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चमड़ी की तंज कसने वाली बात सुन वो आदमी गुस्से में उसे घूरा वो उसे एक घुसा जड़ता...
पौराणिक सत्य एक हिंदी कहानीलेखक: विजय शर्मा एरी(शब्द गणना: लगभग १५००)प्रथम अध्या...
हम फिर से मिले मगर इस तरह{एपीसोड़ - 9}अरुण बेंच पर उदास बैठा आरुषि के बारे मे सो...
अध्याय 1: एक अजनबी संदेशरात के 12:30 बज रहे थे। यूनिवर्सिटी हॉस्टल का कमरा बिल्क...
नौकरी यह कहानी एक बदनसीब महिला...
विजय ने अपनी मां के लिए एक नौकरानी लगा दी जो उसके घर का सारा काम कर सके, वह हर म...
Dhurandhar (2025) – Full Movie Explanation 1. फिल्म का ओपनिंग टोन: अंधेरा, सन्ना...
️ दिल के रहस्य – पार्ट 1शीर्षक: नया सफ़र, नई मुलाकातआर्या अपने बैग की स्ट्रैप कस...
कॉलेज का दिन हमेशा जैसा नहीं था। आज हल्की धूप थी, हवा में नमी कम और कैंपस में एक...
कमरे में गूंजती थी अभी कुछ देर पहले तक वीणा की साज़िशी आवाज़, रुखसाना की परछाई,...
इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है इसका किसी जीवित, जंतु, मानव संसाधन से कोई लेना देना नही है अगर ऐसा होता है तो ये मात्र एक सयोग होगा ,,, जय हिन्द, इस कहानी को लिखने का उद्देश्य क...
एक पुराने, खामोश से मदरसे में बरसों से एक गहरा राज़ छुपा हुआ था। उसी राज़ की तलाश में एक दिन एक लड़का वहाँ पहुँचता है। शुरू में मदरसा बिल्कुल साधारण लगता है, मगर जैसे ही वह अंदर की...
शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता है । अशोक धनबाद शहर का एक जाना...
एक भयानक खोज दिल्ली की पुरानी लाइब्रेरी, जहां धूल से भरे शेल्फ़ और पन्नों की हल्की महक थी, रिया का पसंदीदा ठिकाना था। 22 साल की रिया, इतिहास की छात्रा थी, और उसे लगता था कि हर पुर...
19 जनवरी 2022 सुबह 10:30 बजे "वो सच में आयेंगे ना काजल?" फिर आवाज बदलकर "कितना बार यही सवाल करेगी पागल" नॉर्मल आवाज में "कितनी ही बार की हु" फिर आ...
मित्रों ! प्रणाम जीवन की गति बहुत अदभुत है | कोई नहीं जानता कब? कहाँ?क्यों? हमारा जीवन अचानक ही बदल जाता है ,कुछ खो जाता है ,कुछ तिरोहित हो जाता है |हम एक आशा की प्रतीक्षा में खड़े...
नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के तहत अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से...
शहर की शाम को और भी खूबसूरत बना रही थी।भीगी सड़कों पर स्ट्रीटलाइट्स की रोशनी मोतियों की तरह चमक रही थी।अनुष्का बस स्टॉप पर खड़ी थी—एक हाथ में ऑफिस की फाइलें,दूसरे हाथ में गर्म चाय...
अमावस्या की रात थी और रात के 11 बज रहे थे । भानपुर गांव का एक तांत्रिक अपनी तात्रिकं साधना करने के लिए सुंदरवन की तरफ जा रहा था । गांव मे ये मान्यता थी के जो कोई भी तात्रिकं अमावस्...
अजीब दास्तान है, मेरी, चाहता था, क्या बनना और किस्मत किस मोड़ पर ले आयी, उन दिनों, मै जोधपुर विश्व विद्यालय में बी एस सी में पढ़ रहा था। यह बात है, वर्ष 1969 की...
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