लघुकथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • घोंसला

    घोंसलासीमा के घर के पीछे एक बबूल का पेड़ था। सीमा अपने कमरे की खिड़की से उसे देख...

  • .... मन का मीत. - 1

    ....... सूबह के 10 बज रहे थे। हवाओं में काफी ठंडक थी।चूंकि यह मार्च का आधा माह ब...

  • भक्त के कार्य

    *भक्त के कार्य* वृन्दावन में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह बाँकेबिहारी से असीम प्...

घोंसला By DINESH KUMAR KEER

घोंसलासीमा के घर के पीछे एक बबूल का पेड़ था। सीमा अपने कमरे की खिड़की से उसे देखती रहती थी। एक दिन उसने देखा कि एक चिड़िया बार-बार आ-जा रही है। वह अपनी चोंच में छोटे बड़े तिनके लात...

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.... मन का मीत. - 1 By A U M

....... सूबह के 10 बज रहे थे। हवाओं में काफी ठंडक थी।चूंकि यह मार्च का आधा माह बीत जाने की सुबह होते हुए भी काफी सर्द मौसम था।खेतों में। गेंहू की फसल कटने के इंतजार में खड़ी थी।कई...

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श्रीकृष्ण नाम महिमा By DINESH KUMAR KEER

श्री कृष्ण नाम महिमा एक बार एक औरत का मन‌ श्री कृष्ण की भक्ति के प्रति उचाट हो गया था। वह श्री कृष्ण की परम भक्त थी। दिन - रात उनके नाम का सिमरन करती थी।लेकिन एक दिन उसका 8-10 साल...

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बांसुरी की धुन By DINESH KUMAR KEER

बांसुरी की धुन हरीराम बनारस में गुलाब की पत्तियों को पीसकर गुलकंद बनाने का काम करता था। बनारस में उसकी गुलकन्द दूर - दूर तक मशहूर थी। उसके एक बेटा और एक बेटी थी। बेटी का नाम सुकन्य...

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भक्त के कार्य By DINESH KUMAR KEER

*भक्त के कार्य* वृन्दावन में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह बाँकेबिहारी से असीम प्यार करता था। वह बाँकेबिहारी का इतना दीवाना था कि सुबह शाम जब तक वह मन्दिर ना जाए उसे किसी भी काम में...

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प्रभु की लीला By DINESH KUMAR KEER

प्रभु की लीलाएक बार एक बहुत बड़े संत अपने एक शिष्य के साथ दिल्ली से वृंदावन को वापिस जा रहे थे , रास्ते में उनकी कार ख़राब हो गई । वही पास में एक ढाबा था , शिष्य ने संत को वहाँ चल...

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मुरली By DINESH KUMAR KEER

"मुरली" किसी गांव में एक पुजारी अपने बेटे के साथ रहता था। पुजारी हर रोज ठाकुर जी और किशोरी जी की सेवा मन्दिर में बड़ी श्रद्धा भाव से किया करता था। उसका बेटा भी धोती कुर्ता डालकर सि...

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प्रभु राम जी की कृपा By DINESH KUMAR KEER

प्रभु राम जी की कृपाश्री अयोध्या जी में 'कनक भवन' एवं 'हनुमानगढ़ी' के बीच में एक आश्रम है जिसे 'बड़ी जगह' अथवा 'दशरथ महल' के नाम से जाना जाता है। का...

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ठाकुरजी की भाभी By DINESH KUMAR KEER

"ठाकुरजी की भाभी" एक लडकी थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी, बचपन से ही कृष्ण भगवान का भजन करती थी, भक्ति करती थी, भक्ति करते-करते बड़ी हो गई, भगवान की कृपा से उसका विवाह भी श्रीधाम...

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थ्री गर्लफ्रैंड - भाग 3 By Jitin Tyagi

भाग- 3उस दिन जो प्यार को लेकर बातें हुईं लगा था। आगे की मुलाकातों में बात आगे बढ़ सकती हैं। पर अफ़सोस बात आगे बढ़ने की बजाय पीछे चली गयी थी। सोचकर भी कितना अजीब लगता है। दो जवान लड़के-...

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गोपी की विरह व्यथा By DINESH KUMAR KEER

"नींद का सौदा" (गोपी की विरह व्यथा) एक दिन वृंदावन की बाज़ार मैं खडी होकर एक सखी कुछ बेच रही है, लोग आते हैं पूछते हैं और हँस कर चले जाते हैं। वह चिल्ला चिल्ला कर कह रही है कोई तो...

