सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • कोख़ में हत्या

    अमन कुमार त्यागी  सुधा को मुहल्ले भर के सभी बच्चे, जवान और बूढ़े जानते थे। सभी सु...

  • कर्ज़

    अमन कुमार त्यागी  सावन का महीना बीत चुका था। आम की फसल इस बार कम ही थी, सो आम का...

  • मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 12

    भाग. 12ज़ुहर की नमाज़ का वक्त हो गया था। शबीना और मुमताज खान दोनों ही पाँचों वक्त...

समझौता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कांट्रेक्ट मैरेज यानी संविदा विवाह कुछ निश्चित शर्तो के आपसी समझ बुझ का बंधन जिसे विवाह कहना न्यायोचित नही होगा ।।क्योकी विवाह दो जिस्म का एक जान हमेशा के लिये हो जाना जीवन के हर म...

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कोख़ में हत्या By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी  सुधा को मुहल्ले भर के सभी बच्चे, जवान और बूढ़े जानते थे। सभी सुधा से बेहद लगाव रखते। सुधा भी तो सभी के दुःख दर्द में शरीक़ होती। वह कहती -दुःख बाँटना आत्मसंतुष्टि क...

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कर्ज़ By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी  सावन का महीना बीत चुका था। आम की फसल इस बार कम ही थी, सो आम का समय भी गया ही समझो। कोयल की कूक तो बस अब अगले साल ही सुनने को मिल पाएगी। गर्मी के मारे बुरा हाल है।...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 12 By Chaya Agarwal

भाग. 12ज़ुहर की नमाज़ का वक्त हो गया था। शबीना और मुमताज खान दोनों ही पाँचों वक्त के नमाज़ी थे। शबीना ने दुपट्टा सिर से डाला और नमाज़ की तैयारी में लग गयी।फिज़ा की समझ में नही आ रहा...

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सोना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भोला नाम का ही भोला नही था सीधा साधा व्यक्तित्व निष्पाप या यूं कहें कि उसे आधुनिकता और विकसित होते राष्ट्र समाज का कोई भान नही था ।।वह दुनियां के छल प्रपंच कपट से दूर धर्म भीरू और...

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भाई-बहन का पवित्र रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

जब बस में सफर कर रहा था... और ड्राइवर के बगल में खड़ा था... इतने में एक महिला ने ड्राइवर से बोला की "भैया" मुझे यहीं उतार दो...   ड्राइवर ने उसे उतार दिया और फिर बस चलाते हुए म...

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ग्रीन चेन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कायनात यानी ब्रह्मांड के दो प्रमुख आधार स्तम्भ है पहला प्रमुख स्तम्भ है प्रकृति पेड़ पौधे झरना झील नदियाँ समंदर पहाड़ जिनमे अदृश्य चेतना जागृति होती है जिनके कारण ऋतुएं मौसम आदि निर्...

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युगांतर - भाग 22 By Dr. Dilbag Singh Virk

खुशियाँ मनाने का अवसर जल्द ही मिल गया। रश्मि का पहला जन्म दिन आ गया था। जन्म दिन को धूमधाम से मनाने का फैसला किया गया, जिसमें सभी रिश्तेदारों को बुलाया जाएगा। रश्मि के जन्म प्रमाण...

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MY HERO - 6 By shama parveen

जैसे ही आकाश बोलता है कि मेरा काम छुट गया है वैसे ही मानो सबके पेरो तले जमीन खिसक जाती हैं। तभी आकाश की मां बोलती है, "बेटा तू ये क्या बोल रहा है"।तब आकाश बोलता है, "मां यही सच है"...

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मतदान By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   अब तो हद हो गई है। बर्दाश्त की भी कोई सीमा होती है? बात सभी सीमाओं को लांघ चुकी है। पानी सिर से ऊपर नहीं बल्कि बांध के ऊपर से बहने लगा है। जिन्हें संभलना था वो त...

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ग़लती By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी -‘बेटे लाठी मारने से पानी अलग नहीं हो जाता है।’ मान सिंह ने अपने बड़े बेटे को समझाने का प्रयास किया। -‘और वो मुझे मार डाले तब।’ नरेश ने शिक़ायती लहजे में कहते हुए अप...

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एक मुलाकात कि वर्षात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वारणसी उतर प्रदेश का मुख्य शहर एव भारत की पौराणिक धार्मिक नगरी है सुबहे बनारस बहुत मसहूर है सुबह मंदिरों में बजते घंटे घड़ियाल और वेद मंत्रों की ऋचाओं से पूरा शहर अपनी विशेष पहचान क...

