महापुरुष के जीवन की बात - 3 - सरदार पटेल Pandya Ravi द्वारा जीवनी में हिंदी पीडीएफ

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महापुरुष के जीवन की बात - 3 - सरदार पटेल



मित्रों, हमने पहले पार्ट में सरदार पटेल जी के जीवन ओर उनकेे कार्य की थोडी बात कि थी! आज उसको आगे ले जाना चाहता हूँ! आप मेेेेरी स्टोरीज को
पढेंगे ओर अगर पसंद आऐ तो प्रतिभाव देना अगर पसंद ना आऐ तो सुुुुचन जरूर करना!

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सरदार पटेल जी ने भारत को एकसूत्र में बाँधने का काम सबसे मुश्किल काम सरण तरीके से कर दिया! ये काम सरदार के अलावा कोई नहीं कर सकता था! अगर भारत के सभी रजवाडें को एक नही किया होता तो आज हमें भारत में कई भी धुमने के लिए विजा लेना पडता! ऐ कल्पना से हमे पता चलता है कि कितना मुश्किल काम था! मुश्किल काम करना सरदार पटेल के दायें हाथ का काम है!

सरदार पटेल जी एक दुरदंशी व्यक्ति थे! जब भारत आजाद हुआ ओर पाकिस्तान को पैसे देने कि बात आई तभी गाँधी जी ने जिद की अभी दे देना चाहिए! लेकिन सरदार पटेल ने बापू को कहा था कि ये हमारे पैसे से हथियार लेकर हम पर ही हमला करेंगे! लेकिन बापू नहीं माने! पैसे देने से मना तो सरदार ने भी नहीं किया था सिर्फ विवाद था समय को लेकर! सरदार अभी देना नहीं चाहते थे!
बापु ने अपने मन कि मानी! सरदार पटेल जी भी बापु को ही सेनापति मानते थे! फिर वो कुछ नहीं बोले!

काश्मीर पर जब पाकिस्तान ने हमला किया ! सरदार पटेल जी ने सेना को आदेश दे दिया! सरदार जी ने सेना को आगे जाने को कहा! लेकिन नेहरु ने ऐसा नहीं होने दिया! बाद में उसके दबाव के वजह से पाकिस्तान ने हमारे जमीन के आधे टुकडे को हडपा लिया! अगर ऐसा नहीं होने दिया होता तो पाकिस्तान कब का पीछे चला गया होता!

जब कांग्रेस पार्टी के प्रमुख के लिए मथा पथी चल रही थी! तब जब वोटिंग हुआ उसमें सबसे ज्यादा वोट गाँधी जी को मिला! उसके बाद में सरदार पटेल जी को! ओर तीसरे नंबर पर नेहरु थे! गाँधी जी ने मना कर दिया तो सरदार पटेल जी को बोला गया! लेकिन सरदार पटेल जी बोला कि अगर जिस जगा पर सेनापति मना कर रहा हो उस जगा पर सैनिक कैसे बैठ सकता है! सरदार पटेल का गाँधी जी के प्रति का जो आदर भाव है वो यहां पर देखने को मिलता है! फिर नेहरु को कांग्रेस पार्टी के प्रमुख पद का दायित्व दिया गया!

सरदार पटेल, गाँधी जी ओर नेहरू ये तीनो कि त्रिपुटी थे! उसके बीच में कही बार मन भेद होते थे लेकिन मन भेद नही थे! एक बार जब नेहरू ओर सरदार पटेल के बीच मथापची हो गई ! तब गाँधी जी ने सरदार पटेल को बुलाया! गाँधी जी की बात को कभी भी मना नही करते थे! सरदार पटेल जी मान गई


नेहरू के पिता जवाहरलाल नेहरू को ही प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे! ओर जब वोटिंग हुऐ तो उसमें सरदार पटेल पर भरोसा करके उसे प्रधानमंत्री पद पर चुना गया! लेकिन नेहरू ने गाँधी जी को मना लिया! गाँधी जी ने सरदार पटेल से कहां की नेहरू को बन दे! सरदार पटेल जी ने गाँधी जी की बात मान ली ओर नेहरू जी को स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने दिया! सरदार पटेल ने जितना बलिदान देश के लिए दिया है उतना ओर कोई नहीं दे सकता है! इसलिए आज सबसे बडी प्रतिभा सरदार पटेल कि लगी है!


सरदार पटेल के विचारो को ओर उनके बलिदानो को कोटि कोटि नमन!


अस्तु
भारत माता की जय
जय सरदार

ये स्टोरी कैसी लगी वो जरूर बताना! आपके प्रतिभावो को जानने के लिए उत्सुक है!