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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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जिंदगी के रंग हजार - 14 By Kishanlal Sharma

आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160 रु किलीचने 100 रु किलोआप कोई सी भी दाल ले ले या चने,मोठ, साबुत मशहूर या कोई और सबके दाम बढे है।गेंहू का आटा चक्की से पहल...

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संवाद By Kishanlal Sharma

(नैतिकता अनैतिकता के प्रश्नों को रेखांकित करती पौराणिक प्रसंग पर आधारित काल्पनिक कथा)मैं सुहागसेज पर घूँघट निकालकर बैठी पति के आने का इन तजार कर रही थी।प्रथम मिलन की रात्रि मन मे उ...

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जो पकड़ा जाए वो चोर. बाकी चरित्रवान By Review wala

जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्तये कैसा न्याय है, ये कैसा विध्वंस हैजो बोले सच वो देशद्रोही, जो छुपाए झूठ वो देशहितैषीये कैसा लोजिक है, ये कैसा तर्क हैजो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी द...

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सरकारी समाचार जलेबी जेसे By Review wala

सरकारी समाचार खुशी देते हैं ( जलेबी जैसे टेढ़े मेढे समाचार,मीठे भी)आज पूरे देश मे सूर्य खिला हुआ है,बारिश के आसार नही हैं ,पर विपक्ष इस पर अफवाहे फेला रहा हैहर तरफ मस्ती छाई हैपक्ष...

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स्वच्छ भ्रष्टाचार पर कुछ घटिया रचनाएँ By Review wala

य़ह  व्यंग्यात्मक कविता है जो भ्रष्टाचार पर आधारित है:भ्रष्टाचार का खेलनेता और अफसर का, समझौता है निराला,भ्रष्टाचार की गंगा में, सबने हाथ डाला।जनता की सेवा का, करते हैं ये दावा,पर...

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बिक गए हैं जो वो सवाल. नहीं पूछते By Review wala

(लॉजिक सो रही हैं हमारी आपकी  और मीडिया की)हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक दिख रही है,मीडिया जैसे नशे में है,कोई भी पृष्ण नहीं!आंकड़े अलग थलग करके देख के खुश होते हैं या दुखी भ...

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टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 6 By Sonu Kasana

तीन भाइयों का जीवन का ज्ञानप्राचीन समय की बात है। एक गाँव में तीन भाई—विजय, विक्रम और वासुदेव—अपने माता-पिता के साथ रहते थे। तीनों भाई अपने पिता से विद्या प्राप्त करना चाहते थे और...

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रेत के घरौंदे सा By DINESH KUMAR KEER

1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा बैठा है...! 2.कब आपकी आँखों में हमें मिलेगी पनाह,चाहे इसे समझो दिल्लगी या समझो गुनाह,अब भले ही ह...

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फिजा में हरियाली तुमसे है By DINESH KUMAR KEER

1.कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते, हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!2.सुनो... बहुत सारी बातें जमा हो गयी है करने को तुमसे, मेरे लिए तुम... एक दिन इतवार हो जाओ...

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आपकी नजरों ने समझा By DINESH KUMAR KEER

1.साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब हम साथ हैं दोस्तों,कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा...2.मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे...

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यूंही अच्छे लगते हो By DINESH KUMAR KEER

1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे हैं...!3.कितनो को पसंद थी तुम पर,मेरी...

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सांसों में बसे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या,गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...3.हम भी अब मोहब्बत के गीत ग...

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रिश्ता अनोखा सरलता का By DINESH KUMAR KEER

1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं अब्र बिखरा रही हूं,अपने हिस्से का सारा सब्र बिखरा रही हूं,बिखरा र...

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देखो फूल रूठ गए By DINESH KUMAR KEER

1.जिस राह पर अब हम हैं,घर तुम्हारा पीछे छूट गया,शीशे का महल था,शब्द कंकरों से,छन से टूट गया...2.बाज़ार का हुस्न भी कुछ कम नहीं,रंगो और साजो सामान से भरा है,अपनी ही कहानी कहता है,और...

