लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Categories
Featured Books
  • मासूम लड़की व डाकिया की कहानी

      एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा... "चिट...

  • माँ और बेटी

    माँ और बेटी एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया। दोनों ही स्वस्थ, सुं...

  • राधा रानी

    बरसाना के राधारानी की कथा   बरसाने में एक छोटा सा स्थान है मोर - कुटी. इस स...

मासूम लड़की व डाकिया की कहानी By सीमा

  एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा... "चिट्ठी ले लीजिये।"   आवाज़ सुनते ही तुरंत अंदर से एक लड़की की आवाज गूंजी... " अभी आ रही हूँ... ठहरो।...

Read Free

माँ और बेटी By सीमा

माँ और बेटी एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया। दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं। सौदागर ने राजा से कहा - "महाराज! ये गायें माँ - बेटी हैं परन्तु मुझ...

Read Free

राधा रानी By सीमा

बरसाना के राधारानी की कथा   बरसाने में एक छोटा सा स्थान है मोर - कुटी. इस स्थान कि महिमा मै बताने जा रहा हूँ. एक समय की बात है जब लीला करते हुए राधा जी प्रभु से रूठ गयी और वो...

Read Free

चिरयुवा बूटी - 2 By Brijmohan sharma

(2)   डूबना मोहन हरिद्वार पर उतर गया । वहां गंगा नदी को दो भागों में बाँट दिया गया था । एक तरफ गंगा को बांध कर रखा था । उसे हर की पौउ़ी कहते हैं। नदी में बउ़ी संख्या मे लोग तै...

Read Free

एक संस्मरण - मम्मी का ग़ुस्सा … By Piyush Goel

बात सन् १९७५ की हैं मेरे पिता जी सरकारी नौकरी में सहारनपुर के एक गाँव सबदलपुर में स्वास्थ विभाग में कार्यरत थे. पिता जी का स्थानांतरण थाना भवन( जलालाबाद) से हुआ था.मेरे पिता जी को...

Read Free

नया घर By सीमा

किसका घर माता-पिता का या बेटे का "पापा नया घर बिल्कुल तैयार हो चुका है। सोच रहा हूं कि वहां दीपावली पर शिफ्ट कर लूं।" सिद्धार्थ ने अपने पापा गोविंद प्रसाद जी से कहा।सिद्धार्थ गोविं...

Read Free

खुली हवा में By Deepak sharma

तारीख और साल उषा को याद है.....10 दिसंबर, 1975..... आपरेशन की पूर्व-संध्या डॉः सत्या दुबे ने उसे अस्पताल के कमरे में बुला लिया था। उसे एनीमा, एन्टीबायोटिक और मैगनीशियम साइट्रेट दिल...

Read Free

पिता By सीमा

"पिता, प्रेम और त्याग"   ट्रेन में समय गुजारने के लिए बगल में बैठे बुजुर्ग से नीति बात करना शुरु किया... " आप कहाँ तक जाएंगे दादा जी " " इलाहाबाद तक । " नीति ने मजाक में कहा "...

Read Free

गुमनाम दोस्ती By Kartik

हम 4 दोस्त थे और बड़ी ही गहरी दोस्ती थी हमारी। हाँ, मैंने कहा गहरी दोस्ती थी हमारी। एक ऐसी दोस्ती जो खुद मे एक मिसाल हुआ करती थी, ऐसा नहीं है की आज नहीं हैं, पर अब शायद कहीं गुम गय...

Read Free

प्यार का स्पर्श By सीमा

"प्यार का स्पर्श.....लो देखो यहां आराम से पसरकर सो रही है कुम्भकर्ण की तरह ....अरे उठ देख बिरजू दफ्तर से लौट आया है कोई चाय पानी पूछ ....ये लक्षण है इन नयी बहु के .....अरी निगोड़ी य...

