हास्य कथाएं कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का  By Ravinder Sharma

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उ...

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हंसी के महा ठहाके - 5 - इश्क़ का चक्कर भाग 1 By Dr Yogendra Kumar Pandey

भाग 5 :इश्क़ का चक्कर भाग 1 आजकल इश्क़ के तौर-तरीके बदल गए हैं। पहले प्रेम तो विवाह के बाद ही होता था। शादियां इस तरह की होती थीं कि माता पिता ने जहां विवाह निश्चित कर दिया; लड़का...

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बीमार काका By धरमा

एक बार एक गांव में एक काका बहुत बीमार हो गए और उन्हें पास के ही एक शहर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । कुछ दिन बीत जाने के बाद गांव के लोगों ने आपस में ये तय किया कि सब मिलकर शहर...

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यादें बचपन की By दिनू

यादें बचपन की पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें... पढ़ाई का तनाव हम...

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मॉडर्न श्रधा By Arun Singla

मॉडर्न श्रधा श्रीमती तिवारी तमतमाए चेहरे के साथे घर के बाहर इधर-उधर देख रही थी। बात ये थी की आज नवमी थी, और उसे सात कन्जिकाओं यानी सात छोटी कन्याओं और एक लोक्डा यानी एक छोटा बच्चे...

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पृथ्वीराज तृतीय शाकंभरी चौहान शासक By Dr. Bhairavsinh Raol

सातवीं शताब्दी के दौरान प्रतिहारो के एक सामंत वासुदेव ने शाकंभरी में चौहान वंश की स्थापना की थी। शाकंभरी नगर सांभर और अजमेर के निकट अवस्थित है। चौहान शासकों का प्राचीन भारत के इतिह...

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अंधविश्वास By प्रियंका

सन 2017 में राजस्थान में एक आतंक फैला था, जिसका नाम था -"गंजी देवी का आतंक" सब कुछ ठीक चल रहा था। बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां हो गई थी। सभी बच्चे अपनी नानी और दादी के घर घूमने...

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मध्यकालीन युग में गुजरात में चालुक्य शासन: By Dr. Bhairavsinh Raol

मध्य कालीन युग में गुजरात में चावड़ा राजवंश के राजपूतों राजाओं ने ६९० से ९४० (२५०वर्ष) तक; चालुक्य राजवंश के राजाओ ने ईस्वी ९४० से १२४३(३०३ वर्ष ) और बघेला राजाओं ने १२४४ से १३०४ (...

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सिखों के नाम के पीछे सिंह और कौर क्यों और कब से लगाया जाता है? By Dr. Bhairavsinh Raol

सिखों द्वारा सिंह उपनाम अपनाया जाने सेका इतिहास:सिख समुदाय में सिंह शब्द का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है।आज प्रत्येक सिख के नाम के पीछे सिंह शब्द का प्रयोग किया जाता हैं। सिख सम्प्...

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यशवंत कोठारी के पञ्च By Yashvant Kothari

यशवंत कोठारी के पञ्च    निवासी यशवंत कोठारी जी Yashwant Kothari अध्यापक, लेखक, घुमक्कड़, उपन्यासकार सामाजिक कार्यकर्ता व्यंग्यकार मने क्या नहीं हैं। मतलब बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।...

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एक लव लैटर जो धड़कन बढ़ा दे By Megha Rathi

एक लव लैटर, जो धड़कन बढ़ा देसुनो न मेरी ओरिजनल पत्नी,कितने दिनों से नाराज हो तुम... अभी जाने कब तक रहने का इरादा है तुम्हारा,ये तुमको ही पता होगा लेकिन हमसे अब यह नाराजगी सहन नहीं...

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कोई दुःख ना हो तो बकरी लो.... By Saroj Verma

उन दिनों दूध की तकलीफ थी. कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहीरों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं. दो-चार दिन तो दूध अच्छा, मिलता फिर मिलावट शुरू हो जाती. कभी शिकायत होती दूध फट गया, क...

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मैं भारतीयों को जानता हूं, वे मेरे मरने पर आंसू नहीं बहाएंगे By Jatin Tyagi

वह अपने अंतिम दिनों में कहा करते थे, 'हिंदुस्तान की हॉकी ख़त्म हो गई है। ख़िलाड़ियों में डिवोशन (लगन) नहीं है। जीतने का जज़्बा ख़त्म हो गया है।' अपनी मौत से दो महीने पहले उन्होंने क...

