लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • प्रेम विवाह

    अनंत और भूमिका की शादी हाल ही में हुई, इनकी शादी प्रेम विवाह हुई थी । दोनों एक ह...

  • मेरी माँ

    माँ : जिसके बिना हमारा अस्तित्व नहीं   माँ एक मिश्री घुला शब्द है जिसकी व्य...

  • रानी वेलू नचियार

    1857 की क्रांति को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है. इतिह...

प्रेम विवाह By DINESH KUMAR KEER

अनंत और भूमिका की शादी हाल ही में हुई, इनकी शादी प्रेम विवाह हुई थी । दोनों एक ही साथ स्कूली व महाविद्यालय की शिक्षा ग्रहण की थी । शिक्षा पाने के बाद भूमिका को तो जल्द ही कार्य मिल...

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मेरी माँ By DINESH KUMAR KEER

माँ : जिसके बिना हमारा अस्तित्व नहीं   माँ एक मिश्री घुला शब्द है जिसकी व्याख्या नहीं हो सकती । वह एक ऐसी शख्सियत है जो हर कीमत पर संतान का साथ देती है। स्नेह और देखभाल का इसस...

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रानी वेलू नचियार By DINESH KUMAR KEER

1857 की क्रांति को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है. इतिहास में ये क्रांति इसी नाम से दर्ज है. भारतीय इतिहास में ऐसे कई राजा और सम्राट हुए हैं जिन्होंने स्वत...

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राजा और नौकर की कहानी By DINESH KUMAR KEER

राजा के दरबार में, एक आदमी नौकरी मांगने के लिए आया! तो उस व्यक्ति से उसकी क़ाबलियत पूछी गई। तो वो बोला-मैं आदमी हो चाहे जानवर, उसकी शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ.!राजा ने...

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परफेक्ट मैच By Swati

निशांत  की  एम.डी.यू  कॉलेज में फिजिक्स लेक्चरर  की नौकरी लग गई  थीं І वह  शहर का जाना-माना सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैІ बहुत मुश्किल से यहाँ एडमिशन और नौकरी मिलती हैІ निशांत के मम...

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शीशा नीचे करके बोली तू, पीयूष हैं ना. By Piyush Goel

बात बहुत पुरानी हैं,मैं वृंदावन में बाँके बिहारी के दर्शन करने के लिये अकेला ही जा रहा था,सामने से आ रही एक बहुत सुंदर सी गाड़ी जिसको एक महिला चला रही थी,अचानक मेरे पास आ कर रुकी,...

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आनन्द की खोज By DINESH KUMAR KEER

एक नगर का राजा, जिसे ईश्वर ने सब कुछ दिया, एक समृद्ध राज्य, सुशील और गुणवती पत्नी, संस्कारी सन्तान सब कुछ था उसके पास, पर फिर भी दुःखी का दुःखी रहता ।   एक बार वो घुमते घुमते...

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आखिर खुश कौन है ? By Swati

जी हां मुझे बस ये जानना है की इस दुनिया में आखिर खुश है कौन ..?? मेरा ये सवाल आप सब से भी हैं ।क्योंकि आज जब मैं पार्क गई थी तो वहां बहुत ही प्यारी एक फैमिली को देखा ,पहले तो लगा म...

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अभावों के बीच पनपती खुशियाँ By Ashish Dalal

शिवानी अब भी खुद पर यकीन नहीं कर पा रही थी कि आकाश उसके साथ नहीं है । आकाश को घर छोड़कर गए हुए दो महीने हो गए लेकिन शिवानी को लग रहा था जैसे आकाश के बिना एक लम्बा अरसा गुजर गया हो ।...

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अनमोल By DINESH KUMAR KEER

अमन... ये... ये तो वो लड़की नहीं लग रही जो तुमने पहले हमें मोबाइल फोन पर दिखाई थी अशोक जी ने अपने बेटे अमन से आश्चर्यजनक नजरें लिए पूछा जोकि अभी अजमेर से जयपुर अपने बेटे के बुलावे...

