हिंदी Books and Novels are free to read and download

You are welcome to the world of inspiring, thrilling and motivating stories written in your own language by the young and aspiring authors on Matrubharti. You will get a life time experience of falling in love with stories.


श्रेणी
Featured Books
  • Dangerous Ishq - 1

    मुंबई सपनो का शहर, एक मायानगरी।रोज़ देख अगर मां बाबा को मालुम हुआ न, उनकी राजकुम...

  • प्यार का एहसास

    अभिमन्यु, गौरव, अतुल,और मुस्कान कॉलेज की कैंटीन में बैठे हुए थे| उन लोगो के बिच...

  • I Hate Love - 13

    और जल्दी से कमरे में जा ,,,,,वॉशरूम में जा देखती है ,,,,तो अंश को इस हालत में दे...

  • द्वारावती - 81

    81इन चार वर्षों में उसने अठारह किलोमीटर का मार्ग पूर्ण कर लिया था। दण्डवत परिक्र...

  • इधर उधर की - 1

    इधर उधर की में मैं अपने वो अनुभव या घटनाएं शेयर करूंगा जिनका मैं चश्मदीद रहा या...

  • महाभारत की कहानी - भाग 16

    महाभारत की कहानी - भाग-१६ युधिष्ठिर का राज्याभिषेक तथा जातुगृह में पांडवों को जल...

  • उनके चेहरे की ये...

    सवालो को जरा थामो, जवाबो मे दरारे है सभी कुछ खुदरा सा है छलनी एहसास सारे है ना द...

  • छावां - भाग 3

    बादशाह के कई सरदार इस छोटे मनसबदार पर मोहित थे। शम्भुराज शिवराया को घटना की जानक...

  • वीर हनुमान साधना

    कलयुग में हनुमान जी एक जागृत देव हैं । इस युग में भी बहुत सारे साधक हनुमान जी का...

  • अपराध ही अपराध - भाग 33

    अध्याय 33   पिछला सारांश: अनाथालय में उस बच्चों को भेज दिया ऐसा बताया।&rsqu...

बेखबर इश्क! By Sahnila Firdosh

एक कमरे के किंग साइज बेड पर दुल्हन के लिबास में पड़ी लड़की (कनिषा)बड़ी ही देर से सुबक रही थी,उसके आंसुओ से बेडशीट का वो हिस्सा पूरी तरह गिला हो चुका था,जिस जगह उसके आंसू बिना रुके...

Read Free

इंद्रधनुष उतर आया...... By pooja

फूलों को अपने होने पर गर्व था, यह जानते हुए भी शाम तक या एक-दो दिन में उन्हें मुरझा ही जाना है। 'फिर भी खिलना, मस्ती से झूमना नहीं छोड़ते,' हौले से हवा के झोंके की तरह एक आ...

Read Free

कोई अच्छा लगे तो.... By pooja

महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी जरी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस...

Read Free

सुरासुर By Sorry zone

रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...

Read Free

रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’

मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...

Read Free

प्रतिशोध.. By Kishanlal Sharma

शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही...

Read Free

पुस्तक समीक्षा By Yashvant Kothari

पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...

Read Free

तिलिस्मी कमल By Vikrant Kumar

चन्दनगढ़ पहाड़ की हसीन वादियों के बीच बसा एक छोटा सा राज्य था । जिसके राजा जयदेव सिंह थे जो अपने प्रजा को अपने पुत्र की तरह चाहते थे । राजा जयदेव सिंह के राज्य में प्रजा अपने अच्छे स...

Read Free

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? By Captain Dharnidhar

आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन चढ़ा ? चढ...

Read Free

We Met By GA...

एक advertisement company के एक डिपार्टमेंट में 6 एम्प्लॉय के बीच बतें हो रही थी

एक एंप्लॉय जिसका नाम राज है वह कहता है "देखो तो अब कैसे-कैसे ऐप आने लगे हैं"

राज की...

Read Free

बेखबर इश्क! By Sahnila Firdosh

एक कमरे के किंग साइज बेड पर दुल्हन के लिबास में पड़ी लड़की (कनिषा)बड़ी ही देर से सुबक रही थी,उसके आंसुओ से बेडशीट का वो हिस्सा पूरी तरह गिला हो चुका था,जिस जगह उसके आंसू बिना रुके...

Read Free

इंद्रधनुष उतर आया...... By pooja

फूलों को अपने होने पर गर्व था, यह जानते हुए भी शाम तक या एक-दो दिन में उन्हें मुरझा ही जाना है। 'फिर भी खिलना, मस्ती से झूमना नहीं छोड़ते,' हौले से हवा के झोंके की तरह एक आ...

Read Free

कोई अच्छा लगे तो.... By pooja

महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी जरी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस...

Read Free

सुरासुर By Sorry zone

रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...

Read Free

रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’

मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...

Read Free

प्रतिशोध.. By Kishanlal Sharma

शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही...

Read Free

पुस्तक समीक्षा By Yashvant Kothari

पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...

Read Free

तिलिस्मी कमल By Vikrant Kumar

चन्दनगढ़ पहाड़ की हसीन वादियों के बीच बसा एक छोटा सा राज्य था । जिसके राजा जयदेव सिंह थे जो अपने प्रजा को अपने पुत्र की तरह चाहते थे । राजा जयदेव सिंह के राज्य में प्रजा अपने अच्छे स...

Read Free

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? By Captain Dharnidhar

आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन चढ़ा ? चढ...

Read Free

We Met By GA...

एक advertisement company के एक डिपार्टमेंट में 6 एम्प्लॉय के बीच बतें हो रही थी

एक एंप्लॉय जिसका नाम राज है वह कहता है "देखो तो अब कैसे-कैसे ऐप आने लगे हैं"

राज की...

Read Free