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किस्मत ने बांधा (एक डोर से) By DINESH KUMAR KEER

1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां की तरह अजनबी सा लगा,रात दिन जिसकी आस रहती थी कभी,वो अब मुझे मेरी तिश्नगी नहीं लगा...2.एक सहारा तुम्...

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चलो मुस्कुरा दो अब By DINESH KUMAR KEER

1.अपनी अच्छाई पे तुम भरोसा रखना,बंद मत करना खुद को,किसी कमरे में,बंद कमरे में भी अपने लिए,खुला एक झरोखा रखना,बहुत रोकेंगे लोग तुम्हें,हंसने मुस्कुराने से,तुम रुकना नहीं किसी भी हाल...

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किस्मत की डोरी से बंधे दिल By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के रंग में रंगने से अच्छा है, अपनी पसंद के रंगों का ख्याल रखो, बेरंग ना हो जाओ बस यूँ ही किसी की ख़ातिर, तुम अपनी पसंद ना पसंद से प्यार रखो...2.वो शख्स बड़ा ही दिलदार था,दिल...

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तू है मेरी जिन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1.इश्क की गहराइयों में खोकर,दिल की हर धड़कन उसे याद करती है।प्यार की बातों में गुम हो जाना,वही सच्चा इश्क है, जो दिल को बेखुद बना देता है।2.ख्वाबों की दुनिया में खोकर,तेरी बाहों मे...

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कांटे भी नहीं चुभते By DINESH KUMAR KEER

1.किस हद तक इंतजार करें कोई, गुलाब कब तक ताज़ा रहेगा... आखिर ?2.वो हमसें जुदा होकर ग़ैरों पे फिदा हो गएक्या वाक़ई मोहब्बत के ऐसे ख़ुदा होते हैं,3.गुजर रही है ये जिन्दगी बड़े ही नाजुक...

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तन मेरा महका है By DINESH KUMAR KEER

1.तन मेरा महका है जब - जब ख़्याल तुम्हारा महका है, इत्र से भला क्या काम मुझे अब तुम्हारा जिक्र ऐसा है...!!2.निहार रहे हैं तुम्हें बिना पलक झपकाये,क्या पता तुमसे कब नजर मिल जाये...!...

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तुमको पाने की तमन्ना By DINESH KUMAR KEER

1.हे सुनो,ऐसा करते है,तुम पे मरते हैहमने वैसे भी तो,मर ही जाना है... 2.सुबह तेरी बातों मेंदोपहर तेरे ख्यालों मेंशाम तेरे इंतज़ार मेंरात तेरी यादों में गुज़रती हैभला कौन कहता है ये इश...

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निगाहें लाख चुरा लो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.मैं "हिंदी" का "आलिंगन" हूँ, वो "उर्दू" में "आग़ोश"उसको मेरे "बाजुओं" में सुकूँन है, मैं उसकी "बाहों" में मदहोश...!!2.बड़ी तबियत से पूछाउसनेकि कौन हूँ मैं... एक मुस्कान के साथहमने...

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शब्दों का संसार By DINESH KUMAR KEER

1.यह 'शब्दों का संसार' तुम न समझोगे,इससे मेरा प्यार भी तुम न समझोगे, तुम नहीं जानते मन से भाव चुरा लाना, किसी के उद्दगार को मान दिला पाना,प्यार के अनगिने रंगो की बारीकियां,...

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पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह - बातें जो कही नहीं गईं By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षाकाव्य संग्रह - "बातें जो कही नहीं गईं"                            समीक्षक = सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उ.प्र.)     सरल सहज मृदुभाषी कवयित्री मीनाक्षी सिंह की "बातें...

