग १० वर्तमान --- "टी टी टी टी टी टी" अलार्म के बजने से नीता विचारों की निद्रा से जाग गयी। वह रात भर नहीं सो पायी थी क्योंकि उस एक रात में वह अब तक की पिछली पूरी ज़िन्दगी यादों के...

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भारत के गावों में स्वतंत्रा संग्राम - 10 - अंतिम भाग By Brijmohan sharma

10 “झाँसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई”;ऐक ऐनाउंसरः प्रिय दर्शको! आज हम आपके समक्ष भारत की वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाटक पेश जा रहे है । (देखिये झाँसी के राज...

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ठौर-बेठौर By Deepak sharma

ठौर-बेठौर जिन डॉ. वशिष्ठ के पास मैं पत्नी को लेकर गया, वह शहर के सब से बड़े सरकारी अस्पताल में चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष रह चुके थे और अब एक प्रमुख नर्सिंग होम में रोगियों को भारी भ...

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सुंदरी By आदित्य अभिनव

सुंदरी अबुल हसन यों तो था पाँचवक्ती नमाजी लेकिन उसका उठना-बैठना हिंदुओं के साथ था। उसके रग-रग में भारतीय सभ्यता और संस्क...

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M by R.Singh By Mens HUB

Mby R.Singhरविवार की छुट्टी हल्की सी बर्फानी ठंड और मॉल के बाहर बिकते गरमा गरम पकोड़े, रोके न रुक पाए और पहुंच गए मॉल । वैसे कुछ खास खरीददारी तो करनी नहीं थी फिर भी पकोड़े बुला रहे थ...

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मेरा पति तेरा पति - 10 - अंतिम भाग By Jitendra Shivhare

10 एक साल के बाद ज्योति पहले से अधिक ठीक दिखाई दे रही थी। उसका हीमोग्लोबिन भी सामान्य हो चुका था। सबकुछ ठीक था। अविनाश उसे लिवाने आ पहूंचा। ज्योति को अपनी दोनों बच्चीयों के भविष्य...

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रामराज By राज कुमार कांदु

प्रिय प्रेरक पाठकों ,नमस्कार ! आज प्रस्तुत है मेरी एक पूर्वलिखित रचना जब माननीय महामहिम श्री रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था ।---------------–-----...

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Real Incidents - Incident 1: The Jacket By Anil Patel_Bunny

नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे...

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मेरी रोटी  By Alok Mishra

मेरी रोटी मैं आप में से एक हुँ , मेरे लिए महत्‍वपूर्ण है मेरी “रोटी” । वो “रोटी” जिसके लिए मैं दर- ब- दर भटकता हुँ , जिसके लिए मैं दूसरों की सुनता हुँ और वो रोटी जो चाँद...

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तीन टांगों वाली खाट By Sushma Tiwari

वह खाट दादी की थी। पिताजी के दादी की। तीन टांगों वाली। किसी ज़माने में उसके भी चार पाये थे और दादी को उसके सिवा कहीं नींद नहीं आती थी। दादी को सब ईश्वर के करीब मानते, शुद्ध आत्मा।...

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सर्प-पेटी By Deepak sharma

सर्प-पेटी जैसे ही दरवाजे की घण्टी बजी, मैं चौंककर जाग गई| “सुनिए,” मैंने पति को पुकारा, “मेरे गले में बहुत दर्द है, साँस एकदम घुटती-सी मालूम हो रही है.....|&rdquo...

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Broken with you... - 6 By Alone Soul

बस, बस, बस  तू  बस  उतना बता कैसे  मारा तूने प्रिया को    अबे साले वकील की   बच्चे  मतलब मेरे  बाप जायदाद  के मालिक साले तू&n...

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देवदूत By BALDEV RAJ BHARTIYA

कहानी देवदूतशांत. . . . . . एकदम शांत था सारा शहर। पिछले छह दिन से सड़कें सुनसान थी और बाजार बंद। न मोटर गाड़ियों की पौं-पौं और न ही कारखानों में मशीनों की घर्र घर्र। ऐसा लगता था...

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उसने आत्महत्या क्यो की (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

लेकिन रमेश ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया।ज्यों ज्यो बेटिका बड़ी हो रही थी।उनके खर्चे भी बढ़ रहे थे।आये दिन वे कोई नई फरमाइस कर देती।रमा उन्हें पिता के पास भेज देती।रमेश या तो उन्हें...

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भुलावा By Deepak sharma

भुलावा "स्मृति हमारी आत्मा के उसी अंश में वास करती है जिसमें कल्पना|" (मेमोरी बिलोंग्स टू द सेम पार्ट ऑफ द सोल एज इमेजिनेशन|) - अरस्तु   हरिगुण को मैंने फिर देखा|  र...

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अतीत के चल चित्र—(1) By Asha Saraswat

अतीत के चलचित्र। (1) सुबह सवेरे गर्मियों में मन करता था कि थोड़ी देर और सो लिया जाए क्योंकि सुबह की ठंडी हवा मन को इतनी अच्छी लगती कि मन प्रफु...

