सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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Featured Books

घुटन - भाग ७  By Ratna Pandey

रागिनी ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा, "तिलक बेटा कई बार लोग एक चेहरे के ऊपर कई चेहरे लगा लेते हैं जिसके कारण उनका असली रूप पहचान में नहीं आता। वह नायक तो पीठ दिखा कर हमेशा-हमेशा क...

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क्यों झूठ बोलते हो साहब कि चरखे से आजादी मिली By Jatin Tyagi

45 साल के गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर। इससे 4 साल पहले 28 वर्ष का एक युवक अंडमान में एक कालकोठरी में बन्द होता है। अंग्रेज उससे दिन भ...

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गरीबी मजबूरी - 3 By आरोही" देसाई

राजु यूपीएससी परीक्षा की तैयारियां कर रहा था और उसने परीक्षा भी दी थी। मगर उसमें वो पास ना हो सका ।उसका फर्स्ट अटेंप था । इसलिए उसके माता पिता ने भी कुछ नहीं बोला और उसे समझाने की...

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अधूरा पहला प्यार (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

मीरा जिस से मनोहर प्यार करता था।जिसे दिलो जान से चाहता था।जो उसकी जिंदगी थी।जो उसके रोम रोम में बसी थी।वो मीरा अब उसे दुश्मन नज़र आने लगी थी।मीरा के पिता जिस लड़के से मीरा के रिश्ते...

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काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 3 By rajeshdaniel

ढाला : ढाला शब्द शायद बहुत से लोगों को समझ न आए और खासकर आज की नई पीढी इस प्रकार के शब्दों से परिचित न हो। ढाला कहा जाता था रेलवे फाटक को। अक्सर जब कोई ट्रैन काढ़ागोला की मुख्य गंगा...

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अय्याश--भाग(२५) By Saroj Verma

सत्या भी उस महिला को जाते हुए देखता रहा लेकिन रोक ना सका,ये रामप्यारी भी देख रही थी लेकिन उसने सत्या से कुछ पूछा नहीं,बस उसके दर्द को समझते हुए मौन हो गई,दोनों बरतन बेंचकर घर लौटे,...

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तन्हाई By Saroj Prajapati

"वीकेंड में कुछ जरूरी काम नहीं तो चलो कहीं घूमने!" मधु ने अपनी सहेलियों से पूछा।"अरे नहीं यार ! बच्चे पिछले कई दिनों से पीछे पड़े हैं कहीं बाहर ले जाने के लिए। कल उनके साथ ही मॉल ज...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 7) By Kishanlal Sharma

इलाहाबाद पहुचने पर दोनों अपने अपने रास्ते पर चले गए।राहुल ने ट्रेन में हुई घटना के बारे में रचना को सब कुछ सत्य बता दिया था।पति की बेवफाई के बारे में जानकर रचना बोखला गयी।"तुम अब म...

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पांचवीं बेटी By Poonam Gujrani Surat

कहानी पाँचवीं बेटी"आप एक बार फिर सोच लेते भाभीसा," दया ने आंगन में लगे झूले पर बैठते हुए कहा।"इसमें सोचणा के है दया, जो एक बार तय कर लेव थारा भभीसा तो फेर पाछे पाँव ना धरै....पूरी...

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जीवन एक सुंदर तोहफा और यात्रा है By Nirmal Rathod

जीवन की दार्शनिक परिभाषा अपनी जैविक परिभाषा से व्यापक रुप में भिन्न है। जीव विज्ञान जीवन के भौतिक पहलुओं को ही मानता है, जबकि दर्शन उन गुणों को मानता है जो जीवन को दूसरों के लिए यो...

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स्पर्श का सुख By Sushma Tiwari

अचानक किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया! आराध्या अनमने मन से उठ कर दरवाज़े तक गई। ये समय उसके पसंदीदा सीरियल अहिल्या का होता है और किसी भी प्रकार की रुकावट उसे खटकती थी। दरवाजे पर अनुप...

