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सेहगल हाउसजैसे ही आकाश घर में आता है, उसने देखा की रॉनित उसकी मां से बात कर रहा...
57द्वारावती 57 रात्रि अपनी गति से व्यतीत हो...
रूही का कमरा रूही सोफे पर बैठकर मोबाइल चला रही थी इतने में रुद्र कमरे में आया और...
शहर का सबसे नामी-गिरामी इंजीनियरिंग कॉलेज जहां दूसरे शहरों और गाँव से कई छात्र व...
" अक्षत ने कुछ ड्रेस सिलेक्ट कर माही को दी तो माही चेन्जिंग रूम मे जाकर ड्रेस पह...
कल हमने पढ़ा था ,,,,कि अंश की सच्च sachai जानवी के सामने आ जाने पर ,,,,,,जानवी ट...
प्रकरण - ४०मेरे पापा को यह जानकर सुखद आश्चर्य हुआ कि अभिजीत जोशी मेरे पापा के बच...
1.मैं "हिंदी" का "आलिंगन" हूँ, वो "उर्दू" में "आग़ोश"उसको मेरे "बाजुओं" में सुकूँ...
जड़ – जंगम, घबड़ाये भारी, हिल गए पर्वत सारे। त्राहि। त्राहि मच गई धरा पर, जन जीव...
लगभग आधे घंटे बाद,,,,,,विधि की हालत बहुत खराब हो चुकी थी,,,,,,,,उसकी पूरी शरीर प...
उपन्यास अंश; सुधा का स्वर फिर तेज़ हुआ तो माँझी पुन: अनुत्तरित हो गया । तब सुधा ने आगे कहा, " यदि आप मेरी जीवन रक्षा करने का सिला या प्रतिफल ही चाहते हैं, तो मैंने भी आपकी...
फिल्मी दुनिया की बेरुखी और हद दर्जे की खुदगर्जी को भी काफी गहराई से महसूस किया है मैने। चढ़ते सूरज को नमस्कार करना ही शहर की फितरत में हैं।गिरते हुए को धक्का मार कर जमीन पर लेटा द...
उम्ब्रालूना के एकांत द्वीप पर, जहाँ आपस में जुड़ी परछाइयाँ अनकहे रहस्य समेटे हुए थीं, एक मनोरम कहानी सामने आती हैं। इसके किनारे, कोमल उतार-चढ़ाव और एक रहस्यमय समुद्र के प्रवाह से द...
टेलिफोन की घंटी बजती है एक आदमी इन्फेक्टर की वर्दी पहने हुए पुलिस थाने मे बैठा होता है टेलिफोन की घंटी सुनकर वो फोन उठाता है फोन पर बात करने के बाद वह पुलिस थाने से दो हेंड कांस्टे...
एक लड़का जो खिड़की से बाहर की ओर झाँके जा रहा है। उसके चेहरो पर मुस्कुराहट सज रहा है। सजे भी क्यों न आज जो उसका 10th के एग्जाम का जो लास्ट दिन है । इसलिए आज वो बहुत खुश हैं। वो मन...
मैंने खुद को शीशे में बड़ी कुंठा से निहारा। आग लगे मेरे बालों को ये काबू में ही नहीं आ रहे हैं और भाड़ में जाए कैथरीन कैवेना, जो अचानक बीमार पड़ गई और मुझे मुसीबत में डाल दिया। कहा...
गोस्वामी तुलसीदास ने जब रामायण अपनी प्रादेशिक भाषा अवधी मे लिखी, तो उसपर बहुत विवाद हुआ। परंतु गोस्वामी जी ने अपना फैसला नहीं बदला क्योंकि उन्हें इस का विश्वास था कि रामायण की कहान...
प्रथम सोपान-मंगलाचरण श्लोक : * वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥ भावार्थ:-अक्षरों, अर्थ समूहों, रसों, छन्दों और मंगलों को करने...
* जिंदगी किसी फिल्म से कम है क्या , किस मोड़ पर क्या होगा पता नहीं , अगर कुछ मिला नहीं इक क्षण पर कुछ घटा नहीं , मोड़ भी जिंदगी में रास्तों से ज़्यादा है , दुख चाहे कितने हों ह...
मोहन और शालू हर रोज़ सुबह अपनी तीन पहियों की साइकिल लेकर कचरा बीनने जाते थे। उसी से उनकी जीविका चलती थी। गाड़ी भले ही कचरे की हो पर वह अपनी गाड़ी को बड़ा ही सजा कर रखते थे। जैसे-जै...
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