फिक्शन कहानी कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


Categories
Featured Books
  • सुनहरा धोखा - 3

    3 (अवैध सम्बन्ध पकडे गए) शंका 2 मां ने अनेक बार मोहन को शीला की शंकास्पद गतिविधि...

  • कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 33

    भाग 33 नाज के कमरे का पर्दा उठा कर हुलसती हुई पुरवा कमरे में घुसी और बिना इधर उध...

  • अकेली - भाग 6

    गंगा की खोली से कुछ ही दूरी पर उसकी बचपन की सहेली फुलवंती अपने परिवार के साथ रहत...

सुनहरा धोखा - 3 By Brijmohan sharma

3 (अवैध सम्बन्ध पकडे गए) शंका 2 मां ने अनेक बार मोहन को शीला की शंकास्पद गतिविधियों के विषय मे बताने की कोशिस की किन्तु वह कुछ सुनने समझने को तैयार नही था| उस रात मोहन बहुत देर रात...

Read Free

Prem Ratan Dhan Payo - 26 By Anjali Jha

इस वक्त राघव की आंखें आग उगल रही थी । वो उसपर गुस्से से बरसते हुए बोला " तुम्हारा दिमाग खराब है । कहां हैं गार्डस ..... ? किसने कहा था बिना गार्डस के बाहर निकलने के लिए । अभी जो कु...

Read Free

कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 33 By Neerja Pandey

भाग 33 नाज के कमरे का पर्दा उठा कर हुलसती हुई पुरवा कमरे में घुसी और बिना इधर उधर देखे नाजो… नाजो…! पुकारती हुई भाग कर उससे लिपट गई। नाज़ भी इस तरह अचानक अपनी प्यारी...

Read Free

ताश का आशियाना - भाग 29 By Rajshree

इसलिए वो वहा पे आंखे बंद कर बैठा रहा।खुदका सिर, दीवार को टीका, सिर्फ छत की तरफ एकटक देखने लगा।पाच साल पहले भी यही हुआ था। बस सिचुएशंस कुछ अलग थी।सिद्धार्थ ने नया नया काम करना शुरू...

Read Free

अकेली - भाग 6 By Ratna Pandey

गंगा की खोली से कुछ ही दूरी पर उसकी बचपन की सहेली फुलवंती अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति गंगा जितनी खराब नहीं थी। उसके माता-पिता, दोनों भाई मैकू और छोटू,...

Read Free

त्रियाची - 28 By prashant sharma ashk

भाग 28 त्रियाची- आप सभी यहां आए इसके लिए मैं और मेरे राज्य का हर व्यक्ति आपका आभारी है। उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे राज्य में कोई असुविधा नहीं हुई होगी और जश्न में आपको काफी आनंद...

Read Free

जंगल By ANKIT YADAV

एक गहरे अकेले जंगल में, जहां प्रकृति की सुंदरता व्याप्त थी, वहां एक पेशेवर अपराधी आदमी रहता था। उसका नाम विक्रम था। विक्रम एक विदेशी देश का अपराधी था जिसने जंगल को अपना घर बना लिया...

Read Free

भीतर का जादू - 16 By Mak Bhavimesh

मैं असमंजस में पड़कर उठ बैठा। मैं कहाँ था, और फ्रेड्रिक कहाँ था? उस आदमी ने मुझे गर्म सूप का एक कटोरा दिया। मैंने कटोरे में झाँककर पूछा, "क्या इसमें केकड़े हैं?" "नहीं," उसने उत्तर...

Read Free

वो निगाहे.....!! - 20 By Madhu

उनका किसी के गले लगने का कहना और उसकी निगाहो का सिकुड़ना......! उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़!! अरे तुम कहाँ जा रही हो? अभी जीजा जी आये हैं बेचारे सिर्फ़ बहाना हमारा था असल में मिलना तो तुमसे हि था कह...

Read Free

क्षमा करना वृंदा - 19 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

भाग -19 नाश्ता अब भी जस का तस रखा था। हम-दोनों ने एक-दो घूँट कॉफ़ी ही पी थी बस। वृंदा की बातें सुनकर मैं बहुत भावुक हो गई। मैंने कहा, “सच वृंदा तुम जैसे लोग ही इस पृथ्वी पर सा...

Read Free

आई-सी-यू - भाग 7 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अंतिम घड़ी में शायद नीलिमा सोच रही थीं कि काश सौरभ की उनके साथ घूमने जाने की इच्छा उन्होंने पूरी कर दी होती। अपने साथ उन्हें भी थोड़ी दुनिया देख लेने दी होती। सौरभ भी खुद के लिए कह...

Read Free

दारुण के जंगल By Ruchi Modi Kakkad

दारुण के जंगल, बहुत ही घने, गहरे, देवधर के वृक्ष से सजे रहते है। साल के किसी भी मौसम का उनपर कोई असर नहीं होता है। बारिश में भीग कर भी सधे रहते, कोहरे, बर्फबारी के थपेड़े भी सहते र...