Read Free

बंधक By Deepak sharma

मेरी ननिहाल में शाम गहराते ही पाँचों बच्चे मुझे आ घेरते, ’’तुमसे तुम्हारे दादा की कहानी सुनेंगे....’’ उनमें कुक्कू और हिरणी मुझसे बड़े थे। कुक्कू दो साल और ह...

Read Free

वट सावित्री व्रत By सीमा

"वट सावित्री व्रत" वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है। इस दिन सुहागन महिलायें अपने सुहाग की रक्षा के लिए वट वृक्ष और यमदेव की पूजा करती हैं। शाम के समय वट क...

Read Free

Trapped By Smriti Singh

It was 3:40 in the morning and my friend had finally succeeded in convincing me to meet him. He lived in a neighbouring country. I already had the visa and the border was just 2 ho...

Read Free

भूख की ताब By Deepak sharma

’’कुछ खाने को बना लाऊँ क्या?’’ अपनी शादी के बाद साधना मुझे पहली बार मिल रही थी। ’’क्यों नहीं?’’ मैं उस पर रीझ ली, ’’बल्क...

Read Free

राव हम्मीर देव चौहान By सीमा

  रणथम्भौर "रणतभँवर के शासक थे। ये पृथ्वीराज चौहाण के वंशज थे। इनके पिता का नाम जैत्रसिंह था। ये इतिहास में ''हठी हम्मीर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं। जब हम्मीर वि॰सं॰ 1...

Read Free

चिलक By Deepak sharma

अस्पताल में अरूण साहब मुझे वार्ड के बाहर ही मिल गए। ’’तुम्हें किसने बताया ?’’ अरूण साहब इधर-उधर देखने लगे, ’’किसी ने तुम्हें देखा तो नहीं है ?&r...

Read Free

यादें बचपन की By सीमा

बच्चें मन के सच्चे...   बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और...

Read Free

हमारी जड़ By Pragati

ये कहानी एक परिवार की जगह ब्लॉग अपने कम में मसरफ। घर में पापा मम्मी के साथ 3बचे हैं। सब अपने कम में बिजी सबका रूम अलग अलग। पापा की ड्यूटी और घर के मेकओवर मम्मी संबलती और बचे पढाई म...

Read Free

दिल सहमा सा By Karunesh Maurya

हैलो दोस्तों , तो ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो शायद अब भी एक बच्चा है, जो नन्हे बच्चों से बहुत लगाओ रखता है ,पर अभी वो एक बेजूबान जानवर जैसा महसूस कर रहा है हा , वो ऐसे समय मे...

Read Free

कृपा-आकांक्षी By Deepak sharma

बृजबाला को इधर नौकरी देने से पहले मुझे स्कूल-प्रबन्धक के कमरे में बुलाया गया था। ’’आइए, हेड मिस्ट्रेस महोदया।’’ स्कूल प्रबन्धक को मेरी समझ पर बहुत भरोसा था...

Read Free

मीराबाई की जीवनी By सीमा

मीराबाई की जीवनी...       पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो।   बस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।   जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।   खरचै नहिं कोई चोर न लेवै, दिन...

Read Free

माई का श्राप By Sanjay Nayak Shilp

पुनः प्रसारणमाई का श्रापवो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया था। गंगा नाम था उसका, जैसे ही पति गया वो ठाकुर जी के चरणों में चली गई। बस दिन रात उनका...

Read Free

मोहब्बत का रंग काला By सीमा

  गाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्रुषा में कमी न रखती...

Read Free

अंत भला हो भला By LM Sharma

रामरति अपने पिता की पहली पत्नी की बिटिया थी। बात बहुत पुरानी हैं। हो सकता है सौ साल से भी अधिक पुरानी हो।उन दिनों समाज के सिद्धांत और रीति रिवाज कुछ अलग ही थे। रामरति की बहुत ही छो...

