सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • गुमनाम ढांचा

    गुमनाम ढाँचाचार मंजिला आलीशान इमारत, पूरी तरह रोशनी से नहाई हुई थी और रात में ऐस...

  • हंस और हंसिनी

    हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उ...

  • किन्नर अफ़सर

    मनीष कोटा का निवासी साधारण सा संस्कारी गरीब घर का बेटा, मम्मी पापा तो कैंसर से ख...

बन्धन प्यार का - 21 By Kishanlal Sharma

"हा।मेरे वालिद ने मेरा निकाह अपने मजहब के लड़के से ही किया था"फिर तो तू। अपने अतीत को भूली नही होगी"नही भूली"सलमा बोली"क्यो"नही भूली तो एक बार अपने अतीत में झांक लेबेटी ने याद दिलाय...

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सर्कस - 3 By Madhavi Marathe

                                                                                                  सर्कस: ३               सुबह हो गई। एक अलग, अपरिचित उर्जा की लहरें वातावरण को पुलकि...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

स्नेहिल नमस्कार मित्रो! सभी मित्रों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य की कामना !   अनेकानेक बंधनों, अड़चनों, परेशानियों के बीच भी जीवन चलता है, बहता है। ठहरता है, ठिठकता है, सहमता...

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क्या से क्या हो गया By Bhawani Bhai

EVERYTHING IS OVER.....क्या से क्या हो गया।एक धराशायी मकान के मलबे में दबे कुछ लोग।उनमे से एक शख्स जिसका नाम राजू है और फ़िल्म का नायक है। राजू के पास उसी के दो हम शक्ल बैठे है । जि...

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प्रेम ( पति - पत्नी का ) By DINESH KUMAR KEER

प्रेम ( पति - पत्नी का ) एक साहूकार जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था । जिसका नाम था । मोहन लाल जैसे ही मोहन लाल के फ़ोन की घंटी बजी मोहन लाल डर गया । तब साहूकार जी ने पूछ...

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गुमनाम ढांचा By Chaya Agarwal

गुमनाम ढाँचाचार मंजिला आलीशान इमारत, पूरी तरह रोशनी से नहाई हुई थी और रात में ऐसी लग रही थी मानो कोई पांच सितारा होटल हो। ठीक ऊपर की तरफ बीचों -बीच में बड़ा-बड़ा लिखा था 'जीवन...

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पंचलाइट By Vikas rajput

कहानी में परंपरागत और आधुनिक तथा समाज में व्यक्ति विशेष के बीच का द्वंद्व है। कहानी में गोदन नाम का लड़का जो लड़कियों को देखकर गाने गाया करता था उसे गाने गाने के कारण समाज से बहिष्...

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मातृभाषा By Er.Vishal Dhusiya

आजकल लोगों में एक अलग भावना पैदा हो चुकी है गाँव छोड़ना और अपनी मातृभाषा भूलना। जहां तक बात है गाँव छोड़ने की तो समझ में आता है कि शहरों में गाँव के अपेक्षा अच्छी सुविधाएं मिलती है...

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दानी By Dr. Pradeep Kumar Sharma

दानी सेठ किरोड़ीमल जी ने शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित रायपुर गांव में अपनी नई फैक्ट्री खोलने के साथ ही साथ उसके सामने एक भव्य मंदिर का भी निर्माण कराया। अपने पंडित जी की सलाह पर सेठ...

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हंस और हंसिनी By DINESH KUMAR KEER

हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये। हंसिनी ने हंस को कहा कि 'ये किस उजड़े इलाके में आ गय...

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किन्नर अफ़सर By Dr Sunita Shrivastava

मनीष कोटा का निवासी साधारण सा संस्कारी गरीब घर का बेटा, मम्मी पापा तो कैंसर से खतम हो गए पैसे के कमी के कारण इलाज करने के लिए असक्षम थे। रोज दफ़्तर जाता सिर्फ महीने के ₹15,000 मिलत...

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साथ तेरा मेरा By Kishanlal Sharma

"कलमुँही भिखारी की औलाद निकल जा घर सेकमल के पिता को कैंसर था।उनकी तबियत बिगड़ती जा रही थी।वह पत्नी से बोले,"मैं आंखे बंद करने से पहले बहु चाहता हूँकमल किसी लडक़ी से प्यार करता था।वह...

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अंधविश्वास By Dr. Pradeep Kumar Sharma

अंधविश्वास बात उन दिनों की है जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। हमारे परिवार में सिर्फ चार प्राणी रहते थे। मम्मी-पापा, मैं और दादी माँ। मम्मी-पापा मुझसे बहुत प्यार करते थे और मैं भी...

