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प्रकरण - २८मैं अब रईश के घर पहुंच गया था। उसकी शादी के बाद आज हम दोनों भाई पहली...
**दोहा**: *जुगत भीड़ाई काग नै पी लिया घड़े से नीर। प्रयत्न कर ऐ मानव तू मत रह...
अब आगे,और अब अर्जुन अपने आप से ही कहता है, " लगता है तुम्हे मेरी द्वारा प्यार से...
वीर के हाथ से फ़ोन गिरने के बाद यदि रेवती उन दोनों की बातें सुनकर गुस्से में आग...
अब तक :" ना मुन्ना ना.. झूठ नही बोलते.. । मुझे तो ये तक लग रहा है कि तू मुझसे भी...
विक्की सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नीचे पहुंच गए और फिर संजू को खोजने लगा।संजना...
1.मेरी रूह तरसती हैतेरी खुसबू के लिए कहीं और जो महकोतो बुरा लगता है 2.फूल रस्मों...
हिन्दी का इतिहास और विकासहिन्दी भाषा की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसका इतिहास वैदिक क...
मैत्री की बनायी रंगोली देखकर जहां एक तरफ बबिता और विजय बेहद खुश थे ये सोचकर कि म...
इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें । .................
नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से चरित्रहीन समझ ली जाती है . मनीष और दीपा दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे . मनीष 12 वीं कक्षा में था और दीपा उस से एक...
आज सुबह से दिल में उत्साह था । पता नहीं क्यों पिकनिक के नाम से दिल बच्चा बन जाता है । आज मै अपने परिवार के साथ पिकनिक जाने वाली हूं । मेरे सास , ससुर, ननद, नंदोई उनके दो बच्चे , मै...
शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है। जबलपुर शहर की तूफानी शाम में जंगल के एक छोर पर बनी एक तीन मंजली आलीशान हवेली के सामने एक बोलेरो आकर रूकी। हवेली को अगर बाहर से देखा...
बद्रीनाथ सिन्हा के घर के बाहर ढोल वाले खड़े थे। बद्रीनाथ के छोटे बेटे पुष्कर की बारात बहू को विदा कराकर आने वाली थी। बहुत सालों बाद बद्रीनाथ के परिवार में यह शुभ घड़ी आई थी। इसलिए...
(नोट - ये कहानी बिल्कुल काल्पनिक है किसी भी जीवित या मृत इंसान और जगह से कोई ताल्लुक नहीं यह केवल पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखा है ) "भारत में घुसपैठ एक संवेदनशील बात है जहा...
आँच अठारह सौ सत्तावन के संघर्ष की पृष्ठभूमि को उकेरता उपन्यास यह उपन्यास ? इक्कीसवीं सदीं का दूसरा दशक। उदारीकरण के बढ़ते क़दम। भारतीय ही नहीं सम्पूर्ण एशियाई बाज़ारों को आच्छादित करन...
बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाई दुख किस बात का कुछ देर बाद फिर बुदबुदाई पश्चाताप किस बात का उसके निर्णय पर सवाल ही नही उठता।उसने निर्णय लेने में को...
शहर से दूर महाराष्ट्र के मिडिल मराठवाड़ा के पहाड़ों के बीच चट्टानों से घिरे इस जंगल के पहाड़ों की गुफाओं में हलचल होती है जिनमें से भूकंप की तरह जैसे ज्वालामुखी बाहर निकलता है उसी...
कॉलेज कैंपस में विशाल, शेखर, साहिल और मानव खड़े होकर बातें कर रहे थे। उनके साथ उनकी गर्लफ्रेंड जिज्ञासा, मानसी, वंशिका और मेधा भी थीं। कॉलेज में कोई पांच दिन की लगातार छुट्टियां होन...
प्रकृति मेरी अध्यक्षतामें सम्पूर्ण चराचर जगत् को रचती है। हे कुन्तीनन्दन ! इसी हेतुसे जगत् का विविध प्रकारसे परिवर्तन होता है। महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था, दुर्योधन के सं...
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