Read Free

हँसलोपैथी- डॉ. टी.एस. दराल By राजीव तनेजा

बचपन से ही मेरी रुचि स्तरीय हास्य रचनाओं को पढ़ने एवं हास्य कवियों/लेखकों को देखने सुनने की अन्य कवियों या लेखकों की बनिस्बत कुछ ज़्यादा रही है। जब लिखना शुरू किया तो इसी शौक का असर...

Read Free

इस्लाम की आस्था By aadil Khan

इस्लाम की आस्था,इस्लाम के प्रति ईसाईजगत के रवैये का प्रतिनिधि, कम से कम हाल के वर्षों1649 में सीडर डू के अंग्रेजी संस्करण के लिए अलेक्जेंडर रॉस की पोस्ट्रस्क्रिप्ट है,रायर द्वारा क...

Read Free

अनजाना सा राही By सीमा

एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से...

Read Free

गाँव की शादियां By सीमा

गाँव की शादियां   पहले गाँव मे न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अडोस-पडोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिय...

Read Free

प्यारी-सी नोकझोंक By RJS

सिंह साहब - हैलो... हैलो....हैलल्लल्लो.......क्या हुआअब आज क्या हुआ जो तुम अपने रसगुल्ले जैसे गोलू मोलू गालों को फुला ली हो नहीं...नहीं आज तो तुम्हारे लड्डू जैसे गाल लाल लाल टमाटर...

Read Free

तरक्की को देख कर फुले नहीं समा रहे थे ….. By Piyush Goel

बिहार का रहने वाला एक १८ वर्षीय युवा मुश्किल से १०वी पास, चार बहन भाइयों में सबसे छोटा, कुछ करने के लिए अपने माँ बाप को बिना बतायें दिल्ली आ जाता हैं.काम की तलाश में इधर उधर घूमता...

Read Free

वियोग का विलाप By RAMAN KUMAR JHA

रोहित एक मध्यम वर्गीय, नोकदार परिवार का युवक था। पढ़ाई के उपरांत, नौकरी करने लगा। बहुत वर्षों तक छोटी-मोटी, औनी-पौनी संस्थानों में काम कर जीवन यापन कर रहा था। वो, और उसके साथ रह रह...

Read Free

अदृश्य दंडाधिकारी By milan ji

अशोक अपना नाश्ता लेकर टीवी के सामने बैठ जाता है और टीवी ऑन करके न्यूज़ देखने लगता है। न्यूज़ में दिखाया जा रहा था कि किसी अदृश्य व्यक्ति ने सी.एम. के बेटे को बहुत पीटा है। एक पुलिस...

Read Free

ये हवेली नहीं बिकेगी By S Sinha

                           कहानी -  ये हवेली नहीं बिकेगी    दादी माँ अपने पोते अनिल की शादी गाँव की पुरानी हवेली से संपन्न कराना चाहती थीं  . अनिल तीन सप्ताह के लिए अमेरिका से अपनी...

Read Free

एक और दायरा By prabhat samir

डाॅ.प्रभात समीर मामा फोन पर कह रहे थे- ‘तूने अगर अपनी मामी के ख़त और उसकी कसम के सहारे मुझे ब्लैकमेल न किया होता तो मैं यहाँ तीन महीने तो क्या तीन घन्टे भी न बिताता।’ उ...

Read Free

बारिश - 2 By diya

दोनों लडकिया अंदर जाती हैं। लुना मिटिंग रुम की तरफ बढ ही रहीं थी, तभी " आ...... हमारे तो भाग ही खुल गये आपको देखकर मिस लुना। लुना ( फिर से नहीं ......)और आवाज़ की और पलट कर देखतीं ह...

Read Free

कर्ज़दार By Sharovan

कर्ज़दार *** ‘शायद तुम भूल गये हो कि, मंडी में बिका हुआ इंसान किसी की भी बोली लगाने के लायक नहीं होता है।’ *** ‘राहीही।’ ‘हूं?’ ‘एक बात कहूं।’ ‘क्या?’ ‘ये, हर समय उदास से क्यों रहा...

