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Featured Books

हाइवे नंबर 405 By jay zom

गर्म दिन दिखाई दे रहे थे, क्योंकि आसमान में लाल गोल सूरज बैठा हुआ था। और बहुत बेहोश. खुर की तरह.. भारी मात्रा में गर्मी नीचे भूत पर पड़ रही थी। शरीर कैसा काँप रहा था। नीचे राजमार्ग...

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प्यार की एक अनोखी दास्ताँ By Akansha

ये कहानी हैं आरोही के एक तरफा प्यार कि चलिए फ़िर इस कहानी के सफर मै माँ जल्दी करिये मेरी ट्रेन छूट जाएगी मेरी माँ आते हुए काव्या तुझे कितनी बार बोला है कही जाना हो तो पहले से बताआ...

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बेटी की अदालत By Ratna Pandey

18 साल की स्वीटी के सामने एक बहुत ही विकट समस्या थी। वह समस्या थी मम्मी या पापा किसके साथ उसे अपना आगे का जीवन बिताना है। उसकी मम्मी अलका और पापा गौरव के बीच रोज़ होते झगड़ों के कार...

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पर-कटी पाखी By Anand Vishvas

बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ऊँचे से ऊँची उड़ान भर पाता है। एक बुलन्द हौसला होतें हैं, अदम्य-शक्ति होते हैं और होते हैं...

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एक कदम आत्मनिर्भरता की ओर By डॉ अनामिका

दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...

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तुम्हारा ही खून है By S Sinha

नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से चरित्रहीन समझ ली जाती है .

मनीष और दीपा दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे . मनीष 12 वीं कक्षा में था और दीपा उस से एक...

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पिकनिक By Kamini Trivedi

आज सुबह से दिल में उत्साह था । पता नहीं क्यों पिकनिक के नाम से दिल बच्चा बन जाता है । आज मै अपने परिवार के साथ पिकनिक जाने वाली हूं । मेरे सास , ससुर, ननद, नंदोई उनके दो बच्चे , मै...

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कलावती By भूपेंद्र सिंह

शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है। जबलपुर शहर की तूफानी शाम में जंगल के एक छोर पर बनी एक तीन मंजली आलीशान हवेली के सामने एक बोलेरो आकर रूकी। हवेली को अगर बाहर से देखा...

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वो माया है.... By Ashish Kumar Trivedi

बद्रीनाथ सिन्हा के घर के बाहर ढोल वाले खड़े थे। बद्रीनाथ के छोटे बेटे पुष्कर की बारात बहू को विदा कराकर आने वाली थी। बहुत सालों बाद बद्रीनाथ के परिवार में यह शुभ घड़ी आई थी। इसलिए...

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Fight for War and love By Mini

(नोट - ये कहानी बिल्कुल काल्पनिक है किसी भी जीवित या मृत इंसान और जगह से कोई ताल्लुक नहीं यह केवल पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखा है )

"भारत में घुसपैठ एक संवेदनशील बात है जहा...

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हाइवे नंबर 405 By jay zom

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प्यार की एक अनोखी दास्ताँ By Akansha

ये कहानी हैं आरोही के एक तरफा प्यार कि चलिए फ़िर इस कहानी के सफर मै माँ जल्दी करिये मेरी ट्रेन छूट जाएगी मेरी माँ आते हुए काव्या तुझे कितनी बार बोला है कही जाना हो तो पहले से बताआ...

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बेटी की अदालत By Ratna Pandey

18 साल की स्वीटी के सामने एक बहुत ही विकट समस्या थी। वह समस्या थी मम्मी या पापा किसके साथ उसे अपना आगे का जीवन बिताना है। उसकी मम्मी अलका और पापा गौरव के बीच रोज़ होते झगड़ों के कार...

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पर-कटी पाखी By Anand Vishvas

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एक कदम आत्मनिर्भरता की ओर By डॉ अनामिका

दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...

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तुम्हारा ही खून है By S Sinha

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पिकनिक By Kamini Trivedi

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कलावती By भूपेंद्र सिंह

शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है। जबलपुर शहर की तूफानी शाम में जंगल के एक छोर पर बनी एक तीन मंजली आलीशान हवेली के सामने एक बोलेरो आकर रूकी। हवेली को अगर बाहर से देखा...

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वो माया है.... By Ashish Kumar Trivedi

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(नोट - ये कहानी बिल्कुल काल्पनिक है किसी भी जीवित या मृत इंसान और जगह से कोई ताल्लुक नहीं यह केवल पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखा है )

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