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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 114

    भाग 114 विवान, पूर्वी और अमन तीनों बारी बारी से पुरवा के पास देख भाल के लिए रहते...

  • साथिया - 21

    "कहा था ना मैने प्रेक्टिस कर लेंगे तो हमारा डांस अच्छा ही जाएगा।" शालू ने इशान क...

  • फादर्स डे - 20

    लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 20 रविवार, 05/12/1999 “अरे वाह, बहुत बढ़िया...इसका म...

मैं तो ओढ चुनरिया - 52 By Sneh Goswami

  मैं तो ओढ चुनरिया    52     ये मामू मुझे बहुत प्यार करते थे । पिछले पंद्रह बीस साल से वे हमारे साथ रह रहे थे । हर रोज बर्फी और रबड़ी का दोना मेरे लिए आता रहा । हर साल जैसे ही नती...

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कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 114 By Neerja Pandey

भाग 114 विवान, पूर्वी और अमन तीनों बारी बारी से पुरवा के पास देख भाल के लिए रहते थे। हल्की फुल्की बातें कर के पुरवा को तनाव मुक्त रखने की पूरी कोशिश करते थे। बीच बीच में वैरोनिका भ...

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तरकीब By Sudhir Srivastava

कहानी तरकीब************* सीमा और सुंदर अपनी आदत के अनुसार कम्बल में से मुँह निकाल कर देख लेते ,कोई चहल पहल न देख कर फिर सो जाते, क्योंकि दोनों बहुत ही आलसी थे, और घर का कोई भी काम...

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साथिया - 21 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

"कहा था ना मैने प्रेक्टिस कर लेंगे तो हमारा डांस अच्छा ही जाएगा।" शालू ने इशान के कंधे पर हाथ रख कर कहा। "यह डांस इसलिए अच्छा नहीं गया कि हमने प्रेक्टिस कर ली थीं बल्कि इसलिए अच्छा...

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रुकेगी नहीं वसुंधरा By prabhat samir

डॉ. प्रभात समीर कॉलिज से घर तक का फ़ासला भावशून्य तरीके से तय करके, दरवाजा़ खोलकर वसुन्धरा कुर्सी पर निर्जीव सी जो गिरी तो उठने का नाम ही नहीं लिया । शाम से रात, रात से सुबह हो गयी,...

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फादर्स डे - 20 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 20 रविवार, 05/12/1999 “अरे वाह, बहुत बढ़िया...इसका मतलब है एक दिन में बड़ी कमाई हो जाती है...याद करने की कोशिश करो, और मुझे बताओ कि क्या पिछले सोमवार, 2...

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सब्जीवाला By Yogesh Kanava

                                                       सब्जीवाला   आज भी दफ्तर से आते आते काफी देर हो गई थी । कपड़े चेंज करके वह सोच रही थी आज क्या बनाएगी । फ्रिज में देखा तो कोई सब...

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सावन की तीज By prabha pareek

                                           सावन की तीज सुहाना मौसम और बारिश की पड़ती रिमझिम फुहार के बीच जब कभी सौरभ का फोन अमरीका से आ जाता सुरभी का मन मयूर नाचने लगता। सुरभी का मन...

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भरोसा - भाग 7 By Gajendra Kudmate

भाग – ७ थोडी देर के बाद चाची स्थिती को सम्भालती है और बुधिया से कहती है, “ बेटा अब क्या किया जाये? हमे जो भी निर्णय लेना है अब बडी सोच समझकर लेना है. देख यहा पर उसका एक भरा पुरा पर...

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भारत की रचना - 4 By Sharovan

भारत की रचना/धारावाहिक/ चतुर्थ भाग रात बढ़ रही थी। उसके हॉस्टल की सारी लड़कियां उसके दिल के जज्बातों से बेखबर, जैसे मदहोश होकर सो चुकी थीं। स्वयं उसकी रूम-मेट अपनी नींद में बेसुध थी।...

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ताश का आशियाना - भाग 35 By Rajshree

2 दिन हो चुके थे lसिद्धार्थ को उससे मिले हुए, उसका का कोई जवाब नहीं आया था। फिर रागिनी ने अपने लंदन के टिकट बुक कर ली थी, आज शाम के फ्लाइट से ही वह लंदन वापस जाने वाली थी।जाने से प...

