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MY HERO - उपन्यास
shama parveen
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और लड़की की। जी मगर ऐसा नहीं है। ये प्यारी सी कहानी एक पापा और उसकी प्यारी सी बेटी की है। वैसे हर पापा अपने बच्चो के लिए हीरो ही होते है, उसी तरह इस कहानी में एक पापा अपनी बेटी के लिए कैसे हीरो बनते हैं ये जानने के लिए आपको पढ़ना पड़ेगा "MY HERO"।
आकाश दो भाई है, आकाश छोटा भाई है और उनके बड़े भाई का नाम रवि है। रवि के दो लड़के है। और आकाश की बीवी मां बनने वाली हैं।
गांव वाली काकी आ कर आकाश की की बीवी को बोलती है, "और छाया तू अच्छे से खाना तो खा रही है न"।
तब छाया बोलती है, "जी काकी अच्छे से खाना खा रही हूं"।
तब काकी बोलती है, "वैसे अपना ज्यादा ध्यान रखा कर और घर का काम ज्यादा मत किया कर"।
तब छाया बोलती है, "अगर काम नही करुंगी तो खाना केसे बनेगा और ये क्या खायेंगे"।
तब काकी बोलती है, "अरे अपनी जेठानी को बोल दिया कर की कुछ काम तेरे यहां पर भी आ कर कर दिया करे"।
तब छाया बोलती है, "वो तो खुद ही सारा दिन काम करते रहती हैं दो दो बच्चो को संभालती हैं"।
कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और लड़की की। जी मगर ऐसा नहीं है। ये प्यारी सी कहानी एक पापा और उसकी प्यारी सी बेटी की है। ...और पढ़ेहर पापा अपने बच्चो के लिए हीरो ही होते है, उसी तरह इस कहानी में एक पापा अपनी बेटी के लिए कैसे हीरो बनते हैं ये जानने के लिए आपको पढ़ना पड़ेगा "MY HERO"।आकाश दो भाई है, आकाश छोटा भाई है और उनके बड़े भाई का नाम रवि है। रवि के दो लड़के है। और आकाश की बीवी मां बनने
छाया बोलती है, "दीदी मैं तो चाहती हूं की मेरी एक बेटी हो"।तभी छाया की जेठानी उसे एक थप्पड़ मारती हैं और बोलती है, "तुम्हे शर्म नही आ रही है , तुम्हारे लिए सास ससुर इतनी दूर गए हैं ...और पढ़ेकी दुआ मांगने और तुम हो की ऐसी बाते कर रही हो, शुक्र है की ये बात किसी और ने नही सुनी वरना पता नहीं आज तुम्हारे साथ क्या होता, आइंदा ये कभी भी मत बोलना समझी"।तब छाया बोलती है, "जी दीदी ठीक है "।उसके बाद छाया जा कर बैठ जाती हैं और उसकी जेठानी बोलती है, "अच्छा ठीक है
छाया बैठी बैठी काम कर रही होती है। तभी वो चक्कर खा कर गिर जाती हैं। ये देख कर आकाश घबरा जाता है और जल्दी से उसे उठाता है, और बच्चो से बोलता है कि, "जाओ मम्मी और पापा ...और पढ़ेबुला कर ले आओ"।तभी बच्चे जल्दी से जाते है। आकाश छाया पर पानी छिड़कता है मगर वो नही उठती हैं। आकाश बहुत ही घबरा जाता हैं। तभी उसके भैया और भाभी आते है और बोलते है, "क्या हुआ ये कैसे बेहोश हो गई" तब आकाश बोलता है, "अभी तो अच्छी खासी थी काम कर रही थी पता नहीं अचानक क्या
चाची की बात सुन कर छाया घबरा जाती हैं। और डरने लगती है कि अगर मेरी बेटी हुई तो ये लोग तो मुझे जिन्दा ही जला देंगे।तब चाची जी बोलती है, "अरे तुम क्यो घबरा रही हो, वैसे भी ...और पढ़ेखानदान में किसी को बेटी हुई है जो तुम्हे होगी, मगर हा डर तो लगा ही रहता है, मगर भगवान गलती से भी किसी भी दुश्मन को बेटी न दे, एक तो सबसे बड़ी बात दहेज में ही इनसान मर जाता हैं दूसरा उस पर ध्यान रखो की कही किसी के साथ न भाग जाए, वो रमेश की बेटी को
अपने मालिक की बाते सुन कर आकाश के पेरो तले जमीन खिसक जाती हैं। और वो बोलता है, "मालिक आप ये क्या बोल रहे हैं, आप तो जानते ही हैं कि आपके इस खेत की वजह से ही मेरे ...और पढ़ेमें चूल्हा जलता है अगर आपने ऐसा किया तो फिर हमारा क्या होगा"।तब आकाश का मालिक बोलता है, "देखो आकाश मे तुम्हारा दर्द समझ सकता हूं मगर मे क्या करु मैं मजबूर हू"।तब आकाश बोलता है, "आप केसे मजबूर हो सकते हैं मालिक आप के पास तो इतना सारा पैसा और खेत है"।तब आकाश का मालिक बोलता है, "देखो मे