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ज़िन्दगी एक अनन्य हस्ती है, कभी लोगों के लिए खुशियों का सृजन करती है तो कभी उन्हे...
(8)अगले दिन कबीर इंस्पेक्टर आकाश से मिलने पुलिस स्टेशन पहुँचा। उस समय व...
"इस शहर मे कुत्तों को कौन सी सहूलियत चाहिए कौन सी नही, इस पर यह मीटिंग बुलाई गई...
अब आगे,अब तक राजवीर का दोस्त अभय, राजवीर के विला के हॉल में पहुंच चुका था और वहा...
बाल कहानी - नया नज़रियाझारखंड के एक छोटे से कस्बे में एक बालक के मन में नई - नई...
शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल ( पार्ट -२१)बहुत सारे सवाल और जवाब हैंलेकिन सच कम ब...
(अध्याय 2) “बहुत अच्छी बात है, ‘पानीपत युद्ध कब हुआ? केनेडी को...
ऋषि की शक्ति एक बार एक ऋषि जंगल में रहते थे। वह बहुत शक्तिशाली बनने के लिए, जंगल...
पटारा खुलते ही नसीब खुल गया... जब पटारे मैं रखी गई हर कहानी मैं सिख मिलती हैँ क्...
राजीव के भागने की खबर सुन कर यूवी परेशान हो जाता है और सोचने लगता है कि कही आज व...
यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और सिर्फ़ मनोरंजन के उद्देश्य से बनाई गई है। कहानी में दर्शाए गए पात्र , संस्थाएं और घटनाएं काल्पनिक है। इनका उपयोग दृश्यों, पात्रों और घटनाओं को न...
प्रताप गढ़ ( राजस्थान) एक आलीशान कमरे में तीन लड़की बिस्तर पर बैठी थी। तीनों ने राजस्थानी कपड़े पहने थे और तीनो बहुत ही खूबसूरत और प्यारी थी तीनो लड़कियां बीस से बाईस के बीच की...
नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...
'और मास्टर जी, आजकल फिर यहीं...?' चंदन ने अपनी लहराती साइकल की तेज़ रफ़्तार को जान- बूझकर ब्रेक लगाया और घंटी बजाकर मास्टर जी को जगाते हुए पूछा। जून की तपती दुपहर...
एक लड़का ,,,,एक लड़की का गला दबाते हुए,,,,उसे दीवार से लगा देता है,,,,,और गुस्से से उसे घूरते हुए ,,,,,स्नेहा तुमने सही नहीं किया ,,,,,,जब तुम्हें मुझसे प्यार था ही नहीं,,,,तो मुझस...
"तुमने कमल के पत्तों पर गिरी ओस देखी है कभी? अच्छी लगती है कितनी। है न?" नीलाभ ने पूछा। "नहीं, कभी देखी नहीं, क्योंकि वह गिरती भी है तो तुरंत फिसल जाती है। कमल के पत...
अचिन्त्य परमेश्वर की अतर्क्स लीला से त्रिगुणात्मक प्रकृति द्वारा जब सृष्टि-प्रवाह होता है तो उस समय रजोगुण से प्रेरित वे ही परब्रह्म परमात्मा सगुण होकर अवतार ग्रहण करते हैं। वस्तुत...
सदफ़िया मंज़िल का दरवाज़ा खुला हुआ है। वह भी सदफ़िया की तरह बहुत बूढ़ा हो चुका है। जगह-जगह से चिटक गया है। यह चिटकन और बढ़ कर दरवाज़े को ज़मीन न सुँघा दे, इस लिए जगह-जगह टीन की पट्टियों को...
1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि क...
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः। हैलो फैमिली कैसे है आप सब? आशा करती हूं की आप सब सुरक्षित होंगे, खुश होंगे। आप सब से रिक्वेस्ट है की कह...
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