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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • सौगन्ध--भाग(२)

    समय बीत रहा था और संग संग वसुन्धरा की प्रतीक्षा भी,उसे अभी भी विश्वास था कि कदाच...

  • अंधे बाबा अब्दुल्ला की कहानी

    बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए त...

  • छोटी जो बड़ी वो

    छोटी जो बड़ी वो रिनछिन के पेंसिल बॉक्स में रबर, शार्पनर और पेंसिल थींं। रिनछिन ने...

सौगन्ध--भाग(२) By Saroj Verma

समय बीत रहा था और संग संग वसुन्धरा की प्रतीक्षा भी,उसे अभी भी विश्वास था कि कदाचित देवनारायण का हृदयपरिवर्तन हो जाएं और वो उसके पास लौट आएं,वसुन्धरा कभी अश्रु बहाती तो कभी विचलित ह...

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भगवान परशुराम जी By Gurpreet Singh HR02

महर्षि ऋचीक ने महर्षि अगत्स्य के अनुरोध पर जमदग्नि को महर्षि अगत्स्य के साथ दक्षिण में कोंकण प्रदेश मे धर्म प्रचार का कार्य करने लगे। कोंकण प्रदेश का राजा जमदग्नि की विद्वता पर इतन...

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एक निज़ाम की सच्ची कहानी (निज़ाम शाह की कहानी) By Saroj Verma

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर मे...

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अंधे बाबा अब्दुल्ला की कहानी By Ravinder Sharma

बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए तो उनका धन उत्तराधिकार में मैंने पाया। वह धन इतना था कि उससे मैं जीवन भर आराम से रह सकता था किंतु मैं...

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अंधेरा बंगला - 9 By Mansi

Chep 9 अब तक आपने देखा कि गुड़िया ने कहा कि अंधेरे बंगले के अंदर उसी की उम्र की एक बच्ची ने उसके साथ खूब खेला अभी आगे की कहानी देखते है। सब लोग गुड़िया की तरफ देखने लगते है तब ही म...

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नारियल के जन्म की कहानी By Sagar Sonawane

प्राचीन काल में सत्यव्रत नाम के एक राजा राज करते थे। वह प्रतिदिन पूजा-पाठ किया करते थे। उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी। वह धन दौलत से लेकर हर प्रकार की सुविधा से समृद्ध थे। हा...

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छोटी जो बड़ी वो By Smile Smile

छोटी जो बड़ी वो रिनछिन के पेंसिल बॉक्स में रबर, शार्पनर और पेंसिल थींं। रिनछिन ने दो और नई पेंसिलें खरीदीं। नई पेंसिलों को भी उसने बॉक्स में रख दिया। एक नई पेंसिल बोली, “मैं लाली हू...

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खलीफा हारूँ रशीद और बाबा अब्दुल्ला की कहानी By Smile Smile

दुनियाजाद के प्रस्ताव और शहरयार की अनुमति से नई कहानी प्रारंभ करते हुए शहरजाद ने कहा कि कभी-कभी आदमी का चित्त प्रसन्न होता है और उसकी कोई साफ वजह भी नहीं होती। ऐसी स्थिति भी होती ह...

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प्रतिभोज By ANKIT YADAV

गांव का नाम बताने की जरूरत नही। भारत के सभी गांवो का लगभग यही हाल है।शादी का मंच सजा है। दुल्हा-दुल्हन के लिए सोफे लगे हैं। मेहमानों के लिए सामने ही कुर्सियां लगी है। और वही ढोल नग...

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खोए हुए दृश्य By ANKIT YADAV

देखो तो इन हरामजादों को, कैसे हाथ में हाथ मिलाए घूमे जा रहे हैं। ना मां-बाप का डर है ना समाज का। शाम हुई नहीं कि यह दृश्य देखते रहते है। इन भालमानस को कौन समझाए अब कि पढ़ाई कितनी ज...

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स्वतंत्रता से गणतंत्रता तक का सफर By Anant Dhish Aman

"स्वतंत्रता से गणतंत्रता तक का सफर"भारत जो एक लंबे समय तक पराधीनता के भाव और स्वभाव में जो जकङीत रह चूका था उसके लिए यह सफर तय कर पाना आसान नहीं था या यूँ कहे एक गुलामी के दर्द को...

