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Chapter - 12कुछ पुरानी यादेंअब तकनील बिना किसी एक्सप्रेशन के,"मैं नहीं आ सकता मु...
जंगल के बाद की छायाअधूरे जंगल और सपनों की पुस्तक की रहस्यमयी यात्राओं के बाद, अर...
ज़ेबा अभी थोड़ी ही संभली थी के उसे यासीन का फोन आया और उसने कहा, " हेलो ज़ेबा, क...
-नीलम कुलश्रेष्ठ [ साहित्यिक चेतावनीः यह संस्मरणनुमा कथा कोई रोमांटिक कहानी नहीं...
की हमारी हॉस्टल की सबसे खास बात मुझे यहाँ की प्राथना सभा लगी। हमारे जिवन मे जब ह...
37==== अपने अतीत में विचरते हुए पूरी घटना को चित्रित करते हुए आश...
"मुझे अभी पता चल रहा है.. वो कमीना बड़ौदा जा रहा है। वो भी गरबा खेलने। उसने मुझे...
अब आगे,जब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने कहा कि चेंजिंग रूम में उस की सब से अच्छी...
आज की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए जो अपने परिवार के बीच होते हुए भी अकेली है। ऐ...
Rathore's club ( काल्पनिक नाम )यह एक बहुत बड़ा क्लब था जो चारों तरफ से लाइटो...
जब-जब मानव धरती पर,अनचाही अव्यवस्थाओं ने अपने पैर पसारे-तब-तब अज्ञात शक्तियों द्वारा उन सभी का निवारण करने संत रुप में अवतरण हुआ है। संतों का जीवन परमार्थ के लिए ही होता है। कहा भी...
(उपनिषद्, गीता, पातंजल योग, भागवत, वेदांत आदि में वर्णित ध्यान) उपनिषद् में ध्यान ब्रम्हज्ञान प्राप्ति की विधि: उपनिषदों में ब्रम्हज्ञान प्राप्त करने की बड़ी सुंदर साधना बताई...
ईश्वर लीला विज्ञान 1 अनन्तराम गुप्त कवि ईश्वर की अनूठी कारीगरी पर मुग्ध हैं, और आकाश, अग्नि, पवन, जल एवं पृथ्वी के पांच पुराने तत्वों का वर्णन आज के वैज्ञानिक सिद्धान्तों क...
मैं परमश्रद्धेय गुरूदेव स्वामी हरिओम तीर्थ जी के पास एक दो दिन में गुरूनिकेतन जाता रहता हूँ। यह गुरूनिकेतन स्वामी नारायण देव तीर्थजी महाराज की परम्परा का है। उस दिन जब मैं गुरूनिके...
हमारे राम चार वर्ष की अवस्था से चार वर्ष पिछोर में रहे वहीं विद्या का आरम्भ हुआ। दो बार श्री कालिन्द्री पर यज्ञ में जनता जनार्दन की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पहली बार रघुरा...
• 1. (ईश्वर का सम्बोधन) मैं ईश्वर हूँ, में कभी कुछ नही कहता किसी से नहीं कहता बस सुनता हूँ क्योंकि मैं ईश्वर हूँ। मेरा कोई धर्म नहीं न ही कोई जाति, और न कोई देश है, न तो में नर हू...
जीवन की सार्थकता के लिये,संत-भगवन्त के श्री चरणोंका आश्रय,परम आवष्यक मान कर, श्री सिद्ध-सिद्द्येश्वर महाराज की तपो भूमि के आँगन मे यशोगान,जीवन तरण-तारण हेतु अति आवश्यक मानकर...
परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज 1 एक अजनबी जो अपना सा लगा परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज ....
#पंचकन्या #भाग_1........#मानस यूँ तो सनातन धर्म में नारी सर्वत्र पूज्यनीय मानी जाती है। कहा जाता है कि यदि किसी यज्ञ को जोड़े में न किया जाय तो वो पूर्ण नहीं माना जाता चाहे वो यज्ञ...
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