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अब आगे,अर्जुन, अराध्या के होटों को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं हो रहा था वही आरा...
दुनिया में कहते हैं हर चीज का समाधान हैं..लेकिन गलतफेमली का नहीं हैं...अगर ये गल...
ये एक bl कहानी है यदि किसी को परेशानी है तो कृपया दूर रहें वैसे दूर रहने वाले तो...
प्रकरण - ४५मेरी मम्मी और मेरे पापा दर्शिनी और नीलिमा को छोड़ने अहमदाबाद आये थे।...
31 कहाँ अमरावली पर्वत का नैसर्गिक सौन्दर्य और कहाँ महानगर की चकाचौंध वाला शहर !...
******Ek Bada Sa mention Jahan per Charon Taraf bus log hi log thee ,,,,aur pura...
मनु चेहरे पर खुशी के साथ-साथ एक एक शर्मीली मुस्कान भी आ गई। वह अभी कमरे को दे...
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी के घर वालों और रोवन के घर वालों की आपस में मुलाक़ात हुई...
और इस कारण इरा की 'बुराइयां' और उभरकर सामने आतीं। लड़कों जैसी रहती है, ल...
1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मो...
कितनी भी योजनाएं बना लो, किस्मत से ज्यादा और वक्त से पहले किसी को कुछ नहीं मिलता।' दीवा ने नई सोसाइटी के वेटिंग एरिया में यह लाइन पढ़ी तो वह मन ही मन गाली देते हुए आगे बढ़ गई।...
यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और सिर्फ़ मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई है। कहानी में दर्शाए गए पात्र , संस्थाएं और घटनाएं काल्पनिक है। इनका उपयोग दृश्यों, पात्रों और घटनाओं को न...
"तुमने कमल के पत्तों पर गिरी ओस देखी है कभी? अच्छी लगती है कितनी। है न?" नीलाभ ने पूछा। "नहीं, कभी देखी नहीं, क्योंकि वह गिरती भी है तो तुरंत फिसल जाती है। कमल के पत...
1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि क...
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः। हैलो फैमिली कैसे है आप सब? आशा करती हूं की आप सब सुरक्षित होंगे, खुश होंगे। आप सब से रिक्वेस्ट है की कह...
ये कहानी है शिवांश और आराध्या की। एक तरफ है शिवांश सिंघानिया जो है सिंघानिया कंपनी के सीईओ और साथ में माफिया वर्ल्ड के बादशाह जिन्हे सब डेविल के नाम से जानते हैं। जो है बहुत ही ज्य...
पोह की कड़कड़ाती ठंड में पसीना बहाती प्रीत प्यासी निगाहों से कमल की ओर ताक रही थी। कमरे में जलती मोमबत्ती भी शर्मा कर अपने आप बुझने लगी थी। कमल का हाथ पकड़ कर प्रीत अभी भी कमल से ब...
एक भव्य राजमहल में उत्सव मनाया जा रहा था क्योंकि उस महल की रानी की गोद भरायी थी आज। रानी का आठवाँ महीना चल रहा था, एक ब्राह्मण देव आकार रानी से कहते हैं, "___रानी सा जहाँ त...
सुबह सुबह का समय है ,Mr. दीक्षित सिंह न्यूज पेपर पढ रहे है और साथ में चाय की चुस्की ले रहे है । तभी वो अपनी वाइफ तनु को आवाज लगाते है और कहते हैं - ये हमारी राजकुमारी अभी तक उठी क्...
पागल,, हां सही नाम से पुकारा करता था वो मुझे। (हंसते हुए) पागल ही तो हूं मैं उसके लिए , उसके पीछे , उसके प्यार में।" रात के 1 बज चुके थे । आंखों से नींद कोसों दूर । आज उसे प...
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