Read Free

मजदूर का बेटा By Sanjay Nayak Shilp

मजदूर का बेटाहम साथ साथ पढ़ते तब , 8 वीं की बात रही होगी, मेरी टक्कर हमेशा से ही उससे हो जाती थी, और मैं हमेशा उससे हार जाता था। खेल में, कक्षा के रिजल्ट के स्थान में, हमेशा वो मुझस...

Read Free

पीछे न मुड़ना By milan ji

वो एकटक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पे मुस्कान थी। वो बेहद खूबसूरत भी थी। हम दोनो एक दूसरे से नजर मिलाए हुए थे। बस दिक्कत इतनी सी थी की मैं १४वे मंजिले में था और वो मेरी खिड़की के...

Read Free

पांच साल की बेटी By Pallavi Gupta

pguptaindore600@gmail.comCould you please share what kind of issue you are facing? So we can resolve it properly. 

Read Free

कशिश - पार्ट 2 By Ashish Bagerwal

रात की बैठकभोला काका और गांव के सभी सदस्य (महिलाएं ,बच्चे, बुजुर्ग) मुखिया जी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुखिया जी बड़े प्रसन्न भाव से बैठक में उपस्थित होते हैं। वहां शोरगुल...

Read Free

चिड़िया के बच्चें By DINESH KUMAR KEER

.   जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की सेना तैयार थी। दोनों सेनाएं आपस में टकराने के लिए बिल्कुल तैयार थी तो उस समय युद्ध...

Read Free

AIRPORT वाला KISS By RAMAN KUMAR JHA

रोहित और रमा का इश्क़ भी एक अजीब मुकाम पर था। हर महिने कीसी ना कीसी बहानें वो एक-दूसरे से मिल ही लेते थे। अलग-अलग शहर में रह कर इश्क़ का ये ख़ाम्याजा तो ज़रूर था। मुद्दतों बाद लम्ह...

Read Free

गुल्लक By RAMAN KUMAR JHA

#ShortStory  #लघुकथा   || गुल्लक ||   बचपन से हम यही सुनते आए हैं कि भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। सब अलग अलग मशवरा देते हैं। अलग अलग तरीके बताते हैं कि पैसा कैसे संजोया जाता है। ए...

Read Free

माँ का न्याय By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जेलर मुकुन्द राठौर की ईमानदार मेहनत और समय के बदलते करवट ने नियत को मजबूर कर दिया कि वह अपने न्याय की समीक्षा करें ।राज्यपाल महोदय ने शेखर मिलन रागिल के विषय मे जानकारी मंगाई तीनों...

Read Free

बेटा By Prem Parihar

  बहुत समय बाद फूली के घर में बेटा पैदा हुआ। बेटे का नाम कुमार रखा गया। उसका परिवार खुशियां मना रहा है। समय के साथ साथ बेटा भी बड़ा हुआ। कुमार बहुत ही सुन्दर और पढ़ाई में तेज  था।...

Read Free

तेरी महफ़िल By Urooj Khan

शीर्षक = तेरी महफ़िल"प्लीज टच मी बेबी, प्लीज टच मी,, प्लीज होल्ड मी इन योर आर्म,, आई वांट टू किस यू " सोहम के नजदीक आती हुयी एक लड़की ने कहा, जो की अपनी मजबूरियो के चलते एक अय्या...

Read Free

जीवन की सच्ची कहानी By Pikachu pika

मेरा नाम राहुल चौधरी है मैं मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से रहने वाला हूं मैं एक मध्यम परिवार से हूं मेरी उम्र 21 वर्ष मेरे माता पिता ने कॉलेज तक मुझे पढ़ाया उसके लिए मैं उनका शुक्रग...

Read Free

कहानियों का रचना संसार - 6 - स्वयंसिद्धा By Dr Yogendra Kumar Pandey

कहानी स्वयंसिद्धा हैदराबाद की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आज दीक्षांत परेड है और कविता की बांह में आज आईपीएस का तमगा लगने वाला है। यह उपलब्धि कविता ने बड़े संघर्ष के बाद हासिल की है...

