डरावनी कहानी कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Horror Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • बंद तालों का बदला - 3

    पसीने से लथपथ प्रखर जैसे ही बरामदे में पहुँचा उसने देखा कि चार पाँच लोग काली-...

  • मौत का जादू

    इक़बाल ने नफ़ीस की कोठी के अंदर कदम रखा।अंदर का नज़ारा देखकर वो ठिठककर रुक गया। बैठ...

  • वो आसमान से आती थी - 2

    पिछले भाग में आप सबने देखा की,कबीर रात के अंधेरे में एक अजनबी लड़की के पीछे जाता...

ज्याँकों राँखें साईंयाँ.. भाग 3 By योगेश जोजारे

वह युवी को निगलने ही वाला था तभी युवीका हाथ अपने गले मे पहने, बाबा के लॉकेट पर पड़ा. जिस में बाबा की शिर्डी की पवित्र विभूति भरी थी. उसने वह लॉकेट गले से खीचते हुए निकाला और उस पिशा...

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भूतिया बगीचा - SJT By Poetry Of SJT

आज चार साल बाद आया हूं यहां , कुछ भी नहीं बदला सब कुछ पहले जैसे ही है , आज भी सूरज की रोशनी अन्दर नहीं आ पाती है ठीक से , इतना घना बग़ीचा है ।फिर भी पत्तों के बीच से छनकर के सूरज...

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अनोखा कैमरा By Renu Jindal

कई साल पहले की बात है, जब मैं ,.मेरा भाई अपने माता-पिता के साथ एक खूबसूरत से नगर -पालमपुर में रहते थे। यही तीन - चार साल पहले हमने वह नगर छोड़ दिया था। बात उन दिनों की है जब...

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विश्रान्ति - 7 By Arvind Kumar Sahu

विश्रान्ति (‘रहस्य एक रात का’A NIGHT OF HORROR) अरविन्द कुमार ‘साहू’ विश्रान्ति (The horror night) (दुर्गा ने देखा, जच्चा दर्द से कराह रही थी) -6 दुर्गा ने अनुमान लगाया कि शायद एक...

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वीरान किले की चीख By Jyoti Prakash Rai

होनी अनहोनी किस्मत का ही एक हिस्सा होता है जो हर किसी के साथ घटित होता है और कुछ ऐसे पल छोड़ जाता है जो किसी भी समय मस्तिष्क को झकझोर कर रख देता है। महाराजाओं के बने किले जिसमें अब...

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इश्क़ जुनून - 7 By PARESH MAKWANA

''सुनो ये मरना नही चाहिए अगर ये मर गया तो में तुम सबको मार दूंगी'' तभी मेरा स्कूल का दोस्त भवानी वह आ गया दूर से ही मेने उसे संध्या को बचाने के लिए...

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वसुंधरा गाँव - 2 By Sohail K Saifi

रेस्टोरेंट में घुसते ही इन्द्र और भानु देखते है। एक आदमी रेस्टोरेंट के मालिक से बेहस कर रहा था उनके बीच गरमा गर्मी इतनी अधिक हो गई थी कि किसी भी पल हातापाई हो जाती मोके की गंभीरता...

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बंद तालों का बदला - 3 By Swati

पसीने से लथपथ प्रखर जैसे ही बरामदे में पहुँचा उसने देखा कि चार पाँच लोग काली-पीली शक्ल वाले लोग बरामदे में घूम रहे है, वह लड़की भी वहीं थीं । तथा पहले से भी ज्यादा...

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भूतिया बंगला By Lalit Raj

चार दोस्तों जो जॉब के लिऐ शहर आते हैं और वहां ठहरने के लिऐ जगहा तलाशते हैं तो जहां उन्हें जॉब मिला उसी कम्पनी के मालिक ने अपने बंगले में रहने के लिऐ कहा जो की कई सालों से वीरान पढा...

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रोता प्रेत By Ravi Sharma

सबसे पहले आप सभी का धन्यवाद की आप ने मेरी सभी कहानियो को इतना पसंद किया .अगर कही कोई कमी लगे तो आप अपना प्रतिभावा जरूर दे comment कर के.दोस्तों आज की कहानी एक अति उत्साही युवक क...

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मौत का जादू By Shubhanand

इक़बाल ने नफ़ीस की कोठी के अंदर कदम रखा।अंदर का नज़ारा देखकर वो ठिठककर रुक गया। बैठक के बीचोंबीच साढ़े छह फुटा नफ़ीस ज़मीन पर दरी बिछा कर बैठा हुआ था। उसने पालथी मारकर ध्यान की मुद्रा बन...

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कुलधरा गांव की खौफनाक रात By Renu Jindal

बात उस समय की है जब हमने गांव छोड़ा , मानो तकरीबन 15-20 साल पहले की। तब मैं और मेरा भाई इतने छोटे थे कि सही से चल भी नहीं पाते थे। धीरे धीरे हम बढ़ने लगे। मैं, मेरा भाई, माता-पिता...

