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आलिया फाइल ले कर जा ही रही होती हैं। तभी बाहर उसे अरुण मिलता है और बोलता है, "हे...
अब आगे,राजवीर की बात सुनकर अब अभय ने कुछ नही कहा मगर वो अभी भी हंस रहा था जिस को...
महाभारत की कहानी - भाग-५ शुक्र का देवताओं के प्रति शत्रुता तथा शुक्र का महादेव क...
अब आगे 3 साल बादसिंघानिया विला बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया हुआ था और मेहमान ज...
अब तक : भगवान करे अब तुम्हारी जिंदगी में संयम जैसा कोई ना आए " ।देखते ही देखते द...
जैसे-जैसे प्रेगनेंसी का समय बढ़ रहा था साँझ की तकलीफें भी बढ़ती जा रही थी। प...
47==== अगले दिन का सुबह का वातावरण हमेशा की तरह था। चुप्पी से भर...
"स्कूल के दिनो की बात है एक दिन मे और एक लड़की एक दिन साथ मे प्रोजेक्ट बना रहे...
अध्याय 20 “मैं पर्सनल सेक्रेटरी हूं। वे अब बाहर जाने-आने, के स्थिति...
श्रेयाहमे हॉस्पिटल से घर पहुंचने में तकरीबन 15 मिनट लगेंगे अगर ट्रैफिक नहीं हुआ...
प्रिया के घर के सामने वाले खाली घर में महीनों से सन्नाटा पसरा था। उस घर के आँगन में धूल से नहाये हुए पत्ते, हवा के साथ यहाँ से वहाँ उड़ते नज़र आते थे। जगह-जगह पत्तों के छोटे-छोटे ढ...
में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की कीर्ति तो बढ़ेंगी ही पर उन शिक्षको और दोस्तो का क्या जिसने भी हमारी सफलता में अमूल्य योगदान दिय...
एक बड़ा सा बंग्लो जिसके entrance gate पर एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ था, जिसके ऊपर बड़े बड़े अक्षरों में "Oberoi Villa" लिखा हुआ था। उस Bungalow के entrance gate से लेकर main...
अपना पुरा ब्रम्हांड चक्राकार रुप में घुमता रहता है। उसकी घुमने की प्रक्रिया बहुत ही धीरे से चलती रहती है। कभी-कभी व्यक्ति जीवन के सफर में पिसते हुए ऐसे निर्णायक मोड पर आकर रुकता है...
~आरंभ~पतझड़ के दिन अभी अभी खत्म हुए थे, अब मौसम का सफर बसंत ऋतु की सुगंध सेमहकती हवाओं की रवानगी की और बढ़ रहा था | यह कहानी भी कई सौ साल पहले इन्हीं दिनों शुरू हुई थी | यह वह समय...
हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों का समूह। रोज सभी लोग एक दूसरे को सुप्रभात वाले पोस्टर डालते। दिन में कुछ लोग तो अपनी मौलिक रचनाएँ पर अध...
ये कहानी है दो ऐसे दिलो की जो मिल कर भी कभी मिल ना सके, इनकी कहानी पूरी होकर भी अधूरी थी,कहते है प्यार और रिश्ते में अगर सच्चाई ना हो तो वो धोखा ही कहलाता है चाहे वो प्यार "रूह...
रागिनी का जन्म एक ऐसी रात को हुआ, जो माँ दुर्गा के पूजन के दिनों में ख़ास मानी जाती है—नवरात्रि का चौथा दिन। रात के ठीक तीन बजे, जब चारों ओर सन्नाटा था और रात अपने पूरे अंधकार में...
उस क्षण जो उद्विग्न मन से भरे थे उस में एक था अरबी समुद्र, दूसरा था पिछली रात्रि का चन्द्र और तीसरा था एक युवक। समुद्र इतना अशांत था कि वह अपने अस्तित्व को समाप्त कर देना चाहता...
ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल की छुट्टी का समय हो रहा था। स्कूल के बाहर आइसक्रीम बेचने वाले आकर खड़े हो गए थे। एक काले रंग की वैन दो बार स्कूल के सामने से गुज़र चुकी थी। छुट्टी की घंटी...
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