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भैया जी का कैंडल मार्च By Arun Singla

“अरे जल्दी से आ जाओ, कैंडल मार्च शुरू होने वाला है,” भैयाजी ने नीचे सड़क से हमे ऊपर देखते हुए कहा। वे खुशी से फुले नही समा रहे थे, समाये भी क्यों ना, आज उनके बुलाने से 100 से ज्यादा...

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मासूम एडवेंचर By Arun Singla

मासूम एडवेंचर हमारी भाभी जी हाउस वाइफ हैं,और अपने घर परिवार में मस्त रहती हैं, या यूँ कहिये की उनकी दुनिया परिवार, रिश्तदारों, सगे सम्बन्धियों, और मेड तक ही सीमित थी. वें रहती तो द...

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शॉपिंग का ज्ञान By Arun Singla

“भाई एक फडकती हुई खबर तुझे देनी है, खुश हो जा“ फ़ोन पर मेरा दोस्त तरुण चहचहा रहा था “क्यों, तेरे घर दीपिका आ रही है” “हाय, ऐसी किस्मत कहाँ, दीपिका तो नही आ रही, उसने ठंडी आह भरी, पर...

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भारतीय रेल: सुविधा में दुनिया नंबर एक By Arun Singla

हेरान ना हों, कि हमारी भारतीय रेल और सुविधा देने में विश्व में नंबर एक, हो ही नहीं सकता. बिलकुल हो सकता है, बल्की हुआ है, यकीन नहीं होत्ता तो मेरी आपबीती सुने. हुआ यह था की हमे अपन...

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खाली दिमाग By Megha Rathi

खाली दिमागसब कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है। सुना तो मैंने भी यही है मगर ये दिमाग कभी खाली होता भी है क्या? वो क्या है न कि विज्ञान कहता है कि दिमाग ही पूरे शरीर को संचालित...

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एक राजा की बेटी वेश्या कैसे बनी By Jatin Tyagi

भारत में राजाओं के ऐसे कई किले हैं, जो अपने आप में एक अनूठी कहानी समेटे हुए हैं। यह किले भारत की शान तो कहे जाते हैं, साथ ही साथ यहां कुछ ऐसी रहस्यमई बातें भी हैं, जो लोगों को सोचन...

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शादी का लड्डू By Saroj Prajapati

"सभी लड़कियां एक जैसी नहीं होती हैं। कब तक तू अकेला मम्मी पापा की देखभाल करेगा! तुझे जरूरत हो ना हो लेकिन उन्हें एक बहू की जरूरत है। तू तो सुबह नौकरी पर निकलता है और रात को ही घर म...

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मालगाड़ी का सफ़र - 3 (अन्तिम भाग ) By शिव प्रसाद

भाग - ३ ( अन्तिम भाग ) मालगाड़ी को रुके कुछ देर हो चुकी थी, लेकिन डिब्बे के भीतर की शून्यता शायद विनोद के दिमाग में भी फैल गई थी । इसीलिए झटके और धक्कों का थम जाना वह तुरन्त भाँप नह...

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फेसबुकिया पर्यावरण विशेषज्ञ By Archana Anupriya

"फेसबुकिया पर्यावरण विशेषज्ञ"कोरोना ने और जो भी क्षति समाज को पहुँचायी हो, एक काम तो बहुत अच्छा किया है कि रातों-रात सोशल मीडिया पर पर्यावरण विशेषज्ञों की बाढ़ सी ला दी है।जिस-जिस...

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विलेन्स की महफ़िल... By Saroj Verma

रात बारह बजे काली पहाड़ी पर बने, मातृभारती फाइवस्टार क्लब में पार्टी का आयोजन हुआ,सभी नए पुराने विलेन को न्यौता पहुँचा.... सबसे ज्यादा जल्दी मची थी रंजीत साहब को ,तो वो सबसे पहले पह...

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जुबाँ पे लागा रे जायका चुगली का... By Saroj Verma

चुगली चुगलखोरों का हेल्थ टाँनिक है,चुगलखोर कभी भी इस टाँनिक के बिना नहीं रह सकते ,चुगली उनके लिए सबसे बड़ा योग है व्यायाम है,चुगली करने से मस्तिष्क संतुलित रहता हैं,नियमित चुगली करन...