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राखी By Devang Kori

आज इतवार है लोगों दवारा सबसे ज्यादा पसंद करने वाला दिन...आज मेरी भी छुट्टी थी...और मैं घर पर था...इस बात पे मैं इस लिए जोर डाल रहा हूं क्योंकि बहुत कम बार ऐसा हुआ है कि छुट्टी है औ...

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अनीश - कहानी संग्रह By DINESH KUMAR KEER

1 एक देवरानी और जेठानी में किसी बात पर जोरदार बहस हुई और दोनों में बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक दूसरे का मुँह तक न देखने की कसम खा ली और अपने-अपने कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर लि...

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देवरानी और जेठानी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

“ सुनिए जी ये (दीदी) जेठानी जी के दोनों बच्चों को किसी सरकारी विद्यालय में डाल दीजिए ... हमारे बच्चों के साथ उनका कोई ताल - मेल नहीं है ... समझ रहे हैं ना ? ” रमता ने अ...

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खुली किताब By Swati

मैं एक ऐसी खुली किताब की तरह हूं जिसे पढ़ तो सब सकते है लेकिन समझ बहुत कम लोग को ही आती हुं। जैसे एक तिलती हर किसी के हाथ नहीं आती लेकिन जिसके भी हाथ में आती उसके पास अपना एक प्यार...

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मेरी डायरी By DINESH KUMAR KEER

सरिता के विवाह की तैयारी जोरो - शोरों से चल रही थी... मेहमान आ गये थे... घर में बहुत रौनक थी... पर पिताजी का तो दिल बैठा जा रहा था कि कैसे रहूँगा अपनी प्यारी बेटी के बिना... माँ के...

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कांटों वाले गुलाब By DINESH KUMAR KEER

रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे उसका फ़ोन आया "हेल्लो" किसी ने फुसफुसा - हट भरे शब्दों में कहा।   "हाँ, बोलो" उसने भी धीमें से कहा।   "सब तैयारी हो गई क्या, सुबह चार बजे की...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 13 By राज कुमार कांदु

लघुकथा क्रमांक 35प्यार ही पूजा----------------" ओए, अमर ! क्या बात है ? कहाँ खोया हुआ है ? कबसे आवाज लगा रहा हूँ..सुन ही नहीं रहा है !"" सॉरी यार ! आज बहुत दिन बाद रजनी का मैसेज आय...

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नाकामी By Swati

बहुत दिनों बाद मां ने आज फोन किया ,और उनका सबसे पहला शब्द था खाना खा लिया तूने ।मेरी रूह तक कांप गई उनकी आवाज सुनकर , उनकी आवाज में जैसे कितना दर्द था अपने बेटे की नाकामी पे फिर भी...

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... मन के अंदर. By Rahul

....हर एक व्यक्ति अपनेआप में एकदम से निराला होता है।उसके जैसा कोई नहीं।अपनी एक खास पहचान लिए हम घूमते है।अपनी मनोभावनिक जो भी बनावट है,उसमे सबसे अधिक हिस्सा हमारे आसपास घटित हो रही...

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मेरे ठाकुर जी By DINESH KUMAR KEER

एक व्यक्ति हर रोज मंगला दर्शन अपने नजदीकी मंदिर में करता है और फिर अपने नित्य जीवन कार्य में लग जाता है। कहीं वर्ष तक यह नियम होता रहा।   एक दिन ऐसे ही वह मंदिर पहुँचा तो मंदि...

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अधूरी दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

लीला व माया में बहुत गहरी दोस्ती थी... लीला अपने घर में माता - पिता व भाई की लाडली थी जो वो मुँह से निकालती वो उपलब्ध हो जाता था उससे विपरीत माया के माता - पिता नहीं थे व भाई - बहन...

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दोस्त की शादी By kalyani jamdede

Part-1दोस्त की शादीपरीक्षा का समय था सीढियों पर में चल रहीं थी।अचानक मेरा दोस्त आया और कहने लगा की मेरी शादी है 12 दिसम्बर को तुम जरूर आना। मैंने भी कह दिया। शादी उज्जैन में थी ।12...