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सच्ची दोस्ती By Miss Chhoti

दोस्ती हमारे जीवन का एक बहुत ही खास रिश्ता होता है। जन्म होते ही हमारे साथ कई रिश्ते जुड़ जाते है। पर दोस्ती का रिश्ता हम खुद ही बनाते है और दिल से निभाता है।जीत और राज एक दुसरे के...

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एकाकी By Annapurna Bajpai

एकाकी कौशल्या जी को गुजरे अभी दस दिन भी न हुए थे कि उनके तीनों बच्चों मे उनकी चीजों को लेकर झगड़ा आरंभ हो गया। जैसा कि अधिकतर घरों मे होता है कि घर के स्वामी या स्वामिनी का महाप्रया...

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बिल्ला नंबर 64 By Ramesh Yadav

       कहानी                बिल्ला नंबर – 64 ------------------------------------------------ शनिवार की वह रात… सारे काम निपटाकर कम्प्यूटर खोला और फेसबुक देखने लगा। पत्रकार मित्र,...

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संयोग (अन्तिम भाग) By SWARNIM स्वर्णिम

"क्या आप कृपया मुझे बताएंगे कि मामला क्या है?" "मेरा मासिक धर्म फिर बंद हो गया है। 3 महीने हो गए हैं। मुझे कल अस्पताल जाना है। मुझे बहुत डर लग रहा है। अगर मुझे इस बार भी पहले की तर...

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जीवन की डोर By दिनू

जीवन की डोर ( स्त्री का प्यार सबके नसीब में नहीं होता ) स्त्री का प्यार सबके नसीब में नही होता, वो जीवन में सिर्फ़ एक ही मर्द से , दिल से प्यार कर पाती हैं , वो मर्द उसका प्रेमी हो...

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दगाबाज By दिनू

बाजार में एक चिड़ीमार तीतर बेच रहा था...उसके पास एक बडी जालीदार टोकरी में बहुत सारे तीतर थे.. !और एक छोटी जालीदार टोकरी में सिर्फ एक ही तीतर था..!एक ग्राहक ने पूछा एक तीतर कितने का...

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मौत का मुनाफा By Sital Kaur

" आप इनको घर ले जाइए देखिये हम इनको ऐसे अस्पताल में नहीं रख सकते आप बात को समझिए "डॉक्टर ने सुरेश को समझाते हुए कहा ।सुरेश कि माँ बहुत बीमार थी ,यहाँ उनकी जाँच के लिए उनको लाया गया...

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बस अब और नहीं By Sital Kaur

"प्रीति क्या कर रही हो"? मैंने अपनी बेटी से पूछा। "कलर कर रही हूं मम्मा " "होमवर्क हो गया बेटा " " हां मम्मा ""मम्मा आज फिर मेरे दोस्त मुझसे पूछ रहे थे की तेरे पापा कब आएँगे कब हमे...

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व्हेल वॉच By Prabodh Kumar Govil

मैंने पिछले चार महीने से कोई छुट्टी नहीं ली थी। इसलिए एक अजीब सी थकान शरीर पर चस्पां थी। ठीक वैसे ही, जैसे लंबे समय तक आप बस में बैठे रहें तो उतरने के बाद भी बस की गति का भ्रम आपके...

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धर्मी कर्मी By Rohit Kumar Singh

सूरज बाबू घबरा के उठ बैठे,उन्हें भूख भी लग रही थी,और कुछ अजीब सी महक भी आ रही थी,जो उन्हें बरदाश्त नहीं हो रहा था।उनके शरीर से पसीना छूट रहा था,क्योंकि अजीब सा चिपचिपा पदार्थ उन्हे...

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प्यार का दाग - 6 (अन्तिम भाग) By SWARNIM स्वर्णिम

बोतलबंद पानी लेने और रसोई का दरवाजा बंद करने के बाद, मैं उस कमरे में लौट आयी जहाँ वह था। वह फोन पर बात कर रहा था। मैं दूसरे बिस्तर पर गयी और बैठ गयी। जो उस बिस्तर के ठीक सामने था ज...

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नो ड्यूज़ By Prabodh Kumar Govil

देखो ये अनार कितना सुंदर है? कितना लाल, कितना सुनहरा... खिला- खिला। डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करते हुए प्रज्ञा ने अनार को हाथ में लेकर फिरकी की तरह घुमाते हुए कहा। - इसे रख लो, कल काम...