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महावीर सिंह राठौड़ By DINESH KUMAR KEER

अमर शहीद महावीर सिंह का बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तानउत्तर प्रदेश के एटा जिले के राजा का रामपुर क्षेत्र के शाहपुर टहला गांव में राजपूती परिवार ठाकुर देवी सिंह राठौड़ के यहां 16 सितंब...

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गुरु By Urvi Vaghela

 मेरे….      इस जगह में नहीं कुछ नही लिख सका क्योंकी आप तो जानते ही है मेने आपको स्कूल में कभी नहीं माना जो आप थे l शायद आप इस वर्णन से ही जान जायेंगे की में कोन हूं l       नमस्ते...

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नाना साहब पेशवा By DINESH KUMAR KEER

नाना साहब पेशवा जयंती: धूंधूपंत को कभी पकड़ नहीं पाई थी अंग्रेजी सेना, जनक्रांति की चिंगारी बनी थी ज्वालावनाना साहब पेशवा ने वर्ष 1857 में जो चिंगारी जगाई वो 1947 में आजादी प्रदान...

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जैसा बाप वैसा बेटा By Ramesh Desai

आतुरता का अंत करते हुए मैंने कवर फोड़ दिया. ' साहस ' फ़िल्म के प्रीमियर शो देखने के लिये न्योता आया था. ' गणेश फिल्म्स ' आप सभी को आमंत्रित करता हैं.' उस के साथ ज...

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गुरु अर्जुन देव By DINESH KUMAR KEER

गुरु अर्जुन देव जी सिखों के पांचवें गुरु तथा सिख धर्म के पहले शहीद हुए हैं। इन्हें शहीदों का सरताज कहा जाता है। इनकी शहीदी के बाद इनके सुपुत्र गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने शांति के सा...

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मेरी मासूम बेटी By Urvi Vaghela

    मुझे काफी लोग जानते है क्योंकि मैं प्रख्यात लेखक हूं l में समाज की जंजीरों के मुक्त स्वतंत्र विचारो वाला लेखक होने के बावजूद यह बात किसी को भी बताना नहीं चाहता था जो बात मैंने...

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श्री गुलजारीलाल नंदा By DINESH KUMAR KEER

94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग...

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वीर योद्धा - बिरसा मुंडा By DINESH KUMAR KEER

बिरसा मुंडा जिन्होंने 25 साल की उम्र में कर दिए थे अंग्रेज़ों के दांत खट्टे (बीबीसी ने नई साप्ताहिक सिरीज़ शुरू की है 'छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी' जिसमें उन लोगों की कहानी बताई...

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चौधरी चंदगीराम कालीरमण By DINESH KUMAR KEER

भारत के सर्वश्रेष्ठ पहलवान की पुण्य तिथि पर विशेष''चौधरी चंदगीराम कालीरमण'पुण्य तिथि पर चौधरी साहब को नमनओलंपियन, भारत केसरी, हिंद केसरी, अर्जुन अवॉर्डी, पदम श्री जैसे...

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रूही By Harsha meghnathi

रूही.. रूही... क्या कर रही हो तुम?हा अम्मी आई यही हु छत पे कपड़े सुखा रही हु अम्मी.अम्मी: नीचे आ देख तेरी बुआ आई हे. ( बूआ का नाम सुनते ही रुही के खिलखिलाते खूबसूरत चेहरे पर से मुस...

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अनिता By Ramesh Desai

अनिता - रंजन कुमार /रमेश देसाई मेकर भवन के सामने की गली अभी तो आधी ही पार की थी उसी वक़्त बोस की कडूई તે बात कानो में गूंजने लगी उस सेशेखर के दिल से आह निकल आई. उस को एक गीत याद आ ग...

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आस्था का चमत्कार By DINESH KUMAR KEER

आस्था का चमत्कारछोटी लड़की ने गुल्लक से सब सिक्के निकाले और उनको बटोर कर जेब में रख लिया ,निकल पड़ी घर से – पास ही केमिस्ट की दुकान थी उसके जीने धीरे - धीरे चढ़ गयी ।वो काउंटर के स...

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हाथी ने मारी छलांग By Rk Mishra

पालपुर गांव में एक किसान श्यामलाल रहता था । वह बहुत गरीब था, खेत तो था उसके पास परंतु उस खेत में अनाज न के बराबर उगता था। कभी बारिश ज्यादा हो जाती, कभी बारिश होती ही नहीं थी,कभी टि...

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जिंदगी के रंग हजार - 4 By Kishanlal Sharma

इमरजेंसीदेश पर इमरजेंसी थोपी गयी थी।कब लगी थी।यह उन लोगो के लिए जो 21 मार्च 1977 के बाद पैदा हुए पढ़ने या सुनने का विषय हो सकता है।लेकिन मेरे जैसे या मेरी जैसी उम्र के लोगो ने इसे अ...

