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शेष जीवन By Kishanlal Sharma

1--प्यार"आप अंदर जा सकते है।"नर्स के कहने पर रमेश अंदर चला गया।इला पलँग पर लेटी थी।उसकी बगल में उसका नवजात शिशु सो रहा था।रमेश बच्चे की तरफ देखते हुए बोला,"इसकी आंखे तु...

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बहुत करीब मंजिल By Sunita Bishnolia

‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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जुड़ी रहूँ जड़ों से By Sunita Bishnolia

जुड़ी रहूँ जड़ों से
शहर की सबसे आलीशान कोठी में एक तरफ बैडमिंटन कोर्ट है जहाँ अभी भी कुछ लोग काम करे रहे है। इसी के दूसरे छोर पर दो आउट हाऊस भी बने हुए है। दोनों आउट हाऊस हरियाली...

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दास्ताँ ए दर्द ! By Pranava Bharti

दास्ताँ ए दर्द ! 1 रिश्तों के बंधन, कुछ चाहे, कुछ अनचाहे ! कुछ गठरी में बंधे स्मृतियों के बोझ से तो कुछ खुलकर बिखर जाने से महकी सुगंध से ! क्या नाम दिया जा सकता है रिश्तों को ?...

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ज़िन्दगी By Mehul Pasaya

नमश्ते दोस्तो तो मे लेकर आया हू एक नय पेश कश और उमीद है सब अच्छे ही होंगे तो चलो शुरुआत करते है

/वाघेला परिवार मे आपका स्वागत है/

अरे वाघेला साहेब आप एक बार ब...

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BOYS school WASHROOM By Akash Saxena "Ansh"

ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ही होगी 7 बज चुके हैं क्या कर रहे हो,आज फिर देर करोगे क्या?विहान की माँ( प्रज्ञा) उसे आवाज़ लगातीहै।वि...

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पलायन. By राज कुमार कांदु

वह युवा सोशल मीडिया पर एक जाना पहचाना नाम बन गया था। लोगों तक पहुँचकर जन समस्याओं की पड़ताल करना और सरकार के बारे में उनकी राय सोशल मीडिया पर ज्यों की त्यों दिखाना उसका कार्य था।
आ...

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बस अब और नहीं! By Saroj Prajapati

भाग- 1 विद्या सदन आज फूलों व सजा था और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था।। द्वार पर सजा वंदनवार व घर के अंदर बाहर लगा सुंदर सा शामियाना विद्या सदन में हर आने वाले मेहमान का स्वागत क...

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भरोसा By Parul

1 भरोसा यानि विश्वास! विश्वास रिश्तों को जोडती हुई वो कडी है जो रिश्तों में मजबूती बनाए रखती है। अगर रिश्तों में भरोसा न रहे तो विश्वास नाम की ये कडी तूटने लगती है और रिश्तों में द...

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अपहरण By Ratna Pandey

चंदनपुर एक छोटा-सा गाँव था, जहाँ के लोग सीधे-सादे थे। अपनी मेहनत से कमाना, खाना और ख़ुश रहना, यही वहाँ का दस्तूर था। शांति के साथ रहने के लिए चंदनपुर आसपास के गाँव में बड़ा ही मशहूर...

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शेष जीवन By Kishanlal Sharma

1--प्यार"आप अंदर जा सकते है।"नर्स के कहने पर रमेश अंदर चला गया।इला पलँग पर लेटी थी।उसकी बगल में उसका नवजात शिशु सो रहा था।रमेश बच्चे की तरफ देखते हुए बोला,"इसकी आंखे तु...

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बहुत करीब मंजिल By Sunita Bishnolia

‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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जुड़ी रहूँ जड़ों से By Sunita Bishnolia

जुड़ी रहूँ जड़ों से
शहर की सबसे आलीशान कोठी में एक तरफ बैडमिंटन कोर्ट है जहाँ अभी भी कुछ लोग काम करे रहे है। इसी के दूसरे छोर पर दो आउट हाऊस भी बने हुए है। दोनों आउट हाऊस हरियाली...

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दास्ताँ ए दर्द ! By Pranava Bharti

दास्ताँ ए दर्द ! 1 रिश्तों के बंधन, कुछ चाहे, कुछ अनचाहे ! कुछ गठरी में बंधे स्मृतियों के बोझ से तो कुछ खुलकर बिखर जाने से महकी सुगंध से ! क्या नाम दिया जा सकता है रिश्तों को ?...

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ज़िन्दगी By Mehul Pasaya

नमश्ते दोस्तो तो मे लेकर आया हू एक नय पेश कश और उमीद है सब अच्छे ही होंगे तो चलो शुरुआत करते है

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अरे वाघेला साहेब आप एक बार ब...

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BOYS school WASHROOM By Akash Saxena "Ansh"

ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ही होगी 7 बज चुके हैं क्या कर रहे हो,आज फिर देर करोगे क्या?विहान की माँ( प्रज्ञा) उसे आवाज़ लगातीहै।वि...

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पलायन. By राज कुमार कांदु

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भरोसा By Parul

1 भरोसा यानि विश्वास! विश्वास रिश्तों को जोडती हुई वो कडी है जो रिश्तों में मजबूती बनाए रखती है। अगर रिश्तों में भरोसा न रहे तो विश्वास नाम की ये कडी तूटने लगती है और रिश्तों में द...

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अपहरण By Ratna Pandey

चंदनपुर एक छोटा-सा गाँव था, जहाँ के लोग सीधे-सादे थे। अपनी मेहनत से कमाना, खाना और ख़ुश रहना, यही वहाँ का दस्तूर था। शांति के साथ रहने के लिए चंदनपुर आसपास के गाँव में बड़ा ही मशहूर...

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