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पॉप म्यूज़िक By Prabodh Kumar Govil

रसोई में जाकर सभी डिब्बे एक बार पलट कर देखे और फ़िर लहसुन का एक पापड़ निकाल कर माइक्रोवेव में लगा दिया। पलक झपकते ही पापड़ भुन गया। वे उसे प्लेट में लेकर ड्राइंग रूम में आ गईं। उन्...

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बहू बेटी By Prabodh Kumar Govil

जब से वे सपना की शादी करके मुक्त हुईं तब से हर समय प्रसन्नचित्त दिखाई देती थीं। उनके चेहरे से हमेशा उल्लास टपकता रहता था। महरी से कोई गलती हो जाए, दूध वाला दूध में पानी अधिक मिला क...

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भारत सोने की चिड़िया By Arun Singla

भारत सोने की चिड़िया हिन्दुस्तान पहले सोने की चिडया था, यह कोई कपोल कल्पना नहीं, बल्कि ठोस हकीकत है. परन्तु हिन्दुस्तान हमेशा आपसी धर्म,जात-पात की लड़ाई व् गद्दारों के कारण, जब तब वि...

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चीर हरण By Prabodh Kumar Govil

वो प्रसन्न थे। शिक्षक की नौकरी से हाल ही में सेवा निवृत्त हुए थे। जीवन की सभी जिम्मेदारियां पूरी कर चुके थे। बच्चों को पढ़ा - लिखा कर योग्य बना दिया था और उनके विवाह भी कर दिए थे।...

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हॉर्मोनल फेंसिंग By Prabodh Kumar Govil

डॉ. रसबाला असमंजस में पड़ गईं। उनके इक्कीस साल के कैरियर में अब तक ऐसा कोई केस नहीं आया था। न भारत में, और न ही जमैका में, जहां उनके पति की पोस्टिंग के कारण उन्होंने सात साल रह कर...

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सीरिया का बटुआ By Prabodh Kumar Govil

बस करीब एक घंटा है लेट थी। बस के रुकते ही लगभग कूद कर टेढ़े मेढे रास्ते से घूमती, कीचड़ पानी से बचती बहिनजी जब स्कूल के अहाते में घुसीं, तब जाकर उन्हें चैन आया। कैसी उलझन थी, कोई ग...

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व्यापारी By Rohit Kumar Singh

रवि कुमार सरावगी ग़मगीन बैठा था,अपनी विशालकाय कुर्सी मे अपनी एक हथेली कुर्सी की पुश्त से टिका कर किसी गहरी सोच मे डूबा था,उसकी आंखो से आंसू टपक रहे थे,और चेहरा मायूसी भरा था।अभी उसक...

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Creation - Part 1 By Kishanlal Sharma

"Stop stop. You both have gone mad"She spoke separating them.This story is a century old.The means of transportation and communication were advanced,but not as many today.A ship wa...

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गोखुर By Anand Tripathi

शामू अपने बरामदे में ऐसे तन के बैठा था जैसे की मानो उसको लॉटरी लगी हो। बघिया और हीरा दोनो ही एक खटिया के लिए ऐसे लड़ झगड़ रहे की मानो किसी चुनाव में एक सीट के दो उम्मीद वार। उस दिन...

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द घोस्ट विलेज _ कुलधरा By Gurpreet Singh HR02

हमारे देश में कई ऐसे शहर जो अपने दामन में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। इन शहरों में काफी सालों पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके रहस्य से आज तक भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। आज हम आपको ए...

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राज-सिंहासन--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

अब अखण्डबली की मृत्यु हो चुकी थी,किन्तु बसन्तसेना की मृत्यु से सहस्त्रबाहु को अत्यधिक आघात पहुँचा था,अब आगें की योजना का कार्यभार उसके काँधों पर आ गया था,यदि बसन्तसेना जीवित होती त...

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सौगन्ध--भाग(२) By Saroj Verma

समय बीत रहा था और संग संग वसुन्धरा की प्रतीक्षा भी,उसे अभी भी विश्वास था कि कदाचित देवनारायण का हृदयपरिवर्तन हो जाएं और वो उसके पास लौट आएं,वसुन्धरा कभी अश्रु बहाती तो कभी विचलित ह...

