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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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गोखुर By Anand Tripathi

शामू अपने बरामदे में ऐसे तन के बैठा था जैसे की मानो उसको लॉटरी लगी हो। बघिया और हीरा दोनो ही एक खटिया के लिए ऐसे लड़ झगड़ रहे की मानो किसी चुनाव में एक सीट के दो उम्मीद वार। उस दिन...

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द घोस्ट विलेज _ कुलधरा By Gurpreet Singh HR02

हमारे देश में कई ऐसे शहर जो अपने दामन में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। इन शहरों में काफी सालों पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके रहस्य से आज तक भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। आज हम आपको ए...

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राज-सिंहासन--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

अब अखण्डबली की मृत्यु हो चुकी थी,किन्तु बसन्तसेना की मृत्यु से सहस्त्रबाहु को अत्यधिक आघात पहुँचा था,अब आगें की योजना का कार्यभार उसके काँधों पर आ गया था,यदि बसन्तसेना जीवित होती त...

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हां, मैने ये अपराध किया है। By Rohit Kumar Singh

जौनी ने अपना सर धीरे धीरे उपर उठाया,और अपनी आंखे झुका कर उसने कुबूल किया कि,"हां,मैने ये अपराध किया है"जज़ ने आश्चर्य से उस बूूढे आदमी की ओर देखा,जो कटघरेे मे सर को झुुुकाये खडा था,...

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स्वर्ण मंदिर अमृतसर By Gurpreet Singh HR02

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का मशहूर मंदिर है। ये सिख धर्म के मशहूर तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस...

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मै जि़न्दा हूं, चाचा By Rohit Kumar Singh

मेरे जूते के सोल की सिलाई उधड गयी थी,ढूंढते हुये मै एक मोची के पास पहुंचा,और मोल भाव करके जूता उसे सीने को दे दिया,बगल मे उसके एक छोटा सा टेबल पडा था,उसी पर बैठ गया,और उससे बाते कर...

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नीमराना किला By Gurpreet Singh HR02

नीमराना किला भारत उन प्राचीनतम किलो में शामिल हैं जिसे अब होटलो के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। नीमराना एक ऐतिहासिक फोर्ट के साथ-साथ खूबसूरत फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। जिस कारण...

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बाबा किला By Gurpreet Singh HR02

बाला किला’ किला अर्थ हैं ‘नया किला’ है। यह किला समुद्र तल से 1960 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। जोकि 8 किमी की परिधि में फैला हुआ है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खास तौर से इसे तैयार...

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ह ला ला या हलाल ? By राज कुमार कांदु

शबाना का शौहर अब्बास जब से बेरोजगार हुआ था मोहल्ले के लम्पट बदमाशों से उसकी दोस्ती गहरी हो गयी थी। उन्हीं में से एक कादिर उसका लंगोटिया यार बन गया था। पढ़ी लिखी शबाना एक फर्म में सह...

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दुधिया सब संसार By JUGAL KISHORE SHARMA

दुधिया सब संसार भरी दुपहरी मई की तपिष में व्यापारी खिलोने टोपिया के गठर में बांधे पीठ लादा गली मुहल्ले में घूम घूम बेचना चाह रहा था । आदमी तो है थक हार कर बड़ें से बरगद को देख कर सु...

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कुंवारा बाप। By DEVENDRA DWIVEDI

नई उम्र,18से22 की अवस्था। सरिर अपने विकास पर जोर लगा रही थी। मै बालपन से बढ़ती हुई उम्र में परिवर्तित हो रहा था। नए सपने, इक हम की भावना, अटूट जोश, असमान्य तेज। जिस पर किसी की नजर...

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कल By DEVENDRA DWIVEDI

अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग रहा था मानो अब प्रलय आने को है। तभी फेरम अपने घर से लालटेन ले के निकलता है ,उसे पड़ोस की दाई की जरूरत...

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ऑड मैन आउट By Prabodh Kumar Govil

"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी...