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बदलाव By Anonymous

एक औरत अपनी पड़ोस की औरत के साथ बेटी हुई कह रही है ''अरे बहन फलानी औरत कितनी बदल गई है , उसका आदमी जब से एक सेठ के काम करने लगा है और चार पैसे क्या कमाने लग गए उनके तो बोल...

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नागफनी By Bharati babbar

प्रभा ने खिड़की खोली तभी मेट्रो ट्रेन सामने से धड़धड़ाते हुए निकल गयी।दीवारें एकबारगी हिलती हुई-सी महसूस हुई।बिलकुल आँखों के सामने ही है मेट्रो लाइन, लगता है खिड़की से हाथ निकाल कर उसे...

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पुलिस की ट्रेनिंग By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पुलिस की ट्रेनिंग सिपाही की नौकरी पाने के बाद रामलाल को जिस थाने में पहली पोस्टिंग मिली, वहाँ के थानेदार साहब उससे पुत्रवत स्नेह रखते थे। रामलाल भी थानेदार साहब को पितातुल्य मानते...

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कहा है इंसान ? By Bharat(Raj)

कहा है इंशान ?संवेदनाओ की क्या बात करे आत्मा तक मार बैठा है इंशान, आँखों से ओझल नही हो पाती वो निर्भया कांड की न्यूज की हेडलाईने अब भी कभी बैठे बैठे एकाएक वो हादसा याद आता रूह काप...

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खुशियों का बीमा By Dr. Pradeep Kumar Sharma

खुशियों का बीमा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात ही निराली है। यहाँ मानव जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमेँ धर्म और अध्यात्म की घुसपैठ न हो। सौ बात की एक बात कहूँ तो ये कि म...

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एक थी बिल्लो By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बनखेड़ी एक गांव है जिसमें अधिकतर सिखों के फॉर्म हाउस हैं। सरकारी ज़मीन पर एक बंगाली मज़दूरों की बस्ती है जिममें अधिकांश फार्मि...

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पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर वैसे जानने वाले तो मानते ही हैं लेकिन अब यह बात तो आपको भी मान ही लेनी चाहिए कि मैं बचपन से ही टेलेंटेड बंदा रहा हूँ। खोटा सिक्का किस बाजार या द...

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ड्यूटी और संतुष्टि By Dr. Pradeep Kumar Sharma

ड्यूटी और संतुष्टि रमेश कुमार बचपन से ही प्रतिभाशाली था। वह बड़ा होकर सेना या पुलिस विभाग में उच्च अधिकारी बन देश की सेवा करना चाहता था। इसके लिए वह हाड़तोड़ मेहनत भी कर रहा था। पर कह...

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सहायता By Dr. Pradeep Kumar Sharma

सहायता """"'" अगले सप्ताह रागिनी की शादी है। खरीददारी के लिए मां-बेटी अक्सर बाजार जाती थीं। प्राय: उन्हें लौटते समय शाम, तो कभी-कभी रात भी हो जाया करती थी। एक दिन उन्होंने शाम...

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इरादा By Anonymous

स्वच्छ भारत का इरादा , इरादा कर लिया हमने देश से ये वादा... ये वादा कर लिया हमने। यह गाते हुए एक चौपहिया वाहन रोज मोहल्ले से गुजरता है। जैसे ही लोगो के कानो मे उसकी आवाज पड़ती है।...

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बदला ही क्यू ... By Bharat(Raj)

बदले की रात छोड़ो,बदले का दिन भी हमें मंजूर नहीं होना चाहिए। गीता में कहा गया है की "क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाना है " तो फिर किस बात के लिए अपने मन को ,अपनी आत्मा को दु:खी कर...

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संस्कारों की पाठशाला By Dr. Pradeep Kumar Sharma

संस्कारों की पाठशाला सुबह के सात बजने वाले थे। अभी-अभी उसकी आँख खुली थी। दरवाजे पर किसी ने नॉक किया। उनींदी आँखों से उसने कहा, "आ जाओ, दरवाजा खुला है।" "गुड मॉर्निंग मॉम। ये लीजिए...

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काफी हाउस By Vikash Kumar

आज विक्रम ने बहुत हिम्मत करके वर्षा से काफी पर चलने के लिए पूछ ही लिया लेकिन वर्षा ने आज तो किसी बहाने से विक्रम को टाल दिया, पर जब उसने अगले दिन भी इसी बात पर जोर दिया तो वर्षा इस...

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उत्सव और बाजार By bhagirath

पहले उत्सव समाज से जुड़ा था, परिवार से जुड़ा था और जुड़ा था धर्म से। धर्म अब शोभा यात्राओं और शोर शराबे में डूब गया है इसके पीछे एक संगठन काम करता है जो धर्म से सत्ता की फसल काटता है।...

