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⭐ ▲ चित्रा की पहली शादी — दर्द, अपमान और टूटनचित्रा की शादी को दो महीने भी नहीं...
कुछ लोग इस दुनिया में ऐसे होते हैंजो खुद को कभी सबसे आगे नहीं रखते,जिनकी ज़िंदगी...
मदन मंजिरी एक ऐसी कहानी… जो दर्द से शुरू होकर किस्मत की मोड़ पर जाकर बदल जाती है...
करन ने खिड़की की ओर देखा, मगर वहाँ कुछ भी नज़र नहीं आया। वो परछाई जैसे चाहकर खुद...
. अध्याय:21- नया धर्म — मौन और विज्ञान का मिलन पुराना धर्म विश्वास पर खड़ा था।व...
तोमर हाउससुबह के समयसुबह का समय है , अजय सिंह अपने घर ले बाहर गाड़ी लगा कर घर के...
उस मौलवी को दफनाने के बाद एक शख्स उसकी तलाश में गाँव कि तरफ आया, और जब उसने गाँव...
मोनिका :- पर तुमने एक काम बहोत अच्छा किया , उस धोकेबाज आदित्य को छौड़कर । वरना व...
एपिसोड 50 — “जब रूह ने नाम पुकारा… और समय रुक गया”दरभंगा की हवेली की रात, नीली औ...
Next Ep,,, काजल के बनते बिगड़ते भाव देख सातों बॉयज उसे बेयकिनी से घूरे जा रहे थ...
रात गहरा चुकी थी। चाँदनी खिड़की से भीतर गिर रही थी, लेकिन कमरे के माहौल में एक अनकही बेचैनी थी। चित्रा की नींद गहरी थी, चेहरे पर मासूमियत… पर दिव्यम पूरी रात सो नहीं पाया। वह...
मुंबई की रातें— जो कभी हज़ारों सपनों की धड़कन हुआ करती थीं, वे अब अविन अविनाशी चौहान के लिए किसी रोमांच से नहीं, बल्कि एक खामोश मजबूरी से भरी थीं। यह नवंबर की उमस भरी रात थी; मरीन...
शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता है । अशोक धनबाद शहर का एक जाना...
एक भयानक खोज दिल्ली की पुरानी लाइब्रेरी, जहां धूल से भरे शेल्फ़ और पन्नों की हल्की महक थी, रिया का पसंदीदा ठिकाना था। 22 साल की रिया, इतिहास की छात्रा थी, और उसे लगता था कि हर पुर...
गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू घुली हुई थी। वह उसी गाँव में पला-बढ़ा था, सयुग जहाँ हर कोई एक-दूसरे को नाम से जानता...
नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के तहत अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से...
1. प्रारंभिक स्वरूप परंपरागत मानसिकता में पूजा–पाठ धर्म का आरंभिक और सबसे प्रचलित रूप है। यह वह अवस्था है जहाँ व्यक्ति बाह्य देवताओं या प्रतीकों की आराधना करता है, मंत्रोच्चार औ...
हिमालय की ढलानों पर रात पूरी तरह उतर चुकी थी। देवदार के घने जंगल के बीच बने छोटे-से कैम्प में एक अलाव जल रहा था, जिसकी लपटें सबके चेहरों पर नारंगी रोशनी बिखेर रही थीं। ठंडी हवा तम्...
विशाल, अथाह समुद्र के बीचों-बीच एक आलीशान-सी क्रूज़ लहरों से जूझ रही थी। चारों ओर सिर्फ़ काला पानी, तेज़ हवा और इंजन की भारी-भरकम आवाज़। उसी क्रूज़ के एक कोने में तुलसी बिखरे बालों...
खामोश पेंटिंग की पहली साँस पुरानी गली की वह कला-दुकान हमेशा की तरह उस शाम भी आधी अँधेरे में डूबी हुई थी। बाहर बारिश की हल्की बूँदें पत्थरों से टकरा रही थीं और अंदर हवा में पुरान...
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