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एक इंसान ऐसा भी By Mehul Pasaya

यहा कहानी है 2001 की और इस कहानी मे जो होगा वो चलो खुद जान्ने की कोशिश करते है.क्या पिछ्ले जन्म की यादे इस जन्म मे सब याद रह सकता है. क्या पिछ्ले जन्म मे जो लोग हमे मिले थे क्या वो...

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सॉफ्ट कॉर्नर By Prabodh Kumar Govil

चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी - कभी आ जाता था। सलाखों के बाहर संतरी के भारी बूटों का स्वर रिगसता - घिसटता उसके दांतों को चुभता था।...

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धूप By Prabodh Kumar Govil

"मुन्नू" का असली नाम ये नहीं था। लगभग बारह - चौदह बरस पहले बाईजी विधवा होकर अपनी ससुराल चांदगढ़ से अपने पीहर की इस कोठी में जब आई थीं, तो उन्हीं की ऊपरी साज - संभाल के लिए गांव से...

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संचित प्रायश्चित By Prabodh Kumar Govil

वह दौड़ कर वाशबेसिन के पास गया और ज़ोर से खखार कर थूकने लगा। आंखें लाल हो गई थीं और उनमें पानी छलक आया था। पुतलियां ऐसी लग रही थीं मानो तरबूज के कटे टुकड़े के भीतर धंसा काला बीज हो...

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अब भी देर थी By Prabodh Kumar Govil

सुनसान बियाबान था। सायं - सायं हो रही थी। सड़क के दोनों ओर बड़े- बड़े पेड़ों के तरह - तरह के छोटे - बड़े पत्ते खड़खड़ा रहे थे। कोई भय से, कोई उन्माद से तो कोई हताशा से। दूर - दूर त...

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मददगारों के बीच By Prabodh Kumar Govil

रास्ता बहुत ही ऊबड़ - खाबड़ था। बड़े - बड़े पत्थरों से तो फिर भी किसी तरह बचते - बचाते जिप्सी बढ़ रही थी किंतु जगह- जगह सूखे बबूलों की जो टहनियां पड़ी थीं उनके कांटे बड़े खतरनाक थे...

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रोहित.... - 2 By Lotus

में चाहता तो अपने पापा की सहकारी नौकरी BHEL में कर सकता था मगर मे नहीं कर सकता क्योंकि मे आजाद ज़िन्दगी जीना चाहता हूं अपने मॉ बाप का एकलोता हू और वो जितना कर के गये हैं मेरे लिए म...

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सपाट अक्स By Prabodh Kumar Govil

वह पिछले कई बरस से इस नौकरी में था। उसके रिटायरमेंट में अभी तीन - चार बरस का समय और भी बाकी था। यह पहली जगह थी जहां जमकर वह इतने अर्से तक टिका था। वरना इससे पहले तो हर दो - तीन साल...

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महाराणा प्रताप और अकबर की वो मुलाकात By Mohit Trendster

ध्यान दें - ये उस कालखंड और तब हुई घटनाओं के अनुसार लिखी एक काल्पनिक कहानी (Historical Fiction) है।  पराक्रम से गूंजा ये गगन,थर-थर कांपे जिससे दुश्मन,सिंह के पंजों में तड़पे जैसे भु...

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वितंडी By Prabodh Kumar Govil

- सर, मुझसे ये सब सहन नहीं होता। - सहनशीलता... टॉलरेंस, ये एक गुण है। ये जन्मजात भी हो सकता है और इसे विकसित भी किया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व निर्माण के लिए ऐसा कर...

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जवानों के भी दिल होते हैं By Jatin Tyagi

जहाँ खुफिया एजेंसी से सिर्फ 4-5 आतंकवादियों के सीमा पार से कश्मीर के एक गांव में छुपने की खबर मिली थी, तो श्रीनगर आर्मी बेस के ब्रिगेडियर साहब ने भी मेजर के नेतृत्व में 8 सैनिकों क...