Read Free

मासूम लड़की व डाकिया की कहानी By सीमा

  एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा... "चिट्ठी ले लीजिये।"   आवाज़ सुनते ही तुरंत अंदर से एक लड़की की आवाज गूंजी... " अभी आ रही हूँ... ठहरो।...

Read Free

माँ और बेटी By सीमा

माँ और बेटी एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया। दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं। सौदागर ने राजा से कहा - "महाराज! ये गायें माँ - बेटी हैं परन्तु मुझ...

Read Free

राधा रानी By सीमा

बरसाना के राधारानी की कथा   बरसाने में एक छोटा सा स्थान है मोर - कुटी. इस स्थान कि महिमा मै बताने जा रहा हूँ. एक समय की बात है जब लीला करते हुए राधा जी प्रभु से रूठ गयी और वो...

Read Free

चिरयुवा बूटी - 2 By Brijmohan sharma

(2)   डूबना मोहन हरिद्वार पर उतर गया । वहां गंगा नदी को दो भागों में बाँट दिया गया था । एक तरफ गंगा को बांध कर रखा था । उसे हर की पौउ़ी कहते हैं। नदी में बउ़ी संख्या मे लोग तै...

Read Free

एक संस्मरण - मम्मी का ग़ुस्सा … By Piyush Goel

बात सन् १९७५ की हैं मेरे पिता जी सरकारी नौकरी में सहारनपुर के एक गाँव सबदलपुर में स्वास्थ विभाग में कार्यरत थे. पिता जी का स्थानांतरण थाना भवन( जलालाबाद) से हुआ था.मेरे पिता जी को...

Read Free

नया घर By सीमा

किसका घर माता-पिता का या बेटे का "पापा नया घर बिल्कुल तैयार हो चुका है। सोच रहा हूं कि वहां दीपावली पर शिफ्ट कर लूं।" सिद्धार्थ ने अपने पापा गोविंद प्रसाद जी से कहा।सिद्धार्थ गोविं...

Read Free

खुली हवा में By Deepak sharma

तारीख और साल उषा को याद है.....10 दिसंबर, 1975..... आपरेशन की पूर्व-संध्या डॉः सत्या दुबे ने उसे अस्पताल के कमरे में बुला लिया था। उसे एनीमा, एन्टीबायोटिक और मैगनीशियम साइट्रेट दिल...

Read Free

पिता By सीमा

"पिता, प्रेम और त्याग"   ट्रेन में समय गुजारने के लिए बगल में बैठे बुजुर्ग से नीति बात करना शुरु किया... " आप कहाँ तक जाएंगे दादा जी " " इलाहाबाद तक । " नीति ने मजाक में कहा "...

Read Free

गुमनाम दोस्ती By Kartik

हम 4 दोस्त थे और बड़ी ही गहरी दोस्ती थी हमारी। हाँ, मैंने कहा गहरी दोस्ती थी हमारी। एक ऐसी दोस्ती जो खुद मे एक मिसाल हुआ करती थी, ऐसा नहीं है की आज नहीं हैं, पर अब शायद कहीं गुम गय...

Read Free

प्यार का स्पर्श By सीमा

"प्यार का स्पर्श.....लो देखो यहां आराम से पसरकर सो रही है कुम्भकर्ण की तरह ....अरे उठ देख बिरजू दफ्तर से लौट आया है कोई चाय पानी पूछ ....ये लक्षण है इन नयी बहु के .....अरी निगोड़ी य...

Read Free

बंधक By Deepak sharma

मेरी ननिहाल में शाम गहराते ही पाँचों बच्चे मुझे आ घेरते, ’’तुमसे तुम्हारे दादा की कहानी सुनेंगे....’’ उनमें कुक्कू और हिरणी मुझसे बड़े थे। कुक्कू दो साल और ह...