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सुंदरता By DINESH KUMAR KEER

सुंदरता एक कौआ सोचने लगा कि पंछियों में मैं सबसे ज्यादा कुरूप हूँ । न तो मेरी आवाज ही अच्छी है , न ही मेरे पंख सुंदर हैं । मैं काला - कलूटा हूँ । ऐसा सोचने से उसके अंदर हीन भावना भ...

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दाता एक राम By Prafulla Kumar Tripathi

उस सुबह की प्रेयर के बाद धर्म चर्चा करते हुए फादर डिसूजा बोल रहे थे -"जीसस ने कहा है कि तुम तभी मेरे प्रभु के राज्य में प्रवेश कर पाओगे जब तुम छोटे बच्चे की भांति हो जाओ। ....अर्था...

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डेली मेड By saurabh dixit manas

दिल्ली जैसे बड़े शहरों की चमक धमक के पीछे भी एक ऐसी दुनिया है जिसे अभी भी बहुत से लोग अनजान हैं। यह एक लघु कथा सच्ची घटना पर आधारित है जो सन 2006 के आस पास हुई थी। हो सकता है बहुत...

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सच्ची भक्ति By DINESH KUMAR KEER

सच्ची भक्ति एक बहुत बड़े देश का राजा था उस के देश में एक गरीब सा आदमी रहता था। वो राजा को जब भी किसी बड़े आदमी से हाथ मिलाते देखता तो मन ये विचार लाता कि काश मैं भी राजा से हाथ मिला...

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छू लो आसमान By संदीप सिंह (ईशू)

रागिनी के बारहवीं के एग्जाम हो चुके थे।अब इंतजार था तो परिक्षा फल का। घर मे दादा दादी, माँ पिता जी, चाचा लोग, सब की इच्छा थी कि अबकी रागिनी के हाथ पीले कर दिए जाए। रागिनी आगे पढ़ना...

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उड़ान By DINESH KUMAR KEER

उड़ानबेटियाँ हैं इनको रोकिये मत कुछ करने दीजिये ...। पढ़ कर विचार जरूर करियेगा ...। ममता हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आती जिसे देखकर उसके माता - पिता खुशी से फूले नहीं समाते ...।उसके...

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क्षमा By DINESH KUMAR KEER

क्षमा एक सेठ जी ने अपने छोटे भाई को तीन लाख रूपये व्यापार के लिये दिये। उसका व्यापार बहुत अच्छा जम गया, लेकिन उसने रूपये बड़े भाई को वापस नहीं लौटाये।आखिर दोनों में झगड़ा हो गया, झग...

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कल के मुसहर By Prafulla Kumar Tripathi

बचपन में जब हमारे खेतोँ से गेहूं की फ़सल की मैनुअल कटाई हो जाती थी और उसे खेतों से गट्ठर बना कर खलिहान में पहुंचा दिया जाता था तो एक वर्ग विशेष के भूखे, नंगे, वस्त्रहीन बच्चे, महिला...

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कुबेर का घर By DINESH KUMAR KEER

कुबेर का घर एक साधु, विचित्र स्वभाव का था। वह बोलता कम था। उसके बोलने का ढंग भी अजीब था। उनकी माँग सुनकर सब लोग हँसते थे। कोई चिढ़ जाता था, तो कोई उसकी माँग सुनी अनुसनी कर अपने काम...

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पैसें की क़ीमत …. By Piyush Goel

एक क़स्बे में दो घनिष्ठ मित्र रहते थे,बात आज़ादी के तुरंत बाद की हैं,एक धनी था,एक इतना धनी नहीं था,रोज़ाना कमाना और गुजर बसर करना,पर दोस्ती की लोग मिसाल दिया करते थे.दोनों दोस्त अप...

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संतोषजनक जीवन By DINESH KUMAR KEER

संतोषजनक जीवनजेठ दुपहरी की चिलचिलाती धूप मे ...मैंने घर आकर जैसे ही फ्रिज खोला , इसमें से उठती भभक ने मेरे दिमाग को भभका दिया ..."इसे भी अभी खराब होना था... मै तिलमिलाया...पानी की...

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सब कुछ पैसा ही नहीँ By Prafulla Kumar Tripathi

यह कहानी है वर्ष 1940 के आसपास की। सुल्तानपुर में भीटहा पंडित नाम से पंडितों का एक नामी गिरामी गाँव था। गाँव में कुछ अत्यंत ही प्रतिष्ठित परिवार बसे थे। लेकिन पढाई- लिखाई में उनकी...