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अंतर By Prabodh Kumar Govil

- आप समझने की कोशिश कीजिए मिस्टर, इस तरह बचपना करके आप एक नहीं बल्कि दो- दो जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. तिवारी ने कहा। - पर डॉक्टर, मैं कैसे समझाऊं आपको कि मानसिक तौर...

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अंकल का मज़ाक By Prabodh Kumar Govil

चेतन घर में घुसा तो कुछ मायूस था। मुझे अजीब सा लगा। क्या बात हो सकती है? अभी- अभी अपनी साइकिल उठा कर बाहर गया था तब तो बड़ा चहक रहा था। घड़ी भर में ही पस्त सा वापस लौटा है। होगा कु...

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अब नहीं आयेंगे वे By Prabodh Kumar Govil

- गौरा, ओ गौरा... अम्मा ने चिल्लाकर आवाज़ लगाई। जाने कहां मर गई, इसे तो जब देखो तब बाहर ही भागने की लगी रहती है, जरा काम से फुर्सत मिली और निकल भागी। अब जरा जरा से काम के लिए चिल्ल...

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अपाहिज By Prabodh Kumar Govil

पिछले कुछ सालों में उसकी उम्र ने कुछ ज़्यादा ही रफ़्तार से फासले तय किए हैं। सब कुछ ऐसे गुजरता चला गया है कि जैसे समय बहुत ही कम हो और होनी की घटना - श्रृंखलाएं बहुत अधिक। इसीलिए ह...

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आत्म विवाह - 4 - (लिव-इन रिलेशनशिप) By r k lal

आत्म विवाह भाग- 4(लिव-इन रिलेशनशिप)आर ० के ० लालचित्रा ने आगे बताया कि एक दिन मेरी रूममेट रेखा जिसे मैंने भगा दिया था अचानक घर पर आ गई, उसके हाथ में एक सूटकेस था। आते ही वह रोने लग...

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गोखुर By Anand Tripathi

शामू अपने बरामदे में ऐसे तन के बैठा था जैसे की मानो उसको लॉटरी लगी हो। बघिया और हीरा दोनो ही एक खटिया के लिए ऐसे लड़ झगड़ रहे की मानो किसी चुनाव में एक सीट के दो उम्मीद वार। उस दिन...

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द घोस्ट विलेज _ कुलधरा By Gurpreet Singh HR02

हमारे देश में कई ऐसे शहर जो अपने दामन में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। इन शहरों में काफी सालों पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके रहस्य से आज तक भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। आज हम आपको ए...

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राज-सिंहासन--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

अब अखण्डबली की मृत्यु हो चुकी थी,किन्तु बसन्तसेना की मृत्यु से सहस्त्रबाहु को अत्यधिक आघात पहुँचा था,अब आगें की योजना का कार्यभार उसके काँधों पर आ गया था,यदि बसन्तसेना जीवित होती त...

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हां, मैने ये अपराध किया है। By Rohit Kumar Singh

जौनी ने अपना सर धीरे धीरे उपर उठाया,और अपनी आंखे झुका कर उसने कुबूल किया कि,"हां,मैने ये अपराध किया है"जज़ ने आश्चर्य से उस बूूढे आदमी की ओर देखा,जो कटघरेे मे सर को झुुुकाये खडा था,...

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स्वर्ण मंदिर अमृतसर By Gurpreet Singh HR02

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का मशहूर मंदिर है। ये सिख धर्म के मशहूर तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस...

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मै जि़न्दा हूं, चाचा By Rohit Kumar Singh

मेरे जूते के सोल की सिलाई उधड गयी थी,ढूंढते हुये मै एक मोची के पास पहुंचा,और मोल भाव करके जूता उसे सीने को दे दिया,बगल मे उसके एक छोटा सा टेबल पडा था,उसी पर बैठ गया,और उससे बाते कर...