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निर्मला By DINESH KUMAR KEER

1.दोस्तकिशोरी लाल एक किसान थे। उनके दो बेटे थे- जीवा और मोती। जीवा अपने पिता के काम में हाथ बँटाता था, पर मोती सिर्फ गाँव के दोस्तों के साथ घूमता और मौज मस्ती करता था।गेहूँ की फसल...

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मुझे बड़ी अच्छी लगी By DINESH KUMAR KEER

1.बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद मेंमुझसे तो कह रहा था मोहब्बत फ़िज़ूल है2.जताती कभी... छुपाती कभी... चूमती कभी,मुस्कुराहटें तुम्हारी हैं बदमाश बहुत…3.मुझे बड़ी अच्छी लगी उसकी...

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भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 3 By Sonu Kasana

भारत को ओलंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक 2008 के बीजिंग ओलंपिक में मिला। यह पदक अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में जीता था। इस जीत के साथ, अभिनव बिंद्रा भारत के पहले व्यक्ति...

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लागी तुमसे मन की लगन By DINESH KUMAR KEER

1.हम तुझसे किस हवस की फलक जुस्तुजू करेंदिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरजू करेंतर-दामनी पे शेख हमारी ना जाईयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वजू* करेंसर ता क़दम ज़ुबां हैं जूं शम’अ गो की हम...

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खत लिखने की ख्वाहिश By DINESH KUMAR KEER

1.खत लिखने की ख्वाहिश थी मेरी ।ना कलम ने साथ दिया ना शब्दों ने शमां बांधा ।2.कभी फुरसत में अपनी कमियों पर गौर करनादूसरों का आईना बनने की ख्वाहिश मिट जाएगी3.फ़ैसला लिखा हुआ रखा है प...

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बहती आँखों का दरिया By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ खूबसूरत रास्तों के नसीब में... मुसाफिर नहीं होते,कुछ होते हैं अपने...मगर साथ नहीं होते! 2.कभी भी लोगो कोहराने की कोशिश मत करोबस उनका दिल जीतो 3.आज के समय रिश्ते बनाए बहुत सोच...

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तुमने आवाज दी By DINESH KUMAR KEER

1.नेकियाँ खरीदी हैं हमने अपनी शोहरतें गिरवी रखकर... कभी फुर्सत में मिलना ऐ ज़िन्दगी तेरा भी हिसाब कर देंगे...!!2.अपने क़िरदार पर इतना तो यक़ीन है हमें...धोख़ा देने वाले भी रोते होंग...

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अनमोल मोती By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी आसान नही होती, आसान बनाना पड़ता है।कुछ अन्दाज़ से तो कुछ नज़र - अन्दाज़ से।2.कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते... चंद दिनों में अपने अपनों को भूल जाते हैं... कोई नह...

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History of Kashmir.... - 5 By pooja

चक राजवंश को खत्म कर अकबर ने कश्मीर को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वहां एक सूबेदार नियुक्त कर प्रशासन चलाने लगा। अकबर अपने जीवन में 3 बार कश्मीर की यात्रा पर गया। 1589 की पहल...

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ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है) By DINESH KUMAR KEER

1.ऐ ज़िंदगी...तेरी नाराजगी से क्या होगा,मुस्कुराहट तो मेरी आदतों में शामिल है...!!2.मुझे परवाह नहीं किलोग क्या कहते हैं, मुझे नज़रे खुद से मिलानी हैंलोगो से नही...!!3.चर्चाये खास ह...

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महात्मा और गांधी By Dr Mukesh Aseemit

महात्मा और गांधी रात सपने में गांधी जी ने दर्शन दिए । सच पूछो तो मैंने पहचाना नहीं ,न तो चश्मा..,न लाठी.., धोती भी फटी हुई,साथ में तीन बन्दर भी नहीं  थे , चरखा भी नहीं  ,बताओ भला क...

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हमदर्दियाँ By DINESH KUMAR KEER

1.पहचान नहीं करनी पड़ती, घटिया लोगों की वक्त आने पर ये खुद अपनी पहचान करवा देते है ।।2.दूरियों में ही परखे जाते है रिश्तेवरना "आंखों" के सामने तो सभी वफादार होते है।।3.हमदर्दियाँ फ...