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अनोखा पितृऋण - 3 - लास्ट पार्ट By S Sinha

Last Part 3     कहानी - अनोखा पितृऋण नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि मोहन को एलीना के प्रेग्नेंट होने की जानकारी मिल गयी थी हालांकि एलीना ने स्वयं नहीं बताया था , अब आगे पढ़ें ….    " फिर...

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सुरभी बुआ By prabha pareek

                                      सुरभी बुआ रसोई में चूल्हे के सामने बैठी सुरभी बुआ ....और मैं, बस बुआ को ताक रही थी। कुछ तो बुआ का गोरा कशमीरी सेब सा चमकता लाल रंग, आत्मविश्वा...

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महादान By Dr. Pradeep Kumar Sharma

महादानडॉ. धर्मेंद्र कुमार जी की आकस्मिक मौत की खबर जंगल के आग की तरह नगर तो क्या, पूरे देश में फैल गई। सब तरफ शोक की लहर छा गई। आसपास के लोग श्रद्धांजलि देने उनके आश्रम की ओर उमड़ प...

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काला आदमी By Ramesh Desai

" मुझे तौलिया दे दो, प्लीझ! " रीना ने अपने नौकर को आवाज देकर आदेश दिया. उसी वक़्त जोनास कमरे के भीतर दाखिल हुआ. सौतेली मा की आवाज उस के कानो से टकराई. बाथरूम का दरवाजा अध खु...

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लव v s lust - 4 By TGAP

प्रिया – तुम्हारी खुशी के लिए मैं तैयार हूंमैंने प्रिया को कॉल किया आदित्य – सच में ( अंदर से कन्फ्यूज होता मैं की ये मान कैसे गई.... की बस सुना ही रही है मुझे )प्रिया– हां मैं तैय...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 52 By Sneh Goswami

  मैं तो ओढ चुनरिया    52     ये मामू मुझे बहुत प्यार करते थे । पिछले पंद्रह बीस साल से वे हमारे साथ रह रहे थे । हर रोज बर्फी और रबड़ी का दोना मेरे लिए आता रहा । हर साल जैसे ही नती...

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कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 114 By Neerja Pandey

भाग 114 विवान, पूर्वी और अमन तीनों बारी बारी से पुरवा के पास देख भाल के लिए रहते थे। हल्की फुल्की बातें कर के पुरवा को तनाव मुक्त रखने की पूरी कोशिश करते थे। बीच बीच में वैरोनिका भ...

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साथिया - 21 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

"कहा था ना मैने प्रेक्टिस कर लेंगे तो हमारा डांस अच्छा ही जाएगा।" शालू ने इशान के कंधे पर हाथ रख कर कहा। "यह डांस इसलिए अच्छा नहीं गया कि हमने प्रेक्टिस कर ली थीं बल्कि इसलिए अच्छा...

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रुकेगी नहीं वसुंधरा By prabhat samir

डॉ. प्रभात समीर कॉलिज से घर तक का फ़ासला भावशून्य तरीके से तय करके, दरवाजा़ खोलकर वसुन्धरा कुर्सी पर निर्जीव सी जो गिरी तो उठने का नाम ही नहीं लिया । शाम से रात, रात से सुबह हो गयी,...

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फादर्स डे - 20 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 20 रविवार, 05/12/1999 “अरे वाह, बहुत बढ़िया...इसका मतलब है एक दिन में बड़ी कमाई हो जाती है...याद करने की कोशिश करो, और मुझे बताओ कि क्या पिछले सोमवार, 2...

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अनोखा पितृऋण - 3 - लास्ट पार्ट By S Sinha

Last Part 3     कहानी - अनोखा पितृऋण नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि मोहन को एलीना के प्रेग्नेंट होने की जानकारी मिल गयी थी हालांकि एलीना ने स्वयं नहीं बताया था , अब आगे पढ़ें ….    " फिर...

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सुरभी बुआ By prabha pareek

                                      सुरभी बुआ रसोई में चूल्हे के सामने बैठी सुरभी बुआ ....और मैं, बस बुआ को ताक रही थी। कुछ तो बुआ का गोरा कशमीरी सेब सा चमकता लाल रंग, आत्मविश्वा...

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काला आदमी By Ramesh Desai

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प्रिया – तुम्हारी खुशी के लिए मैं तैयार हूंमैंने प्रिया को कॉल किया आदित्य – सच में ( अंदर से कन्फ्यूज होता मैं की ये मान कैसे गई.... की बस सुना ही रही है मुझे )प्रिया– हां मैं तैय...

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