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नीमराना किला By Gurpreet Singh HR02

नीमराना किला भारत उन प्राचीनतम किलो में शामिल हैं जिसे अब होटलो के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। नीमराना एक ऐतिहासिक फोर्ट के साथ-साथ खूबसूरत फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। जिस कारण...

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बाबा किला By Gurpreet Singh HR02

बाला किला’ किला अर्थ हैं ‘नया किला’ है। यह किला समुद्र तल से 1960 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। जोकि 8 किमी की परिधि में फैला हुआ है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खास तौर से इसे तैयार...

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ह ला ला या हलाल ? By राज कुमार कांदु

शबाना का शौहर अब्बास जब से बेरोजगार हुआ था मोहल्ले के लम्पट बदमाशों से उसकी दोस्ती गहरी हो गयी थी। उन्हीं में से एक कादिर उसका लंगोटिया यार बन गया था। पढ़ी लिखी शबाना एक फर्म में सह...

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दुधिया सब संसार By JUGAL KISHORE SHARMA

दुधिया सब संसार भरी दुपहरी मई की तपिष में व्यापारी खिलोने टोपिया के गठर में बांधे पीठ लादा गली मुहल्ले में घूम घूम बेचना चाह रहा था । आदमी तो है थक हार कर बड़ें से बरगद को देख कर सु...

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कुंवारा बाप। By DEVENDRA DWIVEDI

नई उम्र,18से22 की अवस्था। सरिर अपने विकास पर जोर लगा रही थी। मै बालपन से बढ़ती हुई उम्र में परिवर्तित हो रहा था। नए सपने, इक हम की भावना, अटूट जोश, असमान्य तेज। जिस पर किसी की नजर...

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कल By DEVENDRA DWIVEDI

अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग रहा था मानो अब प्रलय आने को है। तभी फेरम अपने घर से लालटेन ले के निकलता है ,उसे पड़ोस की दाई की जरूरत...

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ऑड मैन आउट By Prabodh Kumar Govil

"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी...

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एक इंसान ऐसा भी By Mehul Pasaya

यहा कहानी है 2001 की और इस कहानी मे जो होगा वो चलो खुद जान्ने की कोशिश करते है.क्या पिछ्ले जन्म की यादे इस जन्म मे सब याद रह सकता है. क्या पिछ्ले जन्म मे जो लोग हमे मिले थे क्या वो...

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सॉफ्ट कॉर्नर By Prabodh Kumar Govil

चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी - कभी आ जाता था। सलाखों के बाहर संतरी के भारी बूटों का स्वर रिगसता - घिसटता उसके दांतों को चुभता था।...

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धूप By Prabodh Kumar Govil

"मुन्नू" का असली नाम ये नहीं था। लगभग बारह - चौदह बरस पहले बाईजी विधवा होकर अपनी ससुराल चांदगढ़ से अपने पीहर की इस कोठी में जब आई थीं, तो उन्हीं की ऊपरी साज - संभाल के लिए गांव से...

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संचित प्रायश्चित By Prabodh Kumar Govil

वह दौड़ कर वाशबेसिन के पास गया और ज़ोर से खखार कर थूकने लगा। आंखें लाल हो गई थीं और उनमें पानी छलक आया था। पुतलियां ऐसी लग रही थीं मानो तरबूज के कटे टुकड़े के भीतर धंसा काला बीज हो...

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अब भी देर थी By Prabodh Kumar Govil

सुनसान बियाबान था। सायं - सायं हो रही थी। सड़क के दोनों ओर बड़े- बड़े पेड़ों के तरह - तरह के छोटे - बड़े पत्ते खड़खड़ा रहे थे। कोई भय से, कोई उन्माद से तो कोई हताशा से। दूर - दूर त...