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क्या आपको भी वो ही शख्स याद आ रहा है जो मुझे? By Review wala

(क्या आपको और मुझे एक ही शख्स याद आ रहा है इसे पढ़ कर?) जब कोई दर्द से चिल्लाएगा,तुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई भूख से मर जायेगातुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई बीमारी से तडपायेगातुमको...

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कोई लौट के आया है By DINESH KUMAR KEER

1.दिल का क्या है कहीं भी लग जाए तबाह तो तब होता है जब कहीं ठहर जाए2.ना देख मैरी आंखों की गहराइयांख़ामोश लबों पे हैं मैरे तन्हाइयां3.रोता रहा फूल... तन्हाई में रात भर,और लोग ओस कहकर...

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घूंघट के पट खोल By Dr Mukesh Aseemit

मैं कुछ अति मित्रता प्रेमी किस्म का बंदा हूँ, जल्दी से फेसबुक पर अपने 5K का टारगेट रीच करना चाहता हूँ, ताकि मेरा पेज भी पब्लिक फिगर बन जाए। सच पूछो तो कुछ सेलिब्रिटी जैसी फीलिंग आत...

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एहसास ए मोहब्बत By DINESH KUMAR KEER

1.इंसान दुख के साथ जी सकता है...लेकिन घुटन के साथ नही...2.रिश्ते गहरे हो यां ना हो...विश्वास गहरा होना चाहिए...3.इतनी घमंड किस बात की शमशान सिर्फ एक कफन ही जाएगी4.मैं किसी के लिए ब...

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अनजान दर्द By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी सँवारने के लिये तो सारी ज़िन्दगी पड़ी हैचलो वो लम्हा सँवार लेते है जहाँ आज ज़िंदगी खड़ी है2.रूह की सुंदरता का अहसास, आंखो से नही दिल से कीजिये...!3.अकड़ उन लोगों के लिए रख...

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रिश्ता तो हमारा था By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम किसी के होठों को छू लेने से पहले हक़ देता है उसके माथे को चूम लेने का! उसके पैरों को माथे पर लगा लेने का। उसको अपनी बाहों में भरकर सारी दुनिया से महफूज़ कर देने का। दरअसल प्र...

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दोहें का साहित्यिक विवेचन - 2 By Sonu Kasana

तेरा मेरा सब कहें,सब का कहे ना कोई।जो सबको सबका कहे, प्रभु प्यारा सोई।।इस दोहे का साहित्यिक विवेचन ।।@ इस दोहे में एक गूढ़ दार्शनिक और आध्यात्मिक संदेश है। यहाँ "तेरा" और "मेरा" के...

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कोई मेरा अपना है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी हर अदा का आइना तुझसे से है, मेरी हर मंजिल का रास्ता तुझसे है, कभी दूर न होना मेरी जिंदगी से, मेरी हर ख़ुशी का वास्ता तुझसे है... 2.मै और मेरे हम - उम्र ख़याल अक्सर सरगोशी करत...

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इश्क की अदालत By DINESH KUMAR KEER

1.महसूस खुद को तुझ से अलग... मैंने कभी किया ही नहीं... तू क्या जाने कोई भी लम्हा ... तेरे बिना मैंने कभी जिया ही नहीं...!!2.किस किस को बताऊं हाल मेरासुबह उठते ही आ जाता है ख्याल ते...

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बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 5 By नीतू रिछारिया

मां की भावनाओं का गर्भ में बच्चे के डेवलपमेंट पर प्रभाव—संतान की प्रथम शिक्षिका माँ ही होती है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि आदर्श माताएँ अपनी संतान को श्रेष्ठ एवं आदर्श बना देती...

