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Featured Books

खण्ड काव्य रत्ना वली By ramgopal bhavuk

‘’रत्‍नावली’’ पर एक दृष्टि बद्री नारायण तिवारी आज वातानुकूलित कमरों में बैठ कर जो लिखा जा रहा है उसका क्षणिक प्रचार तो मिल जायेगा किन्‍तु वह रचनायें कालजयी नहीं हो पातीं। भक्‍तवत्‍...

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छुटकी दीदी By Madhukant

पात्र परिचय -

सलोनी - छुटकी दीदी

भाग्या - बड़ी बहन

ज्योत्सना - माँ

अमर - भाग्या का पति

देवी सहाय - नाना

शारदा देवी - नानी

सीताराम - माँ का चचेरा भाई

सुकांत...

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ऐसा क्यों ? By Captain Dharnidhar

आजकल के दौर में तो घरों में संभवतः तीन रोटी एक साथ परोसते देख भी ले तो हमें आश्चर्य नही होगा । किन्तु अधिकतर आपने देखा होगा थाली में तीन रोटी नहीं परोसते दो ही परोसते हैं इसके पीछे...

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हीर रांझा By Stylish Prince

चेनाब नदी के किनारे एक खूबसूरत जगह है- तख़्त हजारा। यहाँ बहने वाले दरिया की लहरें और बगीचे की खुशबू की वजह से इसे पूरब का स्वर्ग कहा जाता है। यही रांझाओं की धरती है जो मस्ती से यहा...

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हादसा By Ratna Pandey

आज पूनम और प्रकाश का विवाह था। बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ, धूमधाम से यह विवाह हो रहा था। पूनम बहुत ख़ुश थी, क्योंकि एक ही शहर में ससुराल और मायका दोनों थे।

विदाई के समय जब उस...

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युद्ध कला (The Art of War) By Praveen kumrawat

“आर्ट ऑफ वार” सुन त्ज़ू द्वारा 500-550 ईसा पूर्व लिखी गई एक प्रभावशाली पुस्तक है। जिसे उस समय के हालात में सिर्फ और सिर्फ युद्ध को मद्देनज़र रखते हुए लिखा गया था। इसमें कोई दोमत नह...

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Never Forget By Patel Priya

सुहाना जो एक टिपिकल टाइप लड़की है उसे खुद ही नहीं पता कि वह क्या चाहती है तो चलिए उसकी कहानी स्टार्ट करते हैं.

सुहाना : विहान तुम मुझे भूल तो नहीं जाओगे ना

विहान : मैं अपने आ...

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सौगन्ध By Saroj Verma

रात्रि का दूसरा पहर,आकाश में तारों का समूह अपने धवल प्रकाश से धरती को प्रकाशित कर रहा है,चन्द्रमा की अठखेलियाँ अपनी चाँदनी से निरन्तर संचालित है,चन्द्रमा बादलों में कभी छुपता है तो...

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बालम हो परदेश में तो By Kishanlal Sharma

रमेश का तबादला पुणे से मुम्बई हो गया। कुछ कारणों से वह पत्नी और बच्चों को अपने साथ नही ले जा सका।और उसे अकेले ही अपनी नई पोस्टिंग पर जाना पड़ा।
रमेश मुम्बई में पेइंग गेस्ट के रूप म...

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प्रेमशास्त्र By Vaidehi Vaishnav

यमुना नदी के किनारें बसा - वृन्दावन नाम लेते ही ऐसा लगता जैसे जिव्हा पर शहद घुल गया हों। मिश्री सी मीठी यादें और उन यादों में माखन से नरम ह्रदय वालें प्यारे बृजवासी , फुलों सी कोमल...

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हीर रांझा By Stylish Prince

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