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फिर आएगा वसंत By Sunita Bishnolia

आएगा वसंत चम्पा चमेली, गेंदा, गुलाब..... ना जाने कितनी तरह के पौधे लगे हैं, इस बगीचे मेंं। हर क्यारी फूलों से गुलजार है हर डाली पर फूल खिले हैं । इठलाते गुलाब और शान दिखाते...

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लहरें By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ “पढ़ाई के तो हम शुरू से चोर हैं ।” कहते हुए कानपुर की बीजू ने जाड़े के कारण लाल पड़ गयी नाक को ओवरकोट की बाँह में छुपा लिया । उसके कटे हुए बालों में से...

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बिटर पिल By Deepak sharma

बिटर पिल वेन इट स्नोज इन योर नोज़ यू कैच कोल्ड इन योर ब्रेन (‘हिम जब आपके नाक में गिरती है तो ठंडक आपके दिमाग़ को जा जकड़ती है’) –ऐलन गिंज बर्ग “यह मोटर किसकी...

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लौट जाओ शैली... - 3 - अंतिम भाग By Dr Vinita Rahurikar

भाग-3 जिम की वार्षिक पार्टी में शैली ने फिर विनीत के साथ खूब एंजॉय किया। विनीत के बेटे की तबीयत खराब होने की वजह से उसकी पत्नी नहीं आ पाई। शैली और विनीत देर तक डांस करते रहे। उस रा...

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मज़हब और इंसानियत By Lajpat Rai Garg

22 अगस्त, 2017 पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम महिलाओं के लिये आजादी-दिवस भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पांच माननीय जजों ने बहुमत से पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम...

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यादों के झरोखों से—निश्छल प्रेम (10) - अन्तिम भाग By Asha Saraswat

बात उन दिनों की है जब स्कूटर,मोटरसाइकिल,कार महिलाएँ बहुत ही कम चलाया करती थी । इंटरमीडिएट करने के बाद जब हमारा दाख़िला डिग्री कॉलेज में हुआ था ,तब हम सहेलियों...

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मेकिंगचार्ज By Ila Singh

मेकिंगचार्ज **************"टमाटर किस भाव? "बड़े-बड़े लाल-लाल टमाटर एक तरफ करते हुए बुजुर्गवार ने प्रश्न किया ।"सात रूपए किलो , बाबू जी !"सब्जी वाली तराजू सँभालते हुए बोली ।"सात रू...

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दिल्ली वाले चाचा By राज बोहरे

किशोरावस्था की कहानीयाँ : दिल्ली वाले चाचा अजय और अभय...

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फिल्मों में भद्दी गालियों का महत्त्व By Suvidha Gupta

आजकल की नई पीढ़ी फ़िल्मों से बहुत प्रेरित रहती है और कहने वाले ये भी कहते हैं कि फिल्में किसी समाज का दर्पण होती हैं। समाज में क्या चल रहा है, ज़्यादातर वही फिल्मों म...

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खेल नसीब का By Rama Sharma Manavi

एक घर में एक माता पिता की संतानें कितने अलग-अलग भाग्य लेकर पैदा होती हैं।किसी का भाग्य उसकी झोली खुशियों से भर देती है, तो कोई ताउम्र संघर्ष ही करता रह जाता है। सबसे बड़ी विनीता...

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BOYS school WASHROOM - 15 By Akash Saxena "Ansh"

"तुम लोगों को कहीं देखा है पहले…"प्रज्ञा सोचते हुए बोली "हाँ..हाँ ऑन्टी वो हम आपके घर के पास ही मे रहते हैँ, मिस्टर एंड मिसेस कांजी" हर्षित ने तुरंत ही जवाब दिया। विशाल "अच्छा तो ह...

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उम्र के दिसम्बर में By Gopal Mathur

गोपाल माथुर मैं इन खण्डहरों में बस यूँ ही आ गया हूँ. मुझे यहाँ एक अजीब सी सान्त्वना मिलती है, जैसे मैं बहुत दिनों बाद अपने किसी पुराने दोस्त से मिल रहा हूँ. सर्दियों की छितरी हुई ध...

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Suicide, Why? - Suicide Story 1: ज्योतिका By Anil Patel_Bunny

नवलकथा के बारे में: दोस्तों, हमारे आसपास, जान-पहचान वाले या अनजाने लोग, पता नहीं कितने लोग इस देश में आत्महत्या कर रहे है। रोज हम अखबार में, टीवी में ऐसी कई घटनाओं के बारे में सुन...

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जहाँ ईश्वर नहीं था - 4 - अंतिम भाग By Gopal Mathur

4 मैंने कहा, ”भले ही मुझे थाने ले चलो, पर उस बेचारी को कुछ खाने को तो दे दो. लगता है उसने सदियों से कुछ खाया नहीं है. बेचारी मर जाएगी.“ पुलिस वाला गुर्राया, ”वह ज...