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जिंदगी के रंग हजार - 14 By Kishanlal Sharma

आंकड़े और महंगाईअरहर या तूर की दाल 180 रु किलोउडद की दाल 160 रु किलीचने 100 रु किलोआप कोई सी भी दाल ले ले या चने,मोठ, साबुत मशहूर या कोई और सबके दाम बढे है।गेंहू का आटा चक्की से पहल...

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संवाद By Kishanlal Sharma

(नैतिकता अनैतिकता के प्रश्नों को रेखांकित करती पौराणिक प्रसंग पर आधारित काल्पनिक कथा)मैं सुहागसेज पर घूँघट निकालकर बैठी पति के आने का इन तजार कर रही थी।प्रथम मिलन की रात्रि मन मे उ...

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जो पकड़ा जाए वो चोर. बाकी चरित्रवान By Review wala

जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्तये कैसा न्याय है, ये कैसा विध्वंस हैजो बोले सच वो देशद्रोही, जो छुपाए झूठ वो देशहितैषीये कैसा लोजिक है, ये कैसा तर्क हैजो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी द...

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सरकारी समाचार जलेबी जेसे By Review wala

सरकारी समाचार खुशी देते हैं ( जलेबी जैसे टेढ़े मेढे समाचार,मीठे भी)आज पूरे देश मे सूर्य खिला हुआ है,बारिश के आसार नही हैं ,पर विपक्ष इस पर अफवाहे फेला रहा हैहर तरफ मस्ती छाई हैपक्ष...

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स्वच्छ भ्रष्टाचार पर कुछ घटिया रचनाएँ By Review wala

य़ह  व्यंग्यात्मक कविता है जो भ्रष्टाचार पर आधारित है:भ्रष्टाचार का खेलनेता और अफसर का, समझौता है निराला,भ्रष्टाचार की गंगा में, सबने हाथ डाला।जनता की सेवा का, करते हैं ये दावा,पर...

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बिक गए हैं जो वो सवाल. नहीं पूछते By Review wala

(लॉजिक सो रही हैं हमारी आपकी  और मीडिया की)हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक दिख रही है,मीडिया जैसे नशे में है,कोई भी पृष्ण नहीं!आंकड़े अलग थलग करके देख के खुश होते हैं या दुखी भ...

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टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 6 By Sonu Kasana

तीन भाइयों का जीवन का ज्ञानप्राचीन समय की बात है। एक गाँव में तीन भाई—विजय, विक्रम और वासुदेव—अपने माता-पिता के साथ रहते थे। तीनों भाई अपने पिता से विद्या प्राप्त करना चाहते थे और...

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रेत के घरौंदे सा By DINESH KUMAR KEER

1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा बैठा है...! 2.कब आपकी आँखों में हमें मिलेगी पनाह,चाहे इसे समझो दिल्लगी या समझो गुनाह,अब भले ही ह...

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फिजा में हरियाली तुमसे है By DINESH KUMAR KEER

1.कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते, हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!2.सुनो... बहुत सारी बातें जमा हो गयी है करने को तुमसे, मेरे लिए तुम... एक दिन इतवार हो जाओ...

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आपकी नजरों ने समझा By DINESH KUMAR KEER

1.साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब हम साथ हैं दोस्तों,कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा...2.मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे...

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यूंही अच्छे लगते हो By DINESH KUMAR KEER

1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे हैं...!3.कितनो को पसंद थी तुम पर,मेरी...

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सांसों में बसे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या,गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...3.हम भी अब मोहब्बत के गीत ग...

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रिश्ता अनोखा सरलता का By DINESH KUMAR KEER

1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं अब्र बिखरा रही हूं,अपने हिस्से का सारा सब्र बिखरा रही हूं,बिखरा र...

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देखो फूल रूठ गए By DINESH KUMAR KEER

1.जिस राह पर अब हम हैं,घर तुम्हारा पीछे छूट गया,शीशे का महल था,शब्द कंकरों से,छन से टूट गया...2.बाज़ार का हुस्न भी कुछ कम नहीं,रंगो और साजो सामान से भरा है,अपनी ही कहानी कहता है,और...