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मैं और मेरा अतीत By Swati

बात है साल 2016 की ,तब मैं स्कूल में पढ़ा करती थी। उस वक्त मैं 9वी में पढ़ती थी,हर साल की तरह 9वी की भी परीक्षा खत्म होने को थी, और मैं 10वी की नामांकन के लिए हाई स्कूल जाने वाली थ...

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रिश्तेदार By Swati

कुछ महीने लंदन में अपनी बेटी के साथ रहने के बाद कामतानाथ प्रसाद ने सोच लिया कि अब वापिस अपने देश यानी भारत चला जाए हालाँकि उनके बेटी-दामाद ने उन्हें बहुत समझाया कि वापिस जाकर क्या...

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निर्जला एकादशी व्रत कथा By DINESH KUMAR KEER

जानें क्यों कहा जाता है इसे भीमा एकादशी   निर्जला एकादशी का एक वृत्तांत महाभारत में पांडवों के भाई भीम से जुड़ा है जिस कारण इसे भीमसेनी एकादशी के नाम भी जानते हैं.   आज न...

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चमत्कारी रेखाएं By milan ji

जब मैं पांच साल का था तब मेरे घर एक नन्ही सी परी आई थी, मेरी बहन, कृतिका। मैं उसके साथ खेलता, बातें करता। भले ही वो गोद ली हुई थी, लेकिन थी मेरे लिए सगी बहन से भी बढ़कर। वो कुछ बोल...

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गुड़िया... - 10 By Lotus

सना जब उस घर के बेसमेंट मे जाती है तो एक आवाज आती है...बहुत जल्दी आ गई सना .. शुक्र करो आ गई वरना तुम्हारे पति परमेश्वर ने तो गली से निकलना भी मुश्किल कर दिया है चारो तरफ पुलिस तैन...

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खाटू श्याम जी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है. वैसे तो खाटू श्याम बाबा के भक्तों की कोई गिनती नहीं लेकिन इनमें खासकर वैश्य, मारवाड़ी जैसे व्यवसायी वर्ग अधिक सं...

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सोने के कबूतर की चोरी By Sumit Singh

ठण्ड का मौसम था बाग़ हरियाली से दमक रहा था तब ही बादशाह अकबर ने सभापतियों को बाग़ में दरबार लगाने का हुक्म दिया . हुक्म की तालीम हुई और पूरा दरबार, अकबर और बीरबल बाग़ में बैठे .अकबर क...

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गुमनाम नायक By DINESH KUMAR KEER

1857 ई. के क्रांति के महानायक बिहार के सासाराम के निशान नगर बड्डी गॉव निवासी सेनापति निशान सिंह चौहान जी को अंग्रेजों ने कैमूर की पहाड़ीयों से धोखे से पकड़ लिया..   सासाराम ले...

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क्रिकेट का चस्का By DINESH KUMAR KEER

छीतर जी की पत्नी सुशीला देवी जी के गुजर जाने के बाद छीतर जी के जीवन में भी जैसे शांति ही छा गई । अब वह बहुत चुप - चुप से रहते, मुख भी बहुत उदास रहता, ज्यादा किसी से ना मिलते ना बोल...

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मैना कुमारी By DINESH KUMAR KEER

ये थी महान् वीरांगना मैना कुमारी ... 11 सितम्बर 1857 का दिन था जब बिठूर में एक पेड़ से बांध कर 13 वर्ष की लड़की को ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले कर दिया ! धूँ - धूँ कर जलती...

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मेरी मां By Swati

तो ये कहानी है ऐसी मां की जो अपने बच्चो की खुशी के लिऐ अपनी खुशी दाव पे लगा देती है ।जी हां, मैं हर उस मां के लिए के रही हूं जो अपनी पूरी जीवन को त्याग कर अपने परिवार के लिए समर्पण...

