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पाठकीय प्रतिक्रिया पानी का पंचनामा –पानी को बचाओ तंत्र को नहीं यशवंत कोठारी पानी...
आप लोगो को मेरा प्रणाम एक समय मै एक लड़का था उसका नाम ऋषि था समय की नजाकत को तो...
कहानी में अब तक हम ने पढ़ा की लूसी ने दुलाल को अपनी परेशानी बताई तो उसने कहा के...
तेरे बिन (एक रोमांटिक प्रेम कहानी)अध्याय 1: पहली मुलाकात आर्यन एक ऐसा शख्स था, ज...
मैंने अपनी सुनी हुयी स्टोरी यहाँ पब्लिश कर के हमें आशिष चाहिए...*"राम की जीत, अह...
रागिनी का जन्म अक्टूबर में हुआ था, और इसी वजह से उसके शुरुआती स्कूल के दिन थोड़े...
आयान ने जैसे ही ताहिरी को ऐसी आधे कपड़े में देखा वो खुद पर से काबू होने लगा था।त...
23 कमरे में आये हुए उसे काफी देर हो गयी थी । ज्यों ज्यों वक्त बीत रहा था , उ...
28=== आज न जाने कितने वर्षों के बाद उन्हें लग रहा था कि वे जीवित हैं...
अब आगे,अब तक राजवीर की आंखे अपने गुस्से की वजह से लाल हो चुकी होती हैं जिसे देख...
18 साल की स्वीटी के सामने एक बहुत ही विकट समस्या थी। वह समस्या थी मम्मी या पापा किसके साथ उसे अपना आगे का जीवन बिताना है। उसकी मम्मी अलका और पापा गौरव के बीच रोज़ होते झगड़ों के कार...
बालक के माता और पिता, दो पंख ही तो होते हैं उसके, जिनकी सहायता से बालक अपनी बुलन्दियों की ऊँचे से ऊँची उड़ान भर पाता है। एक बुलन्द हौसला होतें हैं, अदम्य-शक्ति होते हैं और होते हैं...
दुनिया के इस आपाधापी में राधिका अपने आप को धकेलते हुए आगे बढती जा रही थी। उसे सिर्फ इतना पता था कि किसी भी तरह उसे अपने आप को संभालते हुए आगे बढना है आत्मनिर्भर बनना है।, और अगर ऐस...
नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से चरित्रहीन समझ ली जाती है . मनीष और दीपा दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे . मनीष 12 वीं कक्षा में था और दीपा उस से एक...
आज सुबह से दिल में उत्साह था । पता नहीं क्यों पिकनिक के नाम से दिल बच्चा बन जाता है । आज मै अपने परिवार के साथ पिकनिक जाने वाली हूं । मेरे सास , ससुर, ननद, नंदोई उनके दो बच्चे , मै...
शाम का वक्त है। कुछ कुछ सूरज अभी नज़र आ रहा है। जबलपुर शहर की तूफानी शाम में जंगल के एक छोर पर बनी एक तीन मंजली आलीशान हवेली के सामने एक बोलेरो आकर रूकी। हवेली को अगर बाहर से देखा...
बद्रीनाथ सिन्हा के घर के बाहर ढोल वाले खड़े थे। बद्रीनाथ के छोटे बेटे पुष्कर की बारात बहू को विदा कराकर आने वाली थी। बहुत सालों बाद बद्रीनाथ के परिवार में यह शुभ घड़ी आई थी। इसलिए...
(नोट - ये कहानी बिल्कुल काल्पनिक है किसी भी जीवित या मृत इंसान और जगह से कोई ताल्लुक नहीं यह केवल पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखा है ) "भारत में घुसपैठ एक संवेदनशील बात है जहा...
आँच अठारह सौ सत्तावन के संघर्ष की पृष्ठभूमि को उकेरता उपन्यास यह उपन्यास ? इक्कीसवीं सदीं का दूसरा दशक। उदारीकरण के बढ़ते क़दम। भारतीय ही नहीं सम्पूर्ण एशियाई बाज़ारों को आच्छादित करन...
बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाई दुख किस बात का कुछ देर बाद फिर बुदबुदाई पश्चाताप किस बात का उसके निर्णय पर सवाल ही नही उठता।उसने निर्णय लेने में को...
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