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किस्मत ने बांधा (एक डोर से) By DINESH KUMAR KEER

1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां की तरह अजनबी सा लगा,रात दिन जिसकी आस रहती थी कभी,वो अब मुझे मेरी तिश्नगी नहीं लगा...2.एक सहारा तुम्...

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चलो मुस्कुरा दो अब By DINESH KUMAR KEER

1.अपनी अच्छाई पे तुम भरोसा रखना,बंद मत करना खुद को,किसी कमरे में,बंद कमरे में भी अपने लिए,खुला एक झरोखा रखना,बहुत रोकेंगे लोग तुम्हें,हंसने मुस्कुराने से,तुम रुकना नहीं किसी भी हाल...

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किस्मत की डोरी से बंधे दिल By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के रंग में रंगने से अच्छा है, अपनी पसंद के रंगों का ख्याल रखो, बेरंग ना हो जाओ बस यूँ ही किसी की ख़ातिर, तुम अपनी पसंद ना पसंद से प्यार रखो...2.वो शख्स बड़ा ही दिलदार था,दिल...

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तू है मेरी जिन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1.इश्क की गहराइयों में खोकर,दिल की हर धड़कन उसे याद करती है।प्यार की बातों में गुम हो जाना,वही सच्चा इश्क है, जो दिल को बेखुद बना देता है।2.ख्वाबों की दुनिया में खोकर,तेरी बाहों मे...

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कांटे भी नहीं चुभते By DINESH KUMAR KEER

1.किस हद तक इंतजार करें कोई, गुलाब कब तक ताज़ा रहेगा... आखिर ?2.वो हमसें जुदा होकर ग़ैरों पे फिदा हो गएक्या वाक़ई मोहब्बत के ऐसे ख़ुदा होते हैं,3.गुजर रही है ये जिन्दगी बड़े ही नाजुक...

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तन मेरा महका है By DINESH KUMAR KEER

1.तन मेरा महका है जब - जब ख़्याल तुम्हारा महका है, इत्र से भला क्या काम मुझे अब तुम्हारा जिक्र ऐसा है...!!2.निहार रहे हैं तुम्हें बिना पलक झपकाये,क्या पता तुमसे कब नजर मिल जाये...!...

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तुमको पाने की तमन्ना By DINESH KUMAR KEER

1.हे सुनो,ऐसा करते है,तुम पे मरते हैहमने वैसे भी तो,मर ही जाना है... 2.सुबह तेरी बातों मेंदोपहर तेरे ख्यालों मेंशाम तेरे इंतज़ार मेंरात तेरी यादों में गुज़रती हैभला कौन कहता है ये इश...

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निगाहें लाख चुरा लो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.मैं "हिंदी" का "आलिंगन" हूँ, वो "उर्दू" में "आग़ोश"उसको मेरे "बाजुओं" में सुकूँन है, मैं उसकी "बाहों" में मदहोश...!!2.बड़ी तबियत से पूछाउसनेकि कौन हूँ मैं... एक मुस्कान के साथहमने...

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शब्दों का संसार By DINESH KUMAR KEER

1.यह 'शब्दों का संसार' तुम न समझोगे,इससे मेरा प्यार भी तुम न समझोगे, तुम नहीं जानते मन से भाव चुरा लाना, किसी के उद्दगार को मान दिला पाना,प्यार के अनगिने रंगो की बारीकियां,...

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पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह - बातें जो कही नहीं गईं By Sudhir Srivastava

पुस्तक समीक्षाकाव्य संग्रह - "बातें जो कही नहीं गईं"                            समीक्षक = सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा (उ.प्र.)     सरल सहज मृदुभाषी कवयित्री मीनाक्षी सिंह की "बातें...

