डरावनी कहानी कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Horror Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • ચીસ-17

    સ્યૂટ નંબર 305..!!લાંબીની લાઈટ સાથેનો સ્તબ્ધ સૂનકાર.!! યથાવત સન્નાટાનો પુન:...

  • वो लडक़ी - वापसी

    पिछले भागों में आपने पढ़ा कि कैसे "उस रात" मेरी आम जिन्दगीं में ख़ौफ़नाक "पर्दा" गि...

  • वो कौन थी - 22

     दूर-दूर से लंबी दूरी की गाड़ियों की व्हिसल सुनाई दे रही थी! रात के ला...

ચીસ-17 By SABIRKHAN

સ્યૂટ નંબર 305..!!લાંબીની લાઈટ સાથેનો સ્તબ્ધ સૂનકાર.!! યથાવત સન્નાટાનો પુન: પ્રવેશ..!!પીટરના શરીર પર હાવી થયેલી આક્રમક શેતાની શક્તિ..અને સેકન્ડ ફ્લોરના એ રૂમમાં ધરબાઇ ગયેલી આહ...

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अतीत By Sarvesh Saxena

घर के सभी दरवाजे और लाइट बंद थे l पूरे कमरे में अंधेरा था, आकर्ष कमरे के एक कोने मे बैठा था उसका शरीर डर से पीला पड़ गया था, भरी सर्दी में भी उसके माथे से पसीना बह कर उसके अंदर बसे...

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वो लडक़ी - वापसी By Ankit Maharshi

पिछले भागों में आपने पढ़ा कि कैसे "उस रात" मेरी आम जिन्दगीं में ख़ौफ़नाक "पर्दा" गिरा और "बेपर्दा" हो गया "ख़ौफ़ का राज़" जिसने मुझे पहुंचा दिया "आत्मालोक" में । वहां मिली सोमू जिसने "पर...

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वो कौन थी - 22 By SABIRKHAN

 दूर-दूर से लंबी दूरी की गाड़ियों की व्हिसल सुनाई दे रही थी! रात के लास्ट पहर में भी शहर में रोशनी बिखरी हुई थी! एकल-दोकल वाहनो में निकलने वाले इंसानों को छोड़कर अभी कोई...

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अधूरी हवस - 2 By Baalak lakhani

(2)पार्ट सबसे पहेले मे आप सब पढ़ने वालो का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हू, आप ने मेरी लिखी कहानी को इनता प्रतिसाद दिया.         ?????????????___...

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मुझे भी साथ ले चलो By Sarvesh Saxena

आज ऑफिस से लौटते वक्त मुझे काफी देर हो गई थी, गाड़ी खराब होने की वजह से आज शेखर से लिफ्ट लेनी पड़ी l "अच्छा यार अब तुझे यहीं उतरना पड़ेगा, टाइम ज्यादा हो गया है और रीना का बार बार...

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प्रेत संतति By सोनू समाधिया रसिक

ये कहानी सत्य घटना पर आधारित है । एक ऐसी घटना जिसमें होता है प्रेत की संतान का जन्म ........

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बवण्डर वाला भूत By Devendra Prasad

भूतों पर अक्सर हम सबने इस बात की बहुत चर्चा सुनी है कि भूत होते हैं या फिर नहीं। कुछ लोग इसे मजह वहम या फिर मनगढ़ंत कहानी मानते हैं तो फिर कुछ लोग ये मानते हैं कि भूत सच में होते ह...

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शमशान में एक रात By Devendra Prasad

ठंड का दिन था। सड़क पर बहुत कम लोग थे। पंकज अपने घर की तरफ़ जा रहा था। वो अभी अभी एक हॉरर फिल्म देख कर आ रहा था। शो 12 बजे रात को ख़त्म हुआ। फिल्म बहूत डरावनी थी जिसकी वजह से पंकज...

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भूतनी मेरी दुल्हन By Devendra Prasad

ये कहानी करीब 35-40 साल पुरानी है और बिलकुल सच्ची है। मुझे मेरे पिताजी ने ये कहानी बताई थी। हमारे यहाँ के लगभग सभी लोगो को इस कहानी के बारे में पता है। मेरे गाँव का नाम अरवल है जो...

