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Chapter - 6पनपता एहसास या राज ए दर्द#After Some Time..... नील गिटार बजाते हुए चा...
1.किस हद तक इंतजार करें कोई, गुलाब कब तक ताज़ा रहेगा... आखिर ?2.वो हमसें जुदा हो...
दूसरा अध्याय बांटत द्रव्य अपार, चल दई आगे गंगा माई। पर्वत काटत चली, गुप्त कहीं...
प्रेम, जो दिल की गहराई से उपजता है, वह सिर्फ एक अहसास नहीं होता बल्कि एक यात्र...
पंडित जी ने अवनी की शादी उस नाग से करवा दी और वह नाग वहां से जंगल की तरफ चला गया...
रात का समय, नेशनल हाईवे, सिद्धांत सारे गुंडों को धोने के बाद वापस निशा के...
पहले उमेश फिर होटल मैनेजर और उसके दोस्त।दस दिन तक रात और दिन उसका शरीर नोचते रहे...
64 किसका बच्चा? उसके ज़ोर से चिल्लाने पर वह बोली, “इतनी ज़ोर से क्यों चिल्ला र...
स्वाति जब आदित्य की आवाज सुनती हैं.. तो पूरी तरह से वो घबरा जाति हैं...और वो घबर...
ग्यारह ज़मीनी सचाई गुरुवार, छब्बीस, जनवरी 2006 आज गण...
राघव और तारा, बचपन के पक्के दोस्त जिनकी दोस्ती का आधार बनी गेम पार्लर में खेली जाने वाली वीडियो गेम्स जिसके वो दोनों ही दीवाने थे। बचपन बीता और खेल की जगह ली कैरियर के प्रति उनकी च...
आलिया का आज कॉलेज में आखिरी दिन है। इसलिए आज वो कॉलेज में पार्टी कर रही है सभी के साथ क्योंकि अब वो कॉलेज नही आयेगी। अब वो एग्जाम देगी और उसके बाद कॉलेज से छुट्टी। पार्टी खत्म ह...
पागल,, हां सही नाम से पुकारा करता था वो मुझे। (हंसते हुए) पागल ही तो हूं मैं उसके लिए , उसके पीछे , उसके प्यार में।" रात के 1 बज चुके थे । आंखों से नींद कोसों दूर । आज उसे प...
आरफाज ऐसा मत करो प्लीज ,,,, मैं मर जाऊंगी,, ,,,,तुम्हें यकीन क्यों नहीं हो रहा,,,,,खुदा का वास्ता आरफास,,,,,,ऐसा मत करो ,,,,,,,हमारे रिश्ते पर भरोसा करो,,,,,मैं तुमसे मोहब्बत की ,...
एक सभ्य समाज में पुरुष और महिला के बीच सुंदरता से भरे संबंधों के बारे में यदि कहां जाए तो ----उसे कामसूत्र कहते हैं (क्या है ,कामवासना )और (क्या है, प्रेम), कामसूत्र से संबंधित कई...
ये कहानी है बस दो जोड़ी जूतों जैसी जिसमे सिर्फ प्यार भी मिलता ही हैं और जब खत्म भी होता है तो सिर्फ घिस घिस के , ये वो जूते है जो साथ में एक रिश्ते की नीव रखते है , जो कदम ताल को...
आरवी अंधेरे कमरे में बैठी न जाने कहां खोई हुई है। उसकी आंखों से पानी की जगह मानो उसके सपने टूट कर बह रहे हो। तभी आवाज आती है.. आरवी दरवाजा खोलो। आरवी क्या हुआ यार .. आरवी तुम सुन र...
अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...
पूरे गाँव में रामलाल काका की ही चर्चा थी। जब से उस विशाल घर परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी उन्हें मिली थी, उन्होंने कई क्रांतिकारी फैसले लिए जिनके खिलाफ उनके पुरखे सदैव ही रहे। सा...
सकीना यह समझते ही पसीना-पसीना हो गई कि वह काफ़िरों के वृद्धाश्रम जैसी किसी जगह पर है। ओम जय जगदीश हरे . . . आरती की आवाज़ उसके कानों में पड़ रही थी। उसने अपने दोनों हाथ उठाए कानों को...
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