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निर्मला By DINESH KUMAR KEER

1.दोस्तकिशोरी लाल एक किसान थे। उनके दो बेटे थे- जीवा और मोती। जीवा अपने पिता के काम में हाथ बँटाता था, पर मोती सिर्फ गाँव के दोस्तों के साथ घूमता और मौज मस्ती करता था।गेहूँ की फसल...

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मुझे बड़ी अच्छी लगी By DINESH KUMAR KEER

1.बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद मेंमुझसे तो कह रहा था मोहब्बत फ़िज़ूल है2.जताती कभी... छुपाती कभी... चूमती कभी,मुस्कुराहटें तुम्हारी हैं बदमाश बहुत…3.मुझे बड़ी अच्छी लगी उसकी...

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भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 3 By Sonu Kasana

भारत को ओलंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक 2008 के बीजिंग ओलंपिक में मिला। यह पदक अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में जीता था। इस जीत के साथ, अभिनव बिंद्रा भारत के पहले व्यक्ति...

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लागी तुमसे मन की लगन By DINESH KUMAR KEER

1.हम तुझसे किस हवस की फलक जुस्तुजू करेंदिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरजू करेंतर-दामनी पे शेख हमारी ना जाईयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वजू* करेंसर ता क़दम ज़ुबां हैं जूं शम’अ गो की हम...

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खत लिखने की ख्वाहिश By DINESH KUMAR KEER

1.खत लिखने की ख्वाहिश थी मेरी ।ना कलम ने साथ दिया ना शब्दों ने शमां बांधा ।2.कभी फुरसत में अपनी कमियों पर गौर करनादूसरों का आईना बनने की ख्वाहिश मिट जाएगी3.फ़ैसला लिखा हुआ रखा है प...

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बहती आँखों का दरिया By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ खूबसूरत रास्तों के नसीब में... मुसाफिर नहीं होते,कुछ होते हैं अपने...मगर साथ नहीं होते! 2.कभी भी लोगो कोहराने की कोशिश मत करोबस उनका दिल जीतो 3.आज के समय रिश्ते बनाए बहुत सोच...

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तुमने आवाज दी By DINESH KUMAR KEER

1.नेकियाँ खरीदी हैं हमने अपनी शोहरतें गिरवी रखकर... कभी फुर्सत में मिलना ऐ ज़िन्दगी तेरा भी हिसाब कर देंगे...!!2.अपने क़िरदार पर इतना तो यक़ीन है हमें...धोख़ा देने वाले भी रोते होंग...

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अनमोल मोती By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी आसान नही होती, आसान बनाना पड़ता है।कुछ अन्दाज़ से तो कुछ नज़र - अन्दाज़ से।2.कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते... चंद दिनों में अपने अपनों को भूल जाते हैं... कोई नह...

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History of Kashmir.... - 5 By pooja

चक राजवंश को खत्म कर अकबर ने कश्मीर को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वहां एक सूबेदार नियुक्त कर प्रशासन चलाने लगा। अकबर अपने जीवन में 3 बार कश्मीर की यात्रा पर गया। 1589 की पहल...

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ये तितलियां (क्यों उड़ने लगी है) By DINESH KUMAR KEER

1.ऐ ज़िंदगी...तेरी नाराजगी से क्या होगा,मुस्कुराहट तो मेरी आदतों में शामिल है...!!2.मुझे परवाह नहीं किलोग क्या कहते हैं, मुझे नज़रे खुद से मिलानी हैंलोगो से नही...!!3.चर्चाये खास ह...

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महात्मा और गांधी By Dr Mukesh Aseemit

महात्मा और गांधी रात सपने में गांधी जी ने दर्शन दिए । सच पूछो तो मैंने पहचाना नहीं ,न तो चश्मा..,न लाठी.., धोती भी फटी हुई,साथ में तीन बन्दर भी नहीं  थे , चरखा भी नहीं  ,बताओ भला क...

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हमदर्दियाँ By DINESH KUMAR KEER

1.पहचान नहीं करनी पड़ती, घटिया लोगों की वक्त आने पर ये खुद अपनी पहचान करवा देते है ।।2.दूरियों में ही परखे जाते है रिश्तेवरना "आंखों" के सामने तो सभी वफादार होते है।।3.हमदर्दियाँ फ...