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सुर्ती वाला भूत By Devendra Prasad

बात दिनों की है जब हर गांव, बाग- बगीचों में भूत-प्रेतों,डायन-चुड़ैलों के विस्तृत साम्राज्य था। गांवों के अगल-बगल में पेड़-पौधे, झाड़-ताड़, बाग ( महुआनी,अमवारी, बँसवारी आदि) की बहुलता ह...

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प्रेत आत्माओं का साया By सोनू समाधिया रसिक

"माँ कुछ दो ना खाने के लिए बहुत भूख लगी है।""सुनते हो जी! बच्चे सुबह से भूख से तड़प रहे हैं और आप हो कि हाथ पे हाथ रखे बैठे हैं, कुछ करते क्यूँ नहीं हो।""क्या करूँ मर जाऊँ क्या, कह...

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वो कौन था ? By सोनू समाधिया रसिक

.  ? वो कौन था? ? सूर्य अपनी लालिमा युक्त किरणें बिखेरता हुआ अपने अस्तचल में जा छुपा था |एक गाँव जो जंगल के पास था |उस गाँव का प्लैटफॉर्म लगभग जंगल से ही सटा हुआ था |वो अ...

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ड्रीडफुल पनिसमेन्ट... एक खौफनाक सच By सोनू समाधिया रसिक

 अदिति, कृति और सुहानी तीनो बहुत अच्छी दोस्त थी। वो कस्बे से शहर में कॉलेज में पढ़ने आयी थी। तीनों ने शहर में एक कमरे में रेंट से रहती थी। अदिति एक स्मार्ट और पड़ने में तेज़ थ...

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भूतहा पुल By सोनू समाधिया रसिक

  शंकरपुर गाँव में एक घर में शादी का माहौल था |शादी का दूसरा दिन था शाम हो चुकी थी |दुल्हन की बिदाई की रस्म पूरी हो चुकी थी,सभी की आँखे नम हो गईं थीं! सभी मेहमान रात का खाना ख...

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अतृप्त आत्मा भाग -1 By pratibha singh

ग्वालियर का किला अपने में बेजोड़ है , इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहते हैं । आज हमने ग्वालियर किले पे जाने का प्लान बनाया था , मैं और युवी करीब दोपहर के तीन बजे किले के मुख्य दरवाजे प...

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जिन्नात की दुल्हन - 16 By SABIRKHAN

जिया का मन घृणा से भर गया था! दूर-दूर काले घने अंधेरे में वह पेड़ डरावना नजर आ रहा था!जिस पर एक लंबी पंखों वाला बडा पक्षी बैठने की नाकाम कोशिश कर रहा था!क्योंकि वृक्ष पर कुछ था जो...

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चुड़ैल है - एक सत्य घटना By Sushank Patil

रविने अपनी कहानी सुनाते हुए खा की वो उस रोज़ शहर में लगे मेले को देखने गया था और वहां से लौटते हुए उसको ग्यारह बज गये थे रवि के गाँव और शहर के बीच का रास्ता थोडा जंगल जैसा है रवि...

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ચીસ-17 By SABIRKHAN

સ્યૂટ નંબર 305..!!લાંબીની લાઈટ સાથેનો સ્તબ્ધ સૂનકાર.!! યથાવત સન્નાટાનો પુન: પ્રવેશ..!!પીટરના શરીર પર હાવી થયેલી આક્રમક શેતાની શક્તિ..અને સેકન્ડ ફ્લોરના એ રૂમમાં ધરબાઇ ગયેલી આહ...

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अतीत By Sarvesh Saxena

घर के सभी दरवाजे और लाइट बंद थे l पूरे कमरे में अंधेरा था, आकर्ष कमरे के एक कोने मे बैठा था उसका शरीर डर से पीला पड़ गया था, भरी सर्दी में भी उसके माथे से पसीना बह कर उसके अंदर बसे...

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वो लडक़ी - वापसी By Ankit Maharshi

पिछले भागों में आपने पढ़ा कि कैसे "उस रात" मेरी आम जिन्दगीं में ख़ौफ़नाक "पर्दा" गिरा और "बेपर्दा" हो गया "ख़ौफ़ का राज़" जिसने मुझे पहुंचा दिया "आत्मालोक" में । वहां मिली सोमू जिसने "पर...