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हिमांशी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिमांशी को भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा क्या हुई कला हांडी के पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी पूरे क्षेत्र के लांगो को लग रहा था जैसे पुरष्कृत उन्ही...

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उज्ज्वला By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   समीर आज पचास साल बाद गाँव आ रहा था। जब से वह शहर गया था उसे गाँव का जीवन नीरस और निरर्थक लगने लगा था। उसने शहर में कड़ी मेहनत कर एक घर बना लिया और वहीं पर बस गया...

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दी औरते - (अंतिम क़िस्त) By Kishanlal Sharma

रात का प्रथम पहर आधे से ज्यादा बीत चुका था।चारो तरफ वातावरण शांत और खामोश था।दूर दूर तक किसी तरह की आवाज नही कोई आहट नही।कोई शोर नही।कुत्तों के भोकने की आवाजें भी नही आ रही थी।सुरे...

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वह सिसकती रही By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भोपाल भारत के मशहूर शहरों में शुमार अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिये मशहूर भोपाल अपनी खूबसूरती प्राकृतिक सुंदरता के लिये जाना जाता है अमूमन यहां के लोग शांति प्रिय और भारत की सांस्कृ...

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बेरंग दुनिया By Urooj Khan

शीर्षक = बेरंग दुनियादीवार पर टंगी एक तस्वीर को नम आँखों से काफी देर देखने के बाद, आखिर कार उस तस्वीर को उतार कर अपने सीने से लगाते हुए, राहुल वही पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाता है...

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सर्द की रात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश एव बिहार जो मेरी जन्म मातृ पितृ भूमि है वहां की सामाजिक संस्कारो और व्यवहारिक आचार व्यवहार से भली भांति परिचित हूँ ।पहले इन क्षेत्रों में बारात जब...

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मिट्टी के बर्तन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यगी   अचानक मैंने एक बच्चे को ठोकर खाकर गिरते हुए देखा। मैं उसे संभालने के लिए तेजी से आगे बढ़ा किंतु मेरे संभालने से पहले ही वह सड़क पर धड़ाम से गिरा और उसके हाथ में मौजू...

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नौकरी का पहला दिन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

दिपांकर गांगुली होनहार पिता अतुल देव माँ देविका जी का लाड़ला दुलारा एकलौती संतान था ।पढ़ाई पूरी होने के बाद नैकरी की तलाश एव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटा था लगातार नौकरी...

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बड़ा भाई By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   कुल मिलाकर लगभग बीस हज़ार एकत्र कर लिए गए थे। विवाह के निमंत्रण के लिए महंगे वाले लाल सुर्ख रंग के कार्ड सस्ते दामों पर मंगा कर रख लिए गए थे। कुछ साड़ियाँ और कपड़े...

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असल मर्द By राज कुमार कांदु

लगभग बाईस वर्षीय वह युवक मंत्री का बेटा था। शहर के व्यस्त इलाके में भीड़भाड़ वाली सड़क पर एक किनारे खड़ी उसकी आलीशान कार यातायात को बुरी तरह बाधित कर रही थी। कार से कोहनी टिकाए अपने ती...

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आस्था का आभाष विश्वास By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था का आभाष विश्वास सेठ जमुना दास की एकलौती बेटी नम्रता बचपन से ही धर्म भीरुऔर भारतीय परम्परा में विश्वास करने वाली माँ बाप का अभिमान थी पढ़ने लिखने में सदैव अव्वल अपने मोहल्ले शह...

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पक्षपात By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   रामलाल की बेचैनी थमने का नाम नहीं ले रही थी। वह बहुत अधिक परेशान थे। रात्रि का मध्यकाल था और आँखों से नींद गायब थी। हाथ-पाँव काँप रहे थे। पूरा बदन पसीने से तर बत...

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सभी मौन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी बूढ़ा मोहन अब स्वयं को परेशान अनुभव कर रहा था। अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाना अब उसके लिए भारी पड़ रहा था। परिवार के अन्य कमाऊ सदस्य अपने मुखिया मोहन की अव्हेलना कर...

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थाने वाला गांव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----थाने वाला गाँव----विल्लोर गांव का एकात्म स्वरूप बदल चुका था गांव छोटे छोटे टोलो में जातिगत आधार में बंट एक अविकसित कस्बाई रूप ले चुका था जहाँ हर व्यक्ति गांव के एकात्म स्वरूप...