Read Free

सोई तकदीर की मलिकाएँ - 65 - अंतिम भाग By Sneh Goswami

  65 चरण सिंह रह रह कर गुस्से से तिलमिला रहा था । कितने अरमान से उसने अपनी बहन का ब्याह यहाँ इस घर में किया था । सोचा था , जयकौर वहाँ हवेली में राजरानी बन कर रहेगी और हमें भी राज क...

Read Free

सुनहरा धोखा - 3 By Brijmohan sharma

3 (अवैध सम्बन्ध पकडे गए) शंका 2 मां ने अनेक बार मोहन को शीला की शंकास्पद गतिविधियों के विषय मे बताने की कोशिस की किन्तु वह कुछ सुनने समझने को तैयार नही था| उस रात मोहन बहुत देर रात...

Read Free

Prem Ratan Dhan Payo - 26 By Anjali Jha

इस वक्त राघव की आंखें आग उगल रही थी । वो उसपर गुस्से से बरसते हुए बोला " तुम्हारा दिमाग खराब है । कहां हैं गार्डस ..... ? किसने कहा था बिना गार्डस के बाहर निकलने के लिए । अभी जो कु...

Read Free

कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 33 By Neerja Pandey

भाग 33 नाज के कमरे का पर्दा उठा कर हुलसती हुई पुरवा कमरे में घुसी और बिना इधर उधर देखे नाजो… नाजो…! पुकारती हुई भाग कर उससे लिपट गई। नाज़ भी इस तरह अचानक अपनी प्यारी...

Read Free

ताश का आशियाना - भाग 29 By Rajshree

इसलिए वो वहा पे आंखे बंद कर बैठा रहा।खुदका सिर, दीवार को टीका, सिर्फ छत की तरफ एकटक देखने लगा।पाच साल पहले भी यही हुआ था। बस सिचुएशंस कुछ अलग थी।सिद्धार्थ ने नया नया काम करना शुरू...

Read Free

अकेली - भाग 6 By Ratna Pandey

गंगा की खोली से कुछ ही दूरी पर उसकी बचपन की सहेली फुलवंती अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति गंगा जितनी खराब नहीं थी। उसके माता-पिता, दोनों भाई मैकू और छोटू,...

Read Free

त्रियाची - 28 By prashant sharma ashk

भाग 28 त्रियाची- आप सभी यहां आए इसके लिए मैं और मेरे राज्य का हर व्यक्ति आपका आभारी है। उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे राज्य में कोई असुविधा नहीं हुई होगी और जश्न में आपको काफी आनंद...

Read Free

जंगल By ANKIT YADAV

एक गहरे अकेले जंगल में, जहां प्रकृति की सुंदरता व्याप्त थी, वहां एक पेशेवर अपराधी आदमी रहता था। उसका नाम विक्रम था। विक्रम एक विदेशी देश का अपराधी था जिसने जंगल को अपना घर बना लिया...

Read Free

भीतर का जादू - 16 By Mak Bhavimesh

मैं असमंजस में पड़कर उठ बैठा। मैं कहाँ था, और फ्रेड्रिक कहाँ था? उस आदमी ने मुझे गर्म सूप का एक कटोरा दिया। मैंने कटोरे में झाँककर पूछा, "क्या इसमें केकड़े हैं?" "नहीं," उसने उत्तर...

Read Free

वो निगाहे.....!! - 20 By Madhu

उनका किसी के गले लगने का कहना और उसकी निगाहो का सिकुड़ना......! उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़!! अरे तुम कहाँ जा रही हो? अभी जीजा जी आये हैं बेचारे सिर्फ़ बहाना हमारा था असल में मिलना तो तुमसे हि था कह...

Read Free

क्षमा करना वृंदा - 19 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

भाग -19 नाश्ता अब भी जस का तस रखा था। हम-दोनों ने एक-दो घूँट कॉफ़ी ही पी थी बस। वृंदा की बातें सुनकर मैं बहुत भावुक हो गई। मैंने कहा, “सच वृंदा तुम जैसे लोग ही इस पृथ्वी पर सा...

Read Free

आई-सी-यू - भाग 7 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अंतिम घड़ी में शायद नीलिमा सोच रही थीं कि काश सौरभ की उनके साथ घूमने जाने की इच्छा उन्होंने पूरी कर दी होती। अपने साथ उन्हें भी थोड़ी दुनिया देख लेने दी होती। सौरभ भी खुद के लिए कह...

Read Free

दारुण के जंगल By Ruchi Modi Kakkad

दारुण के जंगल, बहुत ही घने, गहरे, देवधर के वृक्ष से सजे रहते है। साल के किसी भी मौसम का उनपर कोई असर नहीं होता है। बारिश में भीग कर भी सधे रहते, कोहरे, बर्फबारी के थपेड़े भी सहते र...

Read Free

सोई तकदीर की मलिकाएँ - 65 - अंतिम भाग By Sneh Goswami

  65 चरण सिंह रह रह कर गुस्से से तिलमिला रहा था । कितने अरमान से उसने अपनी बहन का ब्याह यहाँ इस घर में किया था । सोचा था , जयकौर वहाँ हवेली में राजरानी बन कर रहेगी और हमें भी राज क...

Read Free