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कुहासा छँट गया By Mamta

कुहासा छँट गया सुनो ! पाँच बज गए ,अब तो चाय बना लो ।कब से इंतज़ार कर रहा हूँ और एक तुम हो कि .... तिवारी जी के स्वर की तल्ख़ी उभर कर बाहर आ गयी। रमा ने पलट कर तिवारी जी को आग्नेय द...

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गाँव का जीवन By DINESH KUMAR KEER

गाँव का जीवनहाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है, खेतों में पीले सरसों के फूलों को सौंधी खुशबु के साथ खिलते देखा, सर्दी मे कोहरे की सफेद चादर की धुंध से लोगों की छिपत हुए देखा,ह...

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दिनू की कहानी By DINESH KUMAR KEER

दिनू की कहानीएक समय की बात है । खेड़ा नामक एक गांँव में एक अमीर साहूकार हेमा रहता था । वह बहुत ही धनवान था । गाँव के लोग उसका बहुत सम्मान करते थे । इस वजह से साहूकार घमण्डी और अहंक...

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मुझसे शादी कर लो - 11 By Kishanlal Sharma

वे चारो माया को श्वेता समझकर उठा ले गये थे।राघव ने उनकी गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया था"वह कौन थी और उसे गुंडे क्यो उठा ले गए"वह माया है,"राघव ने स्वेता को माया के बारे में सब कुछ बता...

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संवेदना By bhagirath

बड़े दुःख की बात है कि रमाकांत पांडेजी की पत्नी नहीं रही। वे करीब पैंसठ वर्ष की थी। अचानक ही चक्कर आया और उन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाना पड़ा। पांडेजी के दोस्त पंकज श्रीवास्तव भाग...

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प्रभु श्रीराम का उपहार By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी आज उसका जन्मदिन था‌। उसकी बगिया में सूरज की धूप चमक रही थी। नालिनी के फूल अपनी लंबी डंडियों पर संतरियों की तरह सीधे खड़े थे। वे नीचे घास में उगे गुलाबो की तरफ...

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जगत का जंजाल-संसृति By Shivraj Anand

         (मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही करनी चाहिए।मौजमस्ती दो पल की भूल है उनके कुबुद्धि का फल शूल है)...

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बन्धन प्यार का - 21 By Kishanlal Sharma

"हा।मेरे वालिद ने मेरा निकाह अपने मजहब के लड़के से ही किया था"फिर तो तू। अपने अतीत को भूली नही होगी"नही भूली"सलमा बोली"क्यो"नही भूली तो एक बार अपने अतीत में झांक लेबेटी ने याद दिलाय...

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सर्कस - 3 By Madhavi Marathe

                                                                                                  सर्कस: ३               सुबह हो गई। एक अलग, अपरिचित उर्जा की लहरें वातावरण को पुलकि...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

स्नेहिल नमस्कार मित्रो! सभी मित्रों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य की कामना !   अनेकानेक बंधनों, अड़चनों, परेशानियों के बीच भी जीवन चलता है, बहता है। ठहरता है, ठिठकता है, सहमता...

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क्या से क्या हो गया By Bhawani Bhai

EVERYTHING IS OVER.....क्या से क्या हो गया।एक धराशायी मकान के मलबे में दबे कुछ लोग।उनमे से एक शख्स जिसका नाम राजू है और फ़िल्म का नायक है। राजू के पास उसी के दो हम शक्ल बैठे है । जि...

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प्रेम ( पति - पत्नी का ) By DINESH KUMAR KEER

प्रेम ( पति - पत्नी का ) एक साहूकार जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था । जिसका नाम था । मोहन लाल जैसे ही मोहन लाल के फ़ोन की घंटी बजी मोहन लाल डर गया । तब साहूकार जी ने पूछ...

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गुमनाम ढांचा By Chaya Agarwal

गुमनाम ढाँचाचार मंजिला आलीशान इमारत, पूरी तरह रोशनी से नहाई हुई थी और रात में ऐसी लग रही थी मानो कोई पांच सितारा होटल हो। ठीक ऊपर की तरफ बीचों -बीच में बड़ा-बड़ा लिखा था 'जीवन...

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मातृभाषा By Er.Vishal Dhusiya

आजकल लोगों में एक अलग भावना पैदा हो चुकी है गाँव छोड़ना और अपनी मातृभाषा भूलना। जहां तक बात है गाँव छोड़ने की तो समझ में आता है कि शहरों में गाँव के अपेक्षा अच्छी सुविधाएं मिलती है...

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दानी By Dr. Pradeep Kumar Sharma

दानी सेठ किरोड़ीमल जी ने शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित रायपुर गांव में अपनी नई फैक्ट्री खोलने के साथ ही साथ उसके सामने एक भव्य मंदिर का भी निर्माण कराया। अपने पंडित जी की सलाह पर सेठ...