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एक संदेश... By Saroj Verma

रात बारह बजे का वक्त..... आलू प्रसाद जी के फोन की घंटी बजती है... उन्होंने फोन उठाया और बात करने के बाद उनके चेहरे का रंग उड़ गया, उन्होंने उसी समय अपनी लालटेन उठाई और घर से बाहर ज...

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मातृभारती प्रयोगशाला.... By Saroj Verma

आधी रात का समय करीब बारह बजे होगें,मैं कहीं किसी सड़क पर चली जा रहीं थीं, कहाँ ?ये मुझे खुद नहीं पता था,तभी पीछे से किसी शख्स की लालटेन की रौशनी ने मुझे डरा दिया और वो गाना गाते हुए...

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बैटमैन इन इण्डिया... By Saroj Verma

दिल्ली के इन्दिरा गांधी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट पर इतनी भीड़ इकट्ठी थी जितनी की तब भी इकट्ठी नहीं हुई थी जब भारत की क्रिकेट टीम वर्ल्डकप जीतकर लौटी थी।। अब उसका कारण था कि भारत में एक च...

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होली उमंग By Mukteshwar Prasad Singh

1 होली के रंग गुलाल ------------------ होली है डाल,लाल रंग वो गुलाल, लाज शरम आज कहाँ, ना कोई सवाल। बड़ा छोटा एक संग करें मिल बवाल, मस्ती में डूब जाएं चलें वेढब चाल। गाँव नगर ढोल बजे...

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प्रेम क्या है ? By ArUu

कुछ लोगों ने मोहब्बत जैसे पाक रिश्ते को इस हद तक बदनाम कर रखा है की मोहब्बत का नाम सुनते ही लोगों के मन में GF_BF वाली इमेज बनने लगती है... मुझे नहीं लगता ये सही है। दो टके के ये र...

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एक सफर ऐसा भी... By Shwet Kumar Sinha

बात करीब बीस वर्ष पुरानी है। मैं अपने माता–पिता और छोटी बहन के साथ लोकल ट्रेन पकड़ दूसरे शहर को जा रहा था। ट्रेन के जिस डब्बे में हम सब चढ़े थें, उसमें भीड़–भाड़ न के बराबर थी। इसल...

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सरकारी संन्यास (हास्य व्यंग) By Mohit Trendster

[नोट – यह एक हास्य कहानी है, इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। (स्वयं लेखक कई प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल हो चुके हैं।)] आज संवाददाता विकास, झेलम कस्बे की बड़ी...

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दो समधी By Shwet Kumar Sinha

घर नजदीक होने के कारण सप्ताहांत में मैं लोकल बस पकड़कर घर चला जाया करता था । इस शनिवार भी घर जाने को बस पकड़ा और खिड़की वाली सीट पर आकर बैठ गया । बस खुली । कुछेक किलोमीटर आगे जाकर एक...

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एक और गप्प... By Saroj Verma

सुबह सुबह आज उठी तो पड़ोसियों के घर से कुछ शोर आता हुआ सुनाई दिया,सोचा उनसे जाकर पूछ लूँ कि आखिर माजरा क्या है? पड़ोसिन बोली..... बच्चे आज नदी में नहाने की जिद कर रहे हैं लेकिन हमा...

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गप्प... लपेटो लपेटो... By Saroj Verma

चींटी ने भारत के राष्ट्रपति को फोन किया..... राष्ट्रपति जी के टेबल पर रखें टेलीफोन की घंटी बजी और राष्ट्रपति जी ने फोन उठाकर पूछा.... हैलों! माई सेल्फ प्रेसीडेंट आँफ इण्डिया..... उ...

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ऑफ़िस - ऑफ़िस - 4 By R.KapOOr

लेकिन अक्सर लोग अपनी पत्नी के साथ बहुत लंबी बात नहीं करते, शॉर्ट में ही निपटा देते हैं, उसने भी वैसा ही किया।"यार सब्ज़ी लेकर आने को बोल रही थी..."उसने बैल बजायी और चपरासी को बुलाया...