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भगवान परशुराम जी By Gurpreet Singh HR02

महर्षि ऋचीक ने महर्षि अगत्स्य के अनुरोध पर जमदग्नि को महर्षि अगत्स्य के साथ दक्षिण में कोंकण प्रदेश मे धर्म प्रचार का कार्य करने लगे। कोंकण प्रदेश का राजा जमदग्नि की विद्वता पर इतन...

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एक निज़ाम की सच्ची कहानी (निज़ाम शाह की कहानी) By Saroj Verma

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर मे...

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अंधे बाबा अब्दुल्ला की कहानी By Ravinder Sharma

बाबा अब्दुल्ला ने कहा कि मैं इसी बगदाद नगर में पैदा हुआ था। मेरे माँ बाप मर गए तो उनका धन उत्तराधिकार में मैंने पाया। वह धन इतना था कि उससे मैं जीवन भर आराम से रह सकता था किंतु मैं...

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अंधेरा बंगला - 9 By Mansi

Chep 9 अब तक आपने देखा कि गुड़िया ने कहा कि अंधेरे बंगले के अंदर उसी की उम्र की एक बच्ची ने उसके साथ खूब खेला अभी आगे की कहानी देखते है। सब लोग गुड़िया की तरफ देखने लगते है तब ही म...

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नारियल के जन्म की कहानी By Sagar Sonawane

प्राचीन काल में सत्यव्रत नाम के एक राजा राज करते थे। वह प्रतिदिन पूजा-पाठ किया करते थे। उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी। वह धन दौलत से लेकर हर प्रकार की सुविधा से समृद्ध थे। हा...

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छोटी जो बड़ी वो By Smile Smile

छोटी जो बड़ी वो रिनछिन के पेंसिल बॉक्स में रबर, शार्पनर और पेंसिल थींं। रिनछिन ने दो और नई पेंसिलें खरीदीं। नई पेंसिलों को भी उसने बॉक्स में रख दिया। एक नई पेंसिल बोली, “मैं लाली हू...

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खलीफा हारूँ रशीद और बाबा अब्दुल्ला की कहानी By Smile Smile

दुनियाजाद के प्रस्ताव और शहरयार की अनुमति से नई कहानी प्रारंभ करते हुए शहरजाद ने कहा कि कभी-कभी आदमी का चित्त प्रसन्न होता है और उसकी कोई साफ वजह भी नहीं होती। ऐसी स्थिति भी होती ह...

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गांव का नाम बताने की जरूरत नही। भारत के सभी गांवो का लगभग यही हाल है।शादी का मंच सजा है। दुल्हा-दुल्हन के लिए सोफे लगे हैं। मेहमानों के लिए सामने ही कुर्सियां लगी है। और वही ढोल नग...

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देखो तो इन हरामजादों को, कैसे हाथ में हाथ मिलाए घूमे जा रहे हैं। ना मां-बाप का डर है ना समाज का। शाम हुई नहीं कि यह दृश्य देखते रहते है। इन भालमानस को कौन समझाए अब कि पढ़ाई कितनी ज...

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स्वतंत्रता से गणतंत्रता तक का सफर By Anant Dhish Aman

"स्वतंत्रता से गणतंत्रता तक का सफर"भारत जो एक लंबे समय तक पराधीनता के भाव और स्वभाव में जो जकङीत रह चूका था उसके लिए यह सफर तय कर पाना आसान नहीं था या यूँ कहे एक गुलामी के दर्द को...

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दोस्ती हमारे जीवन का एक बहुत ही खास रिश्ता होता है। जन्म होते ही हमारे साथ कई रिश्ते जुड़ जाते है। पर दोस्ती का रिश्ता हम खुद ही बनाते है और दिल से निभाता है।जीत और राज एक दुसरे के...

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एकाकी By Annapurna Bajpai

एकाकी कौशल्या जी को गुजरे अभी दस दिन भी न हुए थे कि उनके तीनों बच्चों मे उनकी चीजों को लेकर झगड़ा आरंभ हो गया। जैसा कि अधिकतर घरों मे होता है कि घर के स्वामी या स्वामिनी का महाप्रया...

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बिल्ला नंबर 64 By Ramesh Yadav

       कहानी                बिल्ला नंबर – 64 ------------------------------------------------ शनिवार की वह रात… सारे काम निपटाकर कम्प्यूटर खोला और फेसबुक देखने लगा। पत्रकार मित्र,...