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अनमोल रिश्तें By DINESH KUMAR KEER

कबूतरों का घोंसलाअशोक जी के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा थाऔर एक चार बेड रूम के घर को लेकर विवाद गहराता जा रहा थाएकदिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले, तो प...

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जब चींटी ने हाथी के दांत खट्टे कर दिए। By Anand Saxena

जब चीटी ने हाथी के दाँत खट्टे कर दिये ।बात द्वितीय विश्व युद्ध की है जब रूस के शासक स्टालिन ऊंचाइयों पर थे । बड़े शक्तिशाली़ विख्यात व प्रतिष्ठित थे फिनलैन्ड बहुत छोटा सा नवोदित रा...

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क्रांतिकारी - राव तुलाराम By DINESH KUMAR KEER

क्रांतिकारी - राव तुलाराम... राजा राव तुलाराम , जिसकी 1857 की जंग देखकर दंग रह गए अंग्रेजसीबपुर के मैदान में हुई इस जंग में अंग्रेज जीत तो गए , लेकिन राव तुलाराम को नहीं पकड़ सके ,...

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आई डोंट केयर By Prafulla Kumar Tripathi

"हाय ! आई एम नीहारिका !"अपनापरिचय देती हुई एक खूबसूरत महिला ने आगंतुक को हग कर लिया और उसको हाल में ले गई। शहर के कैंट एरिया में स्थित उस मशहूर क्लब में ढेर सारे सेलेब्रेटीज की उपस...

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ये लो पुस्तकें…. By Piyush Goel

“ये लो किताबें” पुरानी लाइब्रेरी में एक बूढ़े आदमी ने कहा ….मुझे बचपन से ही पुस्तकें पढ़ने का शौक़ रहा है,मेरे मम्मी पापा अच्छी तरह से जानते थे इसको पैसे दे दो, किताबें ज़रूर लेकर...

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किसान और व्यापारी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

*किसान और व्यापारी की कहानी* एक गांव में एक किसान रहता था. वह खेती करता था और मक्खन बेचकर अपना घर चलाता था. वह हर रोज शहर में मक्खन बेचने जाता था. एक व्यापारी को उसका मक्खन बहुत अच...

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पड़ाव By Sharovan

पड़ाव *** उसने रोहित को अपने दिल का भगवान और अपना देवता समझते हुए यद्दपि उसकी पूजा की थी। जीवन के हरेक नये दिन में अपने पवित्र प्रेम की माला से उसकी आरती उतारी थी, तो रोहित ने उसके...

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भयानक भविष्य By Abhishek Joshi

बदलते  वक्त  के  साथ  टेकनोंलोजि  मे  भी  बहुत  बदलाव  आ  चुके  है  ।  जितनी  ज्यादा  टेकनोंलोजि  उतना  ज्यादा  खतरा  ।  यू  कहे  की  हमे  अब  टेकनोंलोजि  से  बचना  पड़ेगा ।  अगर  य...

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लोहार की कहानी By DINESH KUMAR KEER

लोहार की ईमानदारी1एक बढ़ई किसी गांव में काम करने गया, लेकिन वह अपना हथौड़ा साथ ले जाना भूल गया। उसने गांव के लोहार के पास जाकर कहा, 'मेरे लिए एक अच्छा सा हथौड़ा बना दो।मेरा हथौ...

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राधाजी की परीक्षा By DINESH KUMAR KEER

*राधाजी की परीक्षा* लीलाधारी भगवान कृष्ण की लीला अद्भुत है। एक बार तो श्रीराधाजी की प्रेम परीक्षा लेने के लिए नारी बन उनके महल में पहुँच गए। श्रीगर्ग संहिता में सुन्दर कृष्ण की कथा...

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स्वामी विवेकानंद By DINESH KUMAR KEER

भगवान का भरोसा........गर्मी की भरी दोपहरी का समय था , यात्री रेल गाड़ी के डिब्बे में परेशानी में बैठे थे |बहुत सारे अमीर यात्रियों के साथ एक साधू वेष धारी भी यात्रा कर रहा था |अमीर...

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हमारा क्या ...ना मायका ना ससुराल By Shalini Gautam

मायके में बेटी से अक्सर ये कहतें सुना गया है कि पराए घर जाना है,जरा ढंग से रहा करो, ससुराल आती है तो उसे सबसे सुना पड़ता है कि पराये घर से आयी है,ढंग में रहा करो ।आज तक मैं ये नहीं...