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क्या तुम वापस आ गयी ? पार्ट - २ By zeba Praveen

डॉ साहिल अपने अतीत में जाते हुए अपनी बातों को फिर से जारी करते हैं:- "मेरे लिए आलिया का अहसास होना ही काफ़ी था, मैं आत्माओ में विश्वाश करता था, मेरी माँ बचपन के दिनों........

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वो आसमान से आती थी - 2 By Adil Uddin

पिछले भाग में आप सबने देखा की,कबीर रात के अंधेरे में एक अजनबी लड़की के पीछे जाता है और उस लड़की को वह एक खाई में गिरते देखता है अचानक वह लड़की उसके सामने ज़िंदा खड़ी होती है जिसके कारण...

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नीलांजना (थ्रिलर हॉरर कादम्बरी भाग-2) By Praveen Kulkarni

अमृता और नवीन को पेहले ही पिक्-अप् कर लिया था सुबोधने. कृति आके फ़्रंट् सीट् पर बैठ गयी, अब सिर्फ़ चरण बाक़ी रेह गया था। “प्राइमरी स्कूल् में भी मेरी जानेमन कितनी प्यारी दिखती थी क...

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 5 By Prem Rathod

दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा और कुछ भी दि...

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डर की वो रात By Ravi Sharma

दोस्तों आज जो मे वाक्या आप से share करने जा रहा हु ये मेरे एक रिस्तेदार के साथ घटी हुई घटना है. आगे की कहानी मे उनकी जुबानी आप को सुनाऊंगा .मे राजस्थान के एक छोटे से गांव मे रहता...

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रास्ते की गुड़िया By Jyoti Prakash Rai

विजयदशमी का दिन था पूरे गांव और बाजार में चहल-पहल सा माहौल छाया हुआ था और घर को सजाने की तैयारियां चल रही थी। कि मानों प्रभु श्री रामचन्द्र जी का आगमन आज ही हो रहा हो, और हो भी क्य...

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अपराध By Rajesh Mewade

सुनसान सड़क दूर-दूर तक फैला अंधेरा , कटीली झाड़ियां और ऊंचे-ऊंचे पेड़। चोर-डाकूऔ के लिए तो यह बेहद ही उपयुक्त स्थान है। लेकिन यहां दूर-दूर तक कोई गांव नहीं, सिर्फ आती हुई और जाती ह...

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रक्तवन्या By Hrishikesh Sulabh

रक्तवन्या हृषीकेश सुलभ अजीब होती जा रही है केया दास। उसे अब अपने-आप से भय लगने लगा है। जंगल की ये रातें उसे तिलिस्मी लगती हैं। डरावनी। पूरे शरीर में सिहरन भर देने वाली रातें। केया...

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वारलॉक - इतिहास का सबसे निर्मम तांत्रिक और सीरियल किलर – 4 By Vikkram Dewan

अध्याय 3 बंधक लड़की जिस समय अभय खाली सड़कों से गुजर रहा था, उस समय शहर के दूसरे छोर पर स्थित महरौली का राउल एस्टेट अंधेरे में डूबा हुआ था। वह एस्टेट 4 एकड़ में फैला हुआ था, जिसका...

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मुझे याद रखना - 6 By आयुषी सिंह

मैं - पर बाबा इस सब में मैं कैसे फंस गया मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूँ। धारा, आख्या और विश्वास राव इन सब से मेरा क्या नाता?महात्मा जी - बेटा तुम इतने अधीर क्यों हो रहे हो? सब्र रख...

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डर और मां By Jyoti Prakash Rai

एक समय की बात है जब मै ज्योति प्रकाश कक्षा पांच में पढ़ता था, और मेरी उम्र लगभग नौ साल की थी। मेरे पिता जी श्री संतराम राय एक अध्यापक थे और जिस स्कूल में वो पढ़ाते थे उस समय उसी स्...

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रात दस बजे By Saroj Verma

मैं बस सोने ही जा रही थी कि दरवाजे पर दस्तक हुई, मैंने घड़ी में time देखा तो दस बज रहे थे, मैंने सोचा इतनी समय कौन हो सकता है, दरवाजा खोला तो सामने सुलक्षणा खड़ी थी मेरे बचपन की सह...

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डाइन By Hrishikesh Sulabh

डाइन हृषीकेश सुलभ वह आधी रात के बाद अचानक प्रकट हुई थी. उसके आने की दूर–दूर तक कोई उम्मीद नहीं थी. जेठु मंडल अर्जि़यां लिखने में व्यस्त था. उसे आज रात कलक्टर और जिला परिषद् के चेय...

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पुराने घर का रहस्य By Saroj Verma

सन् 1980 की बात है,तब मेरी तुलसी ग्रामीण बैंक में नई - नई नौकरी लगी थी, मेरी posting एक छोटे से कस्बे में हुई, मैं पहली बार घर से और अपनों से दूर जा रहा था। बस क्या था, बोरिया-बिस्...