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अधिकार By sudha jugran

“अधिकार”बस अपनी तीब्र रफ्तार से पहाड़ी रास्तों पर भागी जा रही थी. पारुल खिड़की से तेजी से पीछे छूटते जा रहे दृश्यों को देख रही थी. जैसे-जैसे बस मैदानी इलाकों को छोड़कर पहाड़ों की तरफ ब...

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खोपड़ी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----–-खोपडी------ठाकुर सतपाल सिंह का स्मारक बन चुका था अब लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त के पास गांव वालों में किसी नए विचार की फसाद का कोई अवसर नही था फिर भी दोनों को चैन इसलिये...

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खिलखिलाहट By Dr. Suryapal Singh

खिलखिलाहट‘हलो माधवन..............हलो............हलो...............’उधर से कोई आवाज़ नहीं आई। वीना ने मोबाइल मेज पर रख लिया। ‘आखिर उसने मिसकाल क्यों किया, यदि बात नहीं करनी थी।’ वीन...

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ठगों की सभा By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी ठगों की सभा प्रारंभ हो चुकी थी। ठगों के राजा सिंहासन पर बैठे हुए प्रत्येक ठग की बात सुन रहे थे। ठगों के विभिन्न जातियों से होने के बावजूद उनमें एकता थी। इन ठगों म...

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किसान By DINESH KUMAR KEER

विद्यालय प्राचार्य ने बहुत ही कड़े शब्दों मे जब छोटे (जमीदार) किसान की बेटी शिखा से पिछले एक साल की विद्यालय शुल्क मांगी, तो शिखा ने कहा अध्यापिका जी मे घर जाकर आज पिता जी से कह दूं...

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स्वतंत्रता पुकारती By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी   आज पंद्रह अगस्त है। पंद्रह अगस्त के महत्त्व को कोई भारतीय भला कैसे भूल सकता है। इस दिन हमारा पुनर्जन्म हुआ था। दासता की बेड़ियाँ कट गई थीं। अब तक हमारी स्वतंत्रत...

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स्मारक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-–---सम्मारक--------गांव में अमूमन शान्ति का माहौल था क्योकि गांव के खुराफातियों ठाकुर सतपाल की मृत्यु हो चुकी थी और लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त का मन पसंद शोमारू गांव का प्रधान...

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आत्महत्या By Vishram Goswami

आत्महत्या                     उन दिनों मैं एक शहर के विद्यालय में कार्यरत था, जहां अक्सर उन अभिभावकों के बच्चे पढ़ने आते थे, जो सच पूछिए तो शायद अभिभावक की भूमिका निभाने में असमर्थ...

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समझौता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कांट्रेक्ट मैरेज यानी संविदा विवाह कुछ निश्चित शर्तो के आपसी समझ बुझ का बंधन जिसे विवाह कहना न्यायोचित नही होगा ।।क्योकी विवाह दो जिस्म का एक जान हमेशा के लिये हो जाना जीवन के हर म...

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कोख़ में हत्या By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी  सुधा को मुहल्ले भर के सभी बच्चे, जवान और बूढ़े जानते थे। सभी सुधा से बेहद लगाव रखते। सुधा भी तो सभी के दुःख दर्द में शरीक़ होती। वह कहती -दुःख बाँटना आत्मसंतुष्टि क...

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कर्ज़ By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी  सावन का महीना बीत चुका था। आम की फसल इस बार कम ही थी, सो आम का समय भी गया ही समझो। कोयल की कूक तो बस अब अगले साल ही सुनने को मिल पाएगी। गर्मी के मारे बुरा हाल है।...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 12 By Chaya Agarwal

भाग. 12ज़ुहर की नमाज़ का वक्त हो गया था। शबीना और मुमताज खान दोनों ही पाँचों वक्त के नमाज़ी थे। शबीना ने दुपट्टा सिर से डाला और नमाज़ की तैयारी में लग गयी।फिज़ा की समझ में नही आ रहा...

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सोना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भोला नाम का ही भोला नही था सीधा साधा व्यक्तित्व निष्पाप या यूं कहें कि उसे आधुनिकता और विकसित होते राष्ट्र समाज का कोई भान नही था ।।वह दुनियां के छल प्रपंच कपट से दूर धर्म भीरू और...

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भाई-बहन का पवित्र रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

जब बस में सफर कर रहा था... और ड्राइवर के बगल में खड़ा था... इतने में एक महिला ने ड्राइवर से बोला की "भैया" मुझे यहीं उतार दो...   ड्राइवर ने उसे उतार दिया और फिर बस चलाते हुए म...