Read Free

वट सावित्री व्रत By सीमा

"वट सावित्री व्रत" वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व माना जाता है। इस दिन सुहागन महिलायें अपने सुहाग की रक्षा के लिए वट वृक्ष और यमदेव की पूजा करती हैं। शाम के समय वट क...

Read Free

Trapped By Smriti Singh

It was 3:40 in the morning and my friend had finally succeeded in convincing me to meet him. He lived in a neighbouring country. I already had the visa and the border was just 2 ho...

Read Free

भूख की ताब By Deepak sharma

’’कुछ खाने को बना लाऊँ क्या?’’ अपनी शादी के बाद साधना मुझे पहली बार मिल रही थी। ’’क्यों नहीं?’’ मैं उस पर रीझ ली, ’’बल्क...

Read Free

राव हम्मीर देव चौहान By सीमा

  रणथम्भौर "रणतभँवर के शासक थे। ये पृथ्वीराज चौहाण के वंशज थे। इनके पिता का नाम जैत्रसिंह था। ये इतिहास में ''हठी हम्मीर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं। जब हम्मीर वि॰सं॰ 1...

Read Free

चिलक By Deepak sharma

अस्पताल में अरूण साहब मुझे वार्ड के बाहर ही मिल गए। ’’तुम्हें किसने बताया ?’’ अरूण साहब इधर-उधर देखने लगे, ’’किसी ने तुम्हें देखा तो नहीं है ?&r...

Read Free

यादें बचपन की By सीमा

बच्चें मन के सच्चे...   बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और...

Read Free

हमारी जड़ By Pragati

ये कहानी एक परिवार की जगह ब्लॉग अपने कम में मसरफ। घर में पापा मम्मी के साथ 3बचे हैं। सब अपने कम में बिजी सबका रूम अलग अलग। पापा की ड्यूटी और घर के मेकओवर मम्मी संबलती और बचे पढाई म...

Read Free

दिल सहमा सा By Karunesh Maurya

हैलो दोस्तों , तो ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो शायद अब भी एक बच्चा है, जो नन्हे बच्चों से बहुत लगाओ रखता है ,पर अभी वो एक बेजूबान जानवर जैसा महसूस कर रहा है हा , वो ऐसे समय मे...

Read Free

कृपा-आकांक्षी By Deepak sharma

बृजबाला को इधर नौकरी देने से पहले मुझे स्कूल-प्रबन्धक के कमरे में बुलाया गया था। ’’आइए, हेड मिस्ट्रेस महोदया।’’ स्कूल प्रबन्धक को मेरी समझ पर बहुत भरोसा था...

Read Free

मीराबाई की जीवनी By सीमा

मीराबाई की जीवनी...       पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो।   बस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।   जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।   खरचै नहिं कोई चोर न लेवै, दिन...

Read Free

माई का श्राप By Sanjay Nayak Shilp

पुनः प्रसारणमाई का श्रापवो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया था। गंगा नाम था उसका, जैसे ही पति गया वो ठाकुर जी के चरणों में चली गई। बस दिन रात उनका...

Read Free

मोहब्बत का रंग काला By सीमा

  गाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्रुषा में कमी न रखती...

Read Free

अंत भला हो भला By LM Sharma

रामरति अपने पिता की पहली पत्नी की बिटिया थी। बात बहुत पुरानी हैं। हो सकता है सौ साल से भी अधिक पुरानी हो।उन दिनों समाज के सिद्धांत और रीति रिवाज कुछ अलग ही थे। रामरति की बहुत ही छो...

Read Free

हँसलोपैथी- डॉ. टी.एस. दराल By राजीव तनेजा

बचपन से ही मेरी रुचि स्तरीय हास्य रचनाओं को पढ़ने एवं हास्य कवियों/लेखकों को देखने सुनने की अन्य कवियों या लेखकों की बनिस्बत कुछ ज़्यादा रही है। जब लिखना शुरू किया तो इसी शौक का असर...