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हंस और हंसिनी By DINESH KUMAR KEER

हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये। हंसिनी ने हंस को कहा कि 'ये किस उजड़े इलाके में आ गय...

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मनीष कोटा का निवासी साधारण सा संस्कारी गरीब घर का बेटा, मम्मी पापा तो कैंसर से खतम हो गए पैसे के कमी के कारण इलाज करने के लिए असक्षम थे। रोज दफ़्तर जाता सिर्फ महीने के ₹15,000 मिलत...

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साथ तेरा मेरा By Kishanlal Sharma

"कलमुँही भिखारी की औलाद निकल जा घर सेकमल के पिता को कैंसर था।उनकी तबियत बिगड़ती जा रही थी।वह पत्नी से बोले,"मैं आंखे बंद करने से पहले बहु चाहता हूँकमल किसी लडक़ी से प्यार करता था।वह...

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अंधविश्वास बात उन दिनों की है जब मैं पांचवी कक्षा में पढ़ता था। हमारे परिवार में सिर्फ चार प्राणी रहते थे। मम्मी-पापा, मैं और दादी माँ। मम्मी-पापा मुझसे बहुत प्यार करते थे और मैं भी...

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प्रभा ने खिड़की खोली तभी मेट्रो ट्रेन सामने से धड़धड़ाते हुए निकल गयी।दीवारें एकबारगी हिलती हुई-सी महसूस हुई।बिलकुल आँखों के सामने ही है मेट्रो लाइन, लगता है खिड़की से हाथ निकाल कर उसे...

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पुलिस की ट्रेनिंग By Dr. Pradeep Kumar Sharma

पुलिस की ट्रेनिंग सिपाही की नौकरी पाने के बाद रामलाल को जिस थाने में पहली पोस्टिंग मिली, वहाँ के थानेदार साहब उससे पुत्रवत स्नेह रखते थे। रामलाल भी थानेदार साहब को पितातुल्य मानते...

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खुशियों का बीमा By Dr. Pradeep Kumar Sharma

खुशियों का बीमा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बात ही निराली है। यहाँ मानव जीवन का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमेँ धर्म और अध्यात्म की घुसपैठ न हो। सौ बात की एक बात कहूँ तो ये कि म...

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वाजिद हुसैन की कहानी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बनखेड़ी एक गांव है जिसमें अधिकतर सिखों के फॉर्म हाउस हैं। सरकारी ज़मीन पर एक बंगाली मज़दूरों की बस्ती है जिममें अधिकांश फार्मि...

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पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर By Dr. Pradeep Kumar Sharma

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सहायता By Dr. Pradeep Kumar Sharma

सहायता """"'" अगले सप्ताह रागिनी की शादी है। खरीददारी के लिए मां-बेटी अक्सर बाजार जाती थीं। प्राय: उन्हें लौटते समय शाम, तो कभी-कभी रात भी हो जाया करती थी। एक दिन उन्होंने शाम...

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संस्कारों की पाठशाला By Dr. Pradeep Kumar Sharma

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उत्सव और बाजार By bhagirath

पहले उत्सव समाज से जुड़ा था, परिवार से जुड़ा था और जुड़ा था धर्म से। धर्म अब शोभा यात्राओं और शोर शराबे में डूब गया है इसके पीछे एक संगठन काम करता है जो धर्म से सत्ता की फसल काटता है।...

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कुहासा छँट गया By Mamta

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गाँव का जीवन By DINESH KUMAR KEER

गाँव का जीवनहाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है, खेतों में पीले सरसों के फूलों को सौंधी खुशबु के साथ खिलते देखा, सर्दी मे कोहरे की सफेद चादर की धुंध से लोगों की छिपत हुए देखा,ह...

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मुझसे शादी कर लो - 11 By Kishanlal Sharma

वे चारो माया को श्वेता समझकर उठा ले गये थे।राघव ने उनकी गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया था"वह कौन थी और उसे गुंडे क्यो उठा ले गए"वह माया है,"राघव ने स्वेता को माया के बारे में सब कुछ बता...

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संवेदना By bhagirath

बड़े दुःख की बात है कि रमाकांत पांडेजी की पत्नी नहीं रही। वे करीब पैंसठ वर्ष की थी। अचानक ही चक्कर आया और उन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल लाना पड़ा। पांडेजी के दोस्त पंकज श्रीवास्तव भाग...

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वाजिद हुसैन की कहानी आज उसका जन्मदिन था‌। उसकी बगिया में सूरज की धूप चमक रही थी। नालिनी के फूल अपनी लंबी डंडियों पर संतरियों की तरह सीधे खड़े थे। वे नीचे घास में उगे गुलाबो की तरफ...

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जगत का जंजाल-संसृति By Shivraj Anand

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