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छत का सन्नाटा By Rajesh Rajesh

पांच बरस के शम्मी को और तीन बरस की रक्षा को जब उनका पिता परिवार की जिम्मेदारियों से घबराकर साधु बनने के लिए हिमालय भाग जाता है, तो तब रक्षा शम्मी की मां मजबूर होकर बड़े घर को बेचकर...

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लव ट्रेजेडी - 1 By Gaurav

सैम और प्रिया दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं दोनों शादी करने निकले हैं क्या दोनों की शादी हो पाएगी दोनों घर से भाग गए हैं क्या वह पकड़े जाएंगे और एक अजनबी उनकी मदद करता है क्या ह...

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असली वारिस By DINESH KUMAR KEER

  एक इलाके में एक भले आदमी का देहांत हो गया लोग अर्थी ले जाने को तैयार हुये और जब उठाकर श्मशान ले जाने लगे तो एक आदमी आगे आया और अर्थी का एक पाऊं पकड़ लिया। और बोला के मरने वाल...

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बांटने का सुख By DINESH KUMAR KEER

पूरे चार महीने बाद वो शहर से कमाकर गाँव लौटा था। अम्मा उसे देखते ही चहकी...   "आ गया मेरा लाल! कितना दुबला हो गया है रे! खाली पैसे बचाने के चक्कर में ढंग से खाता-पीता भी नहीं...

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मेरे दादाजी By RACHNA ROY

परम पूज्यनीय दादा जी , सादर प्रणाम आपको।मैं कुछ दिनों से सोच रहा था कि एक पत्र आपको लिखुं पर कैसे लिखुं?समझ नहीं पा रहा था। दरअसल मैं आपको धन्यवाद देना चाहता था पर आत्म ग्लानि की व...

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अनीश - एक साधारण लड़का By DINESH KUMAR KEER

लगभग सोलह साल का अनीश नाम का एक लड़का साधारण लड़का, बस स्टैंड पर पानी बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह पानी बेच रहा था तो बस में बैठे एक व्यारी ने उसे बुलाया। अनीश, व्यापारी...

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प्रेम की सच्ची व्याख्या By DINESH KUMAR KEER

छोटे भाई सोहन से पिता की बीमारी का हाल फोन पर सुनकर मोहन तिलमिला उठा... गला रूंध गया, किसी तरह से इतना ही बोल पाया.... "पिता जी इतने बीमार है और मुझे आज बता रहे हो भाई... कहां इलाज...

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आखिरी फैसला By DINESH KUMAR KEER

ट्रिन ट्रिन..... दरवाजे पर बेल बजी ...मोहन ने अपने कमरे में से दूसरे कमरे में खिडकी पर खडी अपनी मां की ओर देखा.... कौन हो सकता है आसपास सभी को पता है कि हम दोनों की रिपोर्ट पाँजिटि...

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आजादी By Abhishek Joshi

  कहने  को  तो  हम  बरसों  पहले  आजाद  हो  चुके  ।  पर  देखा  जाए  तो  हम  आज  तक  गुलाम  है  ।  ये  बात  सही  है  हमे  आजादी  मिली  है  ।  पर  किस  चीज  से  अपनी  परंपरा  से  ।  अ...

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इश्क. - 12 By om prakash Jain

इश्क की कहानी पढकों की पसंद के हिसाब से बिलकुल सही बैठ रहा है। राज वेदान्त को बॉम्बे आने का बारबार ऑफर देता है ।वेदान्त, राज सर का इज्जत करता है ।परंतु बॉम्बे जाने को सोचता है।होम...

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पहचान By Rajesh Rajesh

मानव ऐसा युवक था, उसके स्वभाव को समझना सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी के लिए भी समझना असंभव था क्योंकि मानव जिस व्यक्ति के साथ एक सप्ताह से भी कम समय रहता था, तो उस व्यक्ति ही जैसे दिखने...

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कामवाली बाई By DINESH KUMAR KEER

मेरे मिस्टर अपने व्यवसाय की एक आवश्यक मीटिंग में बिजी थे इसलिए मेरे 5 साल के बेटे को स्कूल से लाने के लिए मुझे टू-व्हीलर पर जाना पड़ा।   जब मैं टू व्हीलर से घर की ओर वापस आ रह...

