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  • परछाईयों में मोहब्बत

    अध्याय 1: परछाइयों का आरंभ शाम का वक्त था, आसमान में हल्की-हल्की बारिश हो रही थी...

  • चेहरे पर मुस्कान जरूरी है यारो- श्याम श्रीवास्तव

    श्याम  श्रीवास्तव का कृतित्व और व्यक्तित्व                     रामगोपाल भावुक   ...

  • माँ का स्पर्श

    एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है हमारी डरावनी कहानियो की दूनिया मे. आशा करता हु...

  • कृष्ण-अर्जुन संवाद

    हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नह...

  • नफ़रत-ए-इश्क - 1

    मुम्बई होटल रॉयल प्रेसीडेंसी.....मुंबई के एक 7 स्टार होटल के आलीशान कमरे में एक...

  • Reborn to be Loved

    1. एक अंधेरी रात Let's begin…आरवी ने अपनी पूरी ज़िंदगी अपने सपनों को पूरा कर...

  • Our Destiny Dance - 4

    उसके मम्मी पापा किसी को कॉल कर देते हैं! और किसी को बुला देते हैं! इधर महक को के...

  • Secret Amirzada

    Mumbai सपनों का शहर जहां कितने अमीर परिवार रहते थे। और उसी शहर में रहता था एक गर...

  • खामोशी का रहस्य - 5

    "मैं तुम्हारे लायक नही हूँ"क्यो"क्योकि मैं परित्यक्ता हूँ।तलाकशुदा"यह तुंमने पहल...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 26

    पिछले भाग में हम ने देखा कि अब्राहम के शरीर में कोई अजनाज आत्मा प्रवेश कर चुकी थ...

अवसान की बेला में By Rajesh Maheshwari

जीवन और मृत्यु की निर्भरता प्रभु इच्छा पर है परंतु मृत्यु के उपरांत भी हमारी स्मृति लोगों के मन में बनी रहे यह हमारे कर्मों पर निर्भर है। जन्म और मृत्यु जीवन यात्रा का एक पड़ाव है।...

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समय की नब्ज पहिचानों By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समय की नब्ज पहिचानों 1 काव्य संकलन- समर्पण- समय के वे सभी हस्ताक्षर, जिन्होने समय की नब्ज को, भली भाँति परखा, उन्हीं- के कर कमलों में-सादर।...

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सरल नहीं था यह काम By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

1 तनी बंदूकों के साए



तनी बंदूकों के साए हों, भय के अंधियारे छाए हों

घड़ी-घड़ी आशंक...

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विशाल छाया By Ibne Safi

रमेश ने कमरा सर पर उठा रखा था । उसकी आँखे लाल थी मुंह से कफ निकल रहा था । बाल माथे पर बिखरे हुए थे । कमीज़ आगे पीछे से फट कर झूल रही थी और वह पागलो के समान कमरे की एक एक वस्तु उठाकर...

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मिड डे मील By Swati

हरिहर स्कूल की दीवार पर लिखा पढ़ रहा है ----'शिक्षा पर सबका अधिकार हैं' उसने यह बार-बार पढ़ा और अपने दोनों बेटे केशव और मनोहर का हाथ कसकर पकड़ लिया। वह स्...

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यार तुणे क्या किया By Datta Shinde

ये काहाणी दो दोस्तों की हे जो एक दोसरे को समज पाते थे तो हम काहाणी शुरु करते हे ये काहाणी पुना से शुरु होती‌ हे वाहा पे एक लडका रहेथा था उसका नाम दिपक था और उसके दोस्त का नाम आकाश...

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देहखोरों के बीच By Ranjana Jaiswal

मैडम,आदमखोर किसे कहते हैं? --उस जीव -जंतु को जो मनुष्य को खाते हैं। -क्या प्रकृति ने उन्हें ऐसा बनाया है? --नहीं,लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से वे किसी का मनुष्य का शिकार करते हैं...

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एक थी...आरजू By Satyam Mishra

प्रिय पाठकों,यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति के जीवन अथवा किसी घटना विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी का उद्देश्य मनोरंजन मात्र है,किसी की भावनाओं को ठेस पहुं...

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मुलाकात By दिलीप कुमार

शाम का समय था... हल्की हल्की हवाओं के साथ छोटी छोटी बारिस की बूंदे पड़ रही थी। बड़ा ही सुहाना मौसम था...मैं ग्राउंड में टहल रहा था अचानक मेरे कानों में आवाज आई ।ओ मिस्टर मैंने पलट क...

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अवधूत गौरी शंकर बाबा के किस्से By ramgopal bhavuk

मैं परमश्रद्धेय गुरूदेव स्वामी हरिओम तीर्थ जी के पास एक दो दिन में गुरूनिकेतन जाता रहता हूँ। यह गुरूनिकेतन स्वामी नारायण देव तीर्थजी महाराज की परम्परा का है। उस दिन जब मैं गुरूनिके...

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