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ग्रीन चेन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कायनात यानी ब्रह्मांड के दो प्रमुख आधार स्तम्भ है पहला प्रमुख स्तम्भ है प्रकृति पेड़ पौधे झरना झील नदियाँ समंदर पहाड़ जिनमे अदृश्य चेतना जागृति होती है जिनके कारण ऋतुएं मौसम आदि निर्...

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युगांतर - भाग 22 By Dr. Dilbag Singh Virk

खुशियाँ मनाने का अवसर जल्द ही मिल गया। रश्मि का पहला जन्म दिन आ गया था। जन्म दिन को धूमधाम से मनाने का फैसला किया गया, जिसमें सभी रिश्तेदारों को बुलाया जाएगा। रश्मि के जन्म प्रमाण...

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MY HERO - 6 By shama parveen

जैसे ही आकाश बोलता है कि मेरा काम छुट गया है वैसे ही मानो सबके पेरो तले जमीन खिसक जाती हैं। तभी आकाश की मां बोलती है, "बेटा तू ये क्या बोल रहा है"।तब आकाश बोलता है, "मां यही सच है"...

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मतदान By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   अब तो हद हो गई है। बर्दाश्त की भी कोई सीमा होती है? बात सभी सीमाओं को लांघ चुकी है। पानी सिर से ऊपर नहीं बल्कि बांध के ऊपर से बहने लगा है। जिन्हें संभलना था वो त...

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ग़लती By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी -‘बेटे लाठी मारने से पानी अलग नहीं हो जाता है।’ मान सिंह ने अपने बड़े बेटे को समझाने का प्रयास किया। -‘और वो मुझे मार डाले तब।’ नरेश ने शिक़ायती लहजे में कहते हुए अप...

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एक मुलाकात कि वर्षात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वारणसी उतर प्रदेश का मुख्य शहर एव भारत की पौराणिक धार्मिक नगरी है सुबहे बनारस बहुत मसहूर है सुबह मंदिरों में बजते घंटे घड़ियाल और वेद मंत्रों की ऋचाओं से पूरा शहर अपनी विशेष पहचान क...

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हिमांशी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिमांशी को भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा क्या हुई कला हांडी के पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी पूरे क्षेत्र के लांगो को लग रहा था जैसे पुरष्कृत उन्ही...

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उज्ज्वला By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   समीर आज पचास साल बाद गाँव आ रहा था। जब से वह शहर गया था उसे गाँव का जीवन नीरस और निरर्थक लगने लगा था। उसने शहर में कड़ी मेहनत कर एक घर बना लिया और वहीं पर बस गया...

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दी औरते - (अंतिम क़िस्त) By Kishanlal Sharma

रात का प्रथम पहर आधे से ज्यादा बीत चुका था।चारो तरफ वातावरण शांत और खामोश था।दूर दूर तक किसी तरह की आवाज नही कोई आहट नही।कोई शोर नही।कुत्तों के भोकने की आवाजें भी नही आ रही थी।सुरे...

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वह सिसकती रही By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भोपाल भारत के मशहूर शहरों में शुमार अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिये मशहूर भोपाल अपनी खूबसूरती प्राकृतिक सुंदरता के लिये जाना जाता है अमूमन यहां के लोग शांति प्रिय और भारत की सांस्कृ...

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बेरंग दुनिया By Urooj Khan

शीर्षक = बेरंग दुनियादीवार पर टंगी एक तस्वीर को नम आँखों से काफी देर देखने के बाद, आखिर कार उस तस्वीर को उतार कर अपने सीने से लगाते हुए, राहुल वही पास पड़ी कुर्सी पर बैठ जाता है...

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सर्द की रात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

उत्तर भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश एव बिहार जो मेरी जन्म मातृ पितृ भूमि है वहां की सामाजिक संस्कारो और व्यवहारिक आचार व्यवहार से भली भांति परिचित हूँ ।पहले इन क्षेत्रों में बारात जब...

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मिट्टी के बर्तन By Aman Kumar

अमन कुमार त्यगी   अचानक मैंने एक बच्चे को ठोकर खाकर गिरते हुए देखा। मैं उसे संभालने के लिए तेजी से आगे बढ़ा किंतु मेरे संभालने से पहले ही वह सड़क पर धड़ाम से गिरा और उसके हाथ में मौजू...

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नौकरी का पहला दिन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

दिपांकर गांगुली होनहार पिता अतुल देव माँ देविका जी का लाड़ला दुलारा एकलौती संतान था ।पढ़ाई पूरी होने के बाद नैकरी की तलाश एव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटा था लगातार नौकरी...

