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पुस्तक समीक्षा अनुभवों का पुलिंदा है 'हेमांजलि' (काव्य संग्रह) ...
बेखौफ इश्क – एपिसोड 18 खुद की पहचान, नए रिश्ते और जज़्बातों की गहराईआयाना की वेब...
Chapter 9: गुप्त योजना — DarkZael को रोकने का मिशनपिछले अध्याय में...रहस्यमयी बु...
अशोक :- अब अंकल नही , पापा बोलो दामाद जी ।आदित्य :- जी पापा , आईए बेठिए ना ।अपने...
शहर की रौशनी से भरी शाम थी। हर तरफ सजावट, घर के बाहर झालरें, ढोल की थाप और रिश्त...
एपिसोड 43 — “अधूरी आत्माएँ”(सीरीज़: अधूरी किताब)---1. किताब का फिर खुलनारात फिर...
"छोटी सी छोटी एक एक बात अगर मुझे लगा कुछ छुपाने की कोशिश कर रहे तो याद रखना सेफ...
बरसात की बूँदें टीन की छत पर एक लयबद्ध संगीत पैदा कर रही थीं। बाहर अँधेरा घिर चु...
Chapter 7 — जैतसिंह की रानियों का षड्यंत्र और भारमाली–बागा का भगा ले जाना जैसलमे...
इस धरती पर कुछ सच ऐसे होते हैं जिनके बारे में हम कभी पूछते नहीं, और कुछ ऐसे रहस्...
(बैलों का महान मेला – शुरुआत) लेखक राज फुलवरे अध्याय 1 – बैलों का सबसे बड़ा मेला सुबह का सूरज अभी धीरे-धीरे आसमान में चढ़ रहा था। एक हल्की-सी गुलाबी रोशनी खेतों पर फैल चु...
1 एक बुद्धिमान मनुष्य था, बड़े काम करने वाला मनुष्य था, और प्रभु ने उसके प्रति प्रेम की कल्पना की, और उसे ग्रहण किया, कि वह ऊपर के निवासों को देखे, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बुद्...
शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता है । अशोक धनबाद शहर का एक जाना...
आठ वर्ष पूर्व :- दूसरे दिन प्रात: ब्राह्म मुहूर्त से ही सेलेना की योग साधना प्रारंभ होनेवाली थी। सेलेना को रात्री भर निद्रा नहीं आई। कारण यह नहीं था कि पहाड़ पर सभी सुख सुविधा का...
कॉफी से सुरु हुआ प्यार दिल्ली की शाम हमेशा शोर से भरी होती है हॉर्न ट्रॅफिक और भागती भीड़ पर जिया की शामे कुछ शांत थी वो रोज दप्तर से निकलकर उसी छोटे से कैफे मे आती है जहा कॉफी क...
तीस साल की दिव्या, श्वेत साड़ी में लिपटी एक ऐसी लड़की, जिसके कदमों में घुंघरू थे, पर कंधों पर सालों से एक अदृश्य बोझ। घर में उसका नाम अब एक गाली की तरह बोला जाता। सुबह सात बजे...
घने जंगल के हृदय में, जहाँ सूरज की रोशनी भी डरते-डरते ज़मीन तक पहुँचती थी, वहाँ एक ऐसा प्राणी रहता था जिसकी कहानी पीढ़ियों से सुनी जाती थी। उसे किसी ने नाम नहीं दिया था, फिर भी हर...
एक भयानक खोज दिल्ली की पुरानी लाइब्रेरी, जहां धूल से भरे शेल्फ़ और पन्नों की हल्की महक थी, रिया का पसंदीदा ठिकाना था। 22 साल की रिया, इतिहास की छात्रा थी, और उसे लगता था कि हर पुर...
Location: अंडरग्राउंड RAW फ़ैसिलिटी, लद्दाख वक्त: सुबह 4:30 बजे काँपती हुई ठंडी हवा उस बंकर के लोहे के दरवाज़े से टकरा रही थी, जहाँ देश का सबसे ख़ुफ़िया मिशन शुरू होने जा रहा...
नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के तहत अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से...
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