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बद्रीनाथ धाम कथा By DINESH KUMAR KEER

. एक बार श्री हरि (विष्णु) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई | वे उचित जगह की तलाश में इधर उधर भटकने लगे | . खोजते खोजते उन्हें एक जगह तप के लिए सबसे अच्छी लगी जो के...

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प्रेम विवाह By DINESH KUMAR KEER

अनंत और भूमिका की शादी हाल ही में हुई, इनकी शादी प्रेम विवाह हुई थी । दोनों एक ही साथ स्कूली व महाविद्यालय की शिक्षा ग्रहण की थी । शिक्षा पाने के बाद भूमिका को तो जल्द ही कार्य मिल...

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मेरी माँ By DINESH KUMAR KEER

माँ : जिसके बिना हमारा अस्तित्व नहीं   माँ एक मिश्री घुला शब्द है जिसकी व्याख्या नहीं हो सकती । वह एक ऐसी शख्सियत है जो हर कीमत पर संतान का साथ देती है। स्नेह और देखभाल का इसस...

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रानी वेलू नचियार By DINESH KUMAR KEER

1857 की क्रांति को भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है. इतिहास में ये क्रांति इसी नाम से दर्ज है. भारतीय इतिहास में ऐसे कई राजा और सम्राट हुए हैं जिन्होंने स्वत...

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राजा और नौकर की कहानी By DINESH KUMAR KEER

राजा के दरबार में, एक आदमी नौकरी मांगने के लिए आया! तो उस व्यक्ति से उसकी क़ाबलियत पूछी गई। तो वो बोला-मैं आदमी हो चाहे जानवर, उसकी शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ.!राजा ने...

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परफेक्ट मैच By Swati

निशांत  की  एम.डी.यू  कॉलेज में फिजिक्स लेक्चरर  की नौकरी लग गई  थीं І वह  शहर का जाना-माना सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैІ बहुत मुश्किल से यहाँ एडमिशन और नौकरी मिलती हैІ निशांत के मम...

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शीशा नीचे करके बोली तू, पीयूष हैं ना. By Piyush Goel

बात बहुत पुरानी हैं,मैं वृंदावन में बाँके बिहारी के दर्शन करने के लिये अकेला ही जा रहा था,सामने से आ रही एक बहुत सुंदर सी गाड़ी जिसको एक महिला चला रही थी,अचानक मेरे पास आ कर रुकी,...

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आनन्द की खोज By DINESH KUMAR KEER

एक नगर का राजा, जिसे ईश्वर ने सब कुछ दिया, एक समृद्ध राज्य, सुशील और गुणवती पत्नी, संस्कारी सन्तान सब कुछ था उसके पास, पर फिर भी दुःखी का दुःखी रहता ।   एक बार वो घुमते घुमते...

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आखिर खुश कौन है ? By Swati

जी हां मुझे बस ये जानना है की इस दुनिया में आखिर खुश है कौन ..?? मेरा ये सवाल आप सब से भी हैं ।क्योंकि आज जब मैं पार्क गई थी तो वहां बहुत ही प्यारी एक फैमिली को देखा ,पहले तो लगा म...

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अभावों के बीच पनपती खुशियाँ By Ashish Dalal

शिवानी अब भी खुद पर यकीन नहीं कर पा रही थी कि आकाश उसके साथ नहीं है । आकाश को घर छोड़कर गए हुए दो महीने हो गए लेकिन शिवानी को लग रहा था जैसे आकाश के बिना एक लम्बा अरसा गुजर गया हो ।...

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अनमोल By DINESH KUMAR KEER

अमन... ये... ये तो वो लड़की नहीं लग रही जो तुमने पहले हमें मोबाइल फोन पर दिखाई थी अशोक जी ने अपने बेटे अमन से आश्चर्यजनक नजरें लिए पूछा जोकि अभी अजमेर से जयपुर अपने बेटे के बुलावे...