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बड़ा भाई By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   कुल मिलाकर लगभग बीस हज़ार एकत्र कर लिए गए थे। विवाह के निमंत्रण के लिए महंगे वाले लाल सुर्ख रंग के कार्ड सस्ते दामों पर मंगा कर रख लिए गए थे। कुछ साड़ियाँ और कपड़े...

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असल मर्द By राज कुमार कांदु

लगभग बाईस वर्षीय वह युवक मंत्री का बेटा था। शहर के व्यस्त इलाके में भीड़भाड़ वाली सड़क पर एक किनारे खड़ी उसकी आलीशान कार यातायात को बुरी तरह बाधित कर रही थी। कार से कोहनी टिकाए अपने ती...

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आस्था का आभाष विश्वास By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था का आभाष विश्वास सेठ जमुना दास की एकलौती बेटी नम्रता बचपन से ही धर्म भीरुऔर भारतीय परम्परा में विश्वास करने वाली माँ बाप का अभिमान थी पढ़ने लिखने में सदैव अव्वल अपने मोहल्ले शह...

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पक्षपात By Aman Kumar

अमन कुमार त्यागी   रामलाल की बेचैनी थमने का नाम नहीं ले रही थी। वह बहुत अधिक परेशान थे। रात्रि का मध्यकाल था और आँखों से नींद गायब थी। हाथ-पाँव काँप रहे थे। पूरा बदन पसीने से तर बत...

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सभी मौन By Aman Kumar

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थाने वाला गांव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----थाने वाला गाँव----विल्लोर गांव का एकात्म स्वरूप बदल चुका था गांव छोटे छोटे टोलो में जातिगत आधार में बंट एक अविकसित कस्बाई रूप ले चुका था जहाँ हर व्यक्ति गांव के एकात्म स्वरूप...

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अधिकार By sudha jugran

“अधिकार”बस अपनी तीब्र रफ्तार से पहाड़ी रास्तों पर भागी जा रही थी. पारुल खिड़की से तेजी से पीछे छूटते जा रहे दृश्यों को देख रही थी. जैसे-जैसे बस मैदानी इलाकों को छोड़कर पहाड़ों की तरफ ब...

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खोपड़ी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-----–-खोपडी------ठाकुर सतपाल सिंह का स्मारक बन चुका था अब लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त के पास गांव वालों में किसी नए विचार की फसाद का कोई अवसर नही था फिर भी दोनों को चैन इसलिये...

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खिलखिलाहट By Dr. Suryapal Singh

खिलखिलाहट‘हलो माधवन..............हलो............हलो...............’उधर से कोई आवाज़ नहीं आई। वीना ने मोबाइल मेज पर रख लिया। ‘आखिर उसने मिसकाल क्यों किया, यदि बात नहीं करनी थी।’ वीन...

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ठगों की सभा By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी ठगों की सभा प्रारंभ हो चुकी थी। ठगों के राजा सिंहासन पर बैठे हुए प्रत्येक ठग की बात सुन रहे थे। ठगों के विभिन्न जातियों से होने के बावजूद उनमें एकता थी। इन ठगों म...

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किसान By DINESH KUMAR KEER

विद्यालय प्राचार्य ने बहुत ही कड़े शब्दों मे जब छोटे (जमीदार) किसान की बेटी शिखा से पिछले एक साल की विद्यालय शुल्क मांगी, तो शिखा ने कहा अध्यापिका जी मे घर जाकर आज पिता जी से कह दूं...

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स्वतंत्रता पुकारती By Aman Kumar

अमन कुुमार त्यागी   आज पंद्रह अगस्त है। पंद्रह अगस्त के महत्त्व को कोई भारतीय भला कैसे भूल सकता है। इस दिन हमारा पुनर्जन्म हुआ था। दासता की बेड़ियाँ कट गई थीं। अब तक हमारी स्वतंत्रत...

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स्मारक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

-–---सम्मारक--------गांव में अमूमन शान्ति का माहौल था क्योकि गांव के खुराफातियों ठाकुर सतपाल की मृत्यु हो चुकी थी और लाला गजपति और पंडित महिमा दत्त का मन पसंद शोमारू गांव का प्रधान...

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आत्महत्या By Vishram Goswami

आत्महत्या                     उन दिनों मैं एक शहर के विद्यालय में कार्यरत था, जहां अक्सर उन अभिभावकों के बच्चे पढ़ने आते थे, जो सच पूछिए तो शायद अभिभावक की भूमिका निभाने में असमर्थ...

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