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भद्र-लोक By Deepak sharma

भद्र-लोक सुजाता मुखर्जी हमेशा की तरह कॉलेज से पैदल अपने घर की ओर बढ़ रही थी कि एक गाड़ी उसके पास आकर रुकी| “मिसिज मुखर्जी, आइए मैं आपको ले चलती हूँ,” मिसिज भसीन ने कार की...

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आखिरी इच्छा By Sunita Bishnolia

आखिरी इच्छा 'छोरी रुक-रुक तैने मैं बताऊँ, भाग कै कठे जावैगी ।' कहती हुई दस साल की साँवली-सलोनी संजू आठ वर्षीय छोटी बहन मंजू के पीछे दौड़ पड़ी। आगे-आगे संजू पीछे-पीछे मंजू भ...

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सूर्यबाला बात फैल गई चारों ओर! जंगल की बात, जंगल की आग की तरह! अरुण वर्मा ने आज फिर एक ट्रक पकड़ा है, पकड़ा है तो खैर ऐसी कोई खास बात नहीं! सभी फॉरेस्‍टवाले पकड़ते रहते हैं। ऐस...

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महक By SURENDRA ARORA

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एक दुनिया अजनबी - 45 - अंतिम भाग By Pranava Bharti

एक दुनिया अजनबी 45 - बड़ी अजीब सी बात थी लेकिन सच यही था कि प्रखर की माँ विभा मृदुला के साथ मंदा और जॉन से मिल चुकी थीं | जॉन ने जब यह बताया, मंदा के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई | "आ...

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अप्रत्याशित By Kishanlal Sharma

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अनमोल सौगात - 10 - अंतिम भाग By Ratna Raidani

भाग १० वर्तमान --- "टी टी टी टी टी टी" अलार्म के बजने से नीता विचारों की निद्रा से जाग गयी। वह रात भर नहीं सो पायी थी क्योंकि उस एक रात में वह अब तक की पिछली पूरी ज़िन्दगी यादों के...

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10 “झाँसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई”;ऐक ऐनाउंसरः प्रिय दर्शको! आज हम आपके समक्ष भारत की वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाटक पेश जा रहे है । (देखिये झाँसी के राज...

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ठौर-बेठौर By Deepak sharma

ठौर-बेठौर जिन डॉ. वशिष्ठ के पास मैं पत्नी को लेकर गया, वह शहर के सब से बड़े सरकारी अस्पताल में चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष रह चुके थे और अब एक प्रमुख नर्सिंग होम में रोगियों को भारी भ...

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सुंदरी By आदित्य अभिनव

सुंदरी अबुल हसन यों तो था पाँचवक्ती नमाजी लेकिन उसका उठना-बैठना हिंदुओं के साथ था। उसके रग-रग में भारतीय सभ्यता और संस्क...

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Mby R.Singhरविवार की छुट्टी हल्की सी बर्फानी ठंड और मॉल के बाहर बिकते गरमा गरम पकोड़े, रोके न रुक पाए और पहुंच गए मॉल । वैसे कुछ खास खरीददारी तो करनी नहीं थी फिर भी पकोड़े बुला रहे थ...

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मेरा पति तेरा पति - 10 - अंतिम भाग By Jitendra Shivhare

10 एक साल के बाद ज्योति पहले से अधिक ठीक दिखाई दे रही थी। उसका हीमोग्लोबिन भी सामान्य हो चुका था। सबकुछ ठीक था। अविनाश उसे लिवाने आ पहूंचा। ज्योति को अपनी दोनों बच्चीयों के भविष्य...

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रामराज By राज कुमार कांदु

प्रिय प्रेरक पाठकों ,नमस्कार ! आज प्रस्तुत है मेरी एक पूर्वलिखित रचना जब माननीय महामहिम श्री रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था ।---------------–-----...

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नवलकथा के बारे में: दोस्तों हमारे आसपास या फिर हमारे साथ कई सारी घटनाएं बनती रहती है। कुछ अच्छी घटनाएं बनती है तो कुछ बुरी घटनाएं। कुछ घटनाएं आंख में आंसू ले आती है, कुछ होंठों पे...

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मेरी रोटी  By Alok Mishra

मेरी रोटी मैं आप में से एक हुँ , मेरे लिए महत्‍वपूर्ण है मेरी “रोटी” । वो “रोटी” जिसके लिए मैं दर- ब- दर भटकता हुँ , जिसके लिए मैं दूसरों की सुनता हुँ और वो रोटी जो चाँद...

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तीन टांगों वाली खाट By Sushma Tiwari

वह खाट दादी की थी। पिताजी के दादी की। तीन टांगों वाली। किसी ज़माने में उसके भी चार पाये थे और दादी को उसके सिवा कहीं नींद नहीं आती थी। दादी को सब ईश्वर के करीब मानते, शुद्ध आत्मा।...

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सर्प-पेटी By Deepak sharma

सर्प-पेटी जैसे ही दरवाजे की घण्टी बजी, मैं चौंककर जाग गई| “सुनिए,” मैंने पति को पुकारा, “मेरे गले में बहुत दर्द है, साँस एकदम घुटती-सी मालूम हो रही है.....|&rdquo...

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