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सुहासिनी चुपके से नीचे चली गई। हवा की तरह चलने का गुण विरासत ले, वो बिना किसी की...
“शंकर चाचा, ज़ल्दी से दरवाज़ा खोलिए!” बाहर से कोई इंसान के चिल्लाने की आवाज़ आई। आव...
अग्निहोत्री हाउसविराट तूफान की तेजी से गाड़ी ड्राइव कर 30 मिनट का रास्ता 12 या 1...
किशोर काका जल्दी-जल्दी अपनी चाय की लारी का सामान समेट रहे थे। बाहर हाईवे पर गाड़...
मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२मुनस्यारी से लौटते हुये हिमालय को देखा जहाँ से कह...
अब तक हम ने पढ़ा की शादी शुदा जोड़े लूसी के मायके आए थे जहां रात के समय कमरे में...
मंजिले ---- ( देश की सेवा ) मंजिले कहानी संगरे मे कुछ अटूट...
पाठशाला अंग्रेजों का जमाना था। अशिक्षा, गरीबी और मूढ़ता का बोलबाला था। गाँव मे...
"ज्वार या भाटा" भूमिकाकहानी ज्वार या भाटा हमारे उन वयोवृद्ध योद्धाओं की है जो अप...
कॉलेज का पहला दिन था। मैं हमेशा की तरह सबसे आगे की बेंच पर जाकर बैठ गया। यही मेर...
मुम्बई होटल रॉयल प्रेसीडेंसी.....मुंबई के एक 7 स्टार होटल के आलीशान कमरे में एक लड़का बेड पर शर्टलेस लेटा हुआ सीलिंग पर लगे झूमर को एक टक देखे जा रहा था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं...
एक कातिल और श्रापित तो दूसरी कुदरत के तोहफे से नवाज़ी गई! लेकिन असल श्रापित कौन?....वो जिसे श्राप मिला या फिर वो जिसे कुदरत ने तोहफा दिया? बदनामी में एक गुमनाम ज़िंदगी और मासूमि...
बात उन दिनों की है, एक मकान बना कर रहना, एक मिसाल और योग्यता थी। मकान अगर मंजिले हो, तो कया बात, बहुत अमीर समझे जाने वाला शक्श....." हाहाहा, "हसता हुँ, आपने पर.... ये दोगल...
माउंट आबू के उस अंतिम छोर पर स्थित एक छोटे से आश्रम में अपने कमरे के बाहर लॉबी में एक कुर्सी पर बैठी आशी दूर अरावली के पर्वतों की शृंखला को न जाने कब से टकटकी लगाकर देख रही थी| शीत...
यह कहानी है एक लडकी की जिसे प्यार पे कोइ भरोसा नही है। जो एक ऐसे लडके से मीलती है मिलती है जो इससे एकदम अलग था। धीरे धीरे दोनो को कुछ मुलाकातो के बाद दोनो को एकदूसरे से attachment...
हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों का समूह। रोज सभी लोग एक दूसरे को सुप्रभात वाले पोस्टर डालते। दिन में कुछ लोग तो अपनी मौलिक रचनाएँ पर अध...
एक बड़ा सा बंग्लो जिसके entrance gate पर एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ था, जिसके ऊपर बड़े बड़े अक्षरों में "Oberoi Villa" लिखा हुआ था। उस Bungalow के entrance gate से लेकर main...
हेल्लो दोस्तो तो कहानी है दो लोगो की हा बाद मे उनकी परिवार के लोगो की भी पेहचान करवा देंगे पहले इन दोनो के बारे मे जानलो। लड़के का नाम हे हितेश और लड्की का नाम हे भुमि। दोंनो की बात...
‘इंटरव्यू के हाल में’ खूब भीड़ थी। बहुत सारे नौजवान हट्टे-कट्टे, छोटे- बड़े सुंदर, इंटरव्यू के लिए इंतजार करके खड़े लोगों को देखते हुए कार्तिका ने अंदर प्रवेश किया। ‘कार्तिका इं...
एकआखेट महल के परकोटे के सामने आज सुबह से ही चहल-पहल थी। बड़ी मोटर अभी-अभी आकर लौट चुकी थी। ट्रकों में भरकर ढेर सारे कामगार लाये गये थे। परकोटे के किनारे-किनारे महल के एक ओर के हिस्...
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