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राखी By Devang Kori

आज इतवार है लोगों दवारा सबसे ज्यादा पसंद करने वाला दिन...आज मेरी भी छुट्टी थी...और मैं घर पर था...इस बात पे मैं इस लिए जोर डाल रहा हूं क्योंकि बहुत कम बार ऐसा हुआ है कि छुट्टी है औ...

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अनीश - कहानी संग्रह By DINESH KUMAR KEER

1 एक देवरानी और जेठानी में किसी बात पर जोरदार बहस हुई और दोनों में बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक दूसरे का मुँह तक न देखने की कसम खा ली और अपने-अपने कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर लि...

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देवरानी और जेठानी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

“ सुनिए जी ये (दीदी) जेठानी जी के दोनों बच्चों को किसी सरकारी विद्यालय में डाल दीजिए ... हमारे बच्चों के साथ उनका कोई ताल - मेल नहीं है ... समझ रहे हैं ना ? ” रमता ने अ...

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खुली किताब By Swati

मैं एक ऐसी खुली किताब की तरह हूं जिसे पढ़ तो सब सकते है लेकिन समझ बहुत कम लोग को ही आती हुं। जैसे एक तिलती हर किसी के हाथ नहीं आती लेकिन जिसके भी हाथ में आती उसके पास अपना एक प्यार...

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मेरी डायरी By DINESH KUMAR KEER

सरिता के विवाह की तैयारी जोरो - शोरों से चल रही थी... मेहमान आ गये थे... घर में बहुत रौनक थी... पर पिताजी का तो दिल बैठा जा रहा था कि कैसे रहूँगा अपनी प्यारी बेटी के बिना... माँ के...

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रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे उसका फ़ोन आया "हेल्लो" किसी ने फुसफुसा - हट भरे शब्दों में कहा।   "हाँ, बोलो" उसने भी धीमें से कहा।   "सब तैयारी हो गई क्या, सुबह चार बजे की...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 13 By राज कुमार कांदु

लघुकथा क्रमांक 35प्यार ही पूजा----------------" ओए, अमर ! क्या बात है ? कहाँ खोया हुआ है ? कबसे आवाज लगा रहा हूँ..सुन ही नहीं रहा है !"" सॉरी यार ! आज बहुत दिन बाद रजनी का मैसेज आय...

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नाकामी By Swati

बहुत दिनों बाद मां ने आज फोन किया ,और उनका सबसे पहला शब्द था खाना खा लिया तूने ।मेरी रूह तक कांप गई उनकी आवाज सुनकर , उनकी आवाज में जैसे कितना दर्द था अपने बेटे की नाकामी पे फिर भी...

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... मन के अंदर. By Rahul

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मेरे ठाकुर जी By DINESH KUMAR KEER

एक व्यक्ति हर रोज मंगला दर्शन अपने नजदीकी मंदिर में करता है और फिर अपने नित्य जीवन कार्य में लग जाता है। कहीं वर्ष तक यह नियम होता रहा।   एक दिन ऐसे ही वह मंदिर पहुँचा तो मंदि...

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अधूरी दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

लीला व माया में बहुत गहरी दोस्ती थी... लीला अपने घर में माता - पिता व भाई की लाडली थी जो वो मुँह से निकालती वो उपलब्ध हो जाता था उससे विपरीत माया के माता - पिता नहीं थे व भाई - बहन...

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दोस्त की शादी By kalyani jamdede

Part-1दोस्त की शादीपरीक्षा का समय था सीढियों पर में चल रहीं थी।अचानक मेरा दोस्त आया और कहने लगा की मेरी शादी है 12 दिसम्बर को तुम जरूर आना। मैंने भी कह दिया। शादी उज्जैन में थी ।12...

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मैं और मेरा अतीत By Swati

बात है साल 2016 की ,तब मैं स्कूल में पढ़ा करती थी। उस वक्त मैं 9वी में पढ़ती थी,हर साल की तरह 9वी की भी परीक्षा खत्म होने को थी, और मैं 10वी की नामांकन के लिए हाई स्कूल जाने वाली थ...