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ट्यूशन के फायदे और नुकसान By Jatin Tyagi

आज जिस सोसाइटी और माहौल में हम लोग रह रहे है उसमे ट्यूशन जरुरत से ज्यादा एक फैशन बन गया है। कुछ लोग तो जरुरत के लिए ट्यूशन लगाते है लेकिन कुछ लोग इसे फैशन या हिरस की तरह। उन्हें लग...

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युगान्तर By prabhat samir

डॉ प्रभात समीर मेरे घर के दरवाज़े पर कॉल बैल लगी हुई है, जिसके माध्यम से कोई भी आगन्तुक अपने आने की सूचना दे सकता है, लेकिन मेरी काम वाली बाई को तो ठक-ठक करके दरवाज़ा बजाने में ही आत...

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इसका कारण केवल तुम हो  By Ratna Pandey

संगीता के पति अजय के जीवन का सूर्यास्त अमावस की रात को हुआ था। संगीता की ज़िंदगी में आई वह अमावस की काली रात इतनी लंबी थी कि पूनम आते-आते कई वर्ष बीत गए। पुत्र की अकाल मृत्यु के ग़म...

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ग्रामीण जीवन By Dakshal Kumar Vyas

संध्या वंदन का समय सूर्य की किरणे मंदिर के कलश पर ऊर्जा बिखेर , लुप्त हो रहि है । बच्चे धूल में लत पत अपने घर की ओर प्रस्थान कर रहें है। मन नही है उनका घर को जानें का पर माता की पु...

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दो वक्त की रोटी By Saroj Prajapati

"यह क्या सुनीता!! सारा घर बिखरा पड़ा है और तू आराम से टीवी देख रही हो!" रेनू चिल्लाते हुए अपनी मेड सुनीता से बोली।"क्या करूं मेमसाब! अभी मैंने सब कुछ साफ सफाई कर रखा था कि कुहू ने...

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आख़िर वह बिना बताये क्यों चले गए By Ratna Pandey

सुबह-सुबह दरवाज़े पर दस्तक हुई तब मिसेस कपूर ने दरवाज़ा खोला। गंदे मैले कपड़े पहने हुई एक स्त्री जिसके चेहरे से वह काफ़ी शालीन दिखाई पड़ रही थी, उसके साथ ही एक छोटी-सी नन्हीं गुड़िया उ...

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संतुलन - अंतिम भाग By Ratna Pandey

एक दिन मीरा की तबीयत ख़राब थी। राधा ऑफिस से आने के बाद रोज़ ही कुछ देर सितारा के पास बैठकर बातें करती। दिन भर के हाल-चाल पूछती और उसके बाद अपनी माँ से मिलने नीचे चली जाती। वह कुछ ही...

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मूंछों वाली अम्मा By Rama Sharma Manavi

आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन से ही हुआ था।वैसे तो वे रिश्ते में मेरी तयेरी जिठानी लगती थीं, लेकिन मेरी सासुमां स...

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जिंदगी पंछियों का कारवां By Darshana

एक दादा दादी ही होते है जो दुनिया भर का लाड अपने पोते पोतियों पर उड़ेल देते है। उन पर जान छिडकते है। ये रिश्ता ऋतुजा और उसके दादा दादी के बीच का। जहां मां बाप के प्यार से दूर ऋतुजा...

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अखाड़े से संसद तक का सफर By Jatin Tyagi

दारा सिंह कुश्ती के शहंशाहआज के समय में कोई भी व्यक्ति ऐसा नही है, जो खेल जगत और बॉलीवुड से अनभिज्ञ हो. ऐसे ही खेल जगत और बॉलीवुड से जुड़े एक महान शख्सियत है, दारा सिंह जी. जिन्होंन...

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साड़ी और वेस्टर्न ड्रेस... कहां बेशर्मी... कहां संस्कार... By बिट्टू श्री दार्शनिक

हां सही है की, "आज के ज़माने में स्त्री यदि वेस्टर्न ड्रेस पहने तो बेशर्मी और साड़ी पहने तो उसे संस्कार।" कहते है। हां यह भी सही है की अब काफी सारे समाज और सोसायटी में स्त्री को अप...