Read Free

इस्लाम की आस्था By aadil Khan

इस्लाम की आस्था,इस्लाम के प्रति ईसाईजगत के रवैये का प्रतिनिधि, कम से कम हाल के वर्षों1649 में सीडर डू के अंग्रेजी संस्करण के लिए अलेक्जेंडर रॉस की पोस्ट्रस्क्रिप्ट है,रायर द्वारा क...

Read Free

अनजाना सा राही By सीमा

एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से...

Read Free

गाँव की शादियां By सीमा

गाँव की शादियां   पहले गाँव मे न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अडोस-पडोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिय...

Read Free

प्यारी-सी नोकझोंक By RJS

सिंह साहब - हैलो... हैलो....हैलल्लल्लो.......क्या हुआअब आज क्या हुआ जो तुम अपने रसगुल्ले जैसे गोलू मोलू गालों को फुला ली हो नहीं...नहीं आज तो तुम्हारे लड्डू जैसे गाल लाल लाल टमाटर...

Read Free

तरक्की को देख कर फुले नहीं समा रहे थे ….. By Piyush Goel

बिहार का रहने वाला एक १८ वर्षीय युवा मुश्किल से १०वी पास, चार बहन भाइयों में सबसे छोटा, कुछ करने के लिए अपने माँ बाप को बिना बतायें दिल्ली आ जाता हैं.काम की तलाश में इधर उधर घूमता...

Read Free

वियोग का विलाप By RAMAN KUMAR JHA

रोहित एक मध्यम वर्गीय, नोकदार परिवार का युवक था। पढ़ाई के उपरांत, नौकरी करने लगा। बहुत वर्षों तक छोटी-मोटी, औनी-पौनी संस्थानों में काम कर जीवन यापन कर रहा था। वो, और उसके साथ रह रह...

Read Free

अदृश्य दंडाधिकारी By milan ji

अशोक अपना नाश्ता लेकर टीवी के सामने बैठ जाता है और टीवी ऑन करके न्यूज़ देखने लगता है। न्यूज़ में दिखाया जा रहा था कि किसी अदृश्य व्यक्ति ने सी.एम. के बेटे को बहुत पीटा है। एक पुलिस...

Read Free

ये हवेली नहीं बिकेगी By S Sinha

                           कहानी -  ये हवेली नहीं बिकेगी    दादी माँ अपने पोते अनिल की शादी गाँव की पुरानी हवेली से संपन्न कराना चाहती थीं  . अनिल तीन सप्ताह के लिए अमेरिका से अपनी...

Read Free

एक और दायरा By prabhat samir

डाॅ.प्रभात समीर मामा फोन पर कह रहे थे- ‘तूने अगर अपनी मामी के ख़त और उसकी कसम के सहारे मुझे ब्लैकमेल न किया होता तो मैं यहाँ तीन महीने तो क्या तीन घन्टे भी न बिताता।’ उ...

Read Free

बारिश - 2 By diya

दोनों लडकिया अंदर जाती हैं। लुना मिटिंग रुम की तरफ बढ ही रहीं थी, तभी " आ...... हमारे तो भाग ही खुल गये आपको देखकर मिस लुना। लुना ( फिर से नहीं ......)और आवाज़ की और पलट कर देखतीं ह...

Read Free

कर्ज़दार By Sharovan

कर्ज़दार *** ‘शायद तुम भूल गये हो कि, मंडी में बिका हुआ इंसान किसी की भी बोली लगाने के लायक नहीं होता है।’ *** ‘राहीही।’ ‘हूं?’ ‘एक बात कहूं।’ ‘क्या?’ ‘ये, हर समय उदास से क्यों रहा...