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रात के तीन बजे By Saroj Prajapati

रात के 12:00 बज चुके थे लेकिन डर के मारे राशि की आंखों से नींद कोसों दूर थी। यह मानव स्वभाव है कि जिस आदमी के साथ वह बरसों गुजारता हैं, अपने सुख दुख बांटता है। मृत्यु के बाद दिन मे...

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ज्याँकों राँखें साईंयाँ.. भाग 3 By योगेश जोजारे

वह युवी को निगलने ही वाला था तभी युवीका हाथ अपने गले मे पहने, बाबा के लॉकेट पर पड़ा. जिस में बाबा की शिर्डी की पवित्र विभूति भरी थी. उसने वह लॉकेट गले से खीचते हुए निकाला और उस पिशा...

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आज चार साल बाद आया हूं यहां , कुछ भी नहीं बदला सब कुछ पहले जैसे ही है , आज भी सूरज की रोशनी अन्दर नहीं आ पाती है ठीक से , इतना घना बग़ीचा है ।फिर भी पत्तों के बीच से छनकर के सूरज...

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कई साल पहले की बात है, जब मैं ,.मेरा भाई अपने माता-पिता के साथ एक खूबसूरत से नगर -पालमपुर में रहते थे। यही तीन - चार साल पहले हमने वह नगर छोड़ दिया था। बात उन दिनों की है जब...

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विश्रान्ति (‘रहस्य एक रात का’A NIGHT OF HORROR) अरविन्द कुमार ‘साहू’ विश्रान्ति (The horror night) (दुर्गा ने देखा, जच्चा दर्द से कराह रही थी) -6 दुर्गा ने अनुमान लगाया कि शायद एक...

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भूतिया बंगला By Lalit Raj

चार दोस्तों जो जॉब के लिऐ शहर आते हैं और वहां ठहरने के लिऐ जगहा तलाशते हैं तो जहां उन्हें जॉब मिला उसी कम्पनी के मालिक ने अपने बंगले में रहने के लिऐ कहा जो की कई सालों से वीरान पढा...

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पिछले भाग में आप सबने देखा की,कबीर रात के अंधेरे में एक अजनबी लड़की के पीछे जाता है और उस लड़की को वह एक खाई में गिरते देखता है अचानक वह लड़की उसके सामने ज़िंदा खड़ी होती है जिसके कारण...

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नीलांजना (थ्रिलर हॉरर कादम्बरी भाग-2) By Praveen Kulkarni

अमृता और नवीन को पेहले ही पिक्-अप् कर लिया था सुबोधने. कृति आके फ़्रंट् सीट् पर बैठ गयी, अब सिर्फ़ चरण बाक़ी रेह गया था। “प्राइमरी स्कूल् में भी मेरी जानेमन कितनी प्यारी दिखती थी क...

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 5 By Prem Rathod

दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा और कुछ भी दि...

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रक्तवन्या हृषीकेश सुलभ अजीब होती जा रही है केया दास। उसे अब अपने-आप से भय लगने लगा है। जंगल की ये रातें उसे तिलिस्मी लगती हैं। डरावनी। पूरे शरीर में सिहरन भर देने वाली रातें। केया...

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मैं - पर बाबा इस सब में मैं कैसे फंस गया मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूँ। धारा, आख्या और विश्वास राव इन सब से मेरा क्या नाता?महात्मा जी - बेटा तुम इतने अधीर क्यों हो रहे हो? सब्र रख...

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एक समय की बात है जब मै ज्योति प्रकाश कक्षा पांच में पढ़ता था, और मेरी उम्र लगभग नौ साल की थी। मेरे पिता जी श्री संतराम राय एक अध्यापक थे और जिस स्कूल में वो पढ़ाते थे उस समय उसी स्...

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रात दस बजे By Saroj Verma

मैं बस सोने ही जा रही थी कि दरवाजे पर दस्तक हुई, मैंने घड़ी में time देखा तो दस बज रहे थे, मैंने सोचा इतनी समय कौन हो सकता है, दरवाजा खोला तो सामने सुलक्षणा खड़ी थी मेरे बचपन की सह...

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डाइन हृषीकेश सुलभ वह आधी रात के बाद अचानक प्रकट हुई थी. उसके आने की दूर–दूर तक कोई उम्मीद नहीं थी. जेठु मंडल अर्जि़यां लिखने में व्यस्त था. उसे आज रात कलक्टर और जिला परिषद् के चेय...

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रात के तीन बजे By Saroj Prajapati

रात के 12:00 बज चुके थे लेकिन डर के मारे राशि की आंखों से नींद कोसों दूर थी। यह मानव स्वभाव है कि जिस आदमी के साथ वह बरसों गुजारता हैं, अपने सुख दुख बांटता है। मृत्यु के बाद दिन मे...

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