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एक कहानी--(डा.संगीता झा की कहानी) By Saroj Verma

बचपन की बहुत प्रचलित कहानी थी, एक था राजा एक थी रानी, दोनों मर गए ख़त्म कहानी. ऐसे कई राजाओं की कहानी नानी-दादी से सुनी थी, लेकिन ये सच्ची कहानी है मेरे अपने पापा श्री सच्चिदानंद त...

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घुटन - भाग ७  By Ratna Pandey

रागिनी ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा, "तिलक बेटा कई बार लोग एक चेहरे के ऊपर कई चेहरे लगा लेते हैं जिसके कारण उनका असली रूप पहचान में नहीं आता। वह नायक तो पीठ दिखा कर हमेशा-हमेशा क...

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क्यों झूठ बोलते हो साहब कि चरखे से आजादी मिली By Jatin Tyagi

45 साल के गाँधी 1915 में भारत आते हैं, 2 दशक से भी ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में बिता कर। इससे 4 साल पहले 28 वर्ष का एक युवक अंडमान में एक कालकोठरी में बन्द होता है। अंग्रेज उससे दिन भ...

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गरीबी मजबूरी - 3 By आरोही" देसाई

राजु यूपीएससी परीक्षा की तैयारियां कर रहा था और उसने परीक्षा भी दी थी। मगर उसमें वो पास ना हो सका ।उसका फर्स्ट अटेंप था । इसलिए उसके माता पिता ने भी कुछ नहीं बोला और उसे समझाने की...

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अधूरा पहला प्यार (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

मीरा जिस से मनोहर प्यार करता था।जिसे दिलो जान से चाहता था।जो उसकी जिंदगी थी।जो उसके रोम रोम में बसी थी।वो मीरा अब उसे दुश्मन नज़र आने लगी थी।मीरा के पिता जिस लड़के से मीरा के रिश्ते...

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काढ़ागोला : एक यात्रा - भाग - 3 By rajeshdaniel

ढाला : ढाला शब्द शायद बहुत से लोगों को समझ न आए और खासकर आज की नई पीढी इस प्रकार के शब्दों से परिचित न हो। ढाला कहा जाता था रेलवे फाटक को। अक्सर जब कोई ट्रैन काढ़ागोला की मुख्य गंगा...

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अय्याश--भाग(२५) By Saroj Verma

सत्या भी उस महिला को जाते हुए देखता रहा लेकिन रोक ना सका,ये रामप्यारी भी देख रही थी लेकिन उसने सत्या से कुछ पूछा नहीं,बस उसके दर्द को समझते हुए मौन हो गई,दोनों बरतन बेंचकर घर लौटे,...

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तन्हाई By Saroj Prajapati

"वीकेंड में कुछ जरूरी काम नहीं तो चलो कहीं घूमने!" मधु ने अपनी सहेलियों से पूछा।"अरे नहीं यार ! बच्चे पिछले कई दिनों से पीछे पड़े हैं कहीं बाहर ले जाने के लिए। कल उनके साथ ही मॉल ज...

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शेष जीवन (कहानियां पार्ट 7) By Kishanlal Sharma

इलाहाबाद पहुचने पर दोनों अपने अपने रास्ते पर चले गए।राहुल ने ट्रेन में हुई घटना के बारे में रचना को सब कुछ सत्य बता दिया था।पति की बेवफाई के बारे में जानकर रचना बोखला गयी।"तुम अब म...

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पांचवीं बेटी By Poonam Gujrani Surat

कहानी पाँचवीं बेटी"आप एक बार फिर सोच लेते भाभीसा," दया ने आंगन में लगे झूले पर बैठते हुए कहा।"इसमें सोचणा के है दया, जो एक बार तय कर लेव थारा भभीसा तो फेर पाछे पाँव ना धरै....पूरी...

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जीवन एक सुंदर तोहफा और यात्रा है By Nirmal Rathod

जीवन की दार्शनिक परिभाषा अपनी जैविक परिभाषा से व्यापक रुप में भिन्न है। जीव विज्ञान जीवन के भौतिक पहलुओं को ही मानता है, जबकि दर्शन उन गुणों को मानता है जो जीवन को दूसरों के लिए यो...