Read Free

मजदूर का बेटा By Sanjay Nayak Shilp

मजदूर का बेटाहम साथ साथ पढ़ते तब , 8 वीं की बात रही होगी, मेरी टक्कर हमेशा से ही उससे हो जाती थी, और मैं हमेशा उससे हार जाता था। खेल में, कक्षा के रिजल्ट के स्थान में, हमेशा वो मुझस...

Read Free

पीछे न मुड़ना By milan ji

वो एकटक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पे मुस्कान थी। वो बेहद खूबसूरत भी थी। हम दोनो एक दूसरे से नजर मिलाए हुए थे। बस दिक्कत इतनी सी थी की मैं १४वे मंजिले में था और वो मेरी खिड़की के...

Read Free

पांच साल की बेटी By Pallavi Gupta

pguptaindore600@gmail.comCould you please share what kind of issue you are facing? So we can resolve it properly. 

Read Free

कशिश - पार्ट 2 By Ashish Bagerwal

रात की बैठकभोला काका और गांव के सभी सदस्य (महिलाएं ,बच्चे, बुजुर्ग) मुखिया जी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुखिया जी बड़े प्रसन्न भाव से बैठक में उपस्थित होते हैं। वहां शोरगुल...

Read Free

चिड़िया के बच्चें By DINESH KUMAR KEER

.   जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की सेना तैयार थी। दोनों सेनाएं आपस में टकराने के लिए बिल्कुल तैयार थी तो उस समय युद्ध...

Read Free

AIRPORT वाला KISS By RAMAN KUMAR JHA

रोहित और रमा का इश्क़ भी एक अजीब मुकाम पर था। हर महिने कीसी ना कीसी बहानें वो एक-दूसरे से मिल ही लेते थे। अलग-अलग शहर में रह कर इश्क़ का ये ख़ाम्याजा तो ज़रूर था। मुद्दतों बाद लम्ह...

Read Free

गुल्लक By RAMAN KUMAR JHA

#ShortStory  #लघुकथा   || गुल्लक ||   बचपन से हम यही सुनते आए हैं कि भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। सब अलग अलग मशवरा देते हैं। अलग अलग तरीके बताते हैं कि पैसा कैसे संजोया जाता है। ए...

Read Free

माँ का न्याय By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जेलर मुकुन्द राठौर की ईमानदार मेहनत और समय के बदलते करवट ने नियत को मजबूर कर दिया कि वह अपने न्याय की समीक्षा करें ।राज्यपाल महोदय ने शेखर मिलन रागिल के विषय मे जानकारी मंगाई तीनों...

Read Free

बेटा By Prem Parihar

  बहुत समय बाद फूली के घर में बेटा पैदा हुआ। बेटे का नाम कुमार रखा गया। उसका परिवार खुशियां मना रहा है। समय के साथ साथ बेटा भी बड़ा हुआ। कुमार बहुत ही सुन्दर और पढ़ाई में तेज  था।...

Read Free

तेरी महफ़िल By Urooj Khan

शीर्षक = तेरी महफ़िल"प्लीज टच मी बेबी, प्लीज टच मी,, प्लीज होल्ड मी इन योर आर्म,, आई वांट टू किस यू " सोहम के नजदीक आती हुयी एक लड़की ने कहा, जो की अपनी मजबूरियो के चलते एक अय्या...

Read Free

जीवन की सच्ची कहानी By Pikachu pika

मेरा नाम राहुल चौधरी है मैं मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से रहने वाला हूं मैं एक मध्यम परिवार से हूं मेरी उम्र 21 वर्ष मेरे माता पिता ने कॉलेज तक मुझे पढ़ाया उसके लिए मैं उनका शुक्रग...

Read Free

कहानियों का रचना संसार - 6 - स्वयंसिद्धा By Dr Yogendra Kumar Pandey

कहानी स्वयंसिद्धा हैदराबाद की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आज दीक्षांत परेड है और कविता की बांह में आज आईपीएस का तमगा लगने वाला है। यह उपलब्धि कविता ने बड़े संघर्ष के बाद हासिल की है...

Read Free