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एक घना जंगल जहां हरे भरे पेड़ों की कमी नहीं है और जंगली जानवरों की भी कमी नहीं ह...
हेल्लो और नमस्कार! मैं राहुल नर्मदे, आज कोई कहानी लेकर नहीं बल्कि आपसे मिलने...
रात का सन्नाटा गहरा और भयानक था। हवा में अजीब सी ठंडक थी, जो हड्डियों तक सिहरन प...
Ch 3 - शीधांश और आरवी की पहली मुलाकात पीछले भाग में आपने पढ़ा.....सोना उसकी बात...
वही दूसरी ओर स्टेज़ पर होस्ट announce करता हैं कि -"पायल! अब आप शुरू कर सकती हैं...
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन की शादी हो चुकी थी। जैसा के लूसी ने प्लान किया...
एक बार मिथिला के राजदरबार में दिल्ली का एक पहलवान आया।वह सात फुट ऊँचा भारी डील-ड...
जतिन और मैत्री दोनो समझदार थे... रिश्तो और एक दूसरे की भावनाओ के प्रति जिम्मेदार...
अगली सुबह रूद्र अपने ऑफिस आने के लिए तैयार होता है कार में बैठता है और ऑफिस आता...
( टकराव और डर )अंश कॉलेज के बाहर खड़ा, सिया को देख रहा था। उसकी आँखों में वो गुस...
दिल्ली की एक शानदार सोसाइटी का एक आलीशान बंगला। यह बंगला है जाने माने बिजनेस में अरविंद चतुर्वेदी का जहां पर अरविंद चतुर्वेदी अपनी पत्नी साधना और दोनों बेटे अक्षत और ईशान के साथ रह...
एक लड़की अभी खिड़की के पास खड़ी खड़ी कुछ सोच रही थी .. असमान में बेहद ही प्यारा सा moon ? चमक रहा था. जो उसकी रोशनी से बेहद ही प्यारी लाइट अपने आसपास के वातारण में नई ऊर्जा भर रहा...
में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की कीर्ति तो बढ़ेंगी ही पर उन शिक्षको और दोस्तो का क्या जिसने भी हमारी सफलता में अमूल्य योगदान दिय...
हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों का समूह। रोज सभी लोग एक दूसरे को सुप्रभात वाले पोस्टर डालते। दिन में कुछ लोग तो अपनी मौलिक रचनाएँ पर अध...
अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...
बात उन दिनों की है, एक मकान बना कर रहना, एक मिसाल और योग्यता थी। मकान अगर मंजिले हो, तो कया बात, बहुत अमीर समझे जाने वाला शक्श....." हाहाहा, "हसता हुँ, आपने पर.... ये दोगल...
मित्रों ! प्रणाम जीवन की गति बहुत अदभुत है | कोई नहीं जानता कब? कहाँ?क्यों? हमारा जीवन अचानक ही बदल जाता है ,कुछ खो जाता है ,कुछ तिरोहित हो जाता है |हम एक आशा की प्रतीक्षा में खड़े...
ये कहानी है बनारस की रूही की जो अपनी जिंदगी से परेशान हो चुकी है आप उस की जिंदगी में कोई नही बचा जिसे वो अपना कह सके। और दूसरी तरफ है राजवीर सिंघानिया जो है सिंघानिया ग्रुप कंपनी क...
मुम्बई होटल रॉयल प्रेसीडेंसी.....मुंबई के एक 7 स्टार होटल के आलीशान कमरे में एक लड़का बेड पर शर्टलेस लेटा हुआ सीलिंग पर लगे झूमर को एक टक देखे जा रहा था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं...
आसमान पर पूरा चांद अपनी रोशनी से भनायक दिखने वाली जगहों को भी हसीन बना रही थी। अंधेरा एक हसीन जगह को भयानक बना सकता है और रौशनी एक भयानक जगह को हसीन बना सकती है। घने जंगल को चीरत...
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