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क्या आपको भी वो ही शख्स याद आ रहा है जो मुझे? By Review wala

(क्या आपको और मुझे एक ही शख्स याद आ रहा है इसे पढ़ कर?) जब कोई दर्द से चिल्लाएगा,तुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई भूख से मर जायेगातुमको एक शख्स याद आयेगाजब कोई बीमारी से तडपायेगातुमको...

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कोई लौट के आया है By DINESH KUMAR KEER

1.दिल का क्या है कहीं भी लग जाए तबाह तो तब होता है जब कहीं ठहर जाए2.ना देख मैरी आंखों की गहराइयांख़ामोश लबों पे हैं मैरे तन्हाइयां3.रोता रहा फूल... तन्हाई में रात भर,और लोग ओस कहकर...

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घूंघट के पट खोल By Dr Mukesh Aseemit

मैं कुछ अति मित्रता प्रेमी किस्म का बंदा हूँ, जल्दी से फेसबुक पर अपने 5K का टारगेट रीच करना चाहता हूँ, ताकि मेरा पेज भी पब्लिक फिगर बन जाए। सच पूछो तो कुछ सेलिब्रिटी जैसी फीलिंग आत...

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एहसास ए मोहब्बत By DINESH KUMAR KEER

1.इंसान दुख के साथ जी सकता है...लेकिन घुटन के साथ नही...2.रिश्ते गहरे हो यां ना हो...विश्वास गहरा होना चाहिए...3.इतनी घमंड किस बात की शमशान सिर्फ एक कफन ही जाएगी4.मैं किसी के लिए ब...

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अनजान दर्द By DINESH KUMAR KEER

1.ज़िंदगी सँवारने के लिये तो सारी ज़िन्दगी पड़ी हैचलो वो लम्हा सँवार लेते है जहाँ आज ज़िंदगी खड़ी है2.रूह की सुंदरता का अहसास, आंखो से नही दिल से कीजिये...!3.अकड़ उन लोगों के लिए रख...

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रिश्ता तो हमारा था By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम किसी के होठों को छू लेने से पहले हक़ देता है उसके माथे को चूम लेने का! उसके पैरों को माथे पर लगा लेने का। उसको अपनी बाहों में भरकर सारी दुनिया से महफूज़ कर देने का। दरअसल प्र...

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दोहें का साहित्यिक विवेचन - 2 By Sonu Kasana

तेरा मेरा सब कहें,सब का कहे ना कोई।जो सबको सबका कहे, प्रभु प्यारा सोई।।इस दोहे का साहित्यिक विवेचन ।।@ इस दोहे में एक गूढ़ दार्शनिक और आध्यात्मिक संदेश है। यहाँ "तेरा" और "मेरा" के...

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कोई मेरा अपना है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी हर अदा का आइना तुझसे से है, मेरी हर मंजिल का रास्ता तुझसे है, कभी दूर न होना मेरी जिंदगी से, मेरी हर ख़ुशी का वास्ता तुझसे है... 2.मै और मेरे हम - उम्र ख़याल अक्सर सरगोशी करत...

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इश्क की अदालत By DINESH KUMAR KEER

1.महसूस खुद को तुझ से अलग... मैंने कभी किया ही नहीं... तू क्या जाने कोई भी लम्हा ... तेरे बिना मैंने कभी जिया ही नहीं...!!2.किस किस को बताऊं हाल मेरासुबह उठते ही आ जाता है ख्याल ते...

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बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 5 By नीतू रिछारिया

मां की भावनाओं का गर्भ में बच्चे के डेवलपमेंट पर प्रभाव—संतान की प्रथम शिक्षिका माँ ही होती है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि आदर्श माताएँ अपनी संतान को श्रेष्ठ एवं आदर्श बना देती...

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