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तकदीर By धृतराष्ट्र सुमन

वर्ष 2014 में वजीर एक्स नाम की एक क्रिप्टो करेंसी की एप्प लाॅन्च हुई, मैंने तैयारी के साथ साथ एक होटल में पार्ट टाईम कैशियर का काम करना शुरू किया वेतन सात हजार के लगभग था, सुबह अपन...

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दही और छांछ By धृतराष्ट्र सुमन

श्री मोहन चैधरी जी अपने गांव के बडे पंण्डित थे और इसी पंण्डित तबके के कारण लोगों में उनकी एक अलग और ऊंची छवी थी, गांव के सब जाति के लोग उनकी बहुत ही इज्जत करते थे, किसी भी मामले मे...

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झूलती मौत - व्हाट्सएप का धोखा By Saroj Verma

जी! यहाँ मिस्टर आशीष चतुर्वेदी कौन हैं? आँफिस के अन्दर घुसती हुई पुलिस में से इन्सपेक्टर ने पूछा।। लेकिन इन्सपेक्टर साहब बात क्या है? आँफिस के एक सज्जन ने पूछा।। पहले आप टी. वी. पर...

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पप्पी By R.KapOOr

हास्य लघुकथा (ये केवल एक काल्पनिक कहानी है जो केवल पाठकों के मनोरंजन के लिये ही लिखी गई है )बहुत से किस्से हमारी ज़िंदगी में ऐसे होते हैं जो बाद में याद करने पर मन गदगद हो जाता है...

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लौट के बुद्धू घर को आये (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

"मैं तो छोटे थे तब एक शादी में आये थे।"मरी सी आवाज में उस बुजर्ग ने जवाब दिया था।ड्राइवर ने कंडक्टर से कहा"नीचे उतरकर पता लगाओ ज़रा।"दूल्हे के बड़ा भाई ही कर्ता धर्ता था।उसी ने रिश...

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चौकीदार By R.KapOOr

बात बहुत पुरानी तो नहीं है। मकरसंक्रांति का दिन था, मैं पतंगे उड़ाने के लिए डोर और पतंगें ले कर छत पर आ गया । चूंकि फ्लैट्स में छत कॉमन ही होती है, तो वहां एक लड़का और भी था जो पहले...

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किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का  By Ravinder Sharma

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उ...

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भाग 5 :इश्क़ का चक्कर भाग 1 आजकल इश्क़ के तौर-तरीके बदल गए हैं। पहले प्रेम तो विवाह के बाद ही होता था। शादियां इस तरह की होती थीं कि माता पिता ने जहां विवाह निश्चित कर दिया; लड़का...

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बीमार काका By धरमा

एक बार एक गांव में एक काका बहुत बीमार हो गए और उन्हें पास के ही एक शहर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा । कुछ दिन बीत जाने के बाद गांव के लोगों ने आपस में ये तय किया कि सब मिलकर शहर...

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मॉडर्न श्रधा By Arun Singla

मॉडर्न श्रधा श्रीमती तिवारी तमतमाए चेहरे के साथे घर के बाहर इधर-उधर देख रही थी। बात ये थी की आज नवमी थी, और उसे सात कन्जिकाओं यानी सात छोटी कन्याओं और एक लोक्डा यानी एक छोटा बच्चे...

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पृथ्वीराज तृतीय शाकंभरी चौहान शासक By Dr. Bhairavsinh Raol

सातवीं शताब्दी के दौरान प्रतिहारो के एक सामंत वासुदेव ने शाकंभरी में चौहान वंश की स्थापना की थी। शाकंभरी नगर सांभर और अजमेर के निकट अवस्थित है। चौहान शासकों का प्राचीन भारत के इतिह...

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अंधविश्वास By प्रियंका

सन 2017 में राजस्थान में एक आतंक फैला था, जिसका नाम था -"गंजी देवी का आतंक" सब कुछ ठीक चल रहा था। बच्चों को गर्मियों की छुट्टियां हो गई थी। सभी बच्चे अपनी नानी और दादी के घर घूमने...

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मध्यकालीन युग में गुजरात में चालुक्य शासन: By Dr. Bhairavsinh Raol

मध्य कालीन युग में गुजरात में चावड़ा राजवंश के राजपूतों राजाओं ने ६९० से ९४० (२५०वर्ष) तक; चालुक्य राजवंश के राजाओ ने ईस्वी ९४० से १२४३(३०३ वर्ष ) और बघेला राजाओं ने १२४४ से १३०४ (...