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जीवन की डोर By दिनू

जीवन की डोर ( स्त्री का प्यार सबके नसीब में नहीं होता ) स्त्री का प्यार सबके नसीब में नही होता, वो जीवन में सिर्फ़ एक ही मर्द से , दिल से प्यार कर पाती हैं , वो मर्द उसका प्रेमी हो...

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दगाबाज By दिनू

बाजार में एक चिड़ीमार तीतर बेच रहा था...उसके पास एक बडी जालीदार टोकरी में बहुत सारे तीतर थे.. !और एक छोटी जालीदार टोकरी में सिर्फ एक ही तीतर था..!एक ग्राहक ने पूछा एक तीतर कितने का...

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धर्मी कर्मी By Rohit Kumar Singh

सूरज बाबू घबरा के उठ बैठे,उन्हें भूख भी लग रही थी,और कुछ अजीब सी महक भी आ रही थी,जो उन्हें बरदाश्त नहीं हो रहा था।उनके शरीर से पसीना छूट रहा था,क्योंकि अजीब सा चिपचिपा पदार्थ उन्हे...

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बोतलबंद पानी लेने और रसोई का दरवाजा बंद करने के बाद, मैं उस कमरे में लौट आयी जहाँ वह था। वह फोन पर बात कर रहा था। मैं दूसरे बिस्तर पर गयी और बैठ गयी। जो उस बिस्तर के ठीक सामने था ज...

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रसोई में जाकर सभी डिब्बे एक बार पलट कर देखे और फ़िर लहसुन का एक पापड़ निकाल कर माइक्रोवेव में लगा दिया। पलक झपकते ही पापड़ भुन गया। वे उसे प्लेट में लेकर ड्राइंग रूम में आ गईं। उन्...

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जब से वे सपना की शादी करके मुक्त हुईं तब से हर समय प्रसन्नचित्त दिखाई देती थीं। उनके चेहरे से हमेशा उल्लास टपकता रहता था। महरी से कोई गलती हो जाए, दूध वाला दूध में पानी अधिक मिला क...

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भारत सोने की चिड़िया By Arun Singla

भारत सोने की चिड़िया हिन्दुस्तान पहले सोने की चिडया था, यह कोई कपोल कल्पना नहीं, बल्कि ठोस हकीकत है. परन्तु हिन्दुस्तान हमेशा आपसी धर्म,जात-पात की लड़ाई व् गद्दारों के कारण, जब तब वि...

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चीर हरण By Prabodh Kumar Govil

वो प्रसन्न थे। शिक्षक की नौकरी से हाल ही में सेवा निवृत्त हुए थे। जीवन की सभी जिम्मेदारियां पूरी कर चुके थे। बच्चों को पढ़ा - लिखा कर योग्य बना दिया था और उनके विवाह भी कर दिए थे।...

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सीरिया का बटुआ By Prabodh Kumar Govil

बस करीब एक घंटा है लेट थी। बस के रुकते ही लगभग कूद कर टेढ़े मेढे रास्ते से घूमती, कीचड़ पानी से बचती बहिनजी जब स्कूल के अहाते में घुसीं, तब जाकर उन्हें चैन आया। कैसी उलझन थी, कोई ग...

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व्यापारी By Rohit Kumar Singh

रवि कुमार सरावगी ग़मगीन बैठा था,अपनी विशालकाय कुर्सी मे अपनी एक हथेली कुर्सी की पुश्त से टिका कर किसी गहरी सोच मे डूबा था,उसकी आंखो से आंसू टपक रहे थे,और चेहरा मायूसी भरा था।अभी उसक...

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गोखुर By Anand Tripathi

शामू अपने बरामदे में ऐसे तन के बैठा था जैसे की मानो उसको लॉटरी लगी हो। बघिया और हीरा दोनो ही एक खटिया के लिए ऐसे लड़ झगड़ रहे की मानो किसी चुनाव में एक सीट के दो उम्मीद वार। उस दिन...

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अब अखण्डबली की मृत्यु हो चुकी थी,किन्तु बसन्तसेना की मृत्यु से सहस्त्रबाहु को अत्यधिक आघात पहुँचा था,अब आगें की योजना का कार्यभार उसके काँधों पर आ गया था,यदि बसन्तसेना जीवित होती त...

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