सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कहानियां कहानियाँ पढ़ें और PDF में डाउनलोड करें होम कहानियां हिंदी कहानियां फ़िल्टर: श्रेष्ठ हिंदी कहानियां पागल - 1 द्वारा Brijmohan sharma 81 लेखक : ब्रजमोहन शर्मा ( वह l लगातार स्वयं से बातें करते हुए अपने तीन मंजिले मकान में बड़ी फुर्ती से ऊपर नीचे चढ़ता उतरता रहता I वह अपने ... रेडियो वाली मेज द्वारा Deepak sharma 114 लेखिका दीपक शर्मा ''रेडियो वाली मेज़ कहाँ गई?'' गेट से मैं सीधी बाबू जी के कमरे में दाखिल हुई थी। माँ के बाद अपने मायके जाने का वह मेरा ... लड़की ने शादी अस्वीकृत की द्वारा r k lal (14) 510 लड़की ने शादी अस्वीकृत की आर० के० लाल पूरे घर में उदासी छाई थी। अंकिता ने रिश्ता जो ठुकरा दिया था। उसकी दादी उसी को कोस रही ... स्वीकृति - 1 द्वारा GAYATRI THAKUR 1.4k घबराई हुई सी पुर्णिमा तेज भागती हुई सीढ़ियों से नीचे उतरती है. और घबराहट में नीचे उतरती हुई वह दो खेड़ी एक ही बार में फांद जाती है, ... अविका द्वारा Rama Sharma Manavi 351 जिंदगी के रास्ते कब कहां अचानक कौन सा मोड़ ले लें, पता ही नहीं होता।कभी जिंदगी की झोली बिल्कुल खाली हो जाती है, कभी खुशियों के फूलों से ... अतीत के चलचित्र-(2) द्वारा Asha Saraswat 393 अतीत के चलचित्र-(2) पिताजी ने हमें बताया कि हम माताजी पिताजी के ... काष्ठ प्रकृति द्वारा Deepak sharma 387 काष्ठ प्रकृति जब मेरी चेतना लौटी टो मैंने अपने आपको अस्पताल के बिस्तर पर पाया| चिंतित चेहरों की भीड़ में अपने कॉलेज के प्रिंसिपल को देखकर मैं स्वयं चिंता ... 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"बड़े-बड़े लाल-लाल टमाटर एक तरफ करते हुए बुजुर्गवार ने प्रश्न किया ।"सात रूपए किलो , बाबू जी !"सब्जी वाली तराजू सँभालते हुए बोली ।"सात रूपए ... एक दुनिया अजनबी - 44 द्वारा Pranava Bharti 333 एक दुनिया अजनबी 44 - जाने कितनी देर पहले नीचे से गरमागरम नाश्ता आ चुका था लेकिन सब चर्चा में इतने मशगूल थे कि हाथ में पकड़े कॉफ़ी के मगों के ... खेल नसीब का द्वारा Rama Sharma Manavi 369 एक घर में एक माता पिता की संतानें कितने अलग-अलग भाग्य लेकर पैदा होती हैं।किसी का भाग्य उसकी झोली खुशियों से भर देती है, तो कोई ताउम्र संघर्ष ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा उपन्यास प्रकरण प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान કંઈપણ फिल्मों में भद्दी गालियों का महत्त्व द्वारा Suvidha Gupta 276 आजकल की नई पीढ़ी फ़िल्मों से बहुत प्रेरित रहती है और कहने वाले ये भी कहते हैं कि फिल्में किसी समाज का ... लौट जाओ शैली... - 2 द्वारा Dr Vinita Rahurikar 345 भाग-2 सच तो यह था कि शैली भी अब यह महसूस करने लगी थी कि विनीत जीवन में उसे क्या दे पाएगा। वह उससे शादी तो करेगा नहीं ऐसे ... उसने आत्महत्या क्यो की द्वारा किशनलाल शर्मा 714 "क्या बात है रमेश?काफी परेशान लग रहे हो।"रमेश के चेहरे पर नज़र पड़ते ही महेश बोला था।"कुछ नही"राााेे रमेश के गले से मरी सी आवाज निकली थी।वह महेेेश के ... 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