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गर्भ संस्कार–1 (गर्भवती माँ द्वारा बच्चे से बातचीत)(शिशु को जीवन लक्ष्य के प्रति...
अठारह संकल्प मंगलवार, सोलह मई 2006आज धूप बहुत तेज़ थी।...
अब तकजब रागिनी की मां अपनी गाड़ी में बैठकर रागिनी को बचाने के लिए रवाना हो गई थी...
71 लोमड़ी सोनाली ने राजवीर की बात सुनकर हँसते हुए कहा, ”तुम्हारा दिमाग ठीक है।...
इसी तरह हम शहेर से वापस गाँव रहने आ गये अब आगे मेरी स्कूल की पढाई शरू हो गई । जि...
अब आगे,अर्जुन की बात सुन कर, अब आराध्या ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए अर्जुन से क...
प्रकरण - ४८अमिता बोली, "नमस्कार दर्शकों! एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है। मेरे...
गजेंद्र सिंह गायत्री जी के पिता दिलराज सिंह को अपनी बातों में फंसा कर उनका पूरा...
अक्षत ने उसे वापस बिस्तर पर लिटाया और उसके माथे को चूम जैसे ही दूर जाने को हुआ स...
शाम का समय, सोनीपत - हरियाणा, आज का मौसम बहुत सुहाना था । हल्की हल्की धूप...
‘‘हर्ष,अब क्या होगा?’’ आभा ने कराहते हुए पूछा. उस की आंखों में भय साफसाफ देखा जा सकता था. उसे अपनी चोट से ज्यादा आने वाली परिस्थिति को ले कर घबराहट हो रही थी. ‘‘कुछ नहीं होगा… म...
हिंदी फिल्म और वेबसिरिज़ रिव्यू.
राजीव सिंह द डेविल,जिसके नाम से ही पूरा शहर कांपता है , वो कर लेता है जया से जबरदस्ती शादी। शादी के कुछ दिनों के बाद जया उससे सवाल पूछती है "दुनिया के लिए डेविल हो तो मेरे सामन...
हर रचना की एक आधारभूमि होती है। स्थानीयता का सच जब वैश्विक सच में बदल जाता है, रचना काल एवं स्थान की सीमाओं का अतिक्रमण कर जाती है। कोई भी उपन्यासकार हवा में मुक्के नहीं चलाता। उसक...
गाँव के मुखिया चौधरी रणधीर के घर आज लोगों की भीड़ लगी हुई थी। पूरा घर जगमगा रहा था, घर के आंगन में औरतें सोहर गीत गा रही थीं। और बड़े बुजुर्ग आंगन में बैठकर हुक्के बाजी कर रहे थे।...
जय द्वारकाधीश.. जय भोलेनाथ.. श्री गणेशाय नमः... प्यार की कोई भाषा नहीं होती ..प्यार की कोई दिशा नहीं होती ..लिखा हो तकदीर में, वो किसी भी हालत में मिल जाता है ..कई भी जाओ कुछ भी हो...
एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर उसके साथी उसे डांटेंगे, जलील करेंगे, भला बुरा कहेंगे। लेकि न जैसा वह सोचकर आया था वैसा नही हुआ था।ब...
हर सुबह वही सूरज उगता है, पर उसकी रोशनी हर जगह अलग कहानी बुनती है। कहीं वो नरम सी किरणों के साथ धीरे-धीरे अंधेरे को मिटाता है, तो कहीं नई उम्मीदें जगाकर दिलों में ताज़गी भर देता है...
वो डरी हुई सी दुल्हन बनी बैठी थी। उसकी उम्र अभी बस 24 साल थी देखने में किसी परी से कम नही थी वो मासूमियत उसके चहरे से झलक रही थी । गहनों से सजी लाल रंग के दुल्हन के जोड़े में बै...
घनसोर के शांत गांव में, जहां रातें प्राचीन बरगद के पेड़ों की तरह शांत होती थीं, एक पुरानी हवेली थी जो अतीत के रहस्यों को फुसफुसाती थी। गांव वाले वहां जाने से इसलिए कतराते थे क्योंक...
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