FARHAN KHAN लिखित उपन्यास खूनी साया

खूनी साया द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
खूनी साया Chapter - 1
कहते हैं..! इंसान अपनी परछाईं से बच सकता हेेै,
अपने अतीत से नही।
अपने करमो से बच सकता है, अपने...
खूनी साया द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
जब मैं घर पहुँचा तो मेरी छोटी बहन "जीनत" चुप- चाप एक किताब पढ़ रही थी, मैं धीरे से गया और उसके आँखों को बंद कर चु...
खूनी साया द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
कुछ ही देर बाद उस घर के अंदर से एक आदमी एक औरत के साथ सलाम अर्ज़ करता हुआ बाहर आया। और भाईजान से कहने लगा "मैं क़ासिम और य...
खूनी साया द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
खाना खाने के बाद सब अपने-अपने कमरे मे चले गए, अख्तर भाईजान अपना टाइपराइटर लेकर एक छोटे से कमरे कि ओर चले गए। वह कमरा बहु...
खूनी साया द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
भाईजान जब अपने कमरे में आए तो बहुत ही डरे हुए थे। वह अंदर ही अंदर कुछ सोच रहे थे तभी भाभीजान उन्हें देखकर कहती हैं। सादि...