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दिल का दरवाजा By DINESH KUMAR KEER

"दिल का दरवाजा....लगभग तीन साल बाद अपने मायके आना हुआ था रानी का .....स्टेशन से टैक्सी लिए वह अपने मायके उस घर जल्द से जल्द पहुंचना चाहती थी जहां उसका जन्म हुआ जहां वह खेलते कूदते...

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घोंसला By DINESH KUMAR KEER

घोंसलासीमा के घर के पीछे एक बबूल का पेड़ था। सीमा अपने कमरे की खिड़की से उसे देखती रहती थी। एक दिन उसने देखा कि एक चिड़िया बार-बार आ-जा रही है। वह अपनी चोंच में छोटे बड़े तिनके लात...

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.... मन का मीत. - 1 By A U M

....... सूबह के 10 बज रहे थे। हवाओं में काफी ठंडक थी।चूंकि यह मार्च का आधा माह बीत जाने की सुबह होते हुए भी काफी सर्द मौसम था।खेतों में। गेंहू की फसल कटने के इंतजार में खड़ी थी।कई...

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श्रीकृष्ण नाम महिमा By DINESH KUMAR KEER

श्री कृष्ण नाम महिमा एक बार एक औरत का मन‌ श्री कृष्ण की भक्ति के प्रति उचाट हो गया था। वह श्री कृष्ण की परम भक्त थी। दिन - रात उनके नाम का सिमरन करती थी।लेकिन एक दिन उसका 8-10 साल...

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बांसुरी की धुन By DINESH KUMAR KEER

बांसुरी की धुन हरीराम बनारस में गुलाब की पत्तियों को पीसकर गुलकंद बनाने का काम करता था। बनारस में उसकी गुलकन्द दूर - दूर तक मशहूर थी। उसके एक बेटा और एक बेटी थी। बेटी का नाम सुकन्य...

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भक्त के कार्य By DINESH KUMAR KEER

*भक्त के कार्य* वृन्दावन में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह बाँकेबिहारी से असीम प्यार करता था। वह बाँकेबिहारी का इतना दीवाना था कि सुबह शाम जब तक वह मन्दिर ना जाए उसे किसी भी काम में...

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प्रभु की लीला By DINESH KUMAR KEER

प्रभु की लीलाएक बार एक बहुत बड़े संत अपने एक शिष्य के साथ दिल्ली से वृंदावन को वापिस जा रहे थे , रास्ते में उनकी कार ख़राब हो गई । वही पास में एक ढाबा था , शिष्य ने संत को वहाँ चल...

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मुरली By DINESH KUMAR KEER

"मुरली" किसी गांव में एक पुजारी अपने बेटे के साथ रहता था। पुजारी हर रोज ठाकुर जी और किशोरी जी की सेवा मन्दिर में बड़ी श्रद्धा भाव से किया करता था। उसका बेटा भी धोती कुर्ता डालकर सि...

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प्रभु राम जी की कृपा By DINESH KUMAR KEER

प्रभु राम जी की कृपाश्री अयोध्या जी में 'कनक भवन' एवं 'हनुमानगढ़ी' के बीच में एक आश्रम है जिसे 'बड़ी जगह' अथवा 'दशरथ महल' के नाम से जाना जाता है। का...

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ठाकुरजी की भाभी By DINESH KUMAR KEER

"ठाकुरजी की भाभी" एक लडकी थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी, बचपन से ही कृष्ण भगवान का भजन करती थी, भक्ति करती थी, भक्ति करते-करते बड़ी हो गई, भगवान की कृपा से उसका विवाह भी श्रीधाम...

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थ्री गर्लफ्रैंड - भाग 3 By Jitin Tyagi

भाग- 3उस दिन जो प्यार को लेकर बातें हुईं लगा था। आगे की मुलाकातों में बात आगे बढ़ सकती हैं। पर अफ़सोस बात आगे बढ़ने की बजाय पीछे चली गयी थी। सोचकर भी कितना अजीब लगता है। दो जवान लड़के-...

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गोपी की विरह व्यथा By DINESH KUMAR KEER

"नींद का सौदा" (गोपी की विरह व्यथा) एक दिन वृंदावन की बाज़ार मैं खडी होकर एक सखी कुछ बेच रही है, लोग आते हैं पूछते हैं और हँस कर चले जाते हैं। वह चिल्ला चिल्ला कर कह रही है कोई तो...

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महावीर सिंह राठौड़ By DINESH KUMAR KEER

अमर शहीद महावीर सिंह का बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तानउत्तर प्रदेश के एटा जिले के राजा का रामपुर क्षेत्र के शाहपुर टहला गांव में राजपूती परिवार ठाकुर देवी सिंह राठौड़ के यहां 16 सितंब...