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स्पर्श का सुख By Sushma Tiwari

अचानक किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया! आराध्या अनमने मन से उठ कर दरवाज़े तक गई। ये समय उसके पसंदीदा सीरियल अहिल्या का होता है और किसी भी प्रकार की रुकावट उसे खटकती थी। दरवाजे पर अनुप...

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आज जिस सोसाइटी और माहौल में हम लोग रह रहे है उसमे ट्यूशन जरुरत से ज्यादा एक फैशन बन गया है। कुछ लोग तो जरुरत के लिए ट्यूशन लगाते है लेकिन कुछ लोग इसे फैशन या हिरस की तरह। उन्हें लग...

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डॉ प्रभात समीर मेरे घर के दरवाज़े पर कॉल बैल लगी हुई है, जिसके माध्यम से कोई भी आगन्तुक अपने आने की सूचना दे सकता है, लेकिन मेरी काम वाली बाई को तो ठक-ठक करके दरवाज़ा बजाने में ही आत...

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इसका कारण केवल तुम हो  By Ratna Pandey

संगीता के पति अजय के जीवन का सूर्यास्त अमावस की रात को हुआ था। संगीता की ज़िंदगी में आई वह अमावस की काली रात इतनी लंबी थी कि पूनम आते-आते कई वर्ष बीत गए। पुत्र की अकाल मृत्यु के ग़म...

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"यह क्या सुनीता!! सारा घर बिखरा पड़ा है और तू आराम से टीवी देख रही हो!" रेनू चिल्लाते हुए अपनी मेड सुनीता से बोली।"क्या करूं मेमसाब! अभी मैंने सब कुछ साफ सफाई कर रखा था कि कुहू ने...

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संतुलन - अंतिम भाग By Ratna Pandey

एक दिन मीरा की तबीयत ख़राब थी। राधा ऑफिस से आने के बाद रोज़ ही कुछ देर सितारा के पास बैठकर बातें करती। दिन भर के हाल-चाल पूछती और उसके बाद अपनी माँ से मिलने नीचे चली जाती। वह कुछ ही...

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मूंछों वाली अम्मा By Rama Sharma Manavi

आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन से ही हुआ था।वैसे तो वे रिश्ते में मेरी तयेरी जिठानी लगती थीं, लेकिन मेरी सासुमां स...

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जिंदगी पंछियों का कारवां By Darshana

एक दादा दादी ही होते है जो दुनिया भर का लाड अपने पोते पोतियों पर उड़ेल देते है। उन पर जान छिडकते है। ये रिश्ता ऋतुजा और उसके दादा दादी के बीच का। जहां मां बाप के प्यार से दूर ऋतुजा...

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अखाड़े से संसद तक का सफर By Jatin Tyagi

दारा सिंह कुश्ती के शहंशाहआज के समय में कोई भी व्यक्ति ऐसा नही है, जो खेल जगत और बॉलीवुड से अनभिज्ञ हो. ऐसे ही खेल जगत और बॉलीवुड से जुड़े एक महान शख्सियत है, दारा सिंह जी. जिन्होंन...

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साड़ी और वेस्टर्न ड्रेस... कहां बेशर्मी... कहां संस्कार... By बिट्टू श्री दार्शनिक

हां सही है की, "आज के ज़माने में स्त्री यदि वेस्टर्न ड्रेस पहने तो बेशर्मी और साड़ी पहने तो उसे संस्कार।" कहते है। हां यह भी सही है की अब काफी सारे समाज और सोसायटी में स्त्री को अप...

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एक कहानी--(डा.संगीता झा की कहानी) By Saroj Verma

बचपन की बहुत प्रचलित कहानी थी, एक था राजा एक थी रानी, दोनों मर गए ख़त्म कहानी. ऐसे कई राजाओं की कहानी नानी-दादी से सुनी थी, लेकिन ये सच्ची कहानी है मेरे अपने पापा श्री सच्चिदानंद त...

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