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मददगारों के बीच By Prabodh Kumar Govil

रास्ता बहुत ही ऊबड़ - खाबड़ था। बड़े - बड़े पत्थरों से तो फिर भी किसी तरह बचते - बचाते जिप्सी बढ़ रही थी किंतु जगह- जगह सूखे बबूलों की जो टहनियां पड़ी थीं उनके कांटे बड़े खतरनाक थे...

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रोहित.... - 2 By Lotus

में चाहता तो अपने पापा की सहकारी नौकरी BHEL में कर सकता था मगर मे नहीं कर सकता क्योंकि मे आजाद ज़िन्दगी जीना चाहता हूं अपने मॉ बाप का एकलोता हू और वो जितना कर के गये हैं मेरे लिए म...

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सपाट अक्स By Prabodh Kumar Govil

वह पिछले कई बरस से इस नौकरी में था। उसके रिटायरमेंट में अभी तीन - चार बरस का समय और भी बाकी था। यह पहली जगह थी जहां जमकर वह इतने अर्से तक टिका था। वरना इससे पहले तो हर दो - तीन साल...

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महाराणा प्रताप और अकबर की वो मुलाकात By Mohit Trendster

ध्यान दें - ये उस कालखंड और तब हुई घटनाओं के अनुसार लिखी एक काल्पनिक कहानी (Historical Fiction) है।  पराक्रम से गूंजा ये गगन,थर-थर कांपे जिससे दुश्मन,सिंह के पंजों में तड़पे जैसे भु...

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वितंडी By Prabodh Kumar Govil

- सर, मुझसे ये सब सहन नहीं होता। - सहनशीलता... टॉलरेंस, ये एक गुण है। ये जन्मजात भी हो सकता है और इसे विकसित भी किया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व निर्माण के लिए ऐसा कर...

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जवानों के भी दिल होते हैं By Jatin Tyagi

जहाँ खुफिया एजेंसी से सिर्फ 4-5 आतंकवादियों के सीमा पार से कश्मीर के एक गांव में छुपने की खबर मिली थी, तो श्रीनगर आर्मी बेस के ब्रिगेडियर साहब ने भी मेजर के नेतृत्व में 8 सैनिकों क...

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अंतर By Prabodh Kumar Govil

- आप समझने की कोशिश कीजिए मिस्टर, इस तरह बचपना करके आप एक नहीं बल्कि दो- दो जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. तिवारी ने कहा। - पर डॉक्टर, मैं कैसे समझाऊं आपको कि मानसिक तौर...

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अंकल का मज़ाक By Prabodh Kumar Govil

चेतन घर में घुसा तो कुछ मायूस था। मुझे अजीब सा लगा। क्या बात हो सकती है? अभी- अभी अपनी साइकिल उठा कर बाहर गया था तब तो बड़ा चहक रहा था। घड़ी भर में ही पस्त सा वापस लौटा है। होगा कु...

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अब नहीं आयेंगे वे By Prabodh Kumar Govil

- गौरा, ओ गौरा... अम्मा ने चिल्लाकर आवाज़ लगाई। जाने कहां मर गई, इसे तो जब देखो तब बाहर ही भागने की लगी रहती है, जरा काम से फुर्सत मिली और निकल भागी। अब जरा जरा से काम के लिए चिल्ल...

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अपाहिज By Prabodh Kumar Govil

पिछले कुछ सालों में उसकी उम्र ने कुछ ज़्यादा ही रफ़्तार से फासले तय किए हैं। सब कुछ ऐसे गुजरता चला गया है कि जैसे समय बहुत ही कम हो और होनी की घटना - श्रृंखलाएं बहुत अधिक। इसीलिए ह...

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आत्म विवाह - 4 - (लिव-इन रिलेशनशिप) By r k lal

आत्म विवाह भाग- 4(लिव-इन रिलेशनशिप)आर ० के ० लालचित्रा ने आगे बताया कि एक दिन मेरी रूममेट रेखा जिसे मैंने भगा दिया था अचानक घर पर आ गई, उसके हाथ में एक सूटकेस था। आते ही वह रोने लग...

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