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रिश्तेदार By Swati

कुछ महीने लंदन में अपनी बेटी के साथ रहने के बाद कामतानाथ प्रसाद ने सोच लिया कि अब वापिस अपने देश यानी भारत चला जाए हालाँकि उनके बेटी-दामाद ने उन्हें बहुत समझाया कि वापिस जाकर क्या...

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निर्जला एकादशी व्रत कथा By DINESH KUMAR KEER

जानें क्यों कहा जाता है इसे भीमा एकादशी   निर्जला एकादशी का एक वृत्तांत महाभारत में पांडवों के भाई भीम से जुड़ा है जिस कारण इसे भीमसेनी एकादशी के नाम भी जानते हैं.   आज न...

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चमत्कारी रेखाएं By milan ji

जब मैं पांच साल का था तब मेरे घर एक नन्ही सी परी आई थी, मेरी बहन, कृतिका। मैं उसके साथ खेलता, बातें करता। भले ही वो गोद ली हुई थी, लेकिन थी मेरे लिए सगी बहन से भी बढ़कर। वो कुछ बोल...

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गुड़िया... - 10 By Lotus

सना जब उस घर के बेसमेंट मे जाती है तो एक आवाज आती है...बहुत जल्दी आ गई सना .. शुक्र करो आ गई वरना तुम्हारे पति परमेश्वर ने तो गली से निकलना भी मुश्किल कर दिया है चारो तरफ पुलिस तैन...

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खाटू श्याम जी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है. वैसे तो खाटू श्याम बाबा के भक्तों की कोई गिनती नहीं लेकिन इनमें खासकर वैश्य, मारवाड़ी जैसे व्यवसायी वर्ग अधिक सं...

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सोने के कबूतर की चोरी By Sumit Singh

ठण्ड का मौसम था बाग़ हरियाली से दमक रहा था तब ही बादशाह अकबर ने सभापतियों को बाग़ में दरबार लगाने का हुक्म दिया . हुक्म की तालीम हुई और पूरा दरबार, अकबर और बीरबल बाग़ में बैठे .अकबर क...

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गुमनाम नायक By DINESH KUMAR KEER

1857 ई. के क्रांति के महानायक बिहार के सासाराम के निशान नगर बड्डी गॉव निवासी सेनापति निशान सिंह चौहान जी को अंग्रेजों ने कैमूर की पहाड़ीयों से धोखे से पकड़ लिया..   सासाराम ले...

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क्रिकेट का चस्का By DINESH KUMAR KEER

छीतर जी की पत्नी सुशीला देवी जी के गुजर जाने के बाद छीतर जी के जीवन में भी जैसे शांति ही छा गई । अब वह बहुत चुप - चुप से रहते, मुख भी बहुत उदास रहता, ज्यादा किसी से ना मिलते ना बोल...

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मैना कुमारी By DINESH KUMAR KEER

ये थी महान् वीरांगना मैना कुमारी ... 11 सितम्बर 1857 का दिन था जब बिठूर में एक पेड़ से बांध कर 13 वर्ष की लड़की को ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले कर दिया ! धूँ - धूँ कर जलती...

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मेरी मां By Swati

तो ये कहानी है ऐसी मां की जो अपने बच्चो की खुशी के लिऐ अपनी खुशी दाव पे लगा देती है ।जी हां, मैं हर उस मां के लिए के रही हूं जो अपनी पूरी जीवन को त्याग कर अपने परिवार के लिए समर्पण...

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छत का सन्नाटा By Rajesh Rajesh

पांच बरस के शम्मी को और तीन बरस की रक्षा को जब उनका पिता परिवार की जिम्मेदारियों से घबराकर साधु बनने के लिए हिमालय भाग जाता है, तो तब रक्षा शम्मी की मां मजबूर होकर बड़े घर को बेचकर...

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लव ट्रेजेडी - 1 By Gaurav

सैम और प्रिया दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं दोनों शादी करने निकले हैं क्या दोनों की शादी हो पाएगी दोनों घर से भाग गए हैं क्या वह पकड़े जाएंगे और एक अजनबी उनकी मदद करता है क्या ह...

