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नोटबुक के पन्नों में कई कच्चे नक्शे बने हुए थे—किसी पुराने शाही योजनाकार ने जैसे...
# गुमशुदा हवा**लेखक: विजय शर्मा एरी**## पहला अध्याय: खोया हुआ आकाशरमन ने अपनी खि...
रीना, बाइक के पीछे बैठी हुई थी। ठंडी हवा उसके बालों को उड़ा रही थी, पर मन किसी औ...
विकी :- तेरी इतनी हिम्मत । तु जानता नही है , तुने किसपर हाथ उठाया है । अब तुम दो...
शीर्षक: पहला वार और कानूनी शिकंजासाइट पर बिताया गया वह सहज दिन, वीर और अनायरा के...
️ अंजान लेखक: राज फुलवरे️ भाग 1 — हसीना की दस्तकरात धीरे-धीरे अपनी नमी फैला रही...
भीम और सुरज पागल होकर भागे — पर गुफा का हर रास्ता अब घूम कर वहीं आ जाता था।दीवार...
अध्याय ८: घंटी की पूजाबावर्ची की चेतावनी के बाद, माया आरव को एक दूरस्थ गाँव में...
“बेखौफ इश्क” का एपिसोड 9, और गहराई के साथ—बेखौफ इश्क – एपिसोड 9फैसलों की रात,...
सभी लोग पीछे की तरफ देखने लगते है, कि आखिर किसने आवाज लगाई है। तभी दरवाजे की ओर...
एक दिन उनके राज्य में एक भिखारी आ पहुँचा। उसके कपड़े फटे-पुराने थे और उसकी त्वचा पर बड़े-बड़े फोड़े-फुंसियाँ थीं, जिनसे निरंतर मवाद बह रहा था। उसके शरीर से दुर्गंध फैल रही । उसके ए...
सुबह के 6:30 बजे थे। हवा में हल्की ठंडक थी, सूरज अभी-अभी आसमान में उभर रहा था। सड़क पर कम गाड़ियाँ थीं और पक्षियों की आवाज़ें शहर को एक अलग ही सुकून दे रही थीं। रोहन ने हम...
नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के तहत अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से...
इटली जिसे माफिया का अड़ा कहा जा है वाह पर एक लड़की पूरे काले कपड़े पहने थी और चहरे पर केप ओर मुंह पर मास्क लगा रखा था वो इस टाइम एक बैंक के सामने खड़ी थी और उसे देख रही थी ये थ...
खुली खिड़की से आती ठंडी हवा प्रीतम के कुछ कुछ सफेद हुए बालों को धीरे धीरे सहेला रही थी। 56 साल का प्रीतम अपनी कुर्सी पर बैठा बैठा कुछ सोच रहा था ।बाहर से आता शोर मानो उसके कानो तक...
19 जनवरी 2022 सुबह 10:30 बजे "वो सच में आयेंगे ना काजल?" फिर आवाज बदलकर "कितना बार यही सवाल करेगी पागल" नॉर्मल आवाज में "कितनी ही बार की हु" फिर आ...
हिमालय की ढलानों पर रात पूरी तरह उतर चुकी थी। देवदार के घने जंगल के बीच बने छोटे-से कैम्प में एक अलाव जल रहा था, जिसकी लपटें सबके चेहरों पर नारंगी रोशनी बिखेर रही थीं। ठंडी हवा तम्...
अध्याय 1 — दर्पण का पहला दर्शन संग्राम टूर्स अँड ट्रॅव्हल्स… नाम तो छोटा था, मगर मेरे लिए ये मेरे सपनों की शुरुआत थी। अभी कुछ ही हफ्ते हुए थे जब मैंने अपनी नई चार पहिया गाड़ी...
“तुम जैसे लोग दूसरों की ज़िंदगी से खेलते हो, और सोचते हो सबकुछ ख़रीद सकते हो… लेकिन याद रखना, मैं बिकने वालों में से नहीं हूँ।” उसकी आवाज़ धीमी थी, मगर हर लफ्ज़ में आग थी। सा...
उस वक़्त मैं तीन साल का था, मेरा बड़ा भाई सुखेश पांच साल का था औऱ मेरी छोटी बहन भाविका केवल छह महिने की थी. उस वक़्त मेरी मा असाध्य बीमारी का शिकार हो गई थी. उन्हें कांदिव...
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