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गुरु By Urvi Vaghela

 मेरे….      इस जगह में नहीं कुछ नही लिख सका क्योंकी आप तो जानते ही है मेने आपको स्कूल में कभी नहीं माना जो आप थे l शायद आप इस वर्णन से ही जान जायेंगे की में कोन हूं l       नमस्ते...

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नाना साहब पेशवा By DINESH KUMAR KEER

नाना साहब पेशवा जयंती: धूंधूपंत को कभी पकड़ नहीं पाई थी अंग्रेजी सेना, जनक्रांति की चिंगारी बनी थी ज्वालावनाना साहब पेशवा ने वर्ष 1857 में जो चिंगारी जगाई वो 1947 में आजादी प्रदान...

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जैसा बाप वैसा बेटा By Ramesh Desai

आतुरता का अंत करते हुए मैंने कवर फोड़ दिया. ' साहस ' फ़िल्म के प्रीमियर शो देखने के लिये न्योता आया था. ' गणेश फिल्म्स ' आप सभी को आमंत्रित करता हैं.' उस के साथ ज...

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गुरु अर्जुन देव By DINESH KUMAR KEER

गुरु अर्जुन देव जी सिखों के पांचवें गुरु तथा सिख धर्म के पहले शहीद हुए हैं। इन्हें शहीदों का सरताज कहा जाता है। इनकी शहीदी के बाद इनके सुपुत्र गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने शांति के सा...

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मेरी मासूम बेटी By Urvi Vaghela

    मुझे काफी लोग जानते है क्योंकि मैं प्रख्यात लेखक हूं l में समाज की जंजीरों के मुक्त स्वतंत्र विचारो वाला लेखक होने के बावजूद यह बात किसी को भी बताना नहीं चाहता था जो बात मैंने...

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श्री गुलजारीलाल नंदा By DINESH KUMAR KEER

94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग...

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वीर योद्धा - बिरसा मुंडा By DINESH KUMAR KEER

बिरसा मुंडा जिन्होंने 25 साल की उम्र में कर दिए थे अंग्रेज़ों के दांत खट्टे (बीबीसी ने नई साप्ताहिक सिरीज़ शुरू की है 'छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी' जिसमें उन लोगों की कहानी बताई...

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चौधरी चंदगीराम कालीरमण By DINESH KUMAR KEER

भारत के सर्वश्रेष्ठ पहलवान की पुण्य तिथि पर विशेष''चौधरी चंदगीराम कालीरमण'पुण्य तिथि पर चौधरी साहब को नमनओलंपियन, भारत केसरी, हिंद केसरी, अर्जुन अवॉर्डी, पदम श्री जैसे...

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रूही By Harsha meghnathi

रूही.. रूही... क्या कर रही हो तुम?हा अम्मी आई यही हु छत पे कपड़े सुखा रही हु अम्मी.अम्मी: नीचे आ देख तेरी बुआ आई हे. ( बूआ का नाम सुनते ही रुही के खिलखिलाते खूबसूरत चेहरे पर से मुस...

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अनिता By Ramesh Desai

अनिता - रंजन कुमार /रमेश देसाई मेकर भवन के सामने की गली अभी तो आधी ही पार की थी उसी वक़्त बोस की कडूई તે बात कानो में गूंजने लगी उस सेशेखर के दिल से आह निकल आई. उस को एक गीत याद आ ग...

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आस्था का चमत्कार By DINESH KUMAR KEER

आस्था का चमत्कारछोटी लड़की ने गुल्लक से सब सिक्के निकाले और उनको बटोर कर जेब में रख लिया ,निकल पड़ी घर से – पास ही केमिस्ट की दुकान थी उसके जीने धीरे - धीरे चढ़ गयी ।वो काउंटर के स...

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हाथी ने मारी छलांग By Rk Mishra

पालपुर गांव में एक किसान श्यामलाल रहता था । वह बहुत गरीब था, खेत तो था उसके पास परंतु उस खेत में अनाज न के बराबर उगता था। कभी बारिश ज्यादा हो जाती, कभी बारिश होती ही नहीं थी,कभी टि...

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जिंदगी के रंग हजार - 4 By Kishanlal Sharma

इमरजेंसीदेश पर इमरजेंसी थोपी गयी थी।कब लगी थी।यह उन लोगो के लिए जो 21 मार्च 1977 के बाद पैदा हुए पढ़ने या सुनने का विषय हो सकता है।लेकिन मेरे जैसे या मेरी जैसी उम्र के लोगो ने इसे अ...