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असली वारिस By DINESH KUMAR KEER

  एक इलाके में एक भले आदमी का देहांत हो गया लोग अर्थी ले जाने को तैयार हुये और जब उठाकर श्मशान ले जाने लगे तो एक आदमी आगे आया और अर्थी का एक पाऊं पकड़ लिया। और बोला के मरने वाल...

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बांटने का सुख By DINESH KUMAR KEER

पूरे चार महीने बाद वो शहर से कमाकर गाँव लौटा था। अम्मा उसे देखते ही चहकी...   "आ गया मेरा लाल! कितना दुबला हो गया है रे! खाली पैसे बचाने के चक्कर में ढंग से खाता-पीता भी नहीं...

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मेरे दादाजी By RACHNA ROY

परम पूज्यनीय दादा जी , सादर प्रणाम आपको।मैं कुछ दिनों से सोच रहा था कि एक पत्र आपको लिखुं पर कैसे लिखुं?समझ नहीं पा रहा था। दरअसल मैं आपको धन्यवाद देना चाहता था पर आत्म ग्लानि की व...

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अनीश - एक साधारण लड़का By DINESH KUMAR KEER

लगभग सोलह साल का अनीश नाम का एक लड़का साधारण लड़का, बस स्टैंड पर पानी बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह पानी बेच रहा था तो बस में बैठे एक व्यारी ने उसे बुलाया। अनीश, व्यापारी...

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प्रेम की सच्ची व्याख्या By DINESH KUMAR KEER

छोटे भाई सोहन से पिता की बीमारी का हाल फोन पर सुनकर मोहन तिलमिला उठा... गला रूंध गया, किसी तरह से इतना ही बोल पाया.... "पिता जी इतने बीमार है और मुझे आज बता रहे हो भाई... कहां इलाज...

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आखिरी फैसला By DINESH KUMAR KEER

ट्रिन ट्रिन..... दरवाजे पर बेल बजी ...मोहन ने अपने कमरे में से दूसरे कमरे में खिडकी पर खडी अपनी मां की ओर देखा.... कौन हो सकता है आसपास सभी को पता है कि हम दोनों की रिपोर्ट पाँजिटि...

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आजादी By Abhishek Joshi

  कहने  को  तो  हम  बरसों  पहले  आजाद  हो  चुके  ।  पर  देखा  जाए  तो  हम  आज  तक  गुलाम  है  ।  ये  बात  सही  है  हमे  आजादी  मिली  है  ।  पर  किस  चीज  से  अपनी  परंपरा  से  ।  अ...

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इश्क. - 12 By om prakash Jain

इश्क की कहानी पढकों की पसंद के हिसाब से बिलकुल सही बैठ रहा है। राज वेदान्त को बॉम्बे आने का बारबार ऑफर देता है ।वेदान्त, राज सर का इज्जत करता है ।परंतु बॉम्बे जाने को सोचता है।होम...

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पहचान By Rajesh Rajesh

मानव ऐसा युवक था, उसके स्वभाव को समझना सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी के लिए भी समझना असंभव था क्योंकि मानव जिस व्यक्ति के साथ एक सप्ताह से भी कम समय रहता था, तो उस व्यक्ति ही जैसे दिखने...

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कामवाली बाई By DINESH KUMAR KEER

मेरे मिस्टर अपने व्यवसाय की एक आवश्यक मीटिंग में बिजी थे इसलिए मेरे 5 साल के बेटे को स्कूल से लाने के लिए मुझे टू-व्हीलर पर जाना पड़ा।   जब मैं टू व्हीलर से घर की ओर वापस आ रह...

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बद्रीनाथ धाम कथा By DINESH KUMAR KEER

. एक बार श्री हरि (विष्णु) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई | वे उचित जगह की तलाश में इधर उधर भटकने लगे | . खोजते खोजते उन्हें एक जगह तप के लिए सबसे अच्छी लगी जो के...

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