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फिर दोनों स्टेज पर पहुंच गए और फिर माया ने दोनों को अंगुठी दे दिया और फिर दोनों...
प्रिया की हिम्मत देखकर अल्पा घबरा रही थी। उसने डरते हुए कहा, "पुलिस में शिकायत ....
* *!! नया नज़रिया !!*~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~*झारखंड के एक छोटे से कस्बे में...
अब आगे,अराध्या अपनी बात कहकर थोड़ी देर रुकी जरूर थी मगर अब उसने गुस्से में लगभग...
विश्नव और आचमन शरार्थ को घर लेकर जाने लगते हैं तभी आबिद उन्हें ठहरने के लिए कहता...
प्यार का जश्न आदित्य और स्नेहा के रिश्ते ने एक नई दिशा ले ली थी। उनका प्यार अब...
अब तक उनके माता-पिता केवल उनका तिरस्कार करते थे, लेकिन अब यह उनके लिए बहुत बुरा...
गर्भ संस्कार-3 (गर्भवती माँ द्वारा बच्चे से बातचीत)(शिशु के भौतिक गुणों का निर्ध...
इस गहरी और भावनात्मक स्थिति मे किसी ने रेग्रेशन थेरेपी की सलाह दी (जो मनोवैज्ञ...
नारी के लिए विवाह बंधन है या जरूरत पढ़िए यह कहानी -------///----------//// "आखिर तेरी शादी हो ही गयी।तू एक मर्द की दासी बन ही गयी,"रूपा बोली,"तूने एक आदमी की गुलामी स...
आज पूनम और प्रकाश का विवाह था। बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ, धूमधाम से यह विवाह हो रहा था। पूनम बहुत ख़ुश थी, क्योंकि एक ही शहर में ससुराल और मायका दोनों थे। विदाई के समय जब उस...
शाम के धुले प्रकाश में एक खूबसूरत औरत बनारस सागर के तट पर किसी का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी , मगर जब दिये हुए समय को इंतजार की घड़ियां पार करने लगी तो उसका उत्सुक पल मायूसी...
सूरज कब का दूर क्षितिज में ढल चुका था।शाम अपनी अंतिम अवस्था मे थी।आसमान से उतर रही अंधेरे की परतों ने धरती को अपने आगोश में समेटना शुरू कर दिया था।प्लेटफॉर्म नम्बर पांच के अंतिम छो...
जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब मैं रोना चाहता था । पर वो कहते हैं ना, लड़के नहीं रोते बे......... हाँ, सच में लड़के नहीं रोते, चाहे जेब एक भी पैसा नहीं हो बाजार से कई चीजें खरीदने...
"यह कौन है?"राजन के साथ आयी युवती को देखकर कल्पना बोली थी। "यह सुनीता है,"राजन अपने साथ आयी युवती का परिचय कल्पना से कराते हुए बोला,"और सुनीता मेरी पत्नी है &#...
सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा था।जब भी उसका मन करता वह यहां आकर बैठ जाता था...
कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना...
जनवरी के महीने की रात।मौसम बेहद ठंडा था।य कोहरे की वजह से बिजली के लट्ठों पर लगे बल्बों का प्रकाश टिमटिमाता नजर आ रहा था। प्लेटफॉर्म पर कोई आता जाता नजर नही आ रहा था।मुसाफिर लोग ठ...
सर्दियी की रात।रात के बारह बज चुके थे।वर्षा के सास ससुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में जाकर सो चुके थे।वर्षा भी रोज सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँखों मे नींद नही थी। वर्षा ने शेखर...
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