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59 पैसे गिरधर ने सोना और गोपाल को कहा कि “वे दोनों निर्मला को कुछ न बताये, एक...
छहदेवीबख़्श लोहबंका शुक्रवार, बीस जनवरी, 2006ठंड आज भी...
भय का गह्वर (रहस्य का पुनरागमन)महंत नारायण द्वारा हवेली के अभिशाप को समाप्त किए...
कल सुबह रुद्र का ऑफिसरुद्र केविन रूद्र बैठा अपना काम कर रहा था इतने विक्रम ने ड...
देविका और दक्ष अब 21 साल के हैं। दक्ष अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए पिछले तीन साल...
अक्षत ना चाहते हुए भी उसे मना नहीं कर पा रहा था और माही देख चुकी थी कि अक्षत का...
प्रकरण - ३६मैंने अरमानी को पहली बार अपनी गोद में उठा ली थी। जैसे ही मैंने उसके ह...
अब आगे,आराध्या के ऐसे बाथरूम की तरफ भाग जाने से अर्जुन के चेहरे पर एक मुस्कान आ...
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1.कुछ खूबसूरत रास्तों के नसीब में... मुसाफिर नहीं होते,कुछ होते हैं अपने...मगर स...
प्रताप गढ़ ( राजस्थान) एक आलीशान कमरे में तीन लड़की बिस्तर पर बैठी थी। तीनों ने राजस्थानी कपड़े पहने थे और तीनो बहुत ही खूबसूरत और प्यारी थी तीनो लड़कियां बीस से बाईस के बीच की...
नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...
'और मास्टर जी, आजकल फिर यहीं...?' चंदन ने अपनी लहराती साइकल की तेज़ रफ़्तार को जान- बूझकर ब्रेक लगाया और घंटी बजाकर मास्टर जी को जगाते हुए पूछा। जून की तपती दुपहर...
एक लड़का ,,,,एक लड़की का गला दबाते हुए,,,,उसे दीवार से लगा देता है,,,,,और गुस्से से उसे घूरते हुए ,,,,,स्नेहा तुमने सही नहीं किया ,,,,,,जब तुम्हें मुझसे प्यार था ही नहीं,,,,तो मुझस...
"तुमने कमल के पत्तों पर गिरी ओस देखी है कभी? अच्छी लगती है कितनी। है न?" नीलाभ ने पूछा। "नहीं, कभी देखी नहीं, क्योंकि वह गिरती भी है तो तुरंत फिसल जाती है। कमल के पत...
अचिन्त्य परमेश्वर की अतर्क्स लीला से त्रिगुणात्मक प्रकृति द्वारा जब सृष्टि-प्रवाह होता है तो उस समय रजोगुण से प्रेरित वे ही परब्रह्म परमात्मा सगुण होकर अवतार ग्रहण करते हैं। वस्तुत...
जम्मू और कश्मीर ... धरती पर स्वर्ग से कम नहीं इसकी सुन्दरता . प्रकृति की भव्यता,संस्कृतिक समृद्धि और आध्यात्मिक सार का एक आदर्श मिश्रण है .....जहां से बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे...
सदफ़िया मंज़िल का दरवाज़ा खुला हुआ है। वह भी सदफ़िया की तरह बहुत बूढ़ा हो चुका है। जगह-जगह से चिटक गया है। यह चिटकन और बढ़ कर दरवाज़े को ज़मीन न सुँघा दे, इस लिए जगह-जगह टीन की पट्टियों को...
1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि क...
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः। हैलो फैमिली कैसे है आप सब? आशा करती हूं की आप सब सुरक्षित होंगे, खुश होंगे। आप सब से रिक्वेस्ट है की कह...
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