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वो कौन थी - 22 By SABIRKHAN

 दूर-दूर से लंबी दूरी की गाड़ियों की व्हिसल सुनाई दे रही थी! रात के लास्ट पहर में भी शहर में रोशनी बिखरी हुई थी! एकल-दोकल वाहनो में निकलने वाले इंसानों को छोड़कर अभी कोई...

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अधूरी हवस - 2 By Baalak lakhani

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मुझे भी साथ ले चलो By Sarvesh Saxena

आज ऑफिस से लौटते वक्त मुझे काफी देर हो गई थी, गाड़ी खराब होने की वजह से आज शेखर से लिफ्ट लेनी पड़ी l "अच्छा यार अब तुझे यहीं उतरना पड़ेगा, टाइम ज्यादा हो गया है और रीना का बार बार...

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प्रेत संतति By सोनू समाधिया रसिक

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बवण्डर वाला भूत By Devendra Prasad

भूतों पर अक्सर हम सबने इस बात की बहुत चर्चा सुनी है कि भूत होते हैं या फिर नहीं। कुछ लोग इसे मजह वहम या फिर मनगढ़ंत कहानी मानते हैं तो फिर कुछ लोग ये मानते हैं कि भूत सच में होते ह...

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शमशान में एक रात By Devendra Prasad

ठंड का दिन था। सड़क पर बहुत कम लोग थे। पंकज अपने घर की तरफ़ जा रहा था। वो अभी अभी एक हॉरर फिल्म देख कर आ रहा था। शो 12 बजे रात को ख़त्म हुआ। फिल्म बहूत डरावनी थी जिसकी वजह से पंकज...

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भूतनी मेरी दुल्हन By Devendra Prasad

ये कहानी करीब 35-40 साल पुरानी है और बिलकुल सच्ची है। मुझे मेरे पिताजी ने ये कहानी बताई थी। हमारे यहाँ के लगभग सभी लोगो को इस कहानी के बारे में पता है। मेरे गाँव का नाम अरवल है जो...

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प्रेत आत्माओं का साया By सोनू समाधिया रसिक

"माँ कुछ दो ना खाने के लिए बहुत भूख लगी है।""सुनते हो जी! बच्चे सुबह से भूख से तड़प रहे हैं और आप हो कि हाथ पे हाथ रखे बैठे हैं, कुछ करते क्यूँ नहीं हो।""क्या करूँ मर जाऊँ क्या, कह...

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.  ? वो कौन था? ? सूर्य अपनी लालिमा युक्त किरणें बिखेरता हुआ अपने अस्तचल में जा छुपा था |एक गाँव जो जंगल के पास था |उस गाँव का प्लैटफॉर्म लगभग जंगल से ही सटा हुआ था |वो अ...

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 अदिति, कृति और सुहानी तीनो बहुत अच्छी दोस्त थी। वो कस्बे से शहर में कॉलेज में पढ़ने आयी थी। तीनों ने शहर में एक कमरे में रेंट से रहती थी। अदिति एक स्मार्ट और पड़ने में तेज़ थ...

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भूतहा पुल By सोनू समाधिया रसिक

  शंकरपुर गाँव में एक घर में शादी का माहौल था |शादी का दूसरा दिन था शाम हो चुकी थी |दुल्हन की बिदाई की रस्म पूरी हो चुकी थी,सभी की आँखे नम हो गईं थीं! सभी मेहमान रात का खाना ख...

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अतृप्त आत्मा भाग -1 By pratibha singh

ग्वालियर का किला अपने में बेजोड़ है , इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहते हैं । आज हमने ग्वालियर किले पे जाने का प्लान बनाया था , मैं और युवी करीब दोपहर के तीन बजे किले के मुख्य दरवाजे प...

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जिन्नात की दुल्हन - 16 By SABIRKHAN

जिया का मन घृणा से भर गया था! दूर-दूर काले घने अंधेरे में वह पेड़ डरावना नजर आ रहा था!जिस पर एक लंबी पंखों वाला बडा पक्षी बैठने की नाकाम कोशिश कर रहा था!क्योंकि वृक्ष पर कुछ था जो...

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चुड़ैल है - एक सत्य घटना By Sushank Patil

रविने अपनी कहानी सुनाते हुए खा की वो उस रोज़ शहर में लगे मेले को देखने गया था और वहां से लौटते हुए उसको ग्यारह बज गये थे रवि के गाँव और शहर के बीच का रास्ता थोडा जंगल जैसा है रवि...

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