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यशवंत कोठारी के पञ्च By Yashvant Kothari

यशवंत कोठारी के पञ्च    निवासी यशवंत कोठारी जी Yashwant Kothari अध्यापक, लेखक, घुमक्कड़, उपन्यासकार सामाजिक कार्यकर्ता व्यंग्यकार मने क्या नहीं हैं। मतलब बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।...

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उन दिनों दूध की तकलीफ थी. कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहीरों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं. दो-चार दिन तो दूध अच्छा, मिलता फिर मिलावट शुरू हो जाती. कभी शिकायत होती दूध फट गया, क...

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मैं भारतीयों को जानता हूं, वे मेरे मरने पर आंसू नहीं बहाएंगे By Jatin Tyagi

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भैया जी का कैंडल मार्च By Arun Singla

“अरे जल्दी से आ जाओ, कैंडल मार्च शुरू होने वाला है,” भैयाजी ने नीचे सड़क से हमे ऊपर देखते हुए कहा। वे खुशी से फुले नही समा रहे थे, समाये भी क्यों ना, आज उनके बुलाने से 100 से ज्यादा...

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मासूम एडवेंचर By Arun Singla

मासूम एडवेंचर हमारी भाभी जी हाउस वाइफ हैं,और अपने घर परिवार में मस्त रहती हैं, या यूँ कहिये की उनकी दुनिया परिवार, रिश्तदारों, सगे सम्बन्धियों, और मेड तक ही सीमित थी. वें रहती तो द...

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खाली दिमाग By Megha Rathi

खाली दिमागसब कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है। सुना तो मैंने भी यही है मगर ये दिमाग कभी खाली होता भी है क्या? वो क्या है न कि विज्ञान कहता है कि दिमाग ही पूरे शरीर को संचालित...

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भारत में राजाओं के ऐसे कई किले हैं, जो अपने आप में एक अनूठी कहानी समेटे हुए हैं। यह किले भारत की शान तो कहे जाते हैं, साथ ही साथ यहां कुछ ऐसी रहस्यमई बातें भी हैं, जो लोगों को सोचन...

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शादी का लड्डू By Saroj Prajapati

"सभी लड़कियां एक जैसी नहीं होती हैं। कब तक तू अकेला मम्मी पापा की देखभाल करेगा! तुझे जरूरत हो ना हो लेकिन उन्हें एक बहू की जरूरत है। तू तो सुबह नौकरी पर निकलता है और रात को ही घर म...

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मालगाड़ी का सफ़र - 3 (अन्तिम भाग ) By शिव प्रसाद

भाग - ३ ( अन्तिम भाग ) मालगाड़ी को रुके कुछ देर हो चुकी थी, लेकिन डिब्बे के भीतर की शून्यता शायद विनोद के दिमाग में भी फैल गई थी । इसीलिए झटके और धक्कों का थम जाना वह तुरन्त भाँप नह...

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एक संदेश... By Saroj Verma

रात बारह बजे का वक्त..... आलू प्रसाद जी के फोन की घंटी बजती है... उन्होंने फोन उठाया और बात करने के बाद उनके चेहरे का रंग उड़ गया, उन्होंने उसी समय अपनी लालटेन उठाई और घर से बाहर ज...

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आधी रात का समय करीब बारह बजे होगें,मैं कहीं किसी सड़क पर चली जा रहीं थीं, कहाँ ?ये मुझे खुद नहीं पता था,तभी पीछे से किसी शख्स की लालटेन की रौशनी ने मुझे डरा दिया और वो गाना गाते हुए...

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1 होली के रंग गुलाल ------------------ होली है डाल,लाल रंग वो गुलाल, लाज शरम आज कहाँ, ना कोई सवाल। बड़ा छोटा एक संग करें मिल बवाल, मस्ती में डूब जाएं चलें वेढब चाल। गाँव नगर ढोल बजे...

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प्रेम क्या है ? By ArUu

कुछ लोगों ने मोहब्बत जैसे पाक रिश्ते को इस हद तक बदनाम कर रखा है की मोहब्बत का नाम सुनते ही लोगों के मन में GF_BF वाली इमेज बनने लगती है... मुझे नहीं लगता ये सही है। दो टके के ये र...