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सुंदरता By DINESH KUMAR KEER

सुंदरता एक कौआ सोचने लगा कि पंछियों में मैं सबसे ज्यादा कुरूप हूँ । न तो मेरी आवाज ही अच्छी है , न ही मेरे पंख सुंदर हैं । मैं काला - कलूटा हूँ । ऐसा सोचने से उसके अंदर हीन भावना भ...

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दाता एक राम By Prafulla Kumar Tripathi

उस सुबह की प्रेयर के बाद धर्म चर्चा करते हुए फादर डिसूजा बोल रहे थे -"जीसस ने कहा है कि तुम तभी मेरे प्रभु के राज्य में प्रवेश कर पाओगे जब तुम छोटे बच्चे की भांति हो जाओ। ....अर्था...

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डेली मेड By saurabh dixit manas

दिल्ली जैसे बड़े शहरों की चमक धमक के पीछे भी एक ऐसी दुनिया है जिसे अभी भी बहुत से लोग अनजान हैं। यह एक लघु कथा सच्ची घटना पर आधारित है जो सन 2006 के आस पास हुई थी। हो सकता है बहुत...

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सच्ची भक्ति By DINESH KUMAR KEER

सच्ची भक्ति एक बहुत बड़े देश का राजा था उस के देश में एक गरीब सा आदमी रहता था। वो राजा को जब भी किसी बड़े आदमी से हाथ मिलाते देखता तो मन ये विचार लाता कि काश मैं भी राजा से हाथ मिला...

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छू लो आसमान By संदीप सिंह (ईशू)

रागिनी के बारहवीं के एग्जाम हो चुके थे।अब इंतजार था तो परिक्षा फल का। घर मे दादा दादी, माँ पिता जी, चाचा लोग, सब की इच्छा थी कि अबकी रागिनी के हाथ पीले कर दिए जाए। रागिनी आगे पढ़ना...

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उड़ान By DINESH KUMAR KEER

उड़ानबेटियाँ हैं इनको रोकिये मत कुछ करने दीजिये ...। पढ़ कर विचार जरूर करियेगा ...। ममता हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आती जिसे देखकर उसके माता - पिता खुशी से फूले नहीं समाते ...।उसके...

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क्षमा By DINESH KUMAR KEER

क्षमा एक सेठ जी ने अपने छोटे भाई को तीन लाख रूपये व्यापार के लिये दिये। उसका व्यापार बहुत अच्छा जम गया, लेकिन उसने रूपये बड़े भाई को वापस नहीं लौटाये।आखिर दोनों में झगड़ा हो गया, झग...

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कल के मुसहर By Prafulla Kumar Tripathi

बचपन में जब हमारे खेतोँ से गेहूं की फ़सल की मैनुअल कटाई हो जाती थी और उसे खेतों से गट्ठर बना कर खलिहान में पहुंचा दिया जाता था तो एक वर्ग विशेष के भूखे, नंगे, वस्त्रहीन बच्चे, महिला...

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कुबेर का घर By DINESH KUMAR KEER

कुबेर का घर एक साधु, विचित्र स्वभाव का था। वह बोलता कम था। उसके बोलने का ढंग भी अजीब था। उनकी माँग सुनकर सब लोग हँसते थे। कोई चिढ़ जाता था, तो कोई उसकी माँग सुनी अनुसनी कर अपने काम...

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पैसें की क़ीमत …. By Piyush Goel

एक क़स्बे में दो घनिष्ठ मित्र रहते थे,बात आज़ादी के तुरंत बाद की हैं,एक धनी था,एक इतना धनी नहीं था,रोज़ाना कमाना और गुजर बसर करना,पर दोस्ती की लोग मिसाल दिया करते थे.दोनों दोस्त अप...

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संतोषजनक जीवन By DINESH KUMAR KEER

संतोषजनक जीवनजेठ दुपहरी की चिलचिलाती धूप मे ...मैंने घर आकर जैसे ही फ्रिज खोला , इसमें से उठती भभक ने मेरे दिमाग को भभका दिया ..."इसे भी अभी खराब होना था... मै तिलमिलाया...पानी की...

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सब कुछ पैसा ही नहीँ By Prafulla Kumar Tripathi

यह कहानी है वर्ष 1940 के आसपास की। सुल्तानपुर में भीटहा पंडित नाम से पंडितों का एक नामी गिरामी गाँव था। गाँव में कुछ अत्यंत ही प्रतिष्ठित परिवार बसे थे। लेकिन पढाई- लिखाई में उनकी...

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अनमोल रिश्तें By DINESH KUMAR KEER

कबूतरों का घोंसलाअशोक जी के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा थाऔर एक चार बेड रूम के घर को लेकर विवाद गहराता जा रहा थाएकदिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले, तो प...

