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-------------"मुदतों बाद किसी के होने का डर ---" कौन सोच सकता है, वो शख्स जो कभ...
बाल कविताएँ ### 1. **सूरज की किरण**सूरज की किरण आई, संग में उजियारा लाई। बच्चो...
अवनी अपने बॉस बलराज सोलंकी से मिलती है और होटल के 25वीं एनिवर्सरी पर ग्रैंड पार्...
प्यार की परीक्षा आदित्य ने कई रातें बिना सोए बिताई थीं, अपनी पत्नी प्रिया को यह...
राखी ने दरवाजा खटखटाने की कोशिश की पर खुला होने की वजह से दरवाजा अपनेआप ही हलका...
अब आगे,अपनी बात कहकर अब अर्जुन ने अराध्या को अपनी गोद में से उतारकर अपने किंग सा...
अनामिका मेरे लिए एक लंचबॉक्स और थर्मल फ्लास्क में कुछ चाय लेकर आई थी। हम एक-दूसर...
रमेश एक छोटे से गांव में रहने वाला युवक था। उसका बचपन कठिनाइयों में बीता था। मां...
अब तक :पहले से ही चोटिल लड़कों की दर्द भरी चींखें निकलने लगी । शिविका बेतहाशा उन...
76 कौन है गुनाहगार सुनील की यह बात सुनकर सब सकते में आ गए, अब निर्मला ने उसकी...
प्रताप गढ़ ( राजस्थान) एक आलीशान कमरे में तीन लड़की बिस्तर पर बैठी थी। तीनों ने राजस्थानी कपड़े पहने थे और तीनो बहुत ही खूबसूरत और प्यारी थी तीनो लड़कियां बीस से बाईस के बीच की...
नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...
'और मास्टर जी, आजकल फिर यहीं...?' चंदन ने अपनी लहराती साइकल की तेज़ रफ़्तार को जान- बूझकर ब्रेक लगाया और घंटी बजाकर मास्टर जी को जगाते हुए पूछा। जून की तपती दुपहर...
एक लड़का ,,,,एक लड़की का गला दबाते हुए,,,,उसे दीवार से लगा देता है,,,,,और गुस्से से उसे घूरते हुए ,,,,,स्नेहा तुमने सही नहीं किया ,,,,,,जब तुम्हें मुझसे प्यार था ही नहीं,,,,तो मुझस...
"तुमने कमल के पत्तों पर गिरी ओस देखी है कभी? अच्छी लगती है कितनी। है न?" नीलाभ ने पूछा। "नहीं, कभी देखी नहीं, क्योंकि वह गिरती भी है तो तुरंत फिसल जाती है। कमल के पत...
अचिन्त्य परमेश्वर की अतर्क्स लीला से त्रिगुणात्मक प्रकृति द्वारा जब सृष्टि-प्रवाह होता है तो उस समय रजोगुण से प्रेरित वे ही परब्रह्म परमात्मा सगुण होकर अवतार ग्रहण करते हैं। वस्तुत...
सदफ़िया मंज़िल का दरवाज़ा खुला हुआ है। वह भी सदफ़िया की तरह बहुत बूढ़ा हो चुका है। जगह-जगह से चिटक गया है। यह चिटकन और बढ़ कर दरवाज़े को ज़मीन न सुँघा दे, इस लिए जगह-जगह टीन की पट्टियों को...
1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि क...
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः। हैलो फैमिली कैसे है आप सब? आशा करती हूं की आप सब सुरक्षित होंगे, खुश होंगे। आप सब से रिक्वेस्ट है की कह...
कहानी शुरू करने से पहले मैं बता दू की इस कहानी के Plot का Credit मैं Harshit को देना चाहता हू,उसी plot के साथ मैं अपने point of view के साथ हॉरर,suspence,प्यार और दोस्ती को एक कहान...
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