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एक सफर ऐसा भी... By Shwet Kumar Sinha

बात करीब बीस वर्ष पुरानी है। मैं अपने माता–पिता और छोटी बहन के साथ लोकल ट्रेन पकड़ दूसरे शहर को जा रहा था। ट्रेन के जिस डब्बे में हम सब चढ़े थें, उसमें भीड़–भाड़ न के बराबर थी। इसल...

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घर नजदीक होने के कारण सप्ताहांत में मैं लोकल बस पकड़कर घर चला जाया करता था । इस शनिवार भी घर जाने को बस पकड़ा और खिड़की वाली सीट पर आकर बैठ गया । बस खुली । कुछेक किलोमीटर आगे जाकर एक...

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एक और गप्प... By Saroj Verma

सुबह सुबह आज उठी तो पड़ोसियों के घर से कुछ शोर आता हुआ सुनाई दिया,सोचा उनसे जाकर पूछ लूँ कि आखिर माजरा क्या है? पड़ोसिन बोली..... बच्चे आज नदी में नहाने की जिद कर रहे हैं लेकिन हमा...

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गप्प... लपेटो लपेटो... By Saroj Verma

चींटी ने भारत के राष्ट्रपति को फोन किया..... राष्ट्रपति जी के टेबल पर रखें टेलीफोन की घंटी बजी और राष्ट्रपति जी ने फोन उठाकर पूछा.... हैलों! माई सेल्फ प्रेसीडेंट आँफ इण्डिया..... उ...

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ऑफ़िस - ऑफ़िस - 4 By R.KapOOr

लेकिन अक्सर लोग अपनी पत्नी के साथ बहुत लंबी बात नहीं करते, शॉर्ट में ही निपटा देते हैं, उसने भी वैसा ही किया।"यार सब्ज़ी लेकर आने को बोल रही थी..."उसने बैल बजायी और चपरासी को बुलाया...

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तकदीर By धृतराष्ट्र सुमन

वर्ष 2014 में वजीर एक्स नाम की एक क्रिप्टो करेंसी की एप्प लाॅन्च हुई, मैंने तैयारी के साथ साथ एक होटल में पार्ट टाईम कैशियर का काम करना शुरू किया वेतन सात हजार के लगभग था, सुबह अपन...

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दही और छांछ By धृतराष्ट्र सुमन

श्री मोहन चैधरी जी अपने गांव के बडे पंण्डित थे और इसी पंण्डित तबके के कारण लोगों में उनकी एक अलग और ऊंची छवी थी, गांव के सब जाति के लोग उनकी बहुत ही इज्जत करते थे, किसी भी मामले मे...

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झूलती मौत - व्हाट्सएप का धोखा By Saroj Verma

जी! यहाँ मिस्टर आशीष चतुर्वेदी कौन हैं? आँफिस के अन्दर घुसती हुई पुलिस में से इन्सपेक्टर ने पूछा।। लेकिन इन्सपेक्टर साहब बात क्या है? आँफिस के एक सज्जन ने पूछा।। पहले आप टी. वी. पर...

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पप्पी By R.KapOOr

हास्य लघुकथा (ये केवल एक काल्पनिक कहानी है जो केवल पाठकों के मनोरंजन के लिये ही लिखी गई है )बहुत से किस्से हमारी ज़िंदगी में ऐसे होते हैं जो बाद में याद करने पर मन गदगद हो जाता है...

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लौट के बुद्धू घर को आये (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

"मैं तो छोटे थे तब एक शादी में आये थे।"मरी सी आवाज में उस बुजर्ग ने जवाब दिया था।ड्राइवर ने कंडक्टर से कहा"नीचे उतरकर पता लगाओ ज़रा।"दूल्हे के बड़ा भाई ही कर्ता धर्ता था।उसी ने रिश...

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चौकीदार By R.KapOOr

बात बहुत पुरानी तो नहीं है। मकरसंक्रांति का दिन था, मैं पतंगे उड़ाने के लिए डोर और पतंगें ले कर छत पर आ गया । चूंकि फ्लैट्स में छत कॉमन ही होती है, तो वहां एक लड़का और भी था जो पहले...

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