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जब चींटी ने हाथी के दांत खट्टे कर दिए। By Anand Saxena

जब चीटी ने हाथी के दाँत खट्टे कर दिये ।बात द्वितीय विश्व युद्ध की है जब रूस के शासक स्टालिन ऊंचाइयों पर थे । बड़े शक्तिशाली़ विख्यात व प्रतिष्ठित थे फिनलैन्ड बहुत छोटा सा नवोदित रा...

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क्रांतिकारी - राव तुलाराम By DINESH KUMAR KEER

क्रांतिकारी - राव तुलाराम... राजा राव तुलाराम , जिसकी 1857 की जंग देखकर दंग रह गए अंग्रेजसीबपुर के मैदान में हुई इस जंग में अंग्रेज जीत तो गए , लेकिन राव तुलाराम को नहीं पकड़ सके ,...

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आई डोंट केयर By Prafulla Kumar Tripathi

"हाय ! आई एम नीहारिका !"अपनापरिचय देती हुई एक खूबसूरत महिला ने आगंतुक को हग कर लिया और उसको हाल में ले गई। शहर के कैंट एरिया में स्थित उस मशहूर क्लब में ढेर सारे सेलेब्रेटीज की उपस...

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ये लो पुस्तकें…. By Piyush Goel

“ये लो किताबें” पुरानी लाइब्रेरी में एक बूढ़े आदमी ने कहा ….मुझे बचपन से ही पुस्तकें पढ़ने का शौक़ रहा है,मेरे मम्मी पापा अच्छी तरह से जानते थे इसको पैसे दे दो, किताबें ज़रूर लेकर...

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किसान और व्यापारी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

*किसान और व्यापारी की कहानी* एक गांव में एक किसान रहता था. वह खेती करता था और मक्खन बेचकर अपना घर चलाता था. वह हर रोज शहर में मक्खन बेचने जाता था. एक व्यापारी को उसका मक्खन बहुत अच...

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पड़ाव By Sharovan

पड़ाव *** उसने रोहित को अपने दिल का भगवान और अपना देवता समझते हुए यद्दपि उसकी पूजा की थी। जीवन के हरेक नये दिन में अपने पवित्र प्रेम की माला से उसकी आरती उतारी थी, तो रोहित ने उसके...

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भयानक भविष्य By Abhishek Joshi

बदलते  वक्त  के  साथ  टेकनोंलोजि  मे  भी  बहुत  बदलाव  आ  चुके  है  ।  जितनी  ज्यादा  टेकनोंलोजि  उतना  ज्यादा  खतरा  ।  यू  कहे  की  हमे  अब  टेकनोंलोजि  से  बचना  पड़ेगा ।  अगर  य...

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लोहार की कहानी By DINESH KUMAR KEER

लोहार की ईमानदारी1एक बढ़ई किसी गांव में काम करने गया, लेकिन वह अपना हथौड़ा साथ ले जाना भूल गया। उसने गांव के लोहार के पास जाकर कहा, 'मेरे लिए एक अच्छा सा हथौड़ा बना दो।मेरा हथौ...

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राधाजी की परीक्षा By DINESH KUMAR KEER

*राधाजी की परीक्षा* लीलाधारी भगवान कृष्ण की लीला अद्भुत है। एक बार तो श्रीराधाजी की प्रेम परीक्षा लेने के लिए नारी बन उनके महल में पहुँच गए। श्रीगर्ग संहिता में सुन्दर कृष्ण की कथा...

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स्वामी विवेकानंद By DINESH KUMAR KEER

भगवान का भरोसा........गर्मी की भरी दोपहरी का समय था , यात्री रेल गाड़ी के डिब्बे में परेशानी में बैठे थे |बहुत सारे अमीर यात्रियों के साथ एक साधू वेष धारी भी यात्रा कर रहा था |अमीर...

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हमारा क्या ...ना मायका ना ससुराल By Shalini Gautam

मायके में बेटी से अक्सर ये कहतें सुना गया है कि पराए घर जाना है,जरा ढंग से रहा करो, ससुराल आती है तो उसे सबसे सुना पड़ता है कि पराये घर से आयी है,ढंग में रहा करो ।आज तक मैं ये नहीं...

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दिल का दरवाजा By DINESH KUMAR KEER

"दिल का दरवाजा....लगभग तीन साल बाद अपने मायके आना हुआ था रानी का .....स्टेशन से टैक्सी लिए वह अपने मायके उस घर जल्द से जल्द पहुंचना चाहती थी जहां उसका जन्म हुआ जहां वह खेलते कूदते...

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