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अनंत रहस्य की खोजअधूरे जंगल की नई ऊर्जा को नियंत्रित करने के बाद, अरुण, मोहित, औ...
पिछले अध्याय में:शाम के सात बज चुके थे और ऑफिस में पार्टी का माहौल था, क्योंकि स...
Sir- जिनको आप पसंद करते हो, उनकी लव स्टोरी सुनी है कभी? मैंने जब ये बात उनसे कह...
(1) "विभागाध्यक्षा की ऊंची एड़ी की सैंडिल अपनी धमक के...
अब आगे,बनारस के, सिंघानिया विला मे,जब राजवीर को पता चला कि रूही अपनी इकलौती दोस्...
इंदिरा सौंदराराजन इंदिरा सौंदराराजन तमिल के बहुत बड़े और प्रसिद्ध लेखक हैं। आपने...
नरेश टेक्सी और गाइड करके लौट आया था।हिना बोली"क्या हुआ"एक घण्टे बाद टेक्सी आ जाय...
अशोक के हाँ कहने से प्रिया ने एक गहरी लंबी सांस ली और उसका नंबर मिलने के बाद वह...
हैलो दोस्तों में आपकी दोस्त फिर से आई हूं एक नई कहानी लेके ये कहानी कोई काल्पनिक...
(लॉजिक सो रही हैं हमारी आपकी और मीडिया की)हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक द...
....... सूबह के 10 बज रहे थे। हवाओं में काफी ठंडक थी।चूंकि यह मार्च का आधा माह बीत जाने की सुबह होते हुए भी काफी सर्द मौसम था।खेतों में। गेंहू की फसल कटने के इंतजार में खड़ी थी। क...
कुँवरजी ,,, प्लीज हमे दूर मत किजीये । वो आखों मे बेशुमार आसूँ लिये , उसके हाथ को थामे हुये कह रही थी| आपको जाना होंगा , और ये हमारा लास्ट डिसीजन हे । नही जाना हे हमे , कही...
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.......... कैसी हो तुम..? मैं ठीक हूं. कहते हुए नीलिमा ने ,नारंग के सवाल का जवाब दे दिया। आजकल व्यस्त रहने लगी हो..? नीलिमा..? हा..यार अब इन बातों में मन नहीं रहा.. काम का प्र...
दोस्तों आपने मेरी कहानी वो अनकही बातें को आप लोगों ने बहुत ही सराहा था।आप सबके लिए मैं एक बार फिर से लेकर आ गई हुं इसका सेकेंड सीजन पर कहानी का नाम कुछ हट कर है।।। मिसाले इश्क ।।।...
नमस्ते ....आंटी जी .. नमस्ते बेटा कैसे हो।? मैं ठीक हूं आंटीजी आप कैसे हो.? मैं भी बढ़िया हूं.! राधिका कहा है.? वो अपने कमरे बैठी होगी बेटा...जी कहकर अनामिका राधिका के कमरे क...
" मरहम बनकर जख्म गहरे दिए क्यों ? आसान नहीं होता है किसी को दिल से भुला जाना " थके हारे से एक नव युवक सड़क किनारे खड़ा था , रात के 8 बज रहे थे । आस पास से कई गाड़ियां ग...
कश्मीर की वादियों में बसा एक छोटा सा जिला कुलगाम जहां की रहने वाली थी मुस्कान, जिसके नाम में ही मुस्कान छुपा हो तो वह लड़की आखिर क्यों उदास घर के दरवाजे के पास बैठी हैं, यह सिर्फ़...
यह कहानी नफ़रत से प्यार तक की है। जिसमें मुख्य पात्र के रूप में रिया और अजय है। और यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। ********* “अपने आप को समझते क्या हो तुम कितनी देर से हमारे प...
बादलों से टपकता पानी, धूप -छाँव की आँख मिचौली और जीवन की आँख मिचौली कभी-कभी एक सी ही तो लगती है | जब जी चाहा धूप-छाँह और जब मन किया मन के आसमान से बौछारों का सिलसिला कुछ ऐसा ही हो...
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