ज्योतिष शास्त्र कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Astrology in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures...Read More


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सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 34 By Captain Dharnidhar

बार-बार सपने आना आम बात नहीं, जानें ऐसी 3 गंभीर बीमारियों के नाम जिनके कारण आने लगते डरावने व अजीब सपने ।सपने आना हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं, कुछ लोग सपनों के अनुसार ही अपन...

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नास्त्रेदमस एव बाबा वेंगा कि भविष्यवाणीयो का ज्योतिषीय सत्यार्थ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

(क)वर्तमान चर्चा में बाबा वेंगा कि भविष्यवाणियां-1-बाबा वेंगा कि डरावनी भविष्यवाणियां इस साल हो जाएगा दुनियां का अंत 2025 मे यूरोप में एक बड़े संघर्ष के कारण आबादी में उल्लेखनीय गिर...

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नवसंवत्सर कैसा होगा भरतीय परिपेक्ष्य में By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नव संवत्सर कैसा होगा--सनातन धर्म कि मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने जिस दिन सृष्टि कि रचना का शुभारम्भ किया था उसी दिन से नववर्ष का भी शुभारम्भ माना जाता जो चैत मास के शुक्लपक्ष कि...

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शारिरीक बनावट का जीवन भविष्य पर प्रभाव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शारीरिक बनावट का मनुष्य के जीवन भाग्य भविष्य पर प्रभाव-----ब्रह्माण्ड का प्रत्येक प्राणी अपने सुख को लेकर जागरूक और दुःख को लेकर चिंतित रहता है ।मनुष्य जिसके पास सोचने समझने की क्ष...

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जन्म कुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभीष्ट योग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जन्मकुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभीष्ट योग--# सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भा...

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जन्म कुंडली एव भूत प्रेत के अभिष्ट योग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जन्मकुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभीष्ट योग--# सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भा...

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प्रेत वाधा एव वास्तु By नंदलाल मणि त्रिपाठी

प्रेत बाधा एव वास्तु---भूत प्रेत अपार शक्ति सम्पन्न एव इनकी बिभिन्न प्रकार की जातियां होती है भूत प्रेत पिचास राक्षस यम साकिनी डाकिनी चुड़ैल गंधर्व आदि यदि महादशा में चंद की अंतर्दश...

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विश्व एव ज्योतिष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आधुनिक विज्ञान में विज्ञान खगोल विज्ञन के अनुसार ब्रह्मांड में स्थित अनेको ग्रहों की उपस्थिति गति ब्रह्मांड को प्रभावित करती है एव प्रकृति के स्वरूप का भी निधार्रण करती है निश्चित...

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हिंदुस्तान का नेतृत्व By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिंदुस्तान का नेतृत्व---भारत सयुक्त रूप से पाकिस्तान बांग्ला देश अफगानिस्तान के संयुक्तस्वरूप था जो चंद कबाइली शक्तियों द्वारा गुलाम इसलियें बनाया गया कि यहाँ के शासक राजा क्षुद्र...

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हस्त रेखा ज्योतिष विज्ञान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हस्त रेखा ज्योतिष विज्ञान -सृष्टि में मनुष्य मात्र ऐसा प्राणी है जो अतीत वर्तमान भविष्य के प्रति जागरूक रहता है अतीत से सीखने या प्रेरित होता है तो वर्तमान का भोग करता तथा भविष्य क...

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ज्योतिष एव शुभ अशुभ विचार By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ज्यातिष एव शुभ अशुभ विचार---मनुष्य सदैव से जागरूक एव ईश्वर वाद के जीवन दर्शन को स्वीकार करता है एव अपने पल प्रहर प्रति दिन के जीवन मे ईश्वर का आशीर्वाद मार्ग दर्शन चाहता हैं ।मगर अ...

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कदमो कि आहट औऱ भविष्य ज्योतिष विज्ञान कि सच्चाई By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कदमों की आहट और भविष्य ज्योतिष विज्ञान कि सच्चाई प्राणियों की अनगिनत प्रजातियों में सिर्फ मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणि है जिसमें सेंस मतलब सोचने, समझने अनुभव अनुभूति कि क्षमता है...

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ज्योतिष धर्म वास्तु अंतराष्ट्रीय सममेलन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

दिनाँक 4 एव 5 अगस्त -2023 को बुटवल में आयोजित अंतराष्ट्रीय धर्म ज्योतिष एव वास्तु सममेलन कि वास्तविकता और मैं-----नेपाल जो कभी भी औपनिवेश वाद का शिकार नही रहा किसी ने भी नेपाल पर श...

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जन्म कुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभिष्ट योग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

# सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भाव मे के स्वामी के साथ केंद्र में स्थित है एव प...

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ज्योतिष -शुभ अशुभ विचार By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मनुष्य सदैव से जागरूक एव ईश्वर वाद के जीवन दर्शन को स्वीकार करता है एव अपने पल प्रहर प्रति दिन के जीवन मे ईश्वर का आशीर्वाद मार्ग दर्शन चाहता हैं ।मगर अनीश्वरवादी लोंगो का मानना है...

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श्रावण‌ में जरूर लगाए यह पौधे By Renu

श्रावण का पवित्र माह शुरू हो चुका है। भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने का यह सर्वश्रेष्ठ महीना है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावण माह में कुछ विशेष पौधे लगाने से भगवा...

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स्वप्नशास्त्र - आईने वाला चेहरा By गायत्री शर्मा गुँजन

आईना और चेहरे की बड़ी गहरी मित्रता है जिस प्रकार मधुमक्खी को पराग , तितलियों को पुष्प,चातक को स्वाति नक्षत्र और मयूर को नृत्य पसंद है ऐसे ही आईना को मुस्कुराहट भाता है चूंकि आईना भ...

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स्वप्न शास्त्र - भव्य मंदिर के दर्शन By गायत्री शर्मा गुँजन

स्वप्न शास्त्र - भव्य मंदिर के दर्शन आज मौसम का मिजाज काफ़ी बेहतरीन रहा ,कितने दिनों बाद आज इंद्र देव के कमान से बादलों ने ज़मीं को तर कर दिया अक्रांत बोला"..!! उसकी हां में हां मि...

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सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 34 By Captain Dharnidhar

बार-बार सपने आना आम बात नहीं, जानें ऐसी 3 गंभीर बीमारियों के नाम जिनके कारण आने लगते डरावने व अजीब सपने ।सपने आना हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं, कुछ लोग सपनों के अनुसार ही अपन...

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नास्त्रेदमस एव बाबा वेंगा कि भविष्यवाणीयो का ज्योतिषीय सत्यार्थ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

(क)वर्तमान चर्चा में बाबा वेंगा कि भविष्यवाणियां-1-बाबा वेंगा कि डरावनी भविष्यवाणियां इस साल हो जाएगा दुनियां का अंत 2025 मे यूरोप में एक बड़े संघर्ष के कारण आबादी में उल्लेखनीय गिर...

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नवसंवत्सर कैसा होगा भरतीय परिपेक्ष्य में By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नव संवत्सर कैसा होगा--सनातन धर्म कि मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने जिस दिन सृष्टि कि रचना का शुभारम्भ किया था उसी दिन से नववर्ष का भी शुभारम्भ माना जाता जो चैत मास के शुक्लपक्ष कि...

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शारिरीक बनावट का जीवन भविष्य पर प्रभाव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शारीरिक बनावट का मनुष्य के जीवन भाग्य भविष्य पर प्रभाव-----ब्रह्माण्ड का प्रत्येक प्राणी अपने सुख को लेकर जागरूक और दुःख को लेकर चिंतित रहता है ।मनुष्य जिसके पास सोचने समझने की क्ष...

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जन्म कुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभीष्ट योग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जन्मकुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभीष्ट योग--# सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भा...

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जन्म कुंडली एव भूत प्रेत के अभिष्ट योग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जन्मकुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभीष्ट योग--# सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भा...

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प्रेत वाधा एव वास्तु By नंदलाल मणि त्रिपाठी

प्रेत बाधा एव वास्तु---भूत प्रेत अपार शक्ति सम्पन्न एव इनकी बिभिन्न प्रकार की जातियां होती है भूत प्रेत पिचास राक्षस यम साकिनी डाकिनी चुड़ैल गंधर्व आदि यदि महादशा में चंद की अंतर्दश...

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विश्व एव ज्योतिष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आधुनिक विज्ञान में विज्ञान खगोल विज्ञन के अनुसार ब्रह्मांड में स्थित अनेको ग्रहों की उपस्थिति गति ब्रह्मांड को प्रभावित करती है एव प्रकृति के स्वरूप का भी निधार्रण करती है निश्चित...

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हिंदुस्तान का नेतृत्व By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिंदुस्तान का नेतृत्व---भारत सयुक्त रूप से पाकिस्तान बांग्ला देश अफगानिस्तान के संयुक्तस्वरूप था जो चंद कबाइली शक्तियों द्वारा गुलाम इसलियें बनाया गया कि यहाँ के शासक राजा क्षुद्र...

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हस्त रेखा ज्योतिष विज्ञान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हस्त रेखा ज्योतिष विज्ञान -सृष्टि में मनुष्य मात्र ऐसा प्राणी है जो अतीत वर्तमान भविष्य के प्रति जागरूक रहता है अतीत से सीखने या प्रेरित होता है तो वर्तमान का भोग करता तथा भविष्य क...

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ज्यातिष एव शुभ अशुभ विचार---मनुष्य सदैव से जागरूक एव ईश्वर वाद के जीवन दर्शन को स्वीकार करता है एव अपने पल प्रहर प्रति दिन के जीवन मे ईश्वर का आशीर्वाद मार्ग दर्शन चाहता हैं ।मगर अ...

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कदमो कि आहट औऱ भविष्य ज्योतिष विज्ञान कि सच्चाई By नंदलाल मणि त्रिपाठी

कदमों की आहट और भविष्य ज्योतिष विज्ञान कि सच्चाई प्राणियों की अनगिनत प्रजातियों में सिर्फ मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणि है जिसमें सेंस मतलब सोचने, समझने अनुभव अनुभूति कि क्षमता है...

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दिनाँक 4 एव 5 अगस्त -2023 को बुटवल में आयोजित अंतराष्ट्रीय धर्म ज्योतिष एव वास्तु सममेलन कि वास्तविकता और मैं-----नेपाल जो कभी भी औपनिवेश वाद का शिकार नही रहा किसी ने भी नेपाल पर श...

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जन्म कुंडली के अनुसार भूत प्रेत के अभिष्ट योग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

# सूर्य अथवा चंद्र तृतीय भाव मे पापी ग्रहों के साथ है तो जातंक बीमार रहेगा और कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाएगी। #यदि चंद्र अष्ठम भाव मे के स्वामी के साथ केंद्र में स्थित है एव प...

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ज्योतिष -शुभ अशुभ विचार By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मनुष्य सदैव से जागरूक एव ईश्वर वाद के जीवन दर्शन को स्वीकार करता है एव अपने पल प्रहर प्रति दिन के जीवन मे ईश्वर का आशीर्वाद मार्ग दर्शन चाहता हैं ।मगर अनीश्वरवादी लोंगो का मानना है...

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श्रावण‌ में जरूर लगाए यह पौधे By Renu

श्रावण का पवित्र माह शुरू हो चुका है। भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने का यह सर्वश्रेष्ठ महीना है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावण माह में कुछ विशेष पौधे लगाने से भगवा...

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स्वप्नशास्त्र - आईने वाला चेहरा By गायत्री शर्मा गुँजन

आईना और चेहरे की बड़ी गहरी मित्रता है जिस प्रकार मधुमक्खी को पराग , तितलियों को पुष्प,चातक को स्वाति नक्षत्र और मयूर को नृत्य पसंद है ऐसे ही आईना को मुस्कुराहट भाता है चूंकि आईना भ...

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स्वप्न शास्त्र - भव्य मंदिर के दर्शन By गायत्री शर्मा गुँजन

स्वप्न शास्त्र - भव्य मंदिर के दर्शन आज मौसम का मिजाज काफ़ी बेहतरीन रहा ,कितने दिनों बाद आज इंद्र देव के कमान से बादलों ने ज़मीं को तर कर दिया